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हंद शद संसाधन<br />
गित अयास-7<br />
िनदश : िननिलखत गित अयास को समय िनधारत करके टाइप कर और देख<br />
क आपने कतने िमनट म इस साममी को टाइप कया है। इसे तब तक बार-बार<br />
टाइप कर जब तक आप इसे अिधकतम 10 िमनट म टाइप न कर ल।<br />
हमारे वचार का ःवाःय से गहरा संबंध है। हम जैसा सोचते और यवहार<br />
करते ह, हमारा शरर भी उसी तरह बयाएं करने लगता है और अंतत: ःवाःय पर<br />
उन वचार का ूभाव दखने लगता है। हमारे शरर के अवयव हमारे वचार के<br />
अनुप यवहार करने लगते ह।<br />
एक यापार था। वह जब भी कसी से िमलता, यह िशकायत करता क<br />
उसका हाजमा ठक नहं रहता, उसे कज रहता है। हालांक उसे ये बीमारयां नहं<br />
थीं। लेकन देखा गया क बार-बार ऐसी िशकायत करते रहने से वह यापार पेट<br />
क गैस और अपचन का िशकार हो गया। यह कारण है क कु छ डॉटर इस<br />
मनोवैािनक िनयम का लाभ उठाते ह और रोगी क आधी बीमार अपनी<br />
उसाहवधक बात से ह दूर कर देते ह। डॉटर के यह कहते ह क यह रोग ठक<br />
हो जाएगा, िचंता क कोई बात नहं, मरज के चेहरे पर रौनक आ जाती है। उसम<br />
एक आमवास जग जाता है। यह आमवास रोग पर वजय पाने का साहस<br />
ूदान करता है और उसी ण से रोगी ठक होने लगता है।<br />
वचार के ूभाव का एक अय पहलू भी आपने देखा और सुना होगा। दाद-<br />
नानी से बचपन म सुनी हुई भूत-ूेत क मनगढ़ंत कहािनय का दमाग पर इतना<br />
गहरा असर होता है क य बड़ा होने पर भी भूत-ूेत के भय से मु नहं हो<br />
पाता है। छोट-छोट बात को लेकर वह आतंकत और भयभीत रहता है। अंधेरे म<br />
या सुनसान जगह पर जाने म उसे डर लगता है। इसी तरह बच को बुजदल या<br />
डरपोक कहने से भी उनके दमाग पर गलत असर होता है और वे चाहकर भी कभी<br />
बहादुर का कोई काम नहं कर पाते ह।<br />
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