Videha_01_01_2009_Tirhuta
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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्क◌ॉलेजक जखन छा रही तँ सम कुटु व िबुपुर गामक िमव जे नवरतनपिण ू र्या ँमे रहैत छलाह तिनकासँ िहनक नाम बड़ ाप ूव र्क उिरत होएत सुन छलहु ँ।अिह साक्षाार भेल सा बिझ ु पड़ल जे जे िकछु िहनकर मादे सुन छलहु ँ से बड़कम छल। िनय ई ि परम आदरणीय छिथ। सा ंकालीन बैसारमे गामक सभ ि अपन-अपन व ंशक नवजोिक िववरण िलखबैत गेलिख। पीकारजीतरताप ूव र्क सभक पिरचय बड़ मयोगसँ िलखैत रहलाह। तखन हमरा ब ुझाएल जेकोना कऽ हमरा लोकिनक व ंश पिरचय पिछला हजार वष र्सँ साो-पा उपल रहलअिछ। हमर गाम पीकार गामसँ १०० िक.मी.सँ अिधके प ूव र्मे अवित अिछ।यातायातक को सक वा प ूव र्मे निह रहल होएतैक। नाना कारक असुिवधाकसामना करैत एतैक भू-भागमे पसरल मैिथल ाणक यावतो पिरचय संिहत करब,सुरिक्षत राखब आ बेर पड़लापर उपित करब अ द ुःसा काय र्। याा ओपिरिित ज कक थोड़◌ेको अभव निहं कऽ केँ अपन कतर्ेक धानता दैतिनःाथ र् भावसँ धम र्शास्क रक्षामे तर एिह इितहासक संरक्षण सन पुनीत काय र्करैत रहब िहनकिह सन िसँ संभव। ातः काल प ू िपतासँ एकामे पुछिलयिजे एतेक क उठा कऽ पिरचय संह करबाक योजन की? ब ुझौलि जे अपनालोकिन जे सनातन धमावली र् से सभटा काय र् म, याज्ञवल्, शतपथ, श ंख इािदमहान ् ऋिष लोकिनक देल वापर चलैत छी। म िववाहक सभर्मे कह छिथ जेको का ओ वरक िववाह जन, सगो, सिप ओ समान वरमे निह हो। एिहहेतु आवक अिछ जे सिप िनविक ृ ज्ञान हो। तािह हेतु पुषाक िववाहािदकिववरण सूण र्तः उपल हो। एिह धम र्क रक्षा तँ िवन पीकारिहं सव निह।अथा वण र्श ंकरक धानता होएत ओ जाितय रक्षा निहं होएत। पीकारक निहं रहव ंशक इितहासक ज्ञान न भए जाएत।िवास जिम गेल। हुनका ित मनमे जे आा छल से चतुगु र्ण भऽ गेल। तकरबाद जखन कख ओऽ अएलाह हम ओिह देव भावेँ हुनक सान कएल। ओहोिपवत ेह देलि। ओऽ अपन िक धनी छलाह। सदाचार पालनमे तर।जखन कख हुनकर गामपर जएबाक अवसर भेटल- गमौलहु ँ निह। कतेको बेरहुनकर गाम िशवनगर गेल छी। हुनक ओऽ साफ पिरिछ दलान। रमनगरफुलवाड़◌ी। पीकारजीक दैिनक चया र् कलम ओऽ ख ुरपीक संग स होइत छलि।किम र् पुषः।नागे झा, नवर हाता, प ू िण र्या ँ62