Videha_01_01_2009_Tirhuta
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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जे पीकार हमरा लोकिनक लोकार ा प ूव र् पुषक अिभलेख (रेकडर्) रािख आवैह िवा पढ़ि◌ अपन जीवनयापन करैत छिथ हुनक आिथ र्क ोत एक मा ईएह जेहमरा लोकिनक सान (वर वा काक) जखन समय आओत तखन हुनक परामश र् शुदऽ हण करी। से वष र्मे कतेक होइछ। यिद ईएह राा रहत तँ ई िवा लुभऽ जायत।एिह पीक म ू सरकारोक ायालयमे कम निह छैक जेकर िनािकत ं एक उदाहरणदेखू-उदाहरण- एक राजपिरवार व ंशिवहीन भऽ लु भऽ गेल। हुनक सब सिमे सँिकछु सि महाराज दरभंगाकेँ भेल आऽ िकछु सि बलीक राजाम ृतराजपिरवारक उरािधकारीसँ कीिन लेल।एकर बाद महाराज दरभंगा ायालय जाय बली रापर ई किह जे ओऽ (वलीरा) अनिधकृत िकन छिथ। मोकदमा बहुतो िदन चलल। द ुन ू पक्षसँ िदज वकीललोकिन छलाह। उरािधकारक हेतु द ुन ू पक्षकेँ ई पी-ब मा भेल। जािहमेबली राक पीकारक पमे उ पीकार जिनक िवषयमे ई लेख िलखल जाऽरहल अिछ, िहनक प ू .िपता तथा ई, द ुन ू गोटे ं मोकदमाक बहसक लेल िनयुभऽ पी-ब पुकक अिभलेख ायालयक जजकेँ देखओलिन। एकर बाद बलीरा “िडी” पओलक था ई द ुन ू िपता-पुक मा सान कयलक।एिहसँ िस भेल जे उ पीकारक पी सुरिक्षत रिह पीकारक योतोकेँ िसकएलक।िहनक िनलो र्भताक वण र्न सेहो देखू:-एक राजदरबारमे कादान उपित छल। तािहमे परामश र् (िसा)क हेतु अकोपीकार बजाओल गेल रहिथ तािहमे ईहो रहिथ। राजदरबारक बात रहैक।राजाकेँ अपन काक हेतु ई वर पिस रहिथन। ई पीकार अ पीकारसँवाता र्लापमे कहलिथन जे औ पीकारजी! ऐ वरक अिधकार तँ निह होइत छैक।ओऽ उर देलिथन जे अहा ँ बताह भेलहँ ु हेँ। राजाक बात िथकैक। राजाकेँ काजपिस छिन। एिहमे अरा निह लगिबयौक। नीक पारिमक भेटत। ई मो-मोन िवचारलि जे ऐ पापक भागी (पैाक लोभमे पड़ि◌) हम िकयैक होउ।िकछु कालक बाद बाभूिम (पैखाना) जेबाक बहाना बनाय ओतयसँ भािग अयलाह।िहनक िकता सेहो तेह छल। सब िदन ार सा, तप र्ण, गायी जप,शािलामक प ूजा िब कए िवु भगवानक चरदक तथा तुलसीपात िब खए!अ-जल निह करैत छलाह।65