Videha_01_01_2009_Tirhuta
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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्गायी वेदमाता कहल जाइत अिछ,गायी मानव-माक पाप-नाशनी िथकी,अक्षर चौबीस परम पुनीत अिछ,एिहमे बसल शास्, ुित, गीता-महाम ंक जतेक जगमािह, एकोटा गायी सम निञ अिछ।गायी भारतीय संृितक जननी कहल गेल अिछ॥३॥ॐ अयवाचक श छी। अतः ई श परमााक अितिर को,ाणीकेँ योिजत निह होइत अिछ,ॐ शकेँ सेहो कहल जाइत अिछ।भू: भुवः ः- ा, िवु एव ं महेशक ोतक अिछ॥४।।तत्- परमााकेँ भाव ानक िदस आकिष र्त करैत अिछ॥सिवतुः – सिवता वै सवनामीशे िनयेव सम सिकृईररे सिवता अिछ थीक।६म आनक अिभि छीम जगतमे सार वु होइत अिछ।म से अथ र्मे जीवन छी।142