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क िय हंद ूिशण संःथान<br />
गित अयास-2<br />
िनदश : िननिलखत गित अयास को समय िनधारत करके टाइप कर और देख<br />
क आपने कतने िमनट म इस साममी को टाइप कया है। इसे तब तक बार-बार<br />
टाइप कर जब तक आप इसे अिधकतम 10 िमनट म टाइप न कर ल।<br />
म कहना चाहता हूं क आज देश म के वल नारे लगाने से ह काम नहं चल<br />
सकता है। आज आवँयकता इस बात क है क सभी महवपूण मामल पर देश के<br />
सभी राजनीितक दल आपस म िमल बैठ कर गंभीरतापूवक वचार कर। कम से कम<br />
देश हत के मामल पर हम एक हो कर काम करना चाहए। यह अछ बात है क<br />
देश के सभी राजनीितक दल ने देश हत के मामल म अपने वचार गंभीरता के<br />
साथ ूकट कए ह। आज हमारे रा क एकता व अखडता को खतरा महसूस होने<br />
लगा है तथा देश म ऐसे तव पैदा हो रहे ह जो देश क यवःथा को िछन-िभन<br />
कर देना चाहते ह। इस ूकार के तव, जनसे देश को खतरा है, का मुकाबला<br />
कस ूकार से कया जाए इस पर सभी राजनीितक दल को आपसी सहयोग और<br />
वचार-वमश से काम करना चाहए। असर देखने म आता है क हमारे देश के<br />
वपी दल के नेता रा क मूल समःयाओं को अनदेखा करके दूसर छोट-छोट<br />
बात को अिधक महव देते ह। सभी ेऽीय व राीय राजनीितक दल को वचार<br />
करना चाहए क वे या कारण ह जनक वजह से हमारे देश म ेऽीय ू व<br />
भाषा के ू को लेकर हमारे नागरक आपस म एक-दूसरे के व लड़ रहे ह।<br />
ऐसे ू पर सभी राजनीितक दल को यापक कोण अपनाना होगा। सभी<br />
राजनीितक दल को ऐसी ॅामक बात बकु ल नहं करनी चाहए जससे देश क<br />
एकता व अखडता को खतरा पैदा हो। देश एक रहे ऐसी कोिशश करनी चाहए।<br />
कु छ राजनीितक दल अपनी ःवाथ िस के िलए देश क जनता को गुमराह करते<br />
ह। देश क जनता को ऐसे दल से सतक रहना होगा।<br />
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