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Videha_01_01_2009_Tirhuta

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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्हुनका निञ होएत िचा, मा धन वा बजारक।मा ँक िबसरल िता पुनः बढ़त ई अव जान ू।बहुत भऽ चुकल आओर निञ होमए देबए हम मनमानी॥४॥िफ ितक म ूकेँ उकसाबएवाली होएत,किवता नारीक मान-िता बढ़◌ावैवाली होएत।कतहु निह होएत मादक-ध ुनपर न ृ िसहराबएवाली,मानव-िचनक िवष भरए लेल निञ होएत संचार कको,पुनः ितािपत करबाक अिछ, पुरान गिरमामयी कहानी,बहुत भऽ चुकल आओर निञ होमए देबए हम मनमानी॥५॥िपाठक आओर दश र्कक सित्चनकेँ उभारए लेल पड़त आवक छी,शुभ समाजक लेल समिप र्त जँ ि निञ होएत,ओऽ किव कलाकारक नवयुगमे अि निञ होएत,आए ईएह संक लऽ केँ बढ़ि◌ चल ू स ृजन-सेनानी।बहुत भऽ चुकल आओर निञ होमए देबए हम मनमानी॥६॥४जीव की छी? अहम ् उर139

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