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Videha_01_01_2009_Tirhuta

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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्भारतीय मौिलक सामािजक वा िवशेष कए िमिथलाक संदभर्मे नारीकेँधन, ज्ञान, ओ शिक तीक मानल गेल अिछ, जकर अिभिक पमे ली, सरतीओ द ुगा र्क प ूजा एखनहँ, ु घर-घर मे कयल जाइत अिछ। नारीकेँ पुषक अांिगनीकर्पमे ान देल गेल अिछ, जकरा अभावमे पुष कोनहु ँ कतर्क पितर् ू निह क’सकैत अिछ। मुदा आइ हमरा सभक द ुभा र् िथक जे वैिदक आ उर वैिदककालक पात् हमरा समाजक मौिलक वा ढ◌ि◌क पमे पिरवितर्त होम’ लागलतात् नारी मे लाज, ममता आ ेहक गुणकेँ ओकर कमजोरी मािन पुष व ाराओकर शोषण करब आर ंभ क’ देलक।पुष धान सामािजक वामे नारीकेँ पुषक वासना-पितर्क ू एक साधन माब ुझल जाइत अिछ। ई बात ओिह सभ जाित आ वक लेल स िथक जकर णालीसामवादी िवचारसँ भािवत अिछ। हमर सामािजक जीवन मु पसँ चािर ियासँसित अिछ- जनन, पिरवारक ब ंध, आ नाक सामािजकरण। ावहािरक पमेएिह सभटा िया पर पुषक एकािधकार अिछ। अिधका ंश लोक ारा नारीक करीकरब, िशक्षा ा करब अथवा पिरवारक ब मे हप करब केवल संदेहकदृ िसँ देखल जाइछ अिपतु अपन अहमक िव सेहो मात छिथ। एकैसमशताीक तथाकिथत समतावादी समाजहु ँमे नारी पर होम’ वला अाचारमे को बेसीसुधार निह भेल अिछ, जखन की एिह अाचारमे पिरवतर्न अवंभावी भ’ गेल अिछ।नारी एव ं पुष समाजक समिवभाग अिछ। ेक मे द ून ूक समान अिधकारअिछ। िकु समाजक संरचना एहन अिछ जे पुष ारा नारीकेँ उीड◌ि◌त करबाकवि ृ मैिथल समाजमे दृ िगत भ’ रहल अिछ। जँ हम आन-आन भारतीय समाजकतुलना मैिथल समाजसँ करी तँ ब ुझना जाइछ जे मैिथल समाजमे नारीक उीड◌नसमा क बेसी गंभीर अिछ। एिह कारण सँ पािरवािरक प मे सेहो पिरवतर्न दृ िगोचर भ’ रहल अिछ आ समाजमे नारीक ान नग भेल जा रहलअिछ। यथासमय खास क’ मैिथल समाजमे नारीक िितमे नारीक समताकारी म ूमेपिरिित कोन तरहेँ भािवत कयलक आ क’ रहल अिछ एिह संब ंधमे सामािजकनाटकक मामे िविभ मैिथली नाकार नारीक दशाक वािवक िचण अपन- अपननाकृितमे करबाक यास कय छिथ जकर चचा र् िन पेँ कयल जा सकैत अिछ।90

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