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Videha_01_01_2009_Tirhuta

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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कत’ सँ बािज रहल अिछ । तऽ की ओ मीक मिमऔत बहीन िछऐ ? जँ मिमऔतबहीन िछऐ तऽ बेर-बेर वएह टा िकऐ फोन करै छै ? ो दोसर िकऐ निह करैछै ? मामा, मामी, मिमऔत भाइ -एिह मे सँ ो तऽ किहयो किरतइ । हमरमन मे कतेको सवाल आबय, मगर जवाब को निह । संदेह आ असम ंजसउपलाइत रहय ।आइ-काि लड़कीक घरक लोक िदलफेक िकिसमक लड़का सभक फोनसँिफरीशान रहैत अिछ । मगर एतय मामला उटे छलै।िचंितत आकिहयो काल हमरा ब ुझाय जेना मीक िच लड़कीमे निह छै। फेर सोचीजे से रिहतइ तऽ मीक उदासीनता लड़कीसँ बहुत िदन धिर िछपल निह रिहतइ ।जँ मी ओकरा निह चािहितऐ तऽ लड़की बेर-बेर फोन िकऐ किरतइ ?तकर बाद फोन आयब ब भऽ गेलै । िकछु िदनक बाद पता लागल जे मीमोबाइल कीन लेलक अिछ । आब ओ लड़की सीधे मीसँ सब तरहक ग करैतहैत । भिरसक इएह सोिच कऽ मी मोबाइल िकन हो। हमरा लागल जेनाहमर िकछु िछना गेल हो । हमरा लेल आब ई मामला सभ िदनक लेल अज्ञात आरहमय भऽ गेल रहय ।लेिकन निह, जीवनमे को चीज अंितम निह होइत छै। भिरसक एक सालबीतल हेतै । एक िदन सा ंझ ुक पा ँच बजे फोनक घंटी बजऽ लगलै । हेतै ककरो। हम अमन भाव सँ सोचलहु ँ । कैकटा भटकल फोन अबैत रहैत छै ।मगर निह, ओरसँ को लड़कीक आवाज एलइ, पातर-मध ुर आवाज आ फोन किटगेलै। हम सोचमे पड़ल रही िक फोनक घंटी फेर बज ्ऽ लगलइ ।हलो !'-हम िरसीभर उठा कऽ कहिलऐ । 'क, मीकेँ बजा देबै ?'अरे ! ई तऽ वएह लड़की िछऐ । अपन नाम आ काम बते िबना मीकेँ बजादेबाक अरोध करयवाली । ओ बहुत िदनक बाद फोन केछल, तै ं खौ ंझ तऽ निहभेल, लेिकन मनमे थोड़◌े उदासीनता पसिर गेल ।'देखइ िछअइ।'-हम कहिलऐ ।'पा ँच िमनट मे हम फेर करै छी ।'12

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