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Videha_01_01_2009_Tirhuta

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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्लादक कोिशश कए रहए । एकरा संस ्कृित आ परम ्परापरक आमण ब ुझ ू । आबदहेज म ँगैत अिछ ।अड◌◌ाकए । कालिह ् फेरो को नया बहन ्ना खोिज लेत । भाई, हमरा तँब ुझाइत अिछ ओ एिह औपचािरकवैवािहक सम ्बन ्धक लाभ उठाए राज ्यपर चढ◌◌ाई क। देत ।एखन झ ुकक निहतनक समय िथकैक, भावनामेनिह कर्व ्यमे बहक बेर छैक ई । बिहनसँ पिह माभूिमक रक्षाक िचन ्ता किदगबन ्धन उिठ जाइत अिछ । ओकर गाल लाल भ। गेल छैक । बान ्हल मुिठउपर उिठ जाइत छैक ।िदगबन ्धन । एकदम ठीक कहलहँ ु बिहन उ आहा ँक साहससँ हम गौरवानिवत ् आ िरतछी । बाब ूसँ एख िनवेदन करैत िछअनिह ् । ( ित डेगेँ बहरा जाइत अिछ ।)इन ्कुमारीक आ ँ िख ोध आ आोशसँ लाल भ। गेल छैक । ब ुझाइत छैक जेनाबाहर िनकलयलेल आरत होइक । ओ अपन कसल मुिठसँ घघरा उठाकए दा ँतकटकटअबैित झािर दैित अिछ । मिण धड◌फड◌◌ाकए उठिल । मुिठ ओकरो कसल रहैक । बड◌की भौजी तखवेश करैित रहिथन ्ह । अपनािहसाबे ँ अथ र् लगाइये लेलिखन ्ह, । “मिणदाई, सपनाइत छलहु ँ ? सुतलमे कसैतदेह देिखते हमरा ब ुझा गेल छल ।देह द ुःखाइत हएत ” । फेर हँसैतकहलिखन ्ह, । “बादक इन ्तजाम तँ भायसभ करताह । छोटकी चाय बना अिछ । अबैत छी ।” मिण िकछु निह बाजिल । बड◌की भौजी बाहर िनकिलगेिल रहिथन ्ह । ओ पलंगसँ चुपचाप उतिर समे पेष ्ट लगाबए लागिल ।कुमार मज कप।ज-१९६९ ई◌ मे मध ुबनी िजला ंतत सलेमपुरगाम मे। ूली िशक्षा गाम मे आ उ िशक्षा मध ुबनी मे। बा काले सँ लेखन मे44

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