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Videha_01_01_2009_Tirhuta

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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्होइत अिछ । जखन भूखे-ासे जान जाय लगै छैक , तखन ख ुीक बदला मेमुिनया केँ छोड़ि◌ दैत अिछ ।मुिनया कणा आ मानवीयताक आवाहन करैत अिछ । मृित मे कहल गेल छैकजे चुपचाप ककरो फूल तोड़ि◌ लेब चोिर निह होइत छैक ; तिहना ककरो एकटाचीन खा लेब को अपराध निह भेल । इएह कथाक आवाचन िथक ।कथा ई ितमान उप◌ित करैत अिछ जे सभक जीवक मोल बराबर होइत छैक। असहाय आ िनध र् केँ जीबाक अिधकार छैक । एिह संसार मे ओकरो लेल एकटाेस (जगह) हेबाक चाही।ाम भ मैिथली भाषाक अपन संचारमाम हुअए से माग कएलिन । एिहलेल संगिठतयास करबालेल ओ काय र्ममे आह कएलिन । िबहारमे अितिर भाषाके णीमेमैिथलीके राखल गेल कहैत भ रोष कट कएलिन । माभाषाक णीमे मैिथलीनई भेलासं िवाथीर् मैिथली नई पिढ रहल हुनक दाबी छि ।र ंगकमीर् िमला झा मेमोिरयल घोंघौरक ी ीनारायण झा मैिथलमेितबताक कमी हएबाक िवचार कएलिन । िहीमे िलखिनहार मैिथल ाअपन मैिथली भाषामे िकया नई ं िलखैया नारायणक ित रहिन । मैिथलीके समा ंगआ समान द ु रहैत िित सोषजनक नइ रहल ओ कहलिन । अ् म असिचमेूमैिथली आिब गेलाक बाद आब सहज पे भाषा संृितक काज आगु बढए नारायणकहलिन ।76

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