Videha_01_01_2009_Tirhuta

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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्छा हम रही जे अिम परीक्षा ८९% सँ पास केलहु ँ। बाब ूजी कहलि- आबय.पी.एस.सी.क ूतैयारी क, ढंगक सरकारी करी िलअ, लेिकन हमर सोच िकछु आरेरहए। “अगर अपन ितभा/ क्षमताक उपयोग करबाक यऽ तऽ सरकारी करीनिञ क”। फेर एम.सी.ए. केलहँ, ु मोन भेल जे एम.बी.ए. कएल जाय- बहुत किठनरहए आइ.टी.सँ एम.बी.ए. करब। मुदा ब ुढ़◌ी माताक कृपासँ एम.बी.ए. सेहो कऽलेलहु ँ। कैम् सेलेनमे िरलायक ऑफर भेटल। जोइन केलहु ँ, फेरएच.डी.एफ.सी. बै ंकसँ ऑफर भेटल तँ बै ंक जोइन कऽ लेलहु ँ। दयमे इा रहएजे टाटा-िबड़लामे करी करबाक चाही। ब ुढ़ ी माताक कृपासँ इा प ूरा भऽ गेलआऽ िबड़ला ुपसँ नीक ानक ऑफर आिब गेल। जोइन सेहो कऽ लेलहु ँ आऽ एखनतक एतिह छी..आब इा यऽ िदी/ मुइक बहुत सेवा केलह ु ँ...आब अपन िबहार/िमिथलाक सेवा कएल जाय..ब ुढ़◌ी माताक कृपासँ ओहो भऽ जेतए...लेिकन सभसँ पैघइा अिछ ब ुढ़◌ी-माताक दश र्नक..पता निञ होएत िक निञ...ज 3 जनवरी 1936 ई हरा, िजला दरभंगामे। 1958 ई.मेअथ र्शास्मे ातकोर, 1959 ई.मे ल◌ॉ। 1969 ई.मे कैिलफोिन र्या िव.िव.सँअथ र्ास् मे ातकोर, 1971 ई.मे सानािसो ं िव.िव.सँ एम.बी.ए. , 1978मे भारतआगमन। 1981-86क बीच तेहरान आ ैंकफुतर्मे। फेर बई पु होइत2000सँ लहेिरयासरायमे िनवास। मैिथली िफ ममता गाबय गीतक मदनमोहन दासआ उदयभा िसंहक संग सह िनमा र्ता।तीन टा उपास 2004मे चमेली रानी,2006मे करार, 2008 मे माहुर।माहुर..1..24

िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका Videha Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दृ”आह! भैया आिब गेला। हाथ मे पोटरी छिन। अबे ओिह मे ‘मीट’, अरे!निह माता द ुगा र्क परसाद हेतिन!“र ंजना बाजिल छलीह। ओ दौड़◌ैत आ ंगन सँ बाहर एलीह। हुनका भाइजीक हाथ मेठीके पोटरी छलिन जािह मे ‘मीट’ रहैक। भाइजी अपन हाथक पोटरी र ंजनाक हाथमे देब’ चाहलिन। फेर, जािन हुनका की मोन पड़लिन जे अपन पोटरी बला हाथक¢◌ँ पाछा ँ घीिच लेलिन। ओ ब ूत बिन ठार भ’ गेला। भाइजीक ठोर मे कं पनहोब’ लगलिन, आ ँ िख सँ ढबढब र बह’ लगलिन आ हुनक सम शरीर थर-थर का ँपएलगलिन।भाइजी अथा र्त आकाश सँ हुनक एकमाा छोट बिहन र ंजना हुनका सँ बारह बख र्क छोटछलिथन जे आब पहम मे पयर रख छलीह। ओ सलवार-कुतीर् पिहर छलीह।हाथ मे चूड़◌ीक ान पर घड़◌ी बाल छलिन। पुछू िकएक? र ंजना िवधवा छलीह।पिछला आषाढ़ मे र ंजनाक िववाह कमीशन ा सेके लेिफ्टट भार चैधरी सँभेल रहिन। एक मिहनाक अवकाश समा भेला पर भार चैधरी अपन ूटी परकीर पहु ँचल छला। ओतिह आतंकवादीक संग मुठभेर मे शहीद भ’ गेलाह। र ंजनािवधवा भ’ गेलीह।आकाश लगक शहर दिरभंगाक एक बै ंक मे काय र्रत रहिथ। ओ गामिह सँ ूटर परबै ंक जािथ आ आबिथ। अमी रहैक आ बै ंक दशहराक छुी मे ब छलै। गामेकद ुगा र् ान मे बिलदान कएल छागरक भड़◌ाक मा ँउस पुजेगरीक आदेश सँ िबकाइतछलै। ओही ठाम सँ आकाश एक िकलो ‘मीट’ आ की परसाद जे किहयौ कीिन क’अन रहिथ।सम्ित जे दृ उपित भेल छलै ओिह मे आकाश हाथ मे मीटक पोटरी ट ंगथरथराइत ठार रहिथ। हुनका आिख ँ सँ दहो-बहो र बिह रहल छलिन। हुनकपी, पा ंच बख र्क बेटी सुजाता, माता-िपता सभ िकयो ढलानक एक कातठार डबडबाएल आिखए ँ देखैत चुपचाप आकाश िदस तािक रहल छलिथन। र ंजना ठीकआकाशक साम छलीह। हुनक बाल सुलभ सदृश मुख-म ंडल पर बड़◌ी टा िच25

िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्दृ”आह! भैया आिब गेला। हाथ मे पोटरी छिन। अबे ओिह मे ‘मीट’, अरे!निह माता द ुगा र्क परसाद हेतिन!“र ंजना बाजिल छलीह। ओ दौड़◌ैत आ ंगन सँ बाहर एलीह। हुनका भाइजीक हाथ मेठीके पोटरी छलिन जािह मे ‘मीट’ रहैक। भाइजी अपन हाथक पोटरी र ंजनाक हाथमे देब’ चाहलिन। फेर, जािन हुनका की मोन पड़लिन जे अपन पोटरी बला हाथक¢◌ँ पाछा ँ घीिच लेलिन। ओ ब ूत बिन ठार भ’ गेला। भाइजीक ठोर मे कं पनहोब’ लगलिन, आ ँ िख सँ ढबढब र बह’ लगलिन आ हुनक सम शरीर थर-थर का ँपएलगलिन।भाइजी अथा र्त आकाश सँ हुनक एकमाा छोट बिहन र ंजना हुनका सँ बारह बख र्क छोटछलिथन जे आब पहम मे पयर रख छलीह। ओ सलवार-कुतीर् पिहर छलीह।हाथ मे चूड़◌ीक ान पर घड़◌ी बाल छलिन। पुछू िकएक? र ंजना िवधवा छलीह।पिछला आषाढ़ मे र ंजनाक िववाह कमीशन ा सेके लेिफ्टट भार चैधरी सँभेल रहिन। एक मिहनाक अवकाश समा भेला पर भार चैधरी अपन ूटी परकीर पहु ँचल छला। ओतिह आतंकवादीक संग मुठभेर मे शहीद भ’ गेलाह। र ंजनािवधवा भ’ गेलीह।आकाश लगक शहर दिरभंगाक एक बै ंक मे काय र्रत रहिथ। ओ गामिह सँ ूटर परबै ंक जािथ आ आबिथ। अमी रहैक आ बै ंक दशहराक छुी मे ब छलै। गामेकद ुगा र् ान मे बिलदान कएल छागरक भड़◌ाक मा ँउस पुजेगरीक आदेश सँ िबकाइतछलै। ओही ठाम सँ आकाश एक िकलो ‘मीट’ आ की परसाद जे किहयौ कीिन क’अन रहिथ।सम्ित जे दृ उपित भेल छलै ओिह मे आकाश हाथ मे मीटक पोटरी ट ंगथरथराइत ठार रहिथ। हुनका आिख ँ सँ दहो-बहो र बिह रहल छलिन। हुनकपी, पा ंच बख र्क बेटी सुजाता, माता-िपता सभ िकयो ढलानक एक कातठार डबडबाएल आिखए ँ देखैत चुपचाप आकाश िदस तािक रहल छलिथन। र ंजना ठीकआकाशक साम छलीह। हुनक बाल सुलभ सदृश मुख-म ंडल पर बड़◌ी टा िच25

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