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Videha_01_01_2009_Tirhuta

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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्मध ुकला—“(उ भावेँ) बाप रे बाप ! एहन अेर ग कतहु ँ सुनल अिछ।एक िदस छओ वष र्क पी आ दोसर िदस पै ंतालीस वष र्क पित। बड◌अेर होइत अिछ। हमर बेटीकेँ ओ बाप सदृश ब ु िझ पड◌तैक, निहिक पित सदृश। हम अपन बेटीक िववाह ओकरासँ निह करब।’’ 8मुदा आय र्क िवषय िथक एखनह ु समाजमे बाल िववाह भ’ रहल अिछजकर द ुिरणाम समाज भोिग रहल अिछ मुदा ओकर आिख ँ निह फुजैत छैक।दहेजमैिथल समाजमे घरेल ू िहंसाक सबसँ ापक प दहेजक कारँ नारीकेँ देलगेल यातना आ ओकर हाक पमे आयल अिछ। आय र्क ग िथक जे दहेजिनरोधक अिधिनयम बिन गेलाक पातो िविभ समुदायमे का पक्षसँ बेसीसँ बेसीदहेज ा करबाक चलन समाजमे बढ◌ि◌ये रहल अिछ। अिधका ंश माय-बाप वर-पक्षक इाकूल दहेज देब’ मे असमथ र् रहैत छिथ। िववाहक पातो िविभअवसर पर काक माता-िपतासँ ओकर सासु-ससुर ारा िविभ वुक मा ँग करब एकाभािवक िया बिन गेल अिछ। जँ नविववािहता अपन माय-बापसँ ओ वु निहआिन सकैत छिथ तँ ओकरा सासुर पक्ष ारा कतोक कारक मम र्शीर् ताना सुन’पड◌◌ैत छैक। बात-बात मे ओकरा अपमािनत कयल जाइत अिछ। ओ भाित-ँभाितक ँ ला ँछन सेहो लगाओल जाइत छैक। एतबे निह ई िया ता धिर चलैतरहैत छैक जाधिर ओ सासुर वलाक इाक पितर् ू निह क’ दैछ।दहेजक कारँ भारतीय नारीक केहन द ुद र्शा होइत छैक तकर िचण हमरासुधा ंशु ‘शेखर’ चौधरी क ‘लेटाइत आ ँचर’ क नाियका ममताक कण चीार मेभेटैत अिछ---96

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