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Videha_01_01_2009_Tirhuta

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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गुमुक...गुम गुमुक गुमुक! .. बेर-बेर झ ुलफी मुँहपर खिस पड़◌ै जकरा ओ ओिहनाछोड़ि◌ दैक। मुँहपर ब ुनिकआएल ओसक ब ू ँद सन पसेना! ओ मोनिह मोन अपन सा ँयरजदेबासँ देबलरैनाक िमलान करै। ... कहा ँ देबलरैना, कहा ँ रजदेबा। रजदेबाकमुँहपर चौबीस घंटा जेना िवपिके झपसी लध रहै। घोघनमुँहा एक री सोहाइ िसिकिलयाकेँ । मगर करओ तऽ की करओ? िसङार-पटार कए एकामे एसगरिबछाओनपर पड़ि◌ रहय आ कना करए-सा ँय जे बदलतै! देबलरैना फुलपेट पेिकऽ, चसमा पेि कऽ बाब ू-भैया नािहत जे िरापर बैिठकऽ िरा चलबइ हइ तऽिसमाके गोिबना माउत कऽर हइ। .. मानली जे ताड़◌ी-दा पीबै हइ, त कीभेलइ। सुनइ िछऐ जे कहा ँद ुन ताड़◌ी-दा पीलै हइ मनसासुन तऽ ओकरा देहपरराछी सबार भऽ जाइ छै, मौगीके छोड़ छोड़◌ै छै।..धौर, केनाकऽ सकैतहोतै देबलरैना बहु।..रजदेबा ला ध-सन! िबछाओपर जाएत त खाली घरेकेसमेा। ..रङ आ लस!! .. देहो हाथ छूबैतऽ खौ ंझा कऽ छूटत!..देबलरैनाके ब ँसुरीके आवाज सुनएलै। ..दा पीकऽ अबै छै तऽ आङनमे बैिसकऽब ँसुरी टेरऽ लगै छै।..अहाहाहा..की राग, की तान।..सोनाबतीके तऽ लीरीबीरी कऽदै छै। फेर द ुन ू परानीमे मुँहाठ ुी होइत-होइत िपटािपटौअल शु भऽ जाइतछै।..सोनाबतीके कहब छै जे मरदाबा जे कमाइ हए से तऽ दा पानीमे उड़◌ादै हए, िसमामे गमा दै हए आ स ूतऽ लागी हरान रहै हए।..पेटमे अ आ..“मनसा तऽ रजदेबो हइ”- सोचैए िसिकिलया- “ओकरा स ूतऽ के मन होइहइ?..केरबा आमसन मुँह लटकओ रहैए!” िसिकिलयाके अप हँसी लािग जाइछै।“दोसजी कहा ँ गेलिखन”?- अरे, ई बारह बजे राितमे सोनाबती!!..“की हइ, हे”?- बा ँसक फक खोिलकऽ िसिकिलया बाहर अबैत अिछ।..छौ ंड़◌ाकबाप तऽ एलैगऽ अताल सऽ।..लैटिडपटी (नाइट ूटी) हइ।..”“बहीन की किहयो द ुखके बात। आइ फेन ू मनसा मारलकगऽ।““कइला?”“ध ुर। की जान गेिलऐ कोन बढ़मिकटास हइ देहपर।..हमर तऽ जान लऽलेलक।..अ-पानी जिर गेलै, जी-जा ँघमे खौ ंत फुक रहै छै चौबीस घंटा।– बल ू ,चल नऽ स ूतऽ।..सुतना बेमारी धऽ लेलकैगऽ।“..सोनाबती घौलेघौले बजैत रहल।जोर-जोरसँ घोल-चाउर भेलै तँ ब ुढ़ि◌या रजदेबामाइ टुघिर कऽ अङनामे आएल-16

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