Videha_01_01_2009_Tirhuta
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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ममता : “अहा ँ हमरा खामे फेिक देलौ ं। ओकरा रेिडयो, साइिकल देिलयै,ओ दोसर मौगी बेसािह आनलक। बाब ू अहा ँ देखिलए ऐ ओकरा ? हमएतिहसँ सभ िदन देखै िछयै। ओ सब िदन हमरा लग अबैए, सब िदनहमरा छाती पर आिब कए बैिस जाइए, हमरा छाती पर बैिस कए जा ँतिपसैत रहैये । अहा ँ ओिह मौगीकेँ किहयो देख िछयै ?” 9पया र् दहेज निह देबाक कारँ ममता सन नारीक केहन िविक्षअवा भ’ जाइत छैक से तः अमान कयल जा सकैछ। एतबे निह एिहपैशािचक वाक ित मोनमे ततेक डर समा जाइत छैक जे ओ दोसरह ुकेँएिह पिरणामक भिव भोा पमे देिख िसहिर जाइत छैक—ममता : “भैया, बाउक ससुर जँ बाउकेँ मेटरसाइिकल देतै तँ बाउअपन किनयाकेँ छोड◌ि◌ देतै ? एत’ किहयो आब’देतै ?......अहा ँ बाजै छी बाउ, तोही ं कह’ छोड◌ि◌ देबहक ?” 10जािह पिरवारमे ममता सदृश दहेजक मारिल का छैक ओहो अपनपुक िववाहमे टकाक लेन- देन उिचक ब ुझैत छिथ। ितलक दहेजक कारँ मैिथलललनाकेँ एहन द ुिरणाम भोग’ पड◌◌ैत छैक जे “किनया ँ – पुतराक” नाियकासानाशी दहेज थाक मािरसँ बतािह भ’ जाइत अिछ, जािहसँ सव र्गुण संप भेलोउर ओकरा पित ारा दा सुख निह भेटैत छैक। फलप यौवनावामे ओबतािह भ’ किनया ँ- पुतरा खेलाइत रहैत छैक। िथक ओकर इ वेदना आअ लालसा---िनम र्ला--- “ठगै छी। (मायसँ) सुनही मा ँ ! िपपही बाजै छै िक निह.....? मा ँकिनया ँ पुतराक िववाह हेतैक की वर काक ? निह, निह किनया ँ-पुतराक...किनया ँ-पुतराक ह- ह- ह- ह-” 1197