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Videha_01_01_2009_Tirhuta

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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्पी बक आरक बीज- एक ाणी रहिथ। ओऽ जािह गाममे रहिथ ओऽ ाणबहुल गाम छल। लोक िक पुष वा िक स्ी िब प ूजा-पाठ के भोजन निहकरिथ। ओिह गामक एक पोखिरपर एक िशवमिर छल। उ ाणीक िनयम छलजे जाऽ धिर उ िशव-मिरक महादेवक प ूजा निह करी ताऽ धिर जलहण निहकरी। ई िशव प ूजाथ र् मिर गेली ओिह समय एक चााल सेहो प ूजाथ र् गेल रहए।िहनका देिख िहनकासँ द ुराचरणक आह कएलक। ई परम पितता छलीह। ओकराद ुारैत कहलिन जे ई मिर िथकैक तू केहेन पापी छैं, जो भाग निह तँ तोहरभला निह हेतौ। ई किहते छलीह की िशविलसँ एक सप र् फुफकार करैत अवैत ईचााल भागल।संयोगवश बाहरसँ एक ाणी, ओिह द ुन ूक वाता र्लाप सुिनते छलीह। गामपर आिव िमाचार ओिह चाालक संग कऽ देलिन। गामक लोक िहनका बजाय कहलिन जे अहा ँकेँायित करए पड़त। एिह लेल िक अहा ँ चालक सम कएल। ई किह उठलीह जेके ई कहलक, हमरा तँ ओकरासँ शो र् निह भेल अिछ। मुदा लोककेँ िवास निहभेल। ायित िलखल गेल (यदीय ं चाालगािमनी तदा अिापं करोतु) ई िलिखहुनक दिहन हाथपर एक िपपरक पात रािख आऽ तैपर लह-लहािन आिग राखलगेल। ई पािक गेलीह। तखन िहनका ाम िनासनक द देल गेल। कत-िखजैत लिखमा ठकुराइन नामक पिताकेँ सब बात कहलिन। ीमती ठकुराइनायि िलखिनहार पितकेँ बजाय कहल जे ायि गलत िलखल गेल। हमायि िलखब। तखन ठकुराइन िलखल जे “यदीय ं पितिभ चााल गािमनी तदाअिापं करोतु”। ई वा प ूव र्वत् दिहन हाथक िपपरक पातपर राखल गेल तँ ईनिह पकलीह। तखन ई वाता र् महाराज हिरिसंहदेवक ओतय गेल।तखन उ महाराज पित मलीकेँ आमित कऽ पुछलिन जे उ स्ीक पितचाल कोना? तखन िवतमली उ स्ीक पितक िववाहक शास्ाकूल िवचािरदेखलिन तँ हुनक िववाह अनिधकृत कासँ भेल तै ँ िहनकर पित चाल भेलाह।एकर बाद महाराजक आदेशसँ मैिथल ाण लोकिनक िववाह पी बनल।मैिथल ाणमे १६ गोक ाण छिथ। एकर बाद गा ँव-गा ँवमे उ गोातजे जे लोक छलाह तिनका-तिनका गामक नाम देल गेल एव ं म ूल कहौलक। पीम ूलक असार बनल, गोक असार निह। एक गोमे अक म ूल अिछ। गोकनामपर पी बत तँ गामक पता निह लगैत।हमर मतसँ पी-ब ंध धम र्शास्क अंग िथक। तै ं एकर िलखिनहार, अिभलेख (रेकडर्)रखिनहार एव ं एक पढ़िनहार ि पीकार (रिजस्ार वा धम र्शास्ी) िथकाह।किलयुगाकूल प ूव र् समय जेका ँ पीकारक परामश र् िब लेनहु ँ िववाहक िनण र्य कऽकादान कऽ लैत छिथ जे परम अिचत िथक।64

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