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हिंदी शब्द संसाधन

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हंद शद संसाधन<br />

ÔवतनीÕ से कं यूटर सॉटवेयर शद को उसी शुता के साथ दशा सकता है जैसे क एक मनुंय। यह संभव<br />

है यक िलप म विभनताओं को दशाने के िलए कं यूटर आवँयक सकड़ आकृ ितय को अपने ःमृितकोश<br />

म रख सकता है और कागज़ पर अथवा मॉनीटर के ःबन पर एक अयंत सुिचपूण तरके से इन आकृ ितय<br />

को यवःथत करने के िलए जटल तक का ूयोग कर सकता है।<br />

जब कोई य िनधारत वतनी के अनुसार कसी शद को टाइप करता है तो शद बनाने के िलए<br />

अर को यवःथत करने के िलए सोचना नहं पड़ता। इसके कारण यदा-कदा टंकण काय करने वाले अथवा<br />

ःपश टंकण पित से टंकण काय करने वाले य को अर को यवःथत करने के िलए लगातार ःबन<br />

क ओर देखने क आवँयकता नहं पड़ती है। अब यह संभव है क य के मःतंक म कु छ वचार चल<br />

रहे ह और वह िनबाध तरके से अपनी अंगुिलय को कुं जीपटल पर उसी ूकार चलाता रहे जस ूकार रोमन<br />

िलप के िलए अंमेजी कुं जीपटल पर चलाता है। इनःबट कुं जीपटल ने यह िस कर दया है क कसी भी<br />

भारतीय भाषा क िलप म टंकण काय करना उतना ह सरल और सहज है जतना अंमेजी म। इसका कारण<br />

ःप है क यह कुं जीपटल भारतीय िलपय के वणार क वैािनक और वयामक ूकृ ित का ूयोग<br />

करता है। अंमेजी कुं जीपटल क तुलना म इसे सीखना भी अिधक सहज है।<br />

इस कुं जीपटल का ूयोग जःट (GIST) काड और टिमनस के साथ शु हुआ था। 1983 म<br />

इलैशॉिनस वभाग, भारत सरकार के अनुदान पर भारतीय ूौोिगक संःथान, कानपुर, भारत (IIT, Kanpur,<br />

India) म जःट तकनीक ूारंभ हुई थी। 1986 म इस तकनीक का यावसायीकरण कया गया और<br />

इलैशॉिनस वभाग ने इनःबट कुं जीपटल का ूकाशन कया। तभी से पूरे भारत म विभन भाषाओं म<br />

विभन काय के िलए इस कुं जीपटल का ूयोग कया जाता रहा है। भारतीय मानक यूरो ने 1991 म इःक<br />

(ISCII – Indian Script Code for Information Interchange) कोड के अंतगत इनःबट कुं जीपटल का<br />

मानककरण कर दया है और सभी इलैशॉिनक तथा संचार मायम म इसका ूयोग अिनवाय है।<br />

आपको यह जानकर सुखद आय होगा क ूाचीन ॄा िलप न के वल 10 भारतीय भाषाओं का<br />

आधार रह है अपतु िसंहली, ितबती, भूटानी, बम और थाई भाषाओं क िलप का आधार भी यह िलप रह<br />

है। जःट तकनीक ने िस कर दया है क इनःबट कुं जीपटल के िसांत पर आधारत वयामक<br />

कुं जीपटल से कस ूकार इन िलपय म पूण दता से टंकण काय कया जा सकता है।<br />

आज के तेज़ी से बदलते युग म, ूयेक य को कसी न कसी प म कं यूटर से अवँय जुड़ना<br />

है और ूयेक को Ôकुं जीपटल सारÕ होना आवँयक है। अंमेजी और अय भाषाओं को साथ-साथ रहना है।<br />

यद कं यूटर के कुं जीपटल पर इन भाषाओं क िलपय को अंमेजी के समान सहजता से टाइप नहं कया जा<br />

सके गा तो ये िलपयां लु हो जाएंगी। इनःबट कुं जीपटल यह आासन देता है क सूचना बांित के इस<br />

युग म अंमेजी के साथ ह भारतीय भाषाएं और उनक िलपयां भी उसी शान और गरमा के साथ बनी रहगी।<br />

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