SHRADDHANJALI - POEMS BY HEMANTKUMAR GAJANAN PADHYA DEDICATED TO PANDIT SHYAMAJI KRISHNAVARMA
SHRADDHANJALI - POEMS BY HEMANTKUMAR GAJANAN PADHYA DEDICATED TO PANDIT SHYAMAJI KRISHNAVARMA ''શ્રદ્ધાંજલિ'' પંડિત શ્યામજી કૃષ્ણવર્માને સમર્પિત કાવ્યો- રચિતા = શ્રી હેમંતકુમાર ગજાનન પાધ્યા.
SHRADDHANJALI - POEMS BY HEMANTKUMAR GAJANAN PADHYA DEDICATED TO PANDIT SHYAMAJI KRISHNAVARMA
''શ્રદ્ધાંજલિ'' પંડિત શ્યામજી કૃષ્ણવર્માને સમર્પિત કાવ્યો- રચિતા = શ્રી હેમંતકુમાર ગજાનન પાધ્યા.
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जय हो जय हो जय हो…..<br />
जय हो जय हो जय हो, पंडडत श्यामजीजीकी जय हो ।<br />
भारतके ये महान सपुतकी, जय जय जय जय जय हो ।<br />
जय हो जय हो जय हो, पंडडत कृ ष्णवमाजीकी जय हो ।<br />
भारतके महान क्ांततकारीकी, जय जय जय जय जय हो ।<br />
जय हो जय हो जय हो…..<br />
मां भारतको स्वतंत्र करने लंदनमें, स्वातंत्र्य ज्योत प्रगटाई ।<br />
गांधीसे दो दशक पहले इंग्लंडमे, स्वातंत्र्य ज्वाला भडकाई ।<br />
जय हो जय हो जय हो…..<br />
अंग्रेजोंकी राजधानीमे रहके , बिदटश महासत्तासे आंख लडाई ।<br />
भारतको स्वतंत्रता ददलाने, ईंग्लंडमें बडी हाहाकार मचाई ।<br />
जय हो जय हो जय हो…..<br />
शत्रुओंके देशमें ही रहके , अंग्रेजोंसे तुमने ही की थी लडाई ।<br />
दहमरूल्की स्थापना करके , स्वराज्य मांगकी गुंज लगाई ।<br />
जय हो जय हो जय हो…..<br />
ववद्याथीओंको संगठीत करने, भारत भवन छात्रालय बनाई ।<br />
राष्ट्रवादका शशक्षण देकर, क्ांततकारीओंकी नवसेना बनाई ।<br />
जय हो जय हो जय हो…..<br />
दहंसा अदहंसा शांतत क्ांततकी, सब बात सभीको सમझाई ।<br />
बदहष्कार असहकार आंदोनकी, राह इडहोंने प्रथम दीखाई ।<br />
जय हो जय हो जय हो…..<br />
ईन्डडयन सोशसयोलोजीस्टसे, जगतमें जन जागृतत फै लाई ।<br />
बंदूक बारूद भारत भेजके , महाक्ांततकी अन्ग्न भडकाई ।<br />
जय हो जय हो जय हो…..<br />
देश्भडिके रंगमें रंगके , तुमने સમपजणकी न्जवन बलीदानी ।<br />
धडय धडय हो क्ांततगुरुको, जीडहोंने हमें स्वतंत्रता ददलवाई ।<br />
जय हो जय हो जय हो…..