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Videha_01_01_2009_Tirhuta

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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हमर दाह-संार करब? कारण हम अपन िजबैत अपन पुखाक इत निह गवा ँसकैत छी। ई किह ओ ओिहठामसँ उिठ चिल पड़लाह। हुनका उिठते सभ पुषवठाढ़ भय गेलाह आ एकक बाद एक दरबा िदस िबदा भेलाह। हुनका (भीम िम)केँ ब ुझबैत जे अहूँ एना निह क, ओ बात मानताह अहा ँक आ अहा ँसँ पैघ हुनकरअपन भिव निह छिन। सभ मड़वापर ठाढ़ ग करैत छलाह। एतबेमे मचघरसँ िनकललाह आ आिखमे ँ दहो-बहो रक मुामे िपताक पएर पर खसैत बजलाहजे हमरा माफ क आ कण रमे बजलाह, जखन वण कुमार मा-िपक लेलअपन ाण ोछावर कय देलि तँ हम अपन िपताक लेल अपन भिवक बिलदानदैत छी। लेिकन िकछु शतर् अिछ, भीम िम बजलाह- म ंजूर अिछ। पिहल शतर् हमकागतक समान निह लेब दोसर हुनकर गाड़◌ीपर निह जाएब तेसर देल गोरलगाइकपैया निह लेब। ई श सुत सभ दाय-माय समेत उपित पुषव आ ना-भुटकाक दय सेहो कण भय गेल! मचकेँ उठबैत भीम िम कण रमेबजलाह- हे दाय-माय। जी-जी अपन काज क। हजामकेँ अबाज दैतकहलिथन- अहा ँ जीसँ ानी चौकी धो कऽ आन ू। फेर अबाज देलिखन- भोगीपाहुनकेँ जीसँ खानाक वा क! ई श सुिनतिह सभ िबहािर जेना काज करएलगलाह आ लगभग २०-२५ िमनटमे सभटा काज भऽ गेल। एतबामे जयदेव िमबसकेँ दरबापर लगबैत सभ बिरयातीकेँ बसमे बैसबैत बजलाह- भीम भैया हमबसमे सभकेँ बैसा लेलहु ँ। अहा ँ- माश र्ल िदश इशारा करैत- बैस ू। मचकआिखसँ ँ गंगा-जमुनाक धार जका ँ र ब होइके नाम निह लैत छलिन। बड़कीभौजी एक आिखमे ँ काजर कऽ आबिथ जा दोसर आिखमे ँ करतीह ताधिर ओ काजररक पमे पिरवितर्त भय नीचा ँ चिल आबिन। हुनकर ब ुझ ु अधा आ ँचर रमेभीिज कय गुलाबी साउथ िशक साड़◌ी काजरमय भय गेलिन आ हुनका िकछु खबिरतक निह! एिह तरहेँ ओिहठाम हाथधरीक िवध प ूरा भेल आ बर आ बिरयाती ानकयलक!ाइवर गाड़◌ीकेँ तेज चलाबयके यास करैत लेिकन गामसँ तीन िक.मी. क बाद रासेहो नीक निह। गाड़◌ी आग ू जायके नाम निह लैत छल जेना सभटा केँ मुहक्षीमािर दे हो। को तरहेँ वर आ बिरयाती ग तक पहँचल। ु ओिहठामक दृतँ बहुत रमणीय छल। नीक पंडाल जे बहुत नीक सुसित नीक-नीक मध ुर रमेमैिथली कैसेट सँ ीिरयोक अवाज मोन मोिहत कय रहल छल। ई दृ देिखबिरयाती लोकिनकेँ िवास निह भेलिन जे एिहठाम हमर बैसबाक वा अिछ! ओसभ तुलना करए लगलाह िफकेश आ कपड़◌ाक जे वरक लेल गेल छल आ ओिहसजावटक। हुनका लोकिनकेँ िवास निह होइत छलिन जे समान एिहठामसँ गेलअिछ। तावत अवाज आबए लागल जे अप सभ बैसल जाऊ, सरकार ठाढ़ िकयैकछी? ओर सँ िदलीप झाकेँ िकयो अवाज देलिखन जे हजमा कतऽ गेलाह।54

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