Videha_01_01_2009_Tirhuta
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िव दे ह िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহ िवदेह थम मैिथली ािक्षक ई िका <strong>Videha</strong> Ist MaithiliFortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका ०१ जनवरी २००९ (वषर् २मास १३ अंक २५) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ातंयोर युगमे नारी मे आिनभर्रताक वित ृ िवशेष पमे देखल जाइतअिछ, आब ओ गोबरक चोत बिन निह रह’ चाहैत छिथ कालीनाथ झा ‘सुधीर’ क नाटक‘कुसुम’ क नाियका िपताक आज्ञासँ िशक्षा ा करैत छिथ मुदा हुनक माय हुनका एिहलेल ितरृत करैत छिथ—कमला- “इ ग की िछयैक ? हमरा व ंशमे आइ धिर को स्ी निह पढ◌लकतो ं हमर व ंशमे दाग लगौलेँ। मौगीक काज िथक भानस, गीतनाद,कसीदा आ ओइसँ बेसी भेल तँ िची - पी िलखब । तोँ िक बाप जका ँअँगरेिजया बनबै ं ?” 21‘बसात’ नाटकमे कृका ारा िमिथलाक अिशिक्षत नारी पर ती हार कयलजाइत अिछ। ओ अिशिक्षता फुलेरी िववाह निह क’ पड◌◌ा जाइत छिथ।फुलेरी कृका ारा अपमािनत भेला पर अपनाकेँ सुधारैत छिथ। िशक्षा ाकय समाज सेिवकाक काज करैत छिथ। िशक्षा ा क’ फुलेरी मैिथल नारीकमक गव र्सँ ऊँ च करैत छिथ। िहनक चिर ारा नाटककार मैिथल ललनाक िशक्षाकित जागकताक िदस ान आकृ कय छिथ। िशिक्षता फुलेरीकेँ देिख जोतखीारा हुनक श ंसा कयल जाइत अिछ- बम बाबा—“वाह-वाह! --- बेटी तोहरसफलता पर आइ हमरा अपार हष र् भ’ रहल अिछ, आ कतेक अबलाकेँ सबला बनारहल अिछ। आब हमरा िवास भ’ गेल। आइ काि तोहर ितज्ञा अव प ूराहेतौ- एक िदन फेर िमिथलाक मिहला भारतक आदश र् मिहला कहओतीह।” 22एिह तरहेँ हम देखैत छी जे उसम आ बीसम शताीक आर ंभमेराजा राममोहन राय तथा आय र् समाजक यसँ जािह नारी िशक्षाकेँ आर ंभ कयलगेल ओिहमे आइ ापक गित भेल अिछ, आ एिह िवषय के ितपा बना कतोकमैिथली नाटककार िमिथलाक नारीमे िशक्षाक ित दृ िकोणमे पिरवतर्न आनबाक यासकय छिथ। एिह यासक सकाराक भाव आज ुक समाज पर क्ष देखबामे आिबरहल अिछ। नारीक िशक्षाक संदभर्मे ‘पिणर’ िलखैत छिथ। नारी िशक्षा िवोहकओिह कुड◌हड◌ि◌क धारकेँ तेज क’ दे अिछ जािहसँ िहु सामाजक जीवनकझाड◌◌ी केँ साफ केनाय संभव भ’ गेल अिछ। 23106