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Videha_01_01_2009_Tirhuta

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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ई कथा रामलोचन अपन माय सँ सुनन छलाह । ओ कहलिन जे माय वला व ृा ंत मेब ुढ़ि◌या हािथए लग सँ घिर ू जाइत छैक । िलिपब करैत काल ओ एकर पुनस ृर्जनकयलिन । हुनक िलिपब कयल व ृा ंत मे ब ुढ़ि◌या हािथयो सँ आग ू चुी धिर जाइतअिछ । ब ुढ़ि◌या केँ चुी धिर लऽ गेनाइ कथाक ंजना मे िवार अत छैक ।लेिकन लोक – कथाक एहन लेखन कतेक उिचत अिछ ?एिह कथाक आ वाचन ब ुढ़ि◌याक मामे कट भेल अिछ । अपन िितक ितब ुढ़ि◌या जे ितिया करैत अिछ , सएह एिह कथाक आ – वाचन िथक । एकटादािलक बल पर ब ुढ़ि◌या परदेस जेबाक यार करैत अिछ । राजा- रानीक सेरभिर दािल देबाक ाव केँ ितरृत करैत अिछ । समु सँ हीरा – मोतीक दाननिह लैत अिछ । दािल पर अपन अिधकार लेल लड़◌ैत रहैत अिछ । ताय र् ईजे सपना देखबाक चाही । भीख आ दयाक पा निह हेबाक चाही । दान लेब नीकनिह । ािभमानी हेबाक चाही आ अपन हक लेल लड़बाक चाही ।कथा ई ितमान उपित करैत अिछ जे ाय संघषे र् कयला सँ भेटैत छैक ।’एकटा िचनमा खेिलऐ रओ भइया ’ ायक िववेकशीलता पर िवमश र् करैत अिछ ।मुिनया (िचड़◌ै) केँ एकटा चीन खेबाक अपराध मे ाणदंड भेटै वला छैक । ईिवमश र् पाकभेल छैक ।पमे चलैत छैक , जािह मे ओकर दाण अवा सेहो िचितबरदवला भाइ !परबत पहाड़ पर खोता रे खोंताभुखै मरै छै बाएकटा िचनमा खेिलऐ रओ भइयातइलएपकड़ जाइए ।फेर घोड़◌ावला अबै छै , हाथीवला अबै छै , ख ुी-वला अबै छै । मुिनया सभ सँिमनती करैत अिछ ।ओहो सभ खेतवला केँ पोबैत छैक;=छोड़बाक बदला मेबरद , घोड़◌ा , हाथी देबऽ लेल तैयार छैक ,लेिकन खेतवला टस सँमस निह75

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