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िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong><strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong>‘िवदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५)ऐ अंकमे अिछ:-१. संपादकीय संदेश२. ग२.१. उमेश म डल- जगदीश साद म डलक रचना संसार- संि त पिर चय२.२. जगदीश साद मण् डल-उप यास- बड़की बिह न (आग..)२.३.साा कारी राजदेव म डलक संग२.४. जगदीश साद मडल-राकर डकैत (एककी)1


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२.५. ओम काश- गजलक लेल (समीा)२.६.१. जगदीश साद म डलक िव हिन कथा- जनक हाथे खेती २. िबदेर ठाकुर-िबपितयाक िवदेश [िवहिन कथा]२.७. उमेश म डल- िव देह नाय उ सव- २०१३२.८.ो. हिरमोहन झाक पुयितिथ मनाओल गेल- संवाद-सुिमत आनद३. प३.१.१. रामिव लास साहुक दूटा किव ता २. हेम नारायण साहु जीक किव ता३.२.१. आशीष अनिचहार-गजल२. डॉ. िश व कुमार सादक दूटा गीत2


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>३.३.१. जगदानद झा ‘मनु’ गजल १-४ 2. पंकज चौधरी "नवली" भित गजल/भगवती गीत १-२/ किवता १-२/ गजल १-७३.४.१. आशीष अनिचहार गजल १-२ २. सुिमत िम गजल १-३३.५.१. कािमनी कामायनी- आथाक पूण कलश २. िबनीता झा- चैन ३.योित झा चौधरी-िपया जदी सँ आउ ने (वैलेटाइन डे पर िवशेष)३.६.१. राजदेव म डलक दू गोट किव ता २. जगदीश साद म डलक दू टा गीत३.७. बाल मुकुद पाठक- गजल१-२३.८.१. िबदेर ठाकुर "नेपाली"- ेम / गजल २. सुिमत िम- गजल १-२3


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>बालान कृते-१. पंकज चौधरी "नवली"- बाल गजल १-२ २. जगदानद झा 'मनु'-होएत जँिवदेह मैिथली पोथी डाउनलोड साइट<strong>VIDEHA</strong> MAITHILI BOOKS FREE DOWNLOAD SITEिवदेह ई-पिकाक सभटा पुरान अंक ( ेल, ितरहुता आ देवनागरी मे ) पी.डी.एफ. डाउनलोडक लेल नीचकिलंकपर उपलध अिछ। All the old issues of Videha e journal ( in Braille, Tirhuta andDevanagari versions ) are available for pdf download at the following link.िवदेह ई-पिकाक सभटा पुरान अंक ेल, ितरहुता आ देवनागरी पमे Videha e journal's all oldissues in Braille Tirhuta and Devanagari versionsिवदेह ई-पिकाक पिहल ५० अंकिवदेह ई-पिकाक ५०म सँ आगक अंक↑ िवदेह आर.एस.एस.फीड एनीमेटरक अपन साइट/ लॉगपर लगाऊ।लॉग "लेआउट" पर "एड गाडजेट" मे "फीड" सेलेट कए "फीड यू.आर.एल." मेhttp://www.videha.co.in/index.xml टाइप केलासँ सेहो िवदेह फीड ात कए सकैत छी। गूगलरीडरमे पढ़बा लेल http://reader.google.<strong>com</strong>/ पर जा कऽ Add a Subscription बटन िलकक आ खाली थानमे http://www.videha.co.in/index.xml पेट क आ Add बटन दबाउ।Join official Videha facebook group.4


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>Join Videha googlegroupsिवदेह रेिडयो:मैिथली कथा-किवता आिदक पिहल पोडकाट साइटhttp://videha123radio.wordpress.<strong>com</strong>/मैिथली देवनागरी वा िमिथलारमे निह देिख/ िलिख पािब रहल छी, (cannot see/write Maithili inDevanagari/ Mithilakshara follow links below or contact atggajendra@videha.<strong>com</strong>) तँ एिह हेतु नीचक िलंक सभ पर जाउ। संगिह िवदेहक तंभ मैिथलीभाषापाक/ रचना लेखनक नव-पुरान अंक पढ़ू।http://devanaagarii.net/http://kaulonline.<strong>com</strong>/uninagari/ (एतए बॉसमे ऑनलाइन देवनागरी टाइप क, बॉससँ कॉपी कआ वड डॉयुमेटमे पेट कए वड फाइलक सेव क। िवशेष जानकारीक लेलggajendra@videha.<strong>com</strong> पर सपक क।)(Use Firefox 4.0 (fromWWW.MOZILLA.COM )/ Opera/ Safari/ Internet Explorer 8.0/ Flock 2.0/ GoogleChrome for best view of 'Videha' Maithili e-journal at http://www.videha.co.in/ .)Go to the link below for download of old issues of <strong>VIDEHA</strong> Maithili e magazinein .pdf format and Maithili Audio/ Video/ Book/ paintings/ photo files. िवदेहक पुरानअंक आ ऑिडयो/ वीिडयो/ पोथी/ िचकला/ फोटो सभक फाइल सभ (उचारण, बड़ सुख सार आ दूवतमं सिहत) डाउनलोड करबाक हेतु नीचक िलंक पर जाउ।<strong>VIDEHA</strong> ARCHIVE िवदेह आकइव5


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>योितरीर पूव महाकिव िवापित। भारत आ नेपालक मािटमे पसरल िमिथलाक धरती ाचीन कालिहसँमहान पुष ओ मिहला लोकिनक कमभिम रहल अिछ। िमिथलाक महान पुष ओ मिहला लोकिनक िच'िमिथला र' मे देखू।गौरी-शंकरक पालवंश कालक मूि, एिहमे िमिथलारमे (१२०० वष पूवक) अिभलेख अंिकत अिछ।िमिथलाक भारत आ नेपालक मािटमे पसरल एिह तरहक अयाय ाचीन आ नव थापय, िच, अिभलेखआ मूिकलाक़ हेतु देखू 'िमिथलाक खोज'िमिथला, मैिथल आ मैिथलीसँ सबिधत सूचना, सपक, अवेषण संगिह िवदेहक सच-इंजन आ यूज सिवसआ िमिथला, मैिथल आ मैिथलीसँ सबिधत वेबसाइट सभक सम संकलनक लेल देखू "िवदेह सूचना संपकअवेषण"िवदेह जालवृक िडसकसन फोरमपर जाउ।"मैिथल आर िमिथला" (मैिथलीक सभसँ लोकिय जालवृ) पर जाउ।१. संपादकीयिवदेह: लोगो:: िवापित:उगना:िमिथला:मैिथलीI.महाभारतमे उलेख अिछ, जे इ-वजा गाढ़ नील रंगक होइत छल। रामक वजा लाल-गेआ रंगक छलिहआ’ एिह पर कुलदेवता सूयक िच अंिकत छल। महाभारतमे अजुनक वजा पर वानरराजक िच छल।6


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>नकुलक वजा पर सरभ पशुक िच छल। अथववेदक अनुसार सरभ पशु दू माथक , दूट सुदर पंखबला, एकटा नमगर पुछी बला आ’ िसंहक समान आठ नोकगर पैरक आँगुर यु होइत छल।अिभमयुकजा पर सारंग पी छल। दुयधनक वजा सपवजा छल। ोणक वजा पर मृगछाल आ’ कमडलछल।कणक वजा पर हाथीक पैरक िजंजीर छल, आ’ सूय सेहो छलाह।भगवान िवणुक वजा पर गड़ अंिकत अिछ। िशवक वजा पर नंदी वृषभ अंिकत अिछ।दुग मडपमे श,ा,पटह,मृदंग, कयताल(बसुरीक छोिड़), वा वज,कवच आ’ धनुष केर पूजन होइतअिछ। एिहमे सवथम खगक पूजा होयबाक चाही। तकरा बाद चुिरका, कारक, धनुष, कुत आ’ कवचकेर पूजा आ’ फेर चामर,छ,वज,पताका,दुदुिभ,शंख, िसंहासन आ’ अ केर पूजा होइत अिछ। हमरािहसाबे िमिथलाक कोनो झंडा िबना एिह सभक सिमलनक संपूण निह होयत।I.इयेव शची समुजवलगुणा गौरीव गौरीपतेः कामयेव रितः वभावमधुरा सीतेव रामय या। िवणोः ीिरवपिसंहनृपतेरेषा परा ेयसी िवयातनया िजेतनया जागित भूमडले॥9॥उपयुत प िवापितकृत शैवसववसारक ारभक नवम लोक छी। एकर अथ अिछ- उकृ गुणवती,मधुर वभाववाली, ाण-वंशजा, नीित-कौशलमे िविवयातओ’ महारानी िवासदेवी सित संसारमे सुशोिभतछिथ, जे पृवी-पित पिसंहक तिहना िय छलीह जिहना इक शची, िशवक गौरी, कामक रित , रामकसीता ओ’ िवणुक लमी॥9॥ II.मधुबनी िजला मुयालयसँ दिण पडौल रेलवे-टेशनक िनकट भवानीपुर ाम बसल अिछ। एिह गामकिनकट छह फीट नीच जमीनमे एकटा िशव-िलंग अिछ, जे उनाथ महादेवक नामसँ िस अिछ। एहनिवास लोकमे छैक जे पहम शादीक आरंभमे हुनकर सहचर उगना, जखन महाकिव यासे अयतछलाह, हुनका अपन जटासँ गंगाजल िनकािल कय िपयओने रहिथ। एिह पर किवक शंका भेलिह, आ’ ओ’किवसँ असली पिरचय पुछलिह। तकर बाद एिह थान पर िशव हुनका अपन असली पक दशन देलिह।एिह कथा पर िवास तखने भ’ सकैत अिछ, जखन तक आ’ िवानक संग ाक िमण होय।शंकराचायक िवयमे कहल गेल जे ओ’ अपन कमंडलमे धार भिर लेलिह। भेल ई जे बािढ़मे बेचेमे पहाड़रहलाक कारण एक िदिश बािढ़ अबैत छल आ’ एक िदिश दाही। बीचक गुफाक शंकर अपन िशयकसहयोगसँ तोिड़ जखन कमडल लेने बहरओलाह तँ लोक देखलक जे दोसर कात पािन आिब रहल अिछ।सभ शंकराचायक तुित कएलिह, जे अह अपन कमंडलमे धार आिन हमरा सभक दाही सँ आ’ दोसर7


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>कातक लोकक बािढ़सँ मु कराओल। अह कमडलमे पािन आ’ धार अनलहुँ। बादमे अवसरवादी लोकिनएकरा मकारसँ जोिड़ देलक। आशा अिछ जे अह सेहो अपन लेखमे उगनाक कथाक तक आ’ ासँिववेचना करब।बीस माचक १४ िदनुका िमिथला ेक गृही पिरमा, आइ काि जनकपुरक, दू टा डालाक संग-१.िमिथला िबहारी जी आ िकशोरीजी आ आर मािरते रास ढेर मिदरक/ भतक डाला सभक संग कुआरामपुर दऽ कऽ जनकपुरमे वेश करैत छिथ। कतेक भत तँ अपन पशुक संगे पिरमा करैत छिथ। ईपिरमा कचुरी मठ, धनुषासँ शु होइत अिछ आ अमावयाक राितमे पिहल िवाम हनुमान नगर आ चतुदशीिदन पहम िवाम जनकपुरमे होइत अिछ। २१ माचक फागुन पिरमा िदन ई याा जनकपुरनगरपािलकाक पिरमाक अंतरगृह पिरमा (लगभग 8 िकलोमीटर) क संग होइत अिछ। २२ माचकजनकपुर आ आसपासमे होली मनाओल जाइत अिछ।जनकपुर मय पिरमाक १५ थल आऽ ओतुा मुय देवता १. हनुमाननगर- हनुमानजी २.कयाणेर-िशविलंग ३.िगिरजा-थान- शित ४.मिटहानी- िवणु मिदर ५.जालेर- िशविलंग ६.मनाई- माडव ऋिष ७.ुव कुड- ुव मिदर ८.कंचन वन- कोनो मिदर निञ मा मनोरम दृय ९.पवत- पच टा पवत १०.धनुषा-िशवधनुषक टुकड़ी ११.सतोखड़ी- सतिषक सात टा कुड १२.हषाहा- िवमलागंगा १३. कणा- कोनोमिदर निह मा मनोरम दृय १४. िबसौल- िवािम मिदर १५.जनकपुर। अतमे फेर जनकपुरमे खतमभऽ जाइत अिछ। भत सभ बारहबीघा मैदान आ धमशाला सभमे ठहरैत छिथ।लघु पिरमा आठ िक.मी. , मय पिरमा 40 कोसक (128 िक.मी.) आ वृहत पिरमा 268 िक.मी. होइतअिछ।१.उतारा थान- मडन िमक कुलदेवी/ गोसाउनी मिहष मिदनी भगवती, मिहमाती। १४म शतादीमे राजािशव िसंहक ये रानी पावती एतए एकटा मिदर बनबेलिह। खडवला राजवंश कालमे सेहो एतएमिदरक रख-रखाव होइत छल आ राजा आिसन नवरामे एतए पूजा आ रहबाक लेल अबैत रहिथ।तारा भत लोकिन दुगपूजाक समयमे एतए खूब माामे अबैत छिथ !२.किपलेर थान- मधुबनीसँ पच िकलोमीटर पिम माधव मिदर आ पुरान िशविलंग, सय दशनक जनककिपल एतए मिदरक थापना करबओलिह। एखुनका मिदर दरभंगा महाराज राघव िसंह ारा २५० वषपिहने बनबाओल गेल। ाचीन कालमे समु िहमालय धिर पसरल छल आ फेर जमीन पसरल। जखनबंगालक खाड़ीक िनकट गंगासागर तीथ लग किपल सगरक ६०००० पु / सैिनकक जरा देलिह तखन ओकिपलेर अएलाह। एखन गंगासागर सेहो समुसँ कनेक हिट कए अिछ।8


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>जानकी नवमी- वैशाख शुल नवमी- मानुषी। रामनवमी- चै शुल नवमी। िवापितक मृयु ितिथ काितकधवल योदशी-देिसल बयना ।िववाह पंचमी- अगहन शुल पंचमी। शतानद पुरिहत-राम सीताक िववाह। मरवापर िमिथला िचकला आपिरचन, गोसाउन गीत आ नैना जोिगन ओिहना जेना जुगल सरकारक िववाहमे भेल रहए, आइयो।िमिथला ाचीन कालमे मैिथलक भूिम िवदेहक नामसँ- जकर राजधानी िमिथला रहए- थापना िमथी (भिवयपुराण) ारा। दोसर नाम िवदेह, िमिथला, तीरभुित, ितरहुत, तपोभूिम, साभवी, सुवणकानन, मँितली।िमिथला माहाय (वृहद िवणु पुराण)- वृहद पिरमा- सपूण िमिथलाक पिरमा एक सालमे। 268 िक.मी.।कौिशकीसँ शु भए िसघेर थान, ओतएसँ िसमिरयाघाट, फेर िहमालयक फुटिहस, फेर कौिशकी होइतिसँघेरथान। मय पिरमा- 40 कोस (128 िक.मी) 5 िदनमे, मुदा आइ-काि 15 िदनमे। फागुनशुल पक पिहल ितिथक (अमावया) िदन शु होइत अिछ आ पूिणमा िदन खतम होइत अिछ। फागुनकपिरमा सभसँ बेशी िस अिछ मुदा पिरमा काितक आ बैशाखमे सेहो कएल जा सकैत अिछ।पािणनी- िमिथला ओ नगरी छी जतए शुक मदन कएल जाइत अिछ। जनक- जन (िवश)सँ युपि। िनमीारा वैजयंती (जनकपुर) आ िमथी ारा िमिथला नगरक थापना।शरभ नकुलक झंडापर रहए, िमिथकल जानवर जकरा दू टा माथ, दू टा पिख, एकटा नमगर पुछी, आिसँह जक 8 टा नह होइत अिछ। जखन भगवन िवणु नरिसंह अवतार लेलिह तखन हुनका स करबाकलेल िशव शरभक पमे जम लेलिह। िमिथला िचकलाक पच रंग- िित, जल, पावक, गगन, समीरकोतक। अंकुश- दू फरक बरछा- पीयर जािहसँ हाथीक िनयंित करैत छी, गणेश जीक अंकुश मूसकिनयंित करैत अिछ।यूनीकोड- 1200 साल पुरान िफगराइन आ 500 साल पुरान पाडुिलिप। संयुतार- कोकक संया जेबंगालीमे निह अिछ वा िबकुल अलग अिछ- कवग (10), खवग (4), गवग (8), घवग (4), ङ वग (4)चवग (6), ज वग (5), झ वग (4) ट वग (3), ठ वग (2), ड वग ( 2), ढ वग (3), ण वग (6), तवग (6) , थ वग (3), द वग (8), ध वग (3), न वग (6) प वग (8), फ वग (2), ब वग (4), भ वग(3), म वग (11) अंत-संयुतार य वग (2), र वग (2), ल वग (4), व वग (4), श वग (9), ष वग(8), स वग (8), ह वग (8) तीन वणक संयुतार- (49) चािर वणक संयुतार (1) िबकारी (1), वंगव-दीघ (2), अंजी एक टाइप अंशुमन पाडे ारा विणत (5) कार आर।9


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>संकृत-अवठक िवापितक नेपाल लिखमाक संग पलायन- घुरलाक बाद अंितम रचना दुग भित तरंिगणीयोितरीर पूव िवापित झूमर, नचारी, महेशवाणी, जोग उिचती, बटगवनी, पिरछिन, कोबर, पराती,बारहमासा, मान, ितरहुत, दृयकूट, िशव, भगवती आ गंगा, िवणु, शित, हर-गौरीक िवषयमे गीत िलखलिन|गजे ठाकुरggajendra@videha.<strong>com</strong>अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।२. ग२.१. उमेश म डल- जगदीश साद म डलक रचना संसार- संि त पिर चय२.२. जगदीश साद म डल-उप यास- बड़की बिह न (आग..)२.३.साा कारी राजदेव म डलक संग10


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२.४. जगदीश साद मडल-राकर डकैत (एककी)२.५. ओम काश- गजलक लेल (समीा)२.६.१. जगदीश साद म डलक िव हिन कथा- जनक हाथे खेती २. िबदेर ठाकुर-िबपितयाक िवदेश [िवहिन कथा]२.७. उमेश म डल- िव देह नाय उ सव- २०१३२.८.ो. हिरमोहन झाक पुयितिथ मनाओल गेल- संवाद-सुिमत आनदउमेश म डलजगदीश साद म डलक रचना संसार- संि त पिर चय11


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>जगदीश साद म डल जीक ज म 05 जुलाई 1947 ई.क मधुबनी िज लाक लखनौर लौकक बेरमा गाममेभेलि ह । सािह य लेखन 2000 ई.क पछाित सँ करए लगलाह। िश ा- एम.ए. (राजनीित शा आ िह दी)।जीिव कोपाजन- कृिष। बेरमा गामक कृिष-कायमे, सामािज क आ दोलनमे बिढ़ -चिढ़ कऽ भाग लऽ अपन एकगोट िव िश ट ओ फराक छिव बनौने छिथ ।जगदीश साद म डलक सािह य िव धाक िव िव ध ेमे योगदान छि ह । िह नक ग एवं पमे कािश ति◌ निक त रचना अिछ -ग सािह य-कथा संह- “गामक िज नगी”, “सतभया पोखिर”, “तरेगन”, “बज ता-बुझ ता”, “उलबा चाउर”,“श भु दास” एवं “अिग नी..., सरोजनी..., सुभ...., भाइक िस नेह.... इ यािद ...”,उप यास- “मौलाइल गाछक फूल”, “उ थान-पतन”, “िज नगीक जीत”, “जीवन-मरण”, “जीवन-सघष” “सधवा-िव धवा” तथा “बड़की बिह न”नाटक- “िम िथ लाक बेटी”, “क ोमाइज” आ “झमेिल या िब आह”एककी- “पंचबटी”प सािह य-किव ता संह- “इ धनुषी अकास”, “राित -िद न” और “सतबेध”गीत संह- “गीतजिल ”, “तीन जेठ एगारहम माघ”, आ “सिर ता”समाजक क याणमे अपन क याण देखब, बूझब आ िव ास करब तथा ओइ पथपर सतत् डेगे-डेग, समएपिर ि थ तक िध यानमे रािख आगू मुह चलब, चलैत रहब जगदीश जीक अपन सविव िद त पिह चान रहल छि ह ।काज (शारीिर क म), भोजन आ आरामक एक सहतपर लऽ कऽ चलब, िह नक जीवनक ि या-कलापकमह वपूण िह सा रहल अिछ । ओना सामािज क आ दोलनक पिर पे यमे कतेको बेर जेल-याा सेहो करएपड़लि ह । िह नकर सािह यमे ा य लोकक िज जीिव षाक वणन आ नव दृि ट कोण दृि ट गोचार होइत अिछ ।िह नक रचना करबाक कला-कौशल मैिथ ली सािह यमे फराक थान रखैए। िह नका िव षयमे यातसािह यकार ी गजे ठाकुर िल खै छिथ -12


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>“जगदीश साद म डल िश पी छिथ , क यक तेना समेिट लैत छिथ जे पाठक िव ि म त रिह जाइत अिछ ।मुदा िह नका ारा क यक (कथा, उप यास, नाटक, िव हिन कथा, ेरक-कथा, किव ता सभमे) उे यपूणबनेबाक आह आ मता िह नका मैिथ ली सािह यमे ओिह थानपर थािप त करैत अिछ , जतएसँ मैिथ लीसािह यक इित हास “जगदीश साद म डलसँ पूव” आ “जगदीश साद म डलसँ” एिह दू ख डमे पािठ तहोएत। समाजक सभ वग िह नकर क यमे भेटैत अिछ आ से अलंकािर क पमे निह वरन् अनायास, जेमैिथ ली सािह य लेल एकटा िह लकोर अएबाक समान अिछ । िह नकर क यमे कतहु अभाव-भाषण निह भेटत,सभ वगक लोकक जीवन शैलीक ित जे आदर आ गौरव ओ अपन क यमे रखैत छिथ से अुत। िह नकरक यमे नोकरी आ पलायनक िव पार पिर क आजीिव काक गौरव मिह मा मंिड त भेटैत अिछ । आ सेभावकारी होइत अिछ िह नकर क य आ कमक ित समान दृि ट कोणक कारणसँ आ से अिछ िह नकर यि त गत आ सामािज क जीवनक े ठताक कारणसँ। जे सोचैत छी, जे करैत छी सहए िल खैत छी- तािहकारणसँ। याी आ धूमकेतु सन उप यासकार आ कुमार पवन आ धूमकेतु सन कथा-िश पीक अछैत मैिथ लीभाषा जनसामा यसँ दूर रहल। मैिथ ली भाषाक आरोह-अवरोह िम िथ लाक बाहरक लोकक सेहो आकिषत करैतरहल अ◌ा ओही भाषाक आरोह-अवरोहमे समाज-सं कृित भाषासँ देखाओल जगदीशजीक सरोकारी सािह यिम िथ लाक सामािज के े टामे निह वरन् आिथक ेमे सेहो ाि त आनत।”[1] “िह नक गामक िज नगीकसभटा कथा उ कृ ट अिछ , िर त थानक पूित करैत अिछ आ मैिथ ली सािह यक पुनजगरणक माणउपल ध करबैत अिछ ।”[2]गामक िज नगी- (लघुकथा संह) काशन वष- 2009, ISBN- 978-81-90772-94-5.ऐ कथा संहमे िम िथ लाक ा य जीवनक मौिल क आ अकृि म छिव अिभ य त भेल अिछ । आजुकसंमणकािल क युगमे िमिथ लाक गाम कोन तरह पर पिर त जीवन पित , आ था एवं िव ासक संग बलिज जीिव षाक बल संघष पथपर आढ़ अिछ तेकर सू म िवलेषण भेल अिछ । मपर िव ास, इमानदारीयास, कम यता एवं चातुयक संबलसँ िव पतापर िव जयक ई गाथा सभ िमिथ लाक जन-जीवनमे या त उ साहओ संघषक मम पश िच तुत करैत अिछ । उैस गोट कथाक ई संकलन अिछ । कथाक शीषके बहुतिक छु प ट करैत अिछ - “भटक लावा”, “ि◌बसढ़”, “पीरारक फड़”, “अनेआ बेटा”, “दूटा पाइ”,“बोि◌नहाि◌रन मरनी”, “हाि◌र-जीत”, “ठेलाबला”, “जीि◌वका”, “ि◌रसाबला”, “चुनवाली”, “डीहक बटबारा”,“भैयारी”, “बहीन”, “घरदेि◌खया”, “पछताबा”, “डाटर हेमत”, “बाबी” एवं “काि◌मनी”।अिग नी..., सरोजनी..., सुभ...., भाइक िस नेह.... इ यािद ... (लघुकथा संह) काशन वष- 2012,ISBN : 978-93-80538-42-6. ऐ संह कथा सभमे नोकिर हाराक संास, नारी िव मश, दिल त िव मश,पिर मी कृषकक उ लास, पाविन -ित हारमे पैसल अ धिव ास, ाम जीवनमे जातीय यवसाय केर मह व, टुटैतस ब ध-ब ध, िम िथ लाक सामािज क आिथक ओ राजनीित क जीवनमे होइत पिर वन, सामािज क आिथक धािमक13


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>शोषण, नागर जीवनक चाक िच य, जीवनक सौहादपूण वातावरणक ित आकषन इ यािद िब दु सभपर अितसू म िव लेषण भेल अिछ । 20 गोट कथाक ई संह अिछ यथा- “दोहरी मािर”, “केना जीब?”, “नवान”,“ितलासंाितक लाइ”, “भाइक ि◌सनेह”, “ेमी”, “बपौती स पित”, “डंका”, “संगी”, “ठकहरबा”,“अतहतह”, “अिग नी”, “ऑपरेशन”, “धमनाथ”, “सरोिज नी”, “सुभा”, “सोनमा काका”, “दोतीिब आह”, “पड़ाइन” और “कतौ नै”।सतभया पोखिर - (लघुकथा संह) काशन वष- 2012, ISBN : 978-93-80538-80-8. ऐ संहकथाक शीषक अिछ - “िब हरन”, “मायराम”, “गोिह क िश कार”, “मातृभूिम”, “भबडाह”, “पिर वारक ित ठा”,“फागु”, “लफक साग”, “ित लकोरक तआ”, “एकोटा ने”, “धोतीक मान”, “साझी”, “सतभया पोखिर”,“ याय चाही”, “पिन याहा दूध”, “कज”, “परदेशी बेटी”, “मान” आ “मनोरथ” कथाक एक अनुपम संहिथ क। ए◌े संहमे उैस गोट कथा संिह त अिछ ।ा, भि त , ब धु व, अ धिव ास, समाजमे मनुखक खरीद-िव ी, गाए-मिहंस, खेत-पथार, समाजक बु◌ुनाबिट परवैिद क भाव, नीक तँ िक एक, अधला तँ िक एक आ केहेन इ यािद िव िभ िव षयपर िल खल कथा-कृित अिछ ।तरेगन- (बाल ेरक िव हिन कथा संह) पिह ल काशन- 2009 आ दोसर- 2012 ई.मे। ISBN : 978-93-80538-25-9.110 गोट बाल ेरक िव हिन कथाक संह िथ क तरेगन। जिह ना मेघमे तरेगन अपन-अपन चमकसँ स पूणआकासक जगमगेने रहैत तिह ना ऐ संहक छोट-छोट कथा स पूण संहक जगमगा देने अिछ । अनेकिव षयक समेटने अिछ ई संह। एकर शीषकिह सँ बहुत िक छु बूझल-परखल जा सकैए- “उथान-पतन”,“ितभा”, “मम”, “अधखड़ुआ”, “समैक बरबादी”, “पिहने तप तखन ढिलह”, “खलीफा उमरक िस नेह”,“जखने जागी तखने परात”, “अितवक समाित”, “खजाना”, “उघारा”, “जाित नै पािन”, “ऊँच-नीच”,“पागलखाना” इ यािद-इ यािद ।बज ता-बुझ ता- (िव हिन कथा संह) ISBN : 978-93-80538-89-1. काशन- 2012 ई.मे। 67 गोटिव हिन कथाक ई संह िथ क। अहू संहक कथा सभ अनेकानेक िव षय-िब बपर िल खल अिछ । जइमे नारीिव मश, दिल त िव मश, सा दािय क सौहाद, मिह ला सश तीकरण, कृित वणन इ यािद िव षय-व तु सहजाकसंग पािय त भेल अिछ । 67 गोट मह वपूण िव हिन कथाक ई संह अिछ । एक नजिर िक छु शीषकपर देलजाए- “बुधनी दादी”, “अकास दीप”, “िख लतोड़”, “मुँह-कान”, “अनिद ना”, “अपन काज”, “पुरनी भौजी”,“छूिट गेल”, “अ पन हािर”, “कनफुसकी”, “मुँहक बात मुँहेमे”, “गित-गुा”, “िब सवास”, “कचहिर या-14


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>भाय”, “गुहािर”, “पनचैती”, “कचोट”, “अजाित”, “चौकीदारी”, “मुसाइ पंिड त”, “भरमे-सरम”, “देखलिद न”, “पहाड़क बेथा”, “उमकी”, “बज ता-बुझ ता”, “चमरोग”, “शंका”, “ओसार”, “रमैत जोगी बहैतपािन”, “कोसिल या”, “हूिस गेल”, “पोखला कटहर”, “सरही सौबजा”, “तेरहो करम”, “डुमैत ि◌ जनगी”,“चोर-िस पाही”, “दूधबला”, “समदाही”, “बुिढ़ या दादी” इ यािद ।उलबा चाउर- (लघुकथा संह) ISBN : 978-93-80538-95-6.सामंती सं कार, स य समाज, शुतावादी सोच, गित शील चेतना, िव लु त होइत िम िथ लाक यंजन, हहरैतवैिद क पर परा, श दजाल, सुतकक वैिश टय, पूजीवादी होरमे भँिस आइत लोक इ यािद अनेक िव षय-व तु ऐसंहक कथा सभमे सहजता पूवक देखल गेल अिछ । िक छु मह वपूण शीषकपर दृि ट पात कएल जाए-“सूिद भरना”, “ज मित िथ”, “इमानदार घूसखोर”, “पिट याबला”, “सनेस”, “उलबा चाउर”, “कलंक”,बलजोर”, “दो ती नै धारैए” इ यािद ।शंभुदास- (दीघ कथा संह) ISBN : 978-93-80538-74-7. पिह ल काशन- 2012 ई.मे।तीन गोट दीघकथाक संह अिछ । “शंभुदास”, “मइटुगर” एवं “फसी” शीषक अिछ ।शंभुदास- कथाक िव षय-व तु बड़ यापक अिछ । िम िथ लाक गाम-गाममे पसरल कला-ेमीक, कलाकारकिख सा ऐ कथा म य कहल गेल अिछ ।मइटु गर- मइटु गर अथत ज मिह काल धीरज आ घुरनीक जौआँ ब चाक माए मिर जाइ छिथ न। िप तातपेसर आ दादी संग पलिन क बदौलित ब चाक पालन-पोसन होइ छैक। मश: दुनू ब चाक जीवन-लीलाकार भ होइत छै आ कथा सेहो आगू बढ़ैत अिछ ।फसी- संह तेसर दीघकथा छी। मनुखमे अपराध वृि केना पनपैत अिछ आ तकर ाय: छोट-छोट अनेककारकक छोट-छोट त तुपर िव चार करैत बहुत दूर धिर कथा-याा होइत अिछ ।मौलाइल गाछक फूल- (उप यास) ISBN : 978-93-80538-02-0. काशन- 2009 ई.मे।15


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>लेखकक ई पिह ल उप यास िछ यि ह । आदशवादी िव चारधारासँ ओतोत ऐ उप यासमे िह नक उदा सामािज किच तनक ेपण भेल अिछ । उप यासक केि य पा रमाका तक ई अवधारणा छि ह जे संसारक सभमनु खक जीबाक अिध कार छै। सभक सभसँ िस नेह हेबाक चािह ऐक।िस नेह, ित याग, संघष, कृित क िव पदा, खेत-पथार, पोखिर -झाखिर इ यािद क संग िम िथ लाक िव िभ पहलूपरनजिर दैत मासक सेहो बहुत अुत िच ण भेल अिछ । ैतवाद, धम, स दाय, अ या म इ यािद िव षयकिच तन अित सू मताक संग ऐ उप यासमे ठाम-ठाम सरल-भाषा आ ह लुक िब बमे पिर णित कएल गेल अिछ ।उ थान-पतन- (उप यास) ISBN : 978-93-80538-11-2. काशन- 2009 ई.मे।ी राजदेव म डल ऐ उप यासक आमुखकार छिथ । ओ िल खै छिथ - “गामक जड़ता, रीित -िर वाज, पाविन -ित हार, मूखता, िव ता, अिड़ जाइबला भाव आ सहज वभाव आिद सहज पमे ऐ उप यासमे आएल अिछ ।कथाव तुमे िब ि छ होइत गाम-घर आ टुटैत पिर वार, सबहक सम याक मािमक ढंगसँ अिभ यि त कएल गेलअिछ । उप यासक ार भ होइत अिछ - ‘गामे-गाम, कतौ अ टयाम-कीतन तँ कतौ नवाह, कतौ च डी य तँकतौ सह च डी य होइत। जइठाम एगारहटा ह एकि त भऽ गेल अिछ । तइठाम तँ अनुमानो कमेहएत। परोपा भगवानक नामसँ गदिम सान होइत। जाधिर लोक कीतन मंडलीक संग मंडपमे कीतन करैतताधिर घरक सभ सुिध -बुिध िब सिर म त भऽ रहैत। मुदा घरपर अिब तिह ... ब चाक बाइस-बेरहट लेलठुनकब सुिन यथाक दबैत सभ आँिख र नोर होइत बहबैत।’ सामािज क उ थान करऽ बला बेकतीक गामकएिह पर परा आ धािमक आड बरसँ संघष करऽ पड़ैत अिछ । लेखक अपना पाक ारा अंधिव ासक तोिड़पिर वन अनबाक यास कएने छिथ ।”[3]ऐ उप यासक भाषा गाम-घरक बोल-चालक भाषा अिछ । साधारण जनक बोली आ नूतन श दक योग ऐउप यासमे चुरताक संग देखल जा सकैत अिछ ।िज नगीक जीत- (उप यास) ISBN : 978-93-80538-10-5. काशन- 2009 ई.मे।अदौसँ िम िथ ला मजीवी, ित यागी महापुषक राज रहल अिछ । यि त क िव कास समाजक मौिल क काजकेणीमे अबैत अिछ । एकर िच ण लेल उप यासकार देवन नामक पाक अवतारणा करैत अिछ । सोन तँकान नै..., बला संकटपर सजग ि◌ मिथ लानी सुिम ाक बेवहार आ िव चार सहजताक संग सहज बनबैत अिछ ।जेकर िच ण अ य त रोचक आ मािमक ढंगे तुत कएल गेल अिछ , जे उप यासमे पठनीयताक तर बढ़बैतअिछ । सुिम ा आ हुनक पु ब चे लाल जे िश क छिथ ित नका संग अ छेलाल जे बोिन हार रहै छिथ , दुनू16


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>पिर वारक स ब ध ऐ तरह थािप त होइए जेकर एकटा नव आधार-आिथक आधार-क पिर क पना सुिम ा ाराकएल गेल। तकर सफलता उप यासकार ऐ तरह देखौलिन जे आजुक िव चारणीय िब दु अिछ ।जीवन-मरण- (उप यास) ISBN : 978-93-80538-26-6. पिह ल काशन- 2009 आ ि तीय- 2012ई.मे।िच ड़ै सदृश जीवन-पित संयु त पिरवारक मह वक तहस-नहस कऽ देने अिछ । उप यासक पा डॉ.देवन दन जे िम िथ लासँ बाहर रहै छिथ , माए-िप ताजीक सेहो ओतिह रखने छिथ । िप ता-रघुनंदनक मृ यु भऽजाइ छि ह । मेिड कलमे पढ़ैत दुनू पु सलाह दइ छि ह ओही शवदाह गृहमे दाह-सं कार होि ह । गाम जेबाककोनो योजन नै! मुदा डा टर देवनंदन कहै छिथ न-“बचा, सभ जीव-जंतुक अपन-अपन िजनगी होइत अिछ। जे जइ िजनगीमे जीबैत अिछ ओकरा लेल वएहिजनगी आनददायक होइत अिछ....।”[4]िपताक बात सुिन दयानद पुछलिखन-“ई तँ बड़ आयक बात कहै छी, बाबू?”दयानदक िजासा देिख देवनदन कहलिखन-“कोनो आय नै। गामक दोसर नाओं समाजो िछऐ। जे शहर-बजारमे नै अिछ। समाजमे बंधन अिछ जइअनुकूल लोक चलैत अिछ जेकरा सामािजक बंधन कहल जाइत छै। ए◌े बंधनक भीतर धमक काज िछपलअिछ जेकरा सभ िमिल िनमाहैत अिछ। मुदा शहरमे से नै छै। कानून-कायदाक िहसाबसँ चलैत अिछ जइमेदया-ेम नै अिछ। ितिदन बुढ़ाक दस गोटेक िजनगीक बात सुनब आ दस िमनट बजैक जे अयास लिगगेल छिह से ए◌ेठाम केना हेतिन। सभ अपने पाछू बेहाल रहैए। के केकर सुख-दुख, जीवन-मरण सुनत।भिर पेट नीक अे-तीमन खुऔने लोकक मन अि थ र थोड़े रिह सकैए। जाधिर आमाक संतुि ट नैहेतैक?”[5]अही तरह उप यासक आर भ होइत अिछ । ऐ उप यासक केि य पा रघुनंदन छिथ । िज नकर कथा- यथाआिद क शुआत हुनक मृ यु िद नसँ शु होइत अिछ ।जीवन-संघष- (उप यास) ISBN : 978-93-80538-27-3. पिह ल काशन- 2009 ई. आ दोसर 2012ई.मे।17


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ऐ उप यासमे ामीण समाजक एक-एक त तुक दृि ट पात करैत िव कासक बाधक ओझरीक सोझरेबाक सफलयास भेल अिछ । सामािज कताक कमजोर करबाक जे कोनो कारक अिछ तकर िच ण करैत यथोिच त नवबाट देखेबाक सफल य उप यासकार केलि ह अिछ ।“सभ गाममे दस-बीसटा लु चा-ल पट रिह ते अिछ । जे सिद काल ि◌ कछु ने ि◌ कछु उकठ समाजमे किर ते रहैतअिछ ताड़ी-दा पीब अनेरे ककरो गिर यबैत रहैत अिछ। माए-बिह नक देिख पीहकारी भरैत रहैत अिछ ।झुठ-फुस ि◌ सखा लकठी लगबैत रहैत अिछ ओहन-ओहन वृि केिन हारक वृि क रोकब समाजक दािय व बिनजाइत अिछ हमहूँ सएह ने केलॱ जँ दुग-पूजामे रामेरम् नै गेल रिह तॱ तँ एहेन घटना थोड़े गाममेहोइत...।”[6]“...बैसारेमे ि◌ कछु चक-चुक भऽ गेलै। समाजोक ध यवाद दी जे गलत काजक ि◌ वरोधमे एकजुट भऽ ठाढ़भेल। मुदा गलित यो केिन हार तँ बेव थेक फूल-फड़ छी, तँए ओहो कमजोर निह ये अिछ ।”[7]ो. दयान दक बात सुि◌न ो. कमलनाथ कहलिख न-“देिख यौ, कोनो थानपर पहुँचैले र तो अनेक आ सबािर यो अनेक तरहक होइ छै मुदा चलिन हार जँ यएहसोचैत रिह जाए जे ई नीक ि◌ क ओ, तहन ओ पहुँिच केना सकैत अिछ अपना इलाकाक दुभ य रहल अिछजे ि◌वचारक ेमे पैघ-पैघ िव चार कऽ लइ छी मुदा कमक बेर मे िश िथ ल भऽ जाइ छी। कोनो ि◌वचार ताधिरमह वक नै बनैत जाधिर कमपमे नै अ◌ाओत...।”[8]िव कासवादी ि यामे गित शील चेतनाक जोिड़ ओइमे नव गित आिन िम िथ लाक सुदूर गाम िस सौनी आबँसपुराक जनजीवनक अ यंत मािमक िच तुत भेल अिछ । मिह ला संग होइत अ यायक िच ण, बािढ़ -रौदीसँ त जन-जीवन, धमिभ लोकक कारनामा, ाकृित क िव पदा, इ यािद अनेक िव षयक दृ यावलोकनकरैत उप यासकार सु दर िच ण कलि ह अिछ ।सधबा-िव धबा- (उप यास) ISBN : 978-93-80538-92-8.नव युग नारीक नव-नव स दभक संधान केलक अिछ । आधुिन क चकाचॱधसँ अपिर िच त मिह ला, गरीबीकजालमे फँसल मिह ला, पलायनसँ टुटैत स ब धक सु भेल कोठरीमे औनाइत मिह ला, िव धवा आ सधवा नारीकसम या इ यािद -इ यािद कारक नारीक बुिन यादी सम या सबहक िच ण कएल गेल अिछ । सरोजनी-मैय आि म णीक िक छु कथोप-कथनपर नजिर देल जाए-“क् िम णी, मनमे उिठ गेल छल जे पइतीसे बखक अव थामे िव धवा भेल रही आ अहँ◌ूक देखै छी जे अहीउमेरमे पित सँ स ब ध िव छेद भेल।”18


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>मैयक बात सुिन ते ि म णी चमिक कऽ चमचमेली-“मैय, िह नकर अखन कते उमेर छि ह ?”“सिर म छी।”“पिर वारमे के सभ छि ह ?”“िक यो ने। असकरे।”मैयक असकर सुिन ि म णीक मनमे ठहकल अपनो िज नगी तँ भिर सक तिह ना अिछ । बाजिल - “असकरलेल लोक घर-दुआर बना िक अए रहत, ओ पिर वार केना भेल?”[9]बड़की बिह न- (उप यास) ISBN : 978-93-80538-93-5.मनोिव ानक घात-पिर घात और अ तिवरोधमे कुहाइत-िप साइत नारीक अ य त संवेदनशीलताक वणन ऐउप यासक म य भेल अिछ । नारीक ओहन-ओहन सम या जे ाय: िच ि ह त नै भेल अिछ । तकर सबहकिच ण ऐ उप यासमे देखल जा रहल अिछ । बसमित या दीदी आ सुलोचना बिह न जे दुनू एक उमेिर ये छिथ ।बसमित या दीदीक देिख ते सुलोचना बिह न पुछै छिथ न-“साले भिर मे एते लटैक गेल?”दुनूक िज नगी ब चेसँ एकठाम बीतने बजैमे कोनो कमी रहबे ने करए। िन धोक भऽ बसमित या दीदी बजली-“तूँ ने भाए-भाित जक कमेलहा खा कऽ गड़ा बिन गेल, हमरा के देत?”सुलोचना- “िक अए भगवान तोरा थोड़े बेपाट छथुन जे नै देिन हार छौ?”बसमित या- “हँ से तँ अिछ ये, मुदा जएह कमाएत तेहीमे ने देत। अ छा, कह जे टुटलाहा लग क जी ने तँरहलॱ। नीक जक हडी जूिट गेलॱ िक ने?”“हँ। आब तँ बा टीनो उठबै छी, पोतोक कोरो-कखमे लऽ कऽ खेलबै िछ ऐ। अपने गािड़ यो छी, आब गामेमेरहब।”“ऐ उमेरमे असकरे रिह हेतौ?”[10]19


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>इ धनुषी अकास- (किव ता संह) ISBN : 978-93-80538-46-4. काशन 2012 ई.।लोक िम िथ लासँ बाहर पलायन करैत छिथ तँ मडलजीक कचोट होइत छिह। मुदा जखन लोक िम िथ लासँसाफे िर ता-नाता समात कऽ आनठाम बैिस जाइ छिथ तँ मडल जीक हृदए जेना भोकािर पािड़ -पािड़ कानएलगैत छिह। ऐ बातक सहज अनुभूित उिड़ आएल िच ड़ैमे पिर लि त होइत अिछ :“उिड़ आएल िच ड़ैक ठेकाने कोनउिड़ कतऽ जा बास करत।भिर पोख घोघ भरतै जतऽिद न-राित जा रास करत।ओहन िच ड़ैक आशे कोनजे िब सिर जाएत डीहो-डावर।”[11]“देखू! देस परदेस कतौ जाऊ मुदा अपन मािट आ अपन संकृित सँ अपनाक िब मुख नै क। शायद यएहबात िथ क ऐ किव ताक मूल। अगर आँिख मूिन पलायन करैत रहब आ अवसर एवं सफलता मा पेबाककारणे अपन डीह-डावर सदाक लेल यािग लेब तँ भला अह केहेन मनुख! अहक केहेन संकार? छोटकिव ताक मायमसँ कतेक पैघ आ ममक बात बजैत अिछ जगदीश साद मडल केर किव मोन!समाजशाक push आ pull factor अतए वत: आिब जाइत अिछ।एक आर किव ता- “चल रे जीवन” अहक रोिक लेत। किव ता पढ़ु, ओकर शदक युमक देखू आ किव ताकसंग अपने-अ◌ापक गित मान बना लीअ। ने किव ता कत आ ने अह। किवता पढ़ैत जाऊ कपना संसारकदुिनयामे घुमैत जाऊ। अलंकारसँ मतिभ ता भऽ सकैत अिछ मुदा किवताक वाहमे तँ वािहत भइये टाजाएब। वाह रे वाह! एहेन आसाधारन सबध किव ता आ पाठकक बीच! जीवन गित शील िथ क। ई बातअनेको किव अनेको भाषा आ कालमे अपना-अपना ढंगसँ किव ताक मायमे कहने छिथ । मुदा अही बातकसवहाराक शदावलीसँ कहब। कहब की चलैत पिह यापर एना बैसाएब िक पाठकक जोश आिब जाइक। ईकला म डल जीमे छिह । किव ताक िक छु अंश देखू :‘िक छु दैतो चल िक छु लैतो चलिक छु किह तो चल िक छु सुिन तो चलिक छु समेटतो चल िक छु बिट तो चल20


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िक छु रिख तो चल िक छु फेिक तो चलिब चो-बीच तँ◌ू चिल ते चल।चल रे जीवन चिल ते चल।समए संग चलऋृतु संग चलगित संग चलमित संग चल।गित -मित संग चिल ते चल।चल रे जीवन चिल ते चल।”[12]“हँ, किव केवल गित मान होमाक ेरणा टा नै दैत छिथ । ओ कहैत छिथ जे जोश संगे होशमे रहू : गितसंग चल/ मित संग चल/ गित -मित संग चिल ते चल।अही तरह जाल आ गालक उपमा लऽ किव लोकक अगाह करै छिथ : जिह ना जाल सभ तरहक मछकपकड़ैत अिछ , परतु अगर मलाह जालक ठीकसँ नै ओछेलक आ काबूमे नै केलक तँ जाल फािट जाइतछैक, मछ भािग यो जाइत छैक। तिह ना मनुयक अपन बोलीपर संयम करक चाही-शदजाल छी महाजालजइमे समटल महाकालदेखैमे जिह ना िव करालतिह ना अिछ यो महाकाल।सभ िक छु भेटत आँिख येमेसभ लटकल अिछ जालेमे21


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>सभ िक छु छै गालेमे...।”[13]जाल किवता छायावाद आ याथाथवादक बीचक किवता अिछ। जालक अनेक यं तथा जालसँ मछ मारबाकियाक मूल मािन एक देसी किवताक िवयास करबाक अनुपम मता किव मे छि ह ।राित -िद न- (किव ता संह) ISBN : 978-93-80538-73-0. पिह ल काशन 2012 ई.मे।मैिथ लीक नव किव ताक िन र तर िव कासमे ी जगदीश साद म डल पूण िन ठा आ त लीनताक संग ऐिव कास कममे संल न छिथ । दोसर किव ता संह ‘राित -िद न’ िथ क। ऐ पोथीमे 52 गोट किव ता संकिल तअिछ ।किव ता भाव, बुिध क पना आर शैलीक समि व त पिर णाम थीक।ऐ गुण आिद सँ अलंकृत मानस सृजनक ग भीर, सचेत ि यासँ संचािल त भऽ सकैत अिछ । तइ कारणे किवअ यिध क सवदनशील होइत अिछ । हरेक कालाविध मे मनुखक अ तस मनमे अभी सा पािल त-पोिष त होइत रहैछै आ ओइपर जखन तुषारापात होइ छै तँ जन मानस आ तिर क वेदनासँ भिर जाइत छै। मोह भंग भऽजाइत छै। यि त क अ तसँ उपजै छै। िव ोह, कं◌ुठा, आोश, संास, ु धता, आ म राक सबालािद ।अही सबहक अिभ यि त मैिथ लीक नव किव ता थीक।म डलजी सन सवदनशील किव जे ऐ यथाथक भोगने छिथ से केना चु प रिह सकैत छिथ । हुनका लेखनीसँतँ संघषक वर िन कलबे करतैक।“िज नगीक होइत संघष।सीमा बीच जखन अबैतमचबए लगैत दुर-घष...।”[14]मनुखक रीत-नीत आ बेवहारमे कतेक पिर वन भऽ गेलैक अिछ । बदलैत जुग-जमानापर िह नकर कहब छि ह -“जुग बदलल जमाना बदललबदिल गेल सभ रीित -बेवहार।चािल -ढािल सेहो बदिल गेल22


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>बदिल गेल सभ आचार-िव चार...”[15]अंेजी भाषापर श दक हार करैत कहैत छिथ -“अंेजी पिढ़ अंेिज या बिन -बिनप पा-ममी आनत घर।बाप-दादाक िक भेद ओ बुझतअिड़ -अिड़ बाजत िन डर।”[16]सतबेध- (किव ता संह) ISBN : 978-93-80538-94-2. पिह ल सं करण- 2012 ई.मे।म डलजीक अनेक किव ता संह म य सतबेध किव ता संह सेहो एक अनुपम का य संह अिछ । मनु खकई वभाव रहलैक अिछ जे नीकक िज मा लेइमे तैयार रहत मुदा अधलाक भार से चाहे ओकरे केलहािक एक ने होउ, ओइसँ कात भऽ जाएब पस द करैत अिछ । ऐ पिर पे यमे किव कहैत छिथ न-“अपने हाथक खेल मीत यौअपने हाथ खेल।संगे-संग दुनू चलैए।इजोत-अ हार बनैत रहैए।हँिस -हँिस कािन -कािनपटका-पटकी करैत रहैए।”[17]मनु खक िज नगीमे या त जे कोनो नीक-बेजाए होइछ तकर िज मा किव वयं मानवपर केि द त करैतछिथ ह। आगू ईहो कहैत छिथ न जे-23


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>“के केकर िह त के केकर मुैिद न-राित देखैत रहै छी।गरदिन पकिड़ जे कानए कलपएपकिड़ गरदिन तोड़ैत देखै छी...।”[18]यथाथवादी िच णमे ओ कतेक सजग इमानदार छिथ तेकर उदाहरण प टत: करैत कहै छिथ -“िह त बिन िम िल संग चलैएमुै बिन -बिन लड़ैत रहैए।सोझमित या चािल पकिड़ -पकिड़झखुर-बोन ओझराइत रहैए...।”[19]गीतजिल - (गीत संह) ISBN : 978-93-80538-72-3, पिह ल सं करण- 2012 ई.।51 गोट गीतक संचयन िथ क गीतजिल । गीतजिल क एक-एक गोट गीतमे भेल श दक योगसँ सहजिहबुझाइत अिछ जे एक गोट िव िश ठ श द-साधक पमे ी म डलजी थािप त भेल छिथ । िव षय-िब ब तँ बेसस हिर कऽ अि त यार करै छिथ जेना-“डगडगाएल हाल पािब उ सरफूल उ सर िस रजैत रहै छै।घूिर तािक नै भरमए भौरािद वा रसराज कहबैत रहै छै।हाल-बेहाल देिख राग-रागिन ककुशल फूल........।”[20]24


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>तीन जेठ एगारहम माघ- (गीत संह) ISBN : 978-93-80538-88-4, पिह ल सं करण- 2012 ई.मे।74 गोट गीत-का यक समायोजन “तीन जेठ एगारहम माघ” पोथीमे केने छिथ । ऐ पोथीक समपणक देखलजाए-“िम िथ लाक वृ दावनसँ लऽ कऽ बालुक ढेरपर बैसलफुलवाड़ी लगौिन हारक एवं नव िव हान अनिन हारक समिपत।”[21]समपणक भावसँ सेहो बहुत िक छु प ट सहजे भऽ जाइत अिछ । ाकृित वणनमे िह नक नव तीक एवं िब ब ट य अिछ -“थल-कमल जक किह योगाढ़-लाल-उ जर बनै छै।तिह ना फूल-फल कोिढ़ जकझिर-झिर कोनो फलो बनै छै ।गाछक रंग बदिल रहल छैमौसम संग...। ”“...िब नु तनने घोकिच -मोकिच जॱजाड़ माघ अबैत रहै छै।चैतक चेत चेतौनी ओिह नािस र जेठ धड़ैत रहै छै।दीनक िद न केना...।”[22]सिर ता- (गीत संह) ISBN : 978-93-80538-94-9. पिह ल सं करण- 2013 ई.।25


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ऐ पोथीमे 51 गोट गीत संकिल त अिछ । संकिल त गीतमे “आजादी”, “समाज”, “अिब ते अगहन”,“मोनेमन”, “अिब ते आंगन”, “चालिन-सूप” इ यािद गीतमे ी जगदीश साद म डलक रचना-वैिव य सहज ट य होइत अिछ । आजािद क गरमाहिट , सामािज क िव ुपता, कृित सौ दय, मानवीय मनोिव ानक संग-संगमानवीय ासदीक प-वैिव य ऐ संहक िव िश टता अिछ । अगहनक सुषमा ट य अिछ -“अिब ते अगहन ओस ओसा धड़ धरती धड़ए लगै छै।चर-चचर आँचर पकिड़ उजािह िस ली चरए लगै छै।”[23]िम िथ लाक बेटी- (नाटक) ISBN : 978-93-80538-03-7 पिह ल सं करण- 2009 ई.मे।“िम िथ लाक बेटी नाक ‘कम धान िव व किर राखा’ िस ा तक आधारपर िल खल गेल अिछ । एकटा कमठआ इमानदार यि त क समाजमे की-की सहय पड़ैत अिछ , ओइ पिर पे यक मािमक िच ण कएल गेल अिछ ।कथाक मूलमे कमनाथक िव आह ममे आएल एकटा गरीब (चमेलीक िप ता) यि त क मनोदशाक तुित नीकअिछ । ओ यि त गरीब छिथ मुदा ‘चावक दशन’क पालक। ‘पेटमे खढ़ नै िस◌ ंहमे तेल’ जेबीमे कचा नै मुदानअ हाक बटुआ जइ मे भोगक व तु छिल या सुपारी पान आ तमाकू। हमरा सबहक गाममे ए◌े ना होइत अिछ ,भोजन नै मुदा, पान अव य। पग-पग पोखिर माछ मखान... मधुर बोल मु की मुख पान... नेना पढ़लक, नैपता, किन याक प य भेटल नै जनै छी, बेटीक लेल दूध अिछ ... नै । मुदा! पान अित आव यक, हाथी मिरगेल, िस िर लऽ कऽ बौआ रहल छी। कमनाथक अपन पी चमेलीक संग वातलापमे ‘खर ककाकतरंग’क दशन होइत अिछ । गाममे चिल त लोकोि त क हा य मुदा, स य तुित ।”“रामिव लास जीवनक अंित म पड़ावमे माधुरीसँ माने अपन पीसँ अपन जीवन-यााक या यान करैत छिथ ,आ चयमे पिड़ गेलहुँ। िज नका संग चालीस बखक याा कएलिन ओ िह नक जीवन दशन नै जनैत छलीह।हमरा सबहक समाजमे ए◌े कारक घटना होइते अिछ । गरीव नेनपनक बाद सोझे ोढ़ भऽ जाइत छिथ । जेकमवादी छिथ हुनक अंित म अव था सुखमय नै तँ......। अपन कमक नावक कलकामे मजगूत कऽ सोझेगाम आिब जाइत छिथ । मातृभूिम क ित िस नेह, गामेमे गैरेज खोलवाक योजना अिछ । चौघारा घर बनाएव,दलान अव य रहत, िक एक तँ दलान समाजक मयदा िथ क गामक जीवन शहरसँ सुखमयी अिछ । ए◌े पोथीमेपलायनवादक िव रोध कएल गेल अिछ ।”[24]क ोमाइज- (नाटक) ISBN : 978-93-80538-44-0 पिह ल सं करण- 2012 ई.मे।अंक िव िह न 13 दृ यमे िव भ त ई नाटक अिछ । ऐ नाटकमे बेस स हिर कऽ नाय-कथाक समायोजनकेलि ह अिछ । पलायनसँ भेल िम िथ लचलक कृिष -कायक म य बाधापर नव चेतनाक संग नव बाट अि त यार26


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>केलि ह अिछ । ऐ नाटकक पा छिथ नसीवलाल- िक सानक अगुआ, सुकदेव, मनचन, सोमन आ रामप-बटेदार, कमदेव- बी.ए. पास युवक, ो. कृ णदेव, ि◌ दनेश- मैि कक छा, िश वशंकर- बोिर◌ ंग-दमकल एजट,घन याम- बक मैनेजर, बहादुर- नौकर, मनमोहन- इंजीिन यर, संतोष- एीक चर ेजुएट, डा◌ॅ. रघुनाथ- सेवािन वृत डा◌ॅ टर। नारी पा- अनुराधा- डा◌ॅ. रघुनाथक पी, सुधा- कृ णदेवक बेटी, शा ती- पंचायत मुिख या,आभा- िश ि का एवं सोिन या- सुकदेवक पी।झमेिल या िब आह- (नाटक) ISBN : 978-93-80538-45-7, पिह ल सं करण- 2012 ई.।झमेिलया िब आह’क झमेला िजनगीक वाभािवक रंग पिरवतनसँ उूत अिछ, तँए जीवनक सामा य गितिविधकिचण चिल रहल अिछ कथाक िबना नीरस बनेने। नाटकक कथा िवकास िबना कोनो िबहािड़ क आगू बढ़ैतअिछ, मुदा लेखकीय कौशल सामा य कथोपकथनक िविश ट बनबैत अिछ।“नाटकक सातम दृ य सभसँ नमहर अिछ, मुदा िब आह पूव वर आ क यागतक झीका-तीरी आ घटकभायारा बिरयाती गमनक िविभ न रसगर संगसँ नाटक बोिझल नै होइत छैक। आ घटक भायपर िध यान देबै,पूरा नाटकमे सभसँ बेशी मुहावरा, लोकोित, कहबैकाक योग वएह करैत छिथन। मा सातमे दृ यक देखलजाए-“खरमास (बैसाख जेठ) मे आिग-छाइक डर रहै छै।” (अनुभव के बहाने बात मनेनइ).....।”“पुष नारीक संयोगसँ सृिक िनमण होइए।” (िसतक तरे िध यान मूलिब◌ ंदुसँ हटेनइ)......।“आगूक िवचार बढ़बैसँ पिहने एक बेर चाह-पान भऽ जाए।” (भोगी आ लालुप समाजक ितिनिध)......।“जइ काजमे हाथ दइ छी ओइ काजक कइये कऽ छोड़ै छी।” (गवित).......“िजनगीमे पिहल बेर एहेन फेरा लागल।” (कथा कहबासँ पिहले िध यान आकिषत करबाक सफल यास)....।“खाइ पीबैक बेरो भऽ गेल आ देहो हाथ अकिड़ गेल......”[25]पंचवटी- (एककी संचयन) ISBN : 978-93-80538-41-9 पिह ल सं करण- 2012 ई.मे।पचटा एककी संह िथ क। संभवत: तँए पंचवटी नाओं राखल गेल अिछ । सतमाए, क याणी, समझौता,तामक तमघैल आ िब रगना नामक एककीक संचयन अिछ ।27


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>सतमाए श दसँ सामा य जनमे जइ भावनाक रेखकन होइत अिछ तइसँ िभ ओकर िव शेषतापर दृि ट पात“सतमाए” एककीमे कएल गेल अिछ ।“तामक तमघैल” ाचीन एवं नवीन नारी जीवनक द तावेज अिछ । पित क मृ युक पात अपन एवं स तानकजीवन हेतु संघषरत पी तथा मैिथ ल समाजमे िव धवा एवं सासु-पुतोहुक बीचक खािध अ◌ािद क मम पश िच ऐ एककीमे िच ि त अिछ । पंचवटी वा तवमे मैिथ ली एककी िव धाक अिव मरणीय संह अिछ ।संि त पिर चयक ममे हमरा लोकिन िह नक अखन तकक सृिज त-कािश त सािह यपर दृि ट पातकएल। लि त भेल जे ी म डल जीक अखन तकक ग-एवं-प सािह यक ीवृि मे अहम या◌ेगदानछि ह । ग सािह यमे, लगभग सात दजन लघुकथा, लगभग प ह दजन िव हिन कथा तीन गोट दीघ कथा,सात गोट उप यास, तीनटा नाटक तथा पचटा एककी अखन तक काशमे अिछ ।तिह ना प सािह यमे सेहो बेस योगदान छि ह । “इ धनुषी अकास”, “राित-िद न”, “सतबेध”, “गीतजिल”,“तीन जेठ एगारहम माघ” तथा “सिर ता” नामक प संहमे 31 दजन किव ता तथा गीत संिह त अिछ ।एकर अित िर त उ कृ ट िव षय जेना “अवतारवाद”, “सं कार गीत”, “उप यास सािह यमे गामीण िच ण”पर कएक गोट िन बंध सेहो कािश त छि ह । ी म डल जीक धारणा छि ह जे जाबे धिर मनु ख सुपतकमाइ कमा अपन जीवन ि◌ नधिर त नै करता ताबे धिर हवा-िवहािड़ मे भँसबे करता जइसँ िज नगी पूणतासँहिट ते रहतैक। तँए अपन िज नगीक अपना हाथमे लऽ कऽ जे जीवन-याा करता वएह िज नगीक सही रसपीब िव हारी बिन कु ज िव हार करता। “िव देह थम पाि क मैिथ ली ई-पि का (www.videha.co.in)” परिह नक सभ रचना ी गजे ठाकुर जीक बाएबे होइत रहल अिछ , तही आशाक संग हम सभ आशाि व त छीजे अही गित सँ ी जगदीश साद म डल, जे हमरा सबहक बीच जा व यमान नक पमे छिथ , आगूओअिह ना रचनारत् रहता तथा ुित काशन, नई िद ली, अिह ना िह नक रचना सभक सोझा अनैत रहए।स पक-ाम-पो ट- ि◌ नमली, वाड- नं. 06िज ला- सुपौलमोवाइल- 853904366828


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>[1] मौलाइल गाछक फूल उप यासक पिछ ला कवर पृ ठ- अित म[2] गामक िज नगी कथा संहक पिछ ला कवर पृ ठ- अित म[3] उ थान-पतन उप यासक आमुख, पृ ठ- 5[4] जीवन-मरण उप यास, पृ ठ- 7[5] जीवन-मरण (उप यास), पृ ठ- 07[6] जीवन-संघष उप यास, पृ ठ- 48[7] जीवन-संघष उप यास, पृ ठ- 48[8] जीवन-संघष उप यास, पृ ठ- 48[9] सधबा-िव धबा, उप यास, पृ ठ- 05[10] बड़की बिह न- उप यास, पृ ठ-05[11] इ धनुषी अकास (किव ता संह), पृ ठ- 30[12] इ धनुषी अकास (किव ता संह) आमुख डॉ. कैलाश कुमार िम , पेज- 07[13] इ धनुषी अकास (किव ता संह) आमुख डॉ. कैलाश कुमार िम , पेज- 08[14] राित -ि◌दन (किव ता संह), “किव ता-संघष”, पृ ठ-11[15] राित -ि◌दन (किव ता संह), “जुग बदलल जमाना बदलल”, पृ ठ-12[16] राित -ि◌दन (किव ता संह, किव ता- “घरक लोिट या बुड़ले अिछ”, पृ ठ-13[17] सतबेध किव ता संह, “अपने हाथक खेल मीत यौ”, किव तासँ, पृ ठ- 13[18] सतबेध किव ता संह, “िक छु ने बूझै छी” किव तासँ, पृ ठ- 7[19] सतबेध किव ता संह, “िक छु ने बूझै छी” किव तासँ, पृ ठ- 829


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>[20] गीतजिल गीत संह, पृ ठ- 08[21] तीन जेठ एगारहम माघ (गीत संह), पृ ठ- 05[22] तीन जेठ एगारहम माघ (गीत संह), पृ ठ- 11[23] सिर ता गीत संह, गीत- अिब ते अगहन, पृ ठ- 15[24] “अंशु” (ब ध संह) िश वकुमार झा िट लू, पृ ठ- 53[25] झमेिल या िब आह (नाटक) आमुखकार ी रिव भूषण पाठक, पृ ठ- 5ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।जगदीश साद म डलबड़की बिह न(उप यास)आग...साल भिर पछाित मुनेसरक दुरागमन भेल। दुरागमन भेला पछाित साधना सासुर एली। सासुरकरहन-सहन, घर-दुआर देिख मनमे जबरदस धा लगलि ह । जे वाभािव को छलै। कतए अफसरक पिर वारआ कतए एकटा छोट-छीन गामक िक सान पिर वार। मुदा एहेन खाली साधनेक भेलि ह से नै, धनेरोक भेलोछि ह आ होइतो छि ह । ओना साधनाक अपनो (नैहर) पिर वार गामेक छलि ह मुदा नोकरी भेने पिर वारक संगेरचीमे रखैत छला। रचीयेमे जमीन कीन मकानो बना नेने छिथ । अफसर-एस.डी.ओ रहने दोसो-मिह म आसरो-स ब धी अगुआएल तँ छि ह ह। ओना पिर वारमे तीन भाए-बिह नक बीच साधना सभसँ जेठ (पिह ल संतान)30


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>रहने दोसर-तेसरक लेल अिभ भावके सदृश रहिथ न। मुदा बेटी तँ बेटी होइत, िब आह-दुरागमनसँ पिह ले धिरमाए-बापक घरक अपन घर बुझैत। अपना गामसँ यामान द (साधनाक िप ता) स ब ध तोिड़ ये जक लेलि ह ।कहैले तँ घर-घराड़ी छि ह ह मुदा रहैक घर नै। साधारण घर छलि ह जे िक छु िद न पछाित िग र पड़लि ह ,दोहरा कऽ बनबैक खगता निह य बुझलि ह ।दुरागमनसँ पूव धिर मुनेसर पिर वारक भारक बीच नै पड़ल छला, मुदा पछाित पी एने िक छुजबावदेही तँ भइये गेलि ह । अपना ओते खेत-पथार नै जे िग रह तीसँ जीिव कोपाजन कऽ सकैत छला, तइसंग समाजमे पढ़ल-िल खल संग हँसैक जबरदस सम या तँ ज म लइये नेने छल जे जँ पढ़ल-िल खलकनोकरी नै भेलि ह तँ समाजमे पीहकारीक पा बिन य जाइत छिथ । गाम-घरमे चिल त अिछ ‘पढ़ए फारसी,बेचए तेल देखू भाइ करमक खेल’ िब नु खेतबला जँ िग रह त बिन िग रह ती अपना लेत सेहो बात निह य छै।जीिव कोपाजन लेल केहेन िग रह ती चाही ओ तँ सबहक लेल संभव नै। खेतक खरीद-िव करी होइ छै; स पितिछ ऐ। ओना जेठ भाय जुगेसर नोकरी करैत छेलिख न। लोअर ाइमरीक िश क छला, मुदा अखुनका जकने सरकारी छल आ ने तेहेन वेतन। दुनू भइ िम ला पिर वार नमहर छेलि ह ह। जिह ना सभ पढ़ल-िल खलवेरोजगारक होइ छै तिह ना मुनेसरक सेहो होइत छलि ह जे एतए नोकरीक आवेदन क, ओतए नोकरीकइ टर यू िद औकक ि थ ित तँ रहबे करि ह । ओना समाजमे (ामीण इलाका) गनल-गूथल पढ़ल-िल खलकसं या मुदा जतबो छल ओकरो नोकरीक अ◌ाशा तँ निह य छलै। आ ने अखुनका जक सरकारी कायलयछलै। ओना अखनो कम अिछ । नमहर-नमहर पंचायत छल, चालीस-चालीस, पचास-पचास पंचायतक बीच लौक थाना छलै। तइ संग सरकारी कामो-काज कम छल जइसँ सरकारी काजमे वेश करब किठ न तँछेलैहे। लौकमे अफसरक नाओंपर एकटा बी.डी.ओ. रहैत छला। काजो कम, अक अभाव रहने खैरातकबॅटवारा आ कोटाक मा यमसँ अमेिर कन गहुमक िव ी। चीनीक कोटा नै बनल छल। एक तँ चीनीकउपादन नीक, दोसर खेिन हार कम। तिह ना कूलो-कओलेजक सं था सएह, ‘गनल कुिट या नापल झोर’सदृश छल। जे िश क काज करैत छला ओ सेवा-िन वृ हेता तेकर पछाित ये नव चेहराक वेश हेति ह ।बकक लोक नाओंएँ टा सुनैत छल जे ओइमे पैआक लेल-देन होइ छै।दुरागमनक िक छुए-िद न पछाित साधना नैहर गेली। अखन धिर िप ता- यामान द बेटी-जमाइक घर-दुआरनै देखने। बी.एस.सी. लड़का, शरीरसँ व थ सुिन बेटीक िब आह केलि ह । तइ समए बेिट ओ (साधना)मैीक पास केनिह रहि ह । िब आहो समैसँ भेल छलि ह । नैहर आपसीक पछाित साधना जखन सासुरक सभहाल माए-िप ताक कहलि ह तखन िप ताक मनमे जमाइक नोकरीक उठलि ह । मुनेसरक रचीये बजालेलि ह । जमाइक नोकरीक चच संिग यो-साथी आ सरो-स ब धीक बीच गप-सपक ममे करए लगला। रचीिव िव ालयक केमे ीक हेडक सोझा सेहो चच केलि ह । दुनूक बीच घिन ठ दो ती। डेरो अगले-बगलमेरहि ह । हुनकर (हेडक) ससुर हाइ कूल पलामूमे बनौने छिथ । ओना जंगल-झाड़क इलाका पलामू, मुदाछोट-मोट कसबा जक तँ छेलैहे। हुनका बूझल छलि ह जे कूलमे जे साइंस-टीचर छला, ओ छोिड़ कऽदोसर नोकरी करए चिल गेला जइसँ साइंस टीचरक अभाव छै। ओ फोन कऽ ससुरक पुछलिख न।िव ालयमे िश कक अभाव रहबे करै, मुनेसरक नोकरी भऽ गेलि ह । िद नक 1-10-1969 ई.क ि◌नयुि त31


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>भेलि ह । िव ालयो सरकारी निह य भेल छल, मुदा कोठारी कमीशनक मंजूरी तँ भइये गेल छलै। एक सएपच पैआक महीनाक नोकरी मुनेसरक भऽ गेलि ह । नोकरीक समए पी कओलेजमे पढ़ैत रहिथन, तँए िप तेऐठाम रिह तो छेलिख न। अपने असगरे पलामूमे रहैत छला आ छुीमे रची अबै-जाइ छला। ओना साइंसिश कक सभठाम यूशन चिल ते अिछ जे मौका मुनेसरोक भेटलि ह । एक तँ ामीण िज नगीक जीवन तर,तइपर अिव किस त इलाकाक नोकरी, बचत नीक होइत छलि ह । िक छुएँ िद न पछाित रि◌चयेमे जमीन कीनअपन घर सेहो बना लेलि ह । मकानसँ िक छु िक रायो आबए लगलि ह । अपन पैतृक गाम मुनेसर छोिड़ येजक देलि ह । किह यो काल बिह न-सुलोचनाक कपड़ो आ पैओ पठा दइ छेलिख न मुदा आबा-जाही निह यजक छलि ह ।हाइ कूल िश कक लेल ेिन◌ ंग करब जरी छल। ड-आ-अनड िश कक बीच वेतनोक अंतरछलै आ िब ना ड िश कक थायी हेबामे सेहो बाधा छलै। मुनेसरक िन युि त क दू साल पछाित मारवाड़ीकओलेज दरभंगामे ेिन◌ ंगक पढ़ाइ शु भेल। दसे मासक कोस। डोनेशनपर एडमीशन होइत। जे पढ़ाइकसमए (सेशन शु भेला बादो छह मास धिर एडमीशन होइते रहल।) चािर मास पछाित मुनेसरो एडमीशनलेलि ह । छबे मासमे ड भऽ पुन: पलामू वाइन कऽ लेलि ह ।ओना ओइ समए झारखंड लगा िब हार छल। रा योक ि थ ित दू भागमे िव भािज त। उर-िब हार आदिछ न िब हारक प ट अ तर अिछ । दिछ न-िब हार (झारखंड) मे खेती-पथारी कम होइ छै। खेती जोकरमािट यो कम छै। कम े उपजाऊ अिछ । पहाड़ी-जंगलक इलाका। ओना खिन ज स पदा चूर माामेअिछ । कोयलासँ लऽ कऽ अबरख धिरक खान अिछ । जखन िक उर िब हार गंगा-पुक तलहटी मैदानछी। पहाड़ जंगल निह य जक छैक। ओना गाछी-िब रछी पय त अिछ मुदा पहाड़ी लकड़ीक नै।खिन ज स पदा रहने दिछ न िब हारमे देशी िव देशी पूँजीपित आ सरकािर यो कारोबार पय त माामे छै।रंग-रंगक खिन ज-स पदा, तँए िव तृत पमे कारोबार चलैत अिछ । देशी-िव देशी पूँजीपित आ सावजिन क(सरकारी) कारोबार रहने रोजगारो बहुतायत अिछ । मुदा जंगली-पहाड़ी इलाका रहने थानीय मूल वासीकबीच िश ाक चार-सार कम भेल अिछ । साधारण-सँ-कुशल िम कक सृजन निह य जक अिछ । साधारणमजदूरक पमे रहल अिछ । मुदा उर िब हार पढ़ै-िल खैमे अगुआएल। जइसँ कुशल िम कोक सं या बेसी।तँए उर-िब हारक पढ़ल-िल खल लोक दिछ न िब हार जा नोकरी करए लगला आ घरो-दुआर बना बिस गेलछिथ । अिग लो पीढ़ीक लेल जीिव कोपाजनक उपाए बिन य गेल छि ह ।उर िब हारक अथत् िम िथ लचलक ईहो दुभ य रहल जे कृिष धान े होइतो पहाड़ी नदी ततेकअिछ जे ेक न ट कऽ देने अिछ । ओना तीन पमे धार वािह त होइत अिछ । िक छु धार एहेन अिछ जेमा बरसातक मौसममे वािह त होइत अिछ आ पछाित सूिख जाइत अिछ । वािह त होइत िक छु धार एहेनअिछ जे असिथ रसँ बहैत अिछ , काट-छट निह य जक करैत अिछ । हजारो बखसँ एके थानपर बहैतअिछ । िक छु धार एहनो अिछ जे काटो-छट बेसी करैए आ उपजाऊ मािट क बालुसँ भिर न टो करैत अिछ ।32


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>जइसँ गाम-गामक खेित ओ न ट होइ छै आ घरो-दुआर न ट होइ छै। जीवन-यापनक मूल आव यकताउ पािद त पूँजी न ट भेने पड़ाइन तँ लगले छल आ लगले रहत।ओना िम िथ लचलक मािट -पािन , हवाक अनुकूल रहने उवर शि त तँ छइहे। जइसँ केतबो लोकगामसँ पड़ा देश-िव देशक कोण-कोणमे बसला मुदा अखनो गाम-घरक आवादी सघन तँ अिछ ये।गामसँ तीन कोस हिट जुगेसरो नोकरी करैत छला आ डेरा◌े बाहरे रखने छला। कारणो छल जे नेअखुनका जक गाड़ी-सवारी छलै आ ने बा ह-सड़कक दशा नीक छलै। शहर-बजार छोिड़ ने पीच (पीसड़क) गाम िद स बढ़ल छल आ ने िब जली। मुदा तैयो 1947 इ वीक अंेज भगा अपन वतं देशबनेबाक िव चार तँ जन-जनक मनमे छलि ह ह। गुलामीक शोषणसँ देशक ि थ ित िब गिड़ गेल अिछ , जइसँदेशक िव कास अव भऽ गेल अिछ । वतं भेला पछाित िव कासक रा ता देश जर पकड़लक। मुदातते असिथ रसँ जे आजादीक सािठ -पँइसिठ बख पछाित यो, जनकेक हरसँ खेित यो होइत अिछ आ करीने-ढोिस सँ पटौनी। कृिष -धान देश (जइ देशमे अ सी ित शतसँ ऊपर आवादी कृिष आधािर त अिछ ) रिह तो पाछूपिड़ गेल। िक छु पूँजीपित सा हिथ या शहरे-बजारक िव कास धिर देशक अथ-बेव थाक समेिट लेलक। तइसंग ईहो नै नकारल जा सकैत अिछ जे जे िम िथ लचलवासी आन-आन देशक उित मे अपन शि त बेिच सेवाकरै छिथ ओ िम िथ लचलसँ, अपन मातृभूिम सँ आँिख सेहो मूिन लेलि ह । देशक सा िक सानक सम यासँहिट जाित -धमक एहेन वातावरण बना देने अिछ जे वा तिव क िव कासक अव कऽ देने अिछ ।िम िथ लचलक पािन -मािट आ मौसममे एहेन अनुकूलता अिछ जे साइयो रंगक अ, फल, तरकारी संग साइयोरंगक िच ड़ै, पशु लेल अनुकूल अिछ । मुदा सभ िक छु रिह तो िक अिछ से सबहक सोझे अिछ !ओना अठबारे (शिन-रिव) जुगेसर गाम अिब ते छला तइ संग पाविन क छुी आ अनिद नोक छुीमे सेहोअिब ते छला। ि थ ित यो एहेन नै छलि ह जे साइिक लो कीन सिक तिथ । ओना पिर वारो तेहेन नमहर निह यछलि ह । तहूमे अपने अ तै रहै छला। जइठाम डेरा रखने छला ओइ पिर वारक ब चा सभक पढ़बैत छला।बदलामे भोजन आ रहैक बेव था छलि ह । ने बाइली यूशन छलि ह आ ने दरमाहा छोिड़ दोसर आमदनी।शिन चरा था समा त भऽ गेल छल।जुगेसरक सासुर मुंगेर िज ला। गंगा िद याराक गाम। तीन भइक भैयारीमे ससुर जेठ रहिथन। संयोगएहेन भेलि ह जे छोट दुनू भाएक बेटो भेलि ह , िह नका (जुगेसरक ससुरक) दूटा बेिट येटा। बहुत बेसीजमीनबला पिर वार तँ निह य छलि ह मुदा प चीस-तीस बीघा तँ छलि ह ह। भैयारीक स पित क भैयारीमेटकराएल। दुनू छोट भाएक कहब छलि ह सभ िद न अबैत-जाइत रहती। मुदा से जेठ भाय रमान दक मा यनै। रमान दक िव चार छलि ह जे हम अपन िह सा बेिट येक देबै। भैयारीमे जमीन लऽ कऽ िव वाद ठाढ़ भेल।छोट दुनू भइ िव चार केलि ह जे िक छु होउ, जमीन तँ गामेमे रहत। ओ तँ ससिर कऽ नै जाएत। तखनगामक लोक कीन लेत आ पैया उठा कऽ दऽ औिथ ह। गामे-गाम तँ तीन तिस यो चािल क लोक अपनचाि◌ ल चलैबते छै। मुदा िक छु होिश यारी भेल। दुनू भइ सा◌ै◌ंसे गामक लोकक खास कऽ तीन तिस याबलाकबैसार केलि ह । बैसारमे अपन ताव देलिख न जे जखन भैयाक बेटा नै छि ह तखन बुढ़ाड़ीक सेवा भेलि ह33


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>से भातीजे सभ करतिथ , जइसँ कुलो-खनदानक इ जत बचल रहल आ सेवो हेति ह । िक अए अनेरे बुढ़ाड़ीमेऐगाम-सँ-ओइगाम बौएता। समाजोक जँचल। मुदा रमान द सेहो अपने मनक लोक। पिर वारसँ समाज धिर किक नको बात सुनैले तैयारे नै। अकिछ कऽ समाजक सभ दुनू भइक किह देलिख न जे भैयारीक झंझट अिछसमाज ऐमे नै पड़त। मौका पािब दुनू भइ पूिछ देलिख न-“जँ िक यो चोर-नुकबा िल खा लिथ , तखन?”जते गोटे बैसल रहिथ पंच-परमेरक पमे रहिथ , अनुकूल िव चार देिख अनुकूलतामे भँिस हरे-हरे एे श दमेबािज उठला-“जे समाजसँ बाहर हएत, ओ बेटीचोद हएत।”बजैकाल तँ सभ बािज गेला मुदा पछाित अपनेपर तामस उठए लगलि ह जे स त चीज हाथसँ िन किल गेल।जिह ना आिग क ताउपर लोिह याक िज लेबी, कचड़ी पेनीसँ उिठ ऊपर अलिग जाइत तिह ना रमान दकभेलि ह । गंगाकातक गाम जक गामक लोक सोझे-सोझी रमान दक दुतकारए लगलि ह । अखन धिर समाजमेअहक लोक कोन नजिर ये देखैत रहल आ अह िक करैपर उताहुल छी। मुदा तेकर कोनो असिर रमान दकनै भेलि ह ।1940 ई.क लगाित मे रमान द मैि क पास केने छला। जइ समए हजारो िव ाथ कूल-कओलेजछोिड़ आजादीक आ दोलनमे कूिद अपन सव व नास केलि ह । ओइ समैक उ पािद त मनुख रमान द सेहोछिथ , अंेजी धुर-झार बजै छला। रेल-तार इ यािद सरकारी सेवाक कतेको गोटे नोकरी छोिड़ अपन आहुतदेलि ह । म यम िक सान पिर वारक रमान द। िप ताक देख-रेखमे पिर वार चलैत, तँए घरक छुा आदमी। एतए-ओतए घुमनाइ आ गुलछड़ छोड़नाइ िज नगीक काज छलि ह । मुदा जिह ना शरीरमे रोगक आगमसँ धीरे-धीरेशरीरक शित िस त हुअए लगैत तिह ना रमान दक पिर वारसँ समाज धिर मे हुअए लगलि ह । जे भातीजबड़का बाबू कहै छलि ह ओ मुँहपर गािर पढ़ए लगलि ह । मनु योक तँ अजीव वभाव होइ छै। घिन ठ-सँ-घिन ठ िम जँ कोनो अधला वृि मे फॅिस जाइत अिछ तखन जे ि थ ित पैदा लैत सएह रमान दोक भेलि ह ।समाजक लोक ने िक यो दरबजापर बैसए कहि ह आ ने गप-सप करैले तैयार। जिह ना खुला जहल होइत,तिह ना रमान दक भेलि ह ।भैयारीमे िव वाद उठने मुकदमाबाजी सेहो उठल। समगसँ पातर रहने रमान द कमजोर पड़ए लगला।सोझेमे भाए सभ खेतक जजाित , गाछ-बस उजाड़ए-काटए लगलि ह । दुनू भइ अबधािर लेलि ह जे जतेमुकदमा करता करथु। थानो आमदनी बुझलक, तँए िह साब िम ला कऽ चलैत। दुनू बेटी-जमाएक बजा अपनसभ दुखरा सुनबैत रमान द कहलिख न-34


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>“जिह ना, हम अपन सभ स पित अह सभक िद अए चहै छी तिह ना तँ अहूँ सभक चाही जे ओकराबँचा कऽ लऽ जाइ।”दुनू बेटी-जमाएक बल जिह ना रमान दक भेटलि ह तिह ना ओहू दुनू भइक समाजक लोक मुकदमामेसंग िद अए लगलि ह ।धीरे-धीरे रमान दक मन टुटए लगलि ह । एक तँ सािठ बखक उमेर टिप गे◌ेल तइपर कोट-कचहरीकदौड़सँ लऽ कऽ बेटी-जमाए ओइठामक दौड़-बरहा तते बिढ़ गेलि ह जे गामसँ बेसी अ तै गुजरए लगलि ह ।असगरे पी घरमे सकपंज भेल छलि ह आ अपने बौआइत-बौआइत िफ िर सान।िक छु िद न पछाित पी अ सक पड़लिख न। ने िद यादवाद आ ने गामक िक यो एको बेर पुछािड़ करएआबिन दुनू बेिट ओ-जमाए लगमे नै, मधुबनी िज लाक गाममे। ने उिच त समैपर डॉ टरी देख-भाल होि ह आ नेदवाइ-दा। िक छु िद न पछाित मिर गेलिख न। पीक मुइला पछाित रमान दक िज नगी आरो जिट ल भऽगे◌ेलि ह । गाममे जखन रहिथ तखन भानसो-भातक ओिर यान अपने करए पड़ि ह । आमदनी सेहो भाए सभरोिक देलिख न। अा-गिह स देिख दुनू जमाइयो हाथ-मुी सत केलि ह । फटो-फनमे रमान द पिड़ गेला।िज नगीक कोनो सोझराएल बाट देखबे ने करिथ ।िज नगीक अंित म पच बख रमान दक एहेन िब तलि ह जेकरा लोक नरकक बास कहै छै। हािर -थािकिक छु िद न बाद अपनो (रमान द) मिर गेला। जमाइयो सभ आवाजाहीक संग केसो-मुकदमा देखब छोिड़देलि ह । अंत-अंत एकतरफा केस भऽ गेल।जुगेसरक गाममे िद यािद क दोसर पिर वारमे वेमाेय भैयारीक बीच िव वाद उठल। एक भाएक एक बेटाआ दोसरक चािर टा। चा भैयारी िम िल पचम भाएक (वेमाेय) उपव कऽ गामसँ भगा देलकि ह । िक छुिद न तँ ओ (पचम भाए) सर-स ब धीसँ लऽ कऽ समाजक बीच चर लगौलि ह , मुदा िक छु हाथ नैलगलि ह । अ तमे िख िस या कऽ िप ताक स पित क (जमीनक) कागज-पर कल ीएटसँ िन कािल किह देलिख नजे अपन िह सा घराड़ी तक बेिच लेब। बीघाक लगभग िह सा पड़ैत रहि ह । मुतक माल खाइबला सभसमाजमे रिह ते अिछ । तीन-चािर टा पिर वार खेत िल खबैक िव चार कऽ लेलि ह । मुदा िव वाद तँ बीचमे छेलैहे।लेबालक बीच उठैत जे जमीन-जयदादक िव वाद छी, मािर यो हेबे करत आ थाना-फौदारी सेहो हेबे करत।ने मािर क ठेकान अिछ आ ने कते िद न झंझट रहत तकर ठेकान। तँए दुनूक नजिर मे रिख लेन-देन करब।तिह ना जमीनबलाक (पचम भाय) बीच उठल जे जँ स तमे िल िख देबै, तइसँ लाभ िक हएत? तखन तँनीक अिछ जे अपने भैयारी सभ खािथ । कम-सँ-कम एक पिर वारक तँ छिथ । मुदा चािल यो देिन हारक तँकमी निह य अिछ । उनटा-सीधा मंक तते डाकिन पड़ल जे बैहरा करकरेतक बीख जक िन चा मुहससरल।35


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अ तमे फिड़ आएल जे अिध या (खेत िल खौिन हार) तैयार भेला। बेिच िन हारक (पचम भाएक) तते चाभइ गंजन केने जे तामस कमबे ने करैत। होइत-हबाइत अिध या दाममे जमीनक लेन-देन भऽ गेल। ओहीलेबालमे एकटा जुगेसरो। मुदा संयोग नीक रहलि ह जे जुगेसर अपने कूलक नौकरी दुआरे बाहरे रहिथ तहीबीचमे गाममे दा◌ेसर लेबालक संग मािर भऽ गेल। जबरदस मािर भेल। दुनू िद स कपार फुटल , बिह टुटल।सॱसे गाम सना-सनी पसिर गेल। अनेको भागमे समाज िव भािज त भऽ गेल। िक छु गोटे खुिल कऽ दुनू गोटेक(दुनू पाटक) केसमे गवाही दइले तैयार भऽ गेला। िक छु गोटे मािर योमे संग देलकि ह । िक छु गोटे यि त गतपूँजी देिख अपनाक दुनूसँ अलग रखलि ह । मुदा समाजोक ली तँ एहेन सकबेधने अिछ जे निह य िव चारभेने पिर ि थ ित वश मजबूरीमे ‘हँ’ कहए पड़ै छै। सेहो भेल। ततबे नै लीक सोर एहेन अिछ जे गामेमे लोकसासुर-मातृक सेहो ठाढ़ कऽ लइए।ओही झंझटमे जुगेसर आठ का जमीन कीनैक िव चार केलि ह । ओना दुनू परानीक िव चार जेमुनेसरक ऐ जमीनमे संग नै करब। मुदा पिर वारक तँ िव िध वत् बटबारा भेल नै अिछ तखन जेठ भाय िछ ऐ,छोट भाएक िह सा तँ भइये जाएत। तँए किह देब जरी अिछ । जँ अ◌ाधा खच देत तँ ठीके छै नइ तँअपन दोख तँ मेटा लेब। िव चारक पाछू पेटमे रहि ह जे मुनेसरक आमदनी ततबे छै जे कहुना कऽ पिर वारचलै छै। तखन पैया कतए सँ आनत? तइ बीच मनमे ईहो जे गुप-चुप दाम भेल अिछ िक ने, बढ़ा देबै।कहुना (अिध या दाम भेने) चािर का तेफैसला (तीन फिस ला) खेतक भैलू कम नै भेल।पो ट काडक मा यमसँ जुगेसर मुनेसरक जनतब देलिख न। कूलक दरमाहा तँ जुगेसरक बूझल,मुदा यूशनक आमदनी तँ नै बूझल। तइ संग पि यो (मुनेसरक) िव चार देलिख न जे नैहरमे देल बरतन-वासनजे अिछ ओ अनेरे घरमे ढनमनाइत रहैए, ओकरा बेिच कऽ जमीन कीन िल अ। अखन धिर दुनू भइ -जुगेसर-मुनेसरक- बीच पिह लुके स ब ध जीिव त छल। मुनेसर आधा खच दइले तैयार भऽ गेला।जमीनक रिज ी जुगेसर दुनू भइक नाओंसँ करा लेता। अपन कमजोर पाशा देिख जुगेसर दुनूपरानी िव चार केलि ह जे नीक हएत बेटा नाओंसँ जमीन िल खौल जाए। मुनेसरक कोनो पता नै। तइ समएरिज ि यो आ◌ॅिफ समे अखुनका जक नै छल जे िल खौिन हारोक उपि थ त रहए पड़ैत। िक यो केकरा◌े नाओंसँजमीन िल खा सकैए। तइ संग पान-सात बख पछाित द ताबेज भेटै छै, ताबे बातो पुरना जाइत। तहूमेकागजक खोज जखन हएत तखन ने जँ नै हएत तँ के बूझत? ने िभ नौज भेल अिछ आ ने खेती-पथारीबँटल अिछ । तखन तँ गाममे रहै छी जेना-तेना जनक हाथे खेती कऽ लइ छी। बात खुजबे ने करत, तँमुह-ठुी आिक ह ला-फसाद हएत िक अए। जिह या भीन हएब तिह या बूझल जेतै। अनुकूल िव चार बूिझजुगेसर अपना बेटाक नाओंसँ आठो का जमीन िल खा देलि ह । जे पछाित दुनू भइक बीच िव फोटक भऽगेल।िक छु साल पछाित रिज ीक भेद खूगल। भेद खूिग ते दुनू पिर वारमे अनोन-िव सनोन शु भेल। दूतरहक अनोन-िव सनोन उठल। एक तरहक भेल जे मुनेसर दुनू बेकतीक बीच आ दोसर तरहक भेलजुगेसरक बीच। जुगेसरक पी िप ताक स पित क खेल देिख चुकल छली जे अछैते िह से िह सा नै भेल।36


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>तँए पित पर दबाव बनौने जे जे भेल माने बेटा नामे रिज ीसँ नीक भेल। मुदा जुगेसरक स: भाइक संगबेइमानी आ समाजक बीच दोखी हेबाक डर मनमे नचैत रहि ह । मुदा बेटो जुआन भऽ गेल रहि ह । अपनखास िह सा बूिझ ओहो माइयेक पीठपोहू बनल। तिह ना दोसर िद स मुनेसर अपन आमदनी देिख सबुर करैत।आमदिन य नीक बिन गेल रहि ह । सरकारीकरण भेने नीक दरमाहा, तइ संग यूशनो फीस बढ़ने अिध कआमदनी, रचीक मकान भाड़ा सेहो जोर दैत। मुदा साधनाक भूख (स पित क भूख) आरो उ भऽ गेलि ह ।तहूमे अपन बाप-माइक देल बरतन-बासन िब काएल रहि ह । दुनू परानीक बीच खुिल कऽ मतभेद शु भऽगेल। गप-सपक म एना भेलि ह । मुनेसर पीक बुझबैत कहलिख न-“देिख यौ, रची सन शहरमे अपन मकान भऽ गेल, गाममे रहैक कोनो े ने अिछ । तखन तँ ओहए (भैया)खेित यो करै छिथ , खेबो करता।”मुनेसरक िव चारक कटैत साधना अपन अथशाीय तक देलिख न-“जखन गाममे नै रहब तखन गामक पूँजीक मार पूँजी िक अए बनौने रहब। ओकरा बेिच कऽ बकमे जमा कऽलेब तैयो सूिद आओत। नै जँ घरे आरो बना लेब तैयो भाड़ा एबे करत।”पाशा बदलैत मुनेसर तक देलिख न-“बाप-पुरखाक जँ घरािड़ ये बेिच लेब तखन कोन मुँह लऽ कऽ िज नगी जीब। कोनो िक पेट जरैए जेबेचब।”होइत-हबाइत ई भेल जे गामक खेत भरना लगा बकमे जमा कऽ लेब। मुदा िव वाद तँ बीचमे भैयारीकरहबे करि ह ।िक छु िद न पछाित दुनू बेकती (मुनेसर-साधना) गाम आिब अपन डीह-डावरसँ लऽ कऽ बाध धिर कबँटबारा करैक िव चार जुगेसरक सोझामे रखलि ह । िव वादी जमीन (जे रिज ी भेल रहए) छोिड़ सभ िक छुबँटैले तैयार भऽ गेला। नइ मामासँ कनहा मामा नीक। िव वादी जमीन छोिड़ बािक बिट लेलि ह ।हिर हरक भैयारीमे अढ़ाइ का घराड़ी। जे बँटाइत पच धूरपर आिब गेल।जइ समए सुलोचना सासुरसँ नैहर आएल छली ओ समए देशक आ दोलनक तूफानी दौड़ छल। सन्1942क दमनच ार भ भऽ गेल छल। परोपाक (झंझारपुर इलाकाक) लोक अंेजी हुकुमतक िख लाफसड़कपर उतिर गेल छल। गोरा-पलटनक उडा झंझारपुर बनल छल। कतेको गाममे आिग लगाओल गेल।कतेको गोटे गु तवासमे काज करैत छला। कतेको गोटे मािर खा-खा जहलमे ब छला। मुदा लािज मी बातईहो रहल जे ऐठामक कतेको पिर वार गोरा सरकारक संग देलक। रहै-खाइक बेव थाक संग-संग स पित कलूट सेहो केलक।37


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ओना गाममे सुलोचना बिह न सन कतेको गोटे छिथ जे सासुरसँ भगाओल छिथ । अपन माए-बाप, भाए-भा◌ैजाइक संग सेहो रहै छिथ आ असगरो बोिन -बुा कऽ जीवन-यापन सेहो करैत छिथ । िक छु गोटेकस तानो छि ह आ िक छु गोटेक निह य छि ह ।अदौसँ एक पुष एक नारी स ब धक िव धानो आ बेवहारो तँ बनल रहल मुदा पिर वारक आगू बढ़ैक लेलिक छु कमी तँ छेलैहे। ओ कमी अिछ जे मनु यक शरीरक बनाबिट समान नै होइत अिछ । बहुलशमेस तानो पिक शि त समान रहैत आएल अिछ तँ तइ संग कमी-बेसी सेहो रहल अिछ । कतौ कोनो पुखमेशि त क कमी तँ कतौ कोनो मिह लामे। तिह ना कतौ कोनो पुखमे बेसी रहल अिछ तँ कतौ कोनो मिह लामे।शि त हीन पुख रहने ेज स तानक चलिन सेहो रहल अिछ । मुदा शि त हीन नारी भेने तँ पिर वारक आगूबढ़ैमे बाधा उपि थ त भाइये जाइत अिछ । तइठाम दोसर नारीक सहारा जरी भऽ जाइत अिछ । जँ से नैहएत तँ पिर वारक अ त हएत। अ ते नै हएत बुढ़ाड़ी आ बीमारीक अव था सेहो क टकर हएत। मुदाआव यक-आव यकता तखन आराम आ िव लास िद स बढ़ैत अिछ जखन भो-िव लासक मनोवृि जोर मारैतअिछ । जइक चलैत समाज-पिर वारमे ि◌ वकृतताक प पकड़ैत अिछ । से भेल। समाजक अगुआएल (खासकऽ आिथक पे) आ म य वगयो पिर वारमे एक-सँ-अिध क िब आह करब नीके जक चलिन मे आिब गेल।जइसँ एक पुख एक नारीक थापर जबरदस चोट पड़ल। मुदा केतबो जबरदस चोट िक अए ने पड़ल,तैयो सोलही न ट नै भेल। ओना िन वगमे सेहो बीमारी पैसल मुदा दोसर पमे। ओना राजशाही बेव थामेऊपर-सँ-नीच धिर क िक छु पिर वार जोड़ाएल छल, तइ पिर वारक बीच भोगी-िव लासी मनोवृि क पिर णाम छल,जखनिक गरीबमे पेटक दद कारण भेल। एहेन पुखोक सं या कम नै जे कामचोर, आलसी, नशाखोरइ यािद क कारणे पीक नै रािख पबैत छल। नै रखैक माने ई जे पीक भरण-पोषण नै कऽ पबैत छल।मुदा सेहो सोलहनी नै भेल। एहेन बहुतो मिह ला छली जे पुखे जक म करैत छली। िज नका मनमे पित कित असीम ा आ मजगूत संक प छलि ह । अपन िज नगीक सभ सुख पित मे अरोिप नेने छली।एकसँ अिध क िब आह करैक प िद नानुिद न बदतर होइत गेल। अनेको रंगक कुि स त रोगक ज म होइतगेल। पुखोक िव चार एते िघ नौना प पकिड़ लेलक जे दजनक-दजन िब आह करए लगला। तइ संग ईहोभेल जे पुखक उमेरोक ठेकान नै रहल। जे उमेर िब आहक निह यो छल तहू उमेरमे िब आह करए लगला।जइसँ अपने िक छुए िद न पछाित मिर जाइत छला आ जुआिन यसँ मिह ला वैध य पमे बदिल जाइ छली।िव धवा िज नगीक बीच एहेन पिर ि थ ित पैदा लऽ लैत छल जे समाजमे रोग बिन गेल।ओना नारीक ित पुख सोलहो आना अ याइये केलि ह सेहो नै। लड़का-लड़कीक (पुख-नारी) बीचदुनू तरह रोगक वेश भेल। कतौ बलक योग भेल तँ कतौ पुख-नारीक बीचक आंिग क स ब ध सेहोभेल। उठैत जे अदौक पर परा (वैिद क पर परा) पर एते भारी चोट पड़ल आ सभ पुख-मिह लाक मुँहदेखैत रिह गेला। नै, ऐठाम ईहो बात देखए पड़त जे ने सभ गामक एक रंग चािल -ढािल , खान-पान, बात-िव चार अिछ आ ने सामािज क िव कासक ि या एक रंग अिछ ।38


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>एक रंग नै होइक अनेको कारण अिछ । एक तँ छोट-छोट रा यमे िव भािज त छल। जइ तरहक रा यछल ओइ तरहक रजो छला। ओना िम िथ लचल सेहो कतेको जमी दारीक संग रा योमे िव भािज त छल।सभक अपन-अपन शासनक संग सामािज क बेव था◌े संचािल त करैक अलग-अलग ढड़ छल। ओना ेकिह साबसँ सेहो अंतर छेलैहे। खान-पानक संग उपारजन करैक िस टमोमे अंतर पिह नॱ छल अखनॱ अिछ ।अखनो एहेन े अिछ जइठाम ने बािढ़ क कोनो भाव (धारक काट-छट) तेहेन पड़ल जइसँ ओइठामकखेत-पथार, वास भूिम भािव त भेल। मुदा एहनो ेक कमी नै जइठाम उपजाऊ भूिम धारो बिन गेल आबालुओसँ भिर गेल अिछ । जे किह यो सु दर गाम (वासक िह साबे) छल ओ उजिड़ गेल। िब नु अ-पािन सँमनुख जीब केना सकैए? ई तँ तिह यो छल आ अखनो अिछ ये।एकटा आरो भेल। ओ ई जे जइठाम पुख-नारीक बीच पिर वार ठाढ़ भेल ओइठाम पुख धान बेव थारहने अनेको तरहक अबलट लगा नारीक घरसँ भगाएब। केकरो स तानो पि शित नै रहने, तँ केकरोचिर हीन किह इ यािद -इ यािद , लट जोिड़ घरसँ अलग कऽ देल जाइत छल अखनो कऽ देल जाइए।गामक सम या (भाइक बेवहार) दुनू परानी मुनेसरक स ब धमे खािध बनैत गेल। दुनू भइक िभ नौजीसुलोचनाक सेहो बिट देलकि ह । एते िद न सुलोचना दुनू भइक बीच छली मुदा भीन भेने जुगेसरसँ हिटमुनेसरक संग भेली। जुगेसर मुनेसरक खेती छोिड़ देलकि ह । भाइक खेती छोड़ने खेतीक सम या मुनेसरकउठलि ह। कारणो प टे अिछ । अपने दुनू परानी बाहरे रिह तो छला आ गामक आवाजाही सेहो निह य जकछलि ह । गाममे नै रहने माले-जाल केना पोिस सकै छला, जइसँ खेती किर तिथ । ओना बाहरोमे दुनू बेकतीमुनेसर एकठाम निह य रहैत छला। बाल-ब चाक संग पी-साधना रचीमे रिह तो छली आ हाइ- कूलमेनोकिर यो करैत छली जखन िक मुनेसर पलामूमे रहैत छला। एक तँ दुनूक दूरी अिध क अिछ दोसर जँ कूलमे छुि यो होइत छलि ह तैयो यूशन रिह ये जाइत छलि ह । तँए रचीयोक आबा-जाही कमे-सम रहैतछलि ह ।िज नगीक दूरी िव चारोक दूरी बनौने रहलि ह । जइठाम साधनाक अपन पिर वारक िच ह-पहिच हमे कमीछलि ह तइठाम मुनेसर भाइक आगू स पित -जमीनक गौण बुझैत छला। पष् ट दुनूक मतभेद होइत गेलि ह ।अपन हक-िह सापर साधना अड़ली तँ मुनेसर आगू बढ़ैसँ िह चिक चाइ छला। होइत-हबाइत भेल ई जे दुनूगोटे एक िद न ि◌ नणयक लेल तैयार भेला। दुनूक बीच -उर एना भेलि ह ।साधना- “जखन खेत कीनैमे आधा खच भैयाक देिल यिन तखन ओ िक अए अपना बेटा नामे िल खा बेइमानीकेलि ह ?”साधनाक मजगूत तकसँ मुनेसर सहिम गेला। मुदा अपनाक उदार बनबैत उर देलिख न-“ओ (भैया) जँ बेइमाि◌ नय केलि ह तइसँ हमर की िब गड़ल?”(मश: जारी...)39


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।साा कारी राजदेव म डलक संग-उमेश म डल- सभसँ पिह ने िव देह सािह य स मान लेल अपनेक बहुत-बहुत बधाइ...।राजदेव म डल- ध यवाद।उमेश म डल- अहक नजिर मे सािह यक उे य की अिछ ?राजदेव म डल- सािह यक उे य होइत अिछ - लोक क याणक भावना। समाजक क याण करब सािह यकपरम अभी ट अिछ । मा अिभ यि त नै जेकर स ब ध िज नगीसँ हुअए सहए सु चा सािह यअिछ ।उमेश म डल- अहक सािह यमे इित हास/सं कृित (खास कऽ िम िथ लाक) केना विणत होइत अिछ ?राजदेव म डल- सामािज क यथथक अिभ यि त जँ हेतै तँ इित हास आ सं कृित क समावेश भ’ जेनाइ वाभािव के छै। िज नगीक जनबाक लेल युगक िच आव यक अिछ , सँगिह ाचीण आ नवीनसं कृित आ सं कारक समावेश होइते रहै छै।उमेश म डल- िद नानुिद नक अनुभवक अहक सािह यमे कोन तरह िव वेचन होइत अिछ ?राजदेव म डल- यएह अनुभव तँ का यक हेतुमे मदित करै छै। जगतक अनुभव आ अ ययनसँ अनुभवकाि त होइ छै आ रचना करैत काल ओकर प गट होइ छै।उमेश म डल- सािह यक शि त क िव षएमे अपनेक की कहब अिछ ?40


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>राजदेव म डल- सािह यक शि त तँ असीम अिछ । एक िद स ाि त क िच नगी अिछ तँ दोसर िद स शाि त कबीज अिछ । सामािज क पिर वनमे ऐ शि त क अहम भूिम का रहैत अिछ ।उमेश म डल- अहक सािह यमे पाप-पु यक िवलेषण केना होइत अिछ ?राजदेव म डल- मानव हर ण पिर ि थ ित क कड़ीसँ बा हल रहैत अिछ । पिर ि थ ित वश नीक-अधलाह, पाप-पु य होइत रहै छै। ओना ऐ श दक स ब ध सािह यक अपेा धमसँ बेसी अिछ ।उमेश म डल-क पना आ यथाथक सम वय अह अपन सािह यमे केना करैत छी?राजदेव म डल- तीवगित सँ बढ़ैत कालच। आइ जेकरा क पना कहैत छी काि यथथ बिन जाइत अिछ ।सािह य लेल क पना आ यथथक सिम लन आव यक होइते छै।उमेश म डल-अहक सािह यमे पा जीवन्त भऽ उठैत अिछ , तेकर की रहय?राजदेव म डल- पा तँ समाजेसँ िब छल जाइत अिछ । ओकरा सँगे जीअब, जचब, परखब आव यक अिछ ।पात जँ ओकरा अिभ य त करब तँ ओ जीव त हेबे करतै।उमेश म डल-सािह य लेखन, िव शेष कऽ मैिथ ली सािह य लेखन अह लेल कोन तरह िव िश ट अिछ आएकर ाथिम कताक अह कोन तरह देखै छी?राजदेव म डल- ऐठाम आमजनक भाषा अिछ मैिथ ली। जन-जन तक अपन अिभ यि त क संेषण करबाकलेल ऐ भाषाक ाथिम कता देमिह पड़त।उमेश म डल-की अह कोनो त यक झँपलाहा भाग उघारैत िछ ऐक? अगर हँ तँ केना आ नै तँ िकएक?राजदेव म डल- कोनो भाग ने उघड़ल अिछ आ ने झपल। सभटा सोझेमे अिछ । िल खबाक आ देखबाकअपन-अपन दृि ट कोण अिछ ।41


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>उमेश म डल- अह किह यासँ लेखन ार भ केलॱ, केकरा लेल िल खलॱ, आइ-काि केकरा लेल िल ख रहलछी?राजदेव म डल- बून-बूनसँ सरोवर भिर जाइ छै। दीघ काल तक अ यास अनवरत चलैत रहल। क पनाकमुत तँ पिह ने मनेमे बनै छै। पुरान िछ टफुट पा डुिल िप सभमे 1986 ई. तथा कोनोमे1987 ई. अंिक त अिछ ।समाजक लेल िल खलॱ आ आइयो हुनके लेल िल ख रहल छी।उमेश म डल- की अहक ई लगैत रहल अिछ जे मु य धारासँ अह कित याएल गेल छी? अहक रचनामेसमाजक बाहरसँ देखबाक वृित क की कारण?राजदेव म डल- धारा तँ अ तरसँ फुटैत छै। अपन-अपन धारा होइ छै। मु य आ कित आएल किह कीओकरा रोिक देब संभव छै?समाजक मा बाहरसँ देख गंभीर रचना केना भ’ सकैत अिछ । एक हृदए दोसरसँ िन वेदन केनाकरतै।ि◌ वदेह-अपन सािह य आ रचनामे की वयंक पूणपसँ इमानदार राखब आव यक छै?राजदेव म डल- सािह य आ रचनामे जँ इमानदारी सुरि त नै रहतै तँ फेर ओ कतए आ केना बँचतै।उमेश म डल-मैिथ ली सािह य आइक िद नमे की ई सभ (सािह यकार)क सामुिह क दोष वीकृित क प नैबुझना जाइत अिछ ?-राजदेव म डल- आइक िद नमे जे मैिथ ली सािह यक ि थ ित छै तेकरा लेल जे सभ दोषी छिथ हुनका सभक वीकार करबाक चािह यिन । पैघ लोकक तँ यएह पिह चान अिछ जे अपन दोषपर वीकारोि त क भाव दशनमे कोनोटा िझ झक नै देखबए। हमहूँ ओही ेणीमे आइकसािह यकार छी। तँए िक हमहूँ दोषी नै छी?उमेश म डल-की अहक लगैत अिछ जे अहक पोथीक िह दी, बं ला, नेपाली, अंजी आिद भाषामेअनुवाद कएल जाएत? तइ ि थ ित मे ओतए एकर कोन प वागत हेतैक? की अहक42


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>सािह य ओइ भाषा आ सं कृित सभ लेल ओतबे मह वपूण रहतै जते ओ मैिथ ली भाषा आसं कृित लेल छै? अहक लेखन भाषा-सं कृित िन प िक अए नै भऽ सकल?राजदेव म डल- दीघ काल तक तीाक उपरा त तँ कहुना पाथी कािश त भेल। भाषतर वा अनुवादकिव षएमे िक सोचब। ओना हृदए पश, सु चा सािह य सभ भाषाक लेल मह वपूण होइ अिछआ सभठाम आदृत होइत अिछ ।भाषा-सं कृित सँ ि◌ नरपे भ’ रचना केना होएत।उमेश म डल-अहक भाषा तँ मैिथ ली अिछ मुदा अहक लेखनपर बाहरी भाषा, सं कृित , िव चारधाराकभाव पड़ल अिछ , कतौ-कतौ ई प ट अिछ मुदा बेसी ठाम नै, एकर की कारण?राजदेव म डल- भाषा तँ बहैत नीर अिछ । एकरा बा हसँ घेिर क’ राखब ठीन नै। बेकती आ थान सभमेपिर वन भ’ रहल छै आ हेबक सोहो चाही। पिर वन आ िन त-नूतनता आव यक छै।उमेश म डल-अहक रचनाक चार ऐ पुर कारक बाद भयंकर पसँ भेल अिछ , अहक ऐसँ केहेनअनुभव भऽ रहल अिछ ?राजदेव म डल- स छी ऐ बातसँ जे समाज आ खास क’ वुि जीवी पाठक वग हमरापर अनुह केलिथ ।सभक हृदएसँ नमन।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।43


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>जगदीश साद मडलराकर डकैत (एककी)पिह ल दृ य-(मोजेलाल गरदिन मे ढोल, हाथमे लकड़ीक बजौना नेने आगू-अ◌ागू आ भजन लाल पाछू-पाछू।)मोजे लाल-(डंका जक बजबैत, कनी काल ढोल बजा, ब करैत) नगर-नगर, डगर-डगरसँ गाम-गामक,समाज-समाजक भाए-बिह न, काका-काकी, दादा-दादी इ यािद सभसँ कहै छी, सुनै- जाउ।भजन-लाल भाय बीच छिथ ओ कहता।भजन लाल-गाम-समाजक जे भाए-बिह न छी कान खोिल सुनू। जँ नै सुनब आ पछाित कहब जे तेनाकान गुिज या गेल जे से सुनबे ने केलॱ। से नै हुअए।मोजे लाल-(पुन: जागब विन मे ढोल बजा) भजन भाय, अपन िव चार किह यौ।भजन लाल- काि भा◌ेरेसँ राकर भैया ऐठाम पु यो सव िछ यिन छपुआ काडक आशा नै करब।मोजे लाल- भाय सहाएब, छपुआ काड िक कहिल ऐ?44


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>भजन लाल-आब देखै छी जे गामसँ, पिर वारसँ एते तक िक बाप-माएसँ करोड़ो योजन दूर छी मुदा बेटा-बेटीक ज मो सव मना हजारो-लाखा◌े काड जतए-तजए िब लिह दइ िछ ऐ। मुदा...।मोजे लाल- मुदा िक ?भजन लाल-यएह जे पिह ने छँिट आबए पड़त जे कोन काड हकार सदृश अिछ आ कोन भारक संगभोजनक अिछ । ई तँ नै जे ‘जान ने पहचान, हमर तोहर मेहमान’।मोजे लाल-(एक धुन ढोल बजबैत नचबो करैत आ गेबो करैत)नोत एलै हौ भैया, हकार एलै हौबेन डोलबैत बेना एलै, पीपहीक मु कान हौ।फड़-अिह वर फड़ िब लिह बिटजोगी-ानी राकर डकैत भैया हौ।(दोहरा-तेहरा, ढोलो बजबैत आ गेबो करैत।) असिथ र होइत-भजन भाय, नोत-हकारक ढोलहो छी, तँए दोहरा-तेहरा कऽ किह यौ?भजन लाल-से की?मोजे लाल-जिह ना सोना भेटनॱ आ हरेनॱ ाि त करबए पड़ै छै तिह ना ने नतो-हकार छी। सरही आमकपीपही नीक-नीक कलमी जौड़क जोड़ पािब नाता जोिड़ सरही-सँ-कलमी बिन जाइत अिछतिह ना ने नतो जोड़ल जाइत अिछ । ई तँ नै ने जे फुसत दुआरे ए.टी.एम.क मा यमसँस ब ध जोिड़ लेब।45


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>भजन लाल-से की?मोजे लाल-यएह जे कोनो िब आह छै आिक मूड़न आिक कोनो आन छोट-पैघ काज, जखने काजपिर वारसँ ऊपर उठैत अिछ तखने ने पिर वारसँ उठल सोच-बुिध क जरत पड़ैत अिछ ,तखन अहक अपनेसँ छुी नै अिछ , केना पछुआएल लोक अह संग स ब ध बना रहत।भजन लाल- जिह ना तूँ मोजे लाल, िब नु खित आनक मािल क तिह ना हम भजना हरक लागिन सँ लऽ कऽखौजरा-खैजरी चटकबैत वीणाक ओहन वर समुमे पहुँच जाइ छी जे घंटा भिर पटरी दबनेएकटा मकै फुिट कऽ खापिड़ सँ कूिद मािट पर अबैत अिछ ।मोजे लाल-भाय सहाएब, अहक बात नै बुझलॱ?भजन लाल-जिह ना भा गाछमे लटिक जीवन याा करैत तिह ना मुड़ै मािट क तरेमे जीवन याा करैतअिछ , तँए ओकर िज नगीक कोनो महत नै? की ओ जीवनदाता नै छी?मोजे लाल-भाय सहाएब, बूढ़ भेने अह भँिस या जाइ छी?भजन लाल-से केना?मोजे लाल-हम तँ गाम-देहातसँ शहर बजार धिर ने घुमै छी। जाबे बजार नै बनत ताबे चौकीदार केनाफड़त। देखै िछ ऐ बड़का-बड़का बिर आतीमे इंजन गाड़ीक पित आनी लगल, तइमे छौड़ा-छौड़ीसभ अपन गाड़ी सटा देत आ भिर राित खा-पी उमैक लेत।(ढोलक अवाज सुिन गामक िम सर लाल आ रमण लाल अबैत, दुनूक देिख ते पाशा बदलैत)नोत एलै हो भैया, हकार एलै हो....46


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>(मोजे लालक चुप होइते भजन लाल िम सर लाल िद स तकलक। भावा मक दृ य। केना िम सर लालकथरथर कपैत मन िक छु बाजए चाहैत, तिह ना भजन लालक िप यासल पिथ कक दृ यइ यािद ...।)भजन लाल- (िम सर लालसँ, आ◌े◌ंगरी तािन बिह उठा) अह िक छु बाजए चाहै छी?िम सर लाल-हँ।भजन लाल- तखन मुँह िक अए चोरौने छी। जाबे अपन बात काज पमे दुिन यक बीच नै राखब तँ केकेकर िक केलकै से तँ बुझए पड़त। मन असिथ र कऽ बाजू। ओना अखन उ सवक समएलिग चाएल अिछ तँए नीक हएत जे अहूँ सभ कपड़ा-ला साफ कऽ ली, केश-दाढ़ी, जुा-च पल ठीक-ठाक करैमे जते समए लागत तइसँ बेसी समए नै अिछ ।िम सर लाल-(कँपैत) भाय-सहाएब, अहक उ सवमे तेहेन मंच बनत जे ीमान्-ीमती होइत-होइत बजैकसमैये ओरा जाएत तखन तँ जिह ना भोजमे सभ िद न धिक आइत-धिक आइत ए◌े◌ँठार लग पहुँचगेलॱ।(िब चेमे मोजे लाल िड गरी चािल मे ढोल बजबए लगैए)भजन लाल-भाय, ने तोहर बात हमरा धऽ लेत आ ने धड़ैक डर होइए मुदा पैघ काजक आगू छोटकाजक िक छु िव लमा देब नीक होइ छै। नइ, जँ तूँ बड़ धड़फड़ाएल छह तँ चलह र तापकिड़ संगे-संग। काजो चलतै आ भजनो-कीतन चलतै।(तइ बीच रमण लाल िम सर लालक डपटैत बाजल)बजैले जे सतमसुआ ब चा जक पेटमे उधकै छौ से दािब कऽ राख नै तँ किह दइ िछ औ।47


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िम सर लाल-िक कहमे, जे कहैक छौ से भने तेह लाक बीच छँह बाज?रमण लाल- अपन बाप-पुरखाक नाआ◌े◌ं बूझल छौ? अपन िक छु बुझले ने छौ तँ दस गोरेमे की बजबीही।िम सर लाल- जखन दुनू गोरे संगे रहै छी तखन तूँ पिह ने ने िक अए चेता देने छेल?रमण लाल- तूँ पुछल किह या?िम सर लाल-अँइ रौ, िब नु पुछनिह भिर िद न संगे रहै छी। तहूमे जे नजिर पर चढ़बे ने कएल से केनापुछबो।रमण लाल-अँइ रौ, िक तोरा बूिझ पड़ै छौ जे जिह ना आरती घुमा लोक भगवानक ठिक भिर राितअ हरेमे रखै छि ह , से हम तोरा केिल औ।भजन लाल-देखू, अह सभ बड़ अला करै छी। कौुका काज िक सभ अिछ से मन पाड़ए िद अ।(सभ जाइत अिछ )दोसर दृ य-(भजन लाल, िम सर लाल आ रमण लाल अबैत अिछ ।)भजन लाल-भाय, दुिन यक खेल अजीब छै। जेना समुमे जाइठ -सीमा नै होइ छै तिह ना ने अिछ । ऐअथाह मािट -पािन बीच टपैक तीनू बाट तेहेन भऽ गेल जे...?48


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िम सर लाल-भाय, चुप िक अए भेलह?रमण लाल-भजन भाय, िद लेरक संग िद लाक जखन भट होइ छै तखन एकटा नव अएनाक रंग चढ़ैछै। तँए मुँहक बात घटी नै, नइ पचए तँ उगिल िद ऐ।भजन लाल-(िव ि म त होइत) भाय, एकटा बाट, तेना बनरा गेल जिह ना गाछ-िव रीछमे होइ छै जे कोिढ़ यो-बाती देब ब भऽ गेल। दोसर दोगलाइये गेल। तेसर बेटाक रगड़ामे बुढ़ाड़ी धिरव धािर ये रहला सुखदेव जक आड़वन-कोपीन नै लेलिन । खएर, जे होउ...। पिह ने बैसैकओिर यान क।(िम सर लाल सतरंजी मोटरी खोिल पसारए लगैत, तीनू गोटे तीन का◌ेण पकिड़ बीछा, जाजीमिब छबैत अिछ । िब छान तैयार होइते राकर मंचपर अबैत अिछ ।माथमे तीन भीरी केश बाहल, चािन पर तीन लकीर, दुनू िद स उजड़ा बीचमे लाल। दाढ़ी-मोछ भयंकर। बिह गरदिन मे ाक माला, दिह ना हाथमे कमंडल, पीढ़ीपर लंगोटामे बा हलपुरान कमलक मोटरी।मंचपर राकरक अिब ते तीन गोटे पाछू-पाछू सेहो नारा लगबैत-“राकर भैया,िज दावाद।राकर भैयािज दावाद।”राकर-(पाछू घुिम ) सोझे ह ला केने आ नारा लगौने नै हेतह। चुप-चाप सभ भऽ जाह। बेरा-बेरीअपन-अपन िज नगीक बात-िव चार समाजक सुना दहुन। धमराजक याय भेटत, नै िकयमराजक।49


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>महेश-भाय सहाएब, अपनेक जीवन याा बहुत नमहर अिछ ओते सुनैले ओते िन चेिन य चाही ने, सेभूखल पेट कतेकाल सुिन अमल करत। जइ इलाकामे साले-साल रौदी, दाहीक संगउपजाउ मािट न ट भऽ गेल अिछ तइ इलाकाक याी कते दूर जीवन याा कऽ सकैए?राकर-िक मतलब?महेश-भूखे भजन ने होइ गोपाला।िल अ रिख गु क ठी माला।राकर-महेश, अहक जेहने सु दर अिछ तेहने किठ न। मुदा समुसँ र िन कालब आ जंगलसँिस र-िश रोमिण आनब, दुनू दू िद शा छी।गणेश-एना नै हएत, कनी ओंगरीपर (ओंगरीपर जेना िह साब जोड़ल जाइत) िह साब बैसा कऽ बुझािद अ।राकर-गणेश बाउ, कान खोिल सुिन िल अ। ई धरती िव शाल रंगमंच छी। मािट -पािन क बीच रंगमंचसजल अिछ । जे जेहेन याी छिथ ओ ओहेन अपन बाट पकिड़ पाड़ करै छिथ ।गणेश-िक मतलब?राकर-मतलब यएह जे िक यो अपन िज नगी हवन दैत अिछ तँ िक यो दोसराक हवन लैत अिछ ।खएर, जे होउ...।50


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>(िब चेमे, िम सर लाल अपन बात उठबए चाहलक आिक सुरेसर ललिक बाजल) अनेरे...।राकर-तखन पिह ने फिर या िल अ पड़त जे खाइले जीबै छी आिक जीबैले खाइ छी। दान देब नीकआिक लेब नीक। आिक लेब-देब नीक। आिक देब-देब नीक।गणेश-लेब-देब नीक छी। दुनू नीक छी कोनो ने नीक ने अधला छी।भजन लाल-तखन?गणेश-बेवहािर क धरातलपर जे अिध क नीक हुअए?भजन लाल-अिध कोक दू िद शा छै?गणेश-से की?भजन लाल-अिध क लोकक शि द क िव चार आ अिध क लोकक िज नगीक िव चार।राकर- भजन जेहने तूँ सझ भोर राित -िद न लय-धुन बदिल -बदिल एके बातक औंटै-पौड़ै छह तेहनेगणेश अिछ । भारी देिख हाथी चढ़ब नीक बुझलिन , मुदा हाथी केना पोसाइत अिछ से लूिर येने भेलिन ।गणेश-(िख िस या कऽ, दिह ना हाथ ऊपर घुमबैत) तीन लकीर हम दइ छी, ताधिर हम नै मानब जाधिरओहन भोगी नै आिन देखा देब।51


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>राकर-हकार िद अए तोहॴ ने गेल छेलह, तँए तोरे ने ओहेन हकिर यासँ भट भेल हेतह?भजन लाल-भैया, बुढ़ोमे अह ओहने अगुताह रिह गेलॱ जेहने समरथाइमे छेलॱ।राकर-(मु की दैत) हे बुिड़ वक, केतबो धड़फड़ा कऽ काज करबह, तँए िक काज पिह ने थोड़े भऽजाइए। काजक जे अपन समए छै ओइ अनुकूल जे करैत अिछ , ओ कुशल भेल। मुदा...।सुरेसर-मुदा की?राकर-यएह जे जँ धड़फड़ा कऽ करब तैयो आ अलुिर ये करब तैयो या तँ आरो गजपटा जाएत वाउबािण भऽ जाएत।सुरेसर-सुवािण यो तँ भऽ सकैए िक ने?राकर-संयोगवश, िन ि त नै।भजन लाल-(धड़फड़ाइत) भैया, अह अनेरे कोन घंघौजमे लिग गेलॱ, मोतीबला िस तुआ दोसर होइ छैभलिहं नाओं िक यो रिख िल अए।(भाव दृ य) ने िक छु राकर बजैत, मुदा चेहरा कहैत समुक िस तुआ आ बरसाती डबराकिस तुआ एक िव यान केना करत। एक अजर-अमर बीच जीवन-यापन केिन हार, दोसर तीनमास ढेनुआर तीन मास रखलाहा, िम ला छह मास। (भजनलाल हराएल मुामे बड़बड़ाइत)‘मनमे रिह तो सझ-भा◌ेर ओहए गबै छी।’52


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>(सबहक मुा अपन-अपन िव चारानुकूल। सभसँ िभ िम सरलालक। जेना िक छु बजैले मुँहलुस-फुस करैत, तिह ना।)िम सर लालक लुस-फुसाइत देिख सुरेसर बजलाह-िम सर लाल अह िक छु बाजए चाहै छी?िम सर लाल-(दुनू हाथ जोिड़ ) हँ, भाय सहाएब। हमरा सन लोकक बजैक एहेन समए किह या भेटत?गणेश-(िबगिड़ कऽ) िम सर लाल बजैक छह तँ ज दी बाजह, अखन धिर चाहो ने भेल अिछ । एना जेतेिल या-फुिल या लगेबह तँ घॲच-घचमे दू-चािर कड़ी अमीन खाइये जाइ छै।भजन लाल-माने?गणेश-माने यएह जे जखन बसक सोझका ल गा छलै तखन नमहर धुर-का छलै। जखन चास-बासघटलै तखन इंच-फीटमे पहुँच गेल। मुदा नपैक यं तेहेन ॴगदार भऽ गेल जे केमहर िकभऽ जाएत जे...।राकर-समैपर िध यान रखू। भजन देरी िक अए होइ छह?िम सर लाल-भाय सहाएब, दुिन यक रीित क अनुसार दुरागमनक अपनो कत य बुझिल ऐ। तीिन य सालमेदूटा बे◌ेटी भऽ गेल।गणेश-अपरेशन िक अए ने करा लेलॱ, जखन दुइये ब चाक कोटा छै?53


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िम सर लाल-भाय सहाएब, सुनै िछ ऐ समलॱिग क स ब ध। ओइ कटौतीसँ कोटा नै पुरतै?राकर-आगू बाजू?िम सर लाल-भाय सहाएब, मन अपनो दुनू परानीक सएह भेल। देखै छी जे एकटा बेटी-िब अ◌ाहमे िज नगीभिर क कमाइसँ पारो नै लगै छै, तइठाम दूटाक भार तँ बेसी भेबे कएल।राकर-(मुड़ी डोलबैत) हँ से तँ भेल। तखन...।िम सर लाल-(अठी हँसी हँसैत) दूटा ओही बीच भऽ गेल, जइ बीच फिड़ एबे ने कएल जे दुनूमे केअपरेशन करबी।भजन लाल-एक ग डा भेल?िम सर लाल-गाहीमे एक कमे अिछ ।राकर- पछाित ?िम सर लाल- माएक कानमे अपरेशनक समाचार पहुँचते मधुमाछीक गीत जक गबैत िद न-राित एके सोखरगबैत हमरा मौसीक तेरहटा बेटी रहै से पार-घाट लगबे केलै आ एकरा सभक चािर ये टामेढा ढील होइ छै।सुरेसर-(मु की दैत) से तँ ठीके। पछाित की भेल?54


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िम सर लाल-त काल भाइक बात मािन गेलॱ। अपनो दुनू परानी िव चारलॱ जे जँ कहॴ माइयो-बापकअसीरवादसँ आगू बेटे बेटा हुअए।गणेश-(िख िस या कऽ) ईह बूिड़ कहॴ क, हम एते िद न-राित तबाह रहै छी से िध या-पुता डरे िब आहो नेकेलॱ आ िह नका मुनहरक मुँह खुिज गेलिन ।(गणेशीक ोिध त देिख िम सर लाल ठहाका दैत)िम सर लाल-(धुनधुना कऽ) बपजेठ जक केहेन गरमी छि ह । मुदा जोरसँ िक छु नै बजलाह।भजन लाल-िम सर भाय, एना जे ि◌ तलक तार बनेबह तते समए नै छल। ज दीमे अपन बात अ त करह?ि◌ मसर लाल-हकार दइले जे गेल छेलह से कहने छेलह जे अपन बात धड़फड़ा कऽ बाजी।राकर-देखू िव चार दू ढंगे लोक करैए, औपचािर क आ अनौपचािर क। अनौपचािर यो औपचारी बनैए मुदाबीचमे शासकीय सू आिब जाइत अिछ । अ छा आगू...।िम सर लाल-िह साब जोिड़ लेिल ऐ िकने। दूटा दुिन य रीित क अनुसार, दूटा दुनू परानीक झगड़ा-िम लान,िम लान-झगड़ामे।गणेश-जते कुल-खनदानक खित आन-बही छह से अखने उ टा दहक। रसगु लाक आसामे कचौिर योसुिख कऽ टट भऽ गेल हएत।55


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िम सर लाल-गणेश बाबू, अपने लग नै बाजब तँ बािज कतए पाएब। कनी िध यानसँ सुिन दृि ट -कूटखोिल यौ। तखन ने भज पेबै।भजन लाल-िम सर भाय, तॲ तते ने मेठिन करै छह जे कुिश यारो रसक िम सरी बनाइये कऽ छोड़बहक।िम सर लाल-अ छा हुनडे भेल। अखन धिर सात बेटी बला सत बेिट या नाओं हण कऽ नेने छलॱ।राकर- पछाित ?िम सर लाल-(जेना िब ढ़नी कटलापर छटपटािह होइत) एह भाय सहाएब, की कहब। (दुनू हाथ माथपरलैत) भोरे-भोर एकटा एकरंगा आएल।भजन लाल-के रहए?िम सर लाल- कहलक जे घर तँ अही इलाका अिछ मुदा कामा या सीख छी। हमहूँ एक बेर कामा यागेल छी। पैया हाथे महरानीक दशन होइ छै ओतए।राकर-आगू बढ़ू।िम सर लाल-भाय सहाएब, सबा सए पैयाक रसीद कािट हाथमे थमहा देलिन । हाथमे एकोटा पाइ नै।िब नु खेवाक याी जक घरवार लग िव नती केलॱ।गणेश-(झोकमे) िक िव नती केलॱ?56


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िम सर लाल-कहिल यिन , बाबा महराज, बेटीक मािर सँ मिर गेल छी केना अहक खुश कऽ कऽदरबजापरसँ िव दा करब।गणेश-तखन िक केलॱ?िम सर लाल-ओ जेना बूिझ गेला। लगले आँिख -तिख उनटबैत-पुनटबैत कहलिन । जते तोरा बेटी छह ततेतोरा एेबेर बेटा देबह, बाजह मंजूर छह?गणेश-पछाित िक केलह?िम सर लाल-मन पिघ ल कऽ रग-रग भऽ गेल। मुदा घरवाली धिर किह देलक जे ई ठकहरबा छी।गणेश-पछाित िक भेल?िम सर लाल-जे तकदीरमे िल िख देने छेिल ऐ, से भेल।गणेश-हमहॴ िल िख देने छेिल यह।िम सर लाल-सभ िद न भागवत बचै छी अह आ नाओं लगेबे दोसरक।भजन लाल-उ सव शु होइक समए करीब आिब गेल। जाबे तैयार हएब ताबे समैओ आिब जाएत।57


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>मश: जारी...ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।ओम काशगजलक लेल (समीा)ी िवजय नाथ झाजीक गीत-गजल संहक पोथीक नाम अिछ "अहॴक लेल"। ऐ पोथीमे गीत आ गजलकफराक-फराक दूटा भाग छै। हम ऐ पोथीक गजल भागक संबंधमे ऐठ िकछु चच करऽ चाहब। ऐ पोथीमेगजलकार ी िवजय नाथ झाजीक अठहतिरटा गजल कािशत भेल अिछ। पोथीक गजल पढलासँ ई पताचलैत अिछ जे िकछु गजल क छोिडकऽ बेसी ठ कािफया आ रदीफक िनअमक पालन कएल गेल अिछ।पृ संया ४७, ५०, ५४, ५५, ५६, ६७, ७१, ७४, ७५, ८२, ९४, १०१, ११०, ११४ पर छपलगजलमे कािफया गडबडाएल अिछ। ऐठ ई धेआनमे राखबाक चाही जे िबना दुत कािफयाक रचना गजलनै भऽ सकैए। तखनो अिधकश गजलक कािफया दुत अिछ, जे गजलक िवकास यााक िहसाब एकटानीक लण अिछ। कािफया, रदीफ आ गजलक याकरणक िनअम पालन करबाक िहसाब गजलकार ओिहगजलकार सभसँ फराक ेणीमे छिथ जे गजलक याकरणक नै मानबाक सपत खएने छिथ।ऐ गजल संहक गजल सब कोन बहरमे लीखल गेल अिछ, ऐ पर गजलकार मौन छिथ। गजलक नीचमेबहरक नाम जर लीखल जएबाक चाही। बहरक ान नब पीढीक गजलकार सभमे बढेबामे ई महवपूण डेगहएत। ओना तँ गजलकार कोनो गजलक नीचमे बहरक नाम नै लीखने छिथ, मुदा गजल सभक पढलासँ ईपता चलैत छै जे ऐ संहक ढेरी गजल एहन अिछ जािहमे अरबी बहरक िनअमक पालन करबाक नीकयास कएल गेल अिछ। ई वागत योय गप अिछ। ऐसँ इहो पता चलैत अिछ जे गजलकार अरबी बहरसँनीक जक पिरिचत छिथ आ जँ ई बात अिछ तँ हुनका बहरक नाम गजलक नीचमे फिरछाक लीखबाकचाही। ऐ संदभमे हम पोथीक सबसँ पिहलुक गजलक (पृ संया ४५) मतलाक उृत करऽ चाहै छी-हमर पूजा, हमर पिरचय, हमर शृंगार छी अपने58


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>सकल सौभाय, मन, काया, िधर-संचार छी अपनेआब एकर माा संरचना पर धेआन िदऔ, तँ पता चलै छै जे ऐमे मूल विन मफाईलुन माने "व-दीघ-दीघ-दीघ" सब पितमे चािर बेर योग कएल गेल अिछ। माने ई शेर बहरे-हजजमे कहल गेल छै। ऐ गजलकआनो शेरमे मोटामोटी िकछु गलतीक छोिड बहरे-हजजक योग अिछ आ िकछुठ वण दुत कऽ देला पर ईगजल अरबी बहर बहरे-हजजमे अिछ। ई एकटा उदाहरण अिछ, एहन आरो गजल ऐ संहमे छै जे वण आमाामे िकछु पिरवतन भेला पर अरबी बहरमे कहल मानल जाएत। हमरा ई आस अिछ जे गजलकार अपनअिगला गजल संहमे ऐ बातक धेआन राखताह आ अरबी बहर युत गजल किहकऽ मैिथली गजलक समृकरताह। शेरक पितक अंतमे पूण िवराम वा कोनो िवराम िचह नै लगेबाक िनअम अिछ, मुदा पोथीकगजलक शेर सभक पितक अंतमे पूण िवराम लगाओल गेल अिछ, जे िनअमानुकूल नै अिछ आ एकर धेआनराखल जएबाक चाही छल।संवेदनाक तरपर ई गजल संह बड नीक अिछ आ गजलकारक िवताक कट करैत अिछ। मुदाकएकठ भारी भरकम तसम आ संकृतक शदक योग गजलक बूझबामे भारी बनबैत छै, जािहसँ बचल जासकैत छल। गजलमे लािसकल भाषाक योग निहए हेबाक चाही, अिपतु आम योगक भाषाक योगगजलक लेल बेसी नीक होइत छै। शेरमे एहन शदक योग जे आम बेबहारमे नै छै, गजलकारक शदसामयक तँ जर देखाबैत छै, मुदा शेरक आम जनसँ दूर सेहो करैत छै। त शेर कहबाक काल हमरािहसाब बेसी िल भाषाक योगसँ बचबाक चाही।अंतमे ई कहल जा सकैए जे "अहॴक लेल" पोथीक गजल भाग मैिथली गजलक िवकिसत होइत पकअपे प, मुदा देखबैत जर अिछ। ई पोथी गजलक याकरणक िहसाब िकछु गलतीक छोिडकऽ नीकयास अिछ। ऐ संहक कएकटा शेरमे अरबी बहरक पालनक यास महवपूण आ नोिटस करबाक जोगअिछ। कएकठ िल आ संकृतिन शदक योगक जँ कात कए कऽ देखल जाइ तँ संवेदनामकतरपर सेहो ई संह नीक अिछ। मैिथली गजलक िवकास याामे ई पोथी गजलक भिवयक लेल नीक डेगअिछ।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।१. जगदीश साद म डलक िव हिन कथा- जनक हाथे खेती २. िबदेर ठाकुर-िबपितयाक िवदेश [िवहिन कथा ]59


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१जगदीश साद म डलक िव हिन कथाजनक हाथे खेतीदतमिन काटए भैयाकाका हँसुआ नेने धड़फड़ाएल बॅसिब टी िद स जाइत छलाह आिक र तेमे नुनुआँ पुछलकिन -“भैयाकाका, सरोसती पूजा किह या िछ ऐ?”काजमे िव लम होइ दुआरे भैयाकाकाक मनमे उठलिन , जखन पुछलक आ नै कहबै ई उिच त नै। जखनकाका बुझैए तखन अपनो तँ दािय व बनैए। मुदा लगले मनमे उठलिन , आठ िद नसँ पतरो नै उनटेलॱ तखनओिह ना केना किह देबै। आब िक ओ समए रहल जे ा कम करबै काल एक गोटे करबै छलाह आ दोसरगोटे िव िध-िव धान देखैत छलाह। मुदा जतए जे होउ से होउ। अपना मनक मौजी बहुक कहलॱ भौजी जेकहतै से कहौ मुदा हूसल बात नै बाजब। नुनुआँक कहलिख न- “बौआ, आठ ि◌दन पतरा देखना भऽ गेल,देिख कऽ कहबौ। अखन दतमिन काटए जाइ छी, नइ बरदेबौ।”जिह ना गामक सभ भैयाकाकाक बात मानै छि ह , तिह ना नुनुआँ सेहो मािन गेल। मुदा दोहरा देलकिन -“काि दुपहरमे आिब कऽ बूझब।”भैयाकाका बजला िक छु नै, िक एक तँ िव राम दइक जगह बूिझ पड़लिन । मुदा मनमे उठलिन बड़ ख चरछौड़ा अिछ । कहू जे बारह बखसँ ऊपरेक उमेर हेतै, सॱसे गाममे टोले-टोल घरे-घर पूजा होइते छै, से नैदेखै सुनैए जे पुछलक। मुदा मन ठमिक गेलिन । मन पिड़ गेलिन पीक बात जे कहने छेलिख न- “तीनकामे जते गहुमक लगता लागल छल दामक भाउवे ततबे भेल।”किर आइत मन कड़ेलिन । मुदा कहबे केकरा किर तिथ न। बॅसिब टीमे हँसुआ नेने आँिख नवका कड़ची तकैतरहिन मुदा मन जनक हाथे खेती करबामे बौआए लगलिन । सोझेमे कड़ची रहै मुदा नजिर पर चढ़बे ने करिन ।नमहर-नमहर बसक बॅसिब टीमे ठाढ़ छी मुदा दतमिन नै भेट रहल अिछ । िव ल होइत मुँह पटपटेलिन -60


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>“जनक हाथे खेती।”वएह जनक ने जे बारह बखक रौदीमे हर जोित िम िथ लचलक धरतीक असिथ र केलिन । एक हाथपीक करेजपर तँ दोसर हवनमे आहूत दैत छलाह। वएह िम िथ ला राज छी ने जइठाम पढ़ब, अ ययन करबपूजा नै! असल सर वतीक पूजा तँ देिख ते छी!!२िबदेर ठाकुर, धनुषा, नेपाल। हाल-कतार।िबपितयाक िवदेश [िवहिन कथा ]कतेको िदनसँ मुह घोकचौने िबपितयाक ओठपर आइ भरल मुकान अिछ। कारण तीन मिहनाक बाद पिमिदससँ चाद उगल। माने कपनी आइ तलब देबाक लेल राजी भेल। तीन मिहना धिर िविभ बहाना बनाकऽटारैत छल। अगला मिहना, अगला मिहना, अगला मिहना..... । मुदा तीन मिहना बाद कामदार सभ जबउखड़ल तँ कपनी सेहो िववश भऽ गेल सेलरी देबाक लेल। मुदा ओतेक सोिझया नै रहैक कपनीकमनेजर। लेबर सभक ठिक फुसला कऽ एक मिहनाक तलब देलक आ २ मिहनाक रािखए लेलक। अतत:जे हुअए, सभ कामदार खुश भेल। िबपितया सेहो खुश भेल।सेलरी लऽ पैसा गनैत अिछ तँ मा पच गोट नमरी। पिहनेसँ आएल मुकान िबपितयाक मुहसँ िबलागेलैक। ओ िचितत भऽ गेल। कारण खानाक पैसा बालीक उधािरए छलै। चुा चौका चलाएब हेतु घरमेपठाबै पड़तिन। ओतबे कह, महथास लेल ढौवा नै बुझैताह तँ ५०००० क सुइद-सुइद जोिड़ कऽ २ लाखबनाइए देतै। आब की करत, िबपितया गभीर सोचमे पिड़ गेल। "घर पिरवार छोिड़ कऽ सात समु पारअएली पथर फोड़ऽ मुदा तैयो घर नै चलल आ पेटो नै चलल, िधकार अिछ हमर मेहनेत आ हमर कामक"बरबड़ाइत आ लथरैत जेीत ZEKREET क ट एसचेज trust exchange मे जा भु मनीासफर ारा पीक नामसँ खाना पैसा बाहेक सभ पठा देलक। आरो नै िकछु तँ ओइ महथा धिनकककज तँ सधतै।61


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।उमेश म डलिव देह नाय उ सव- 2013मधुबनी िज ला तगत चनौरागंजमे, रा ीय राजमाग-57क सटले उरबािर कात ि िद वसीय आयोजन जे “िव देहनाय उ सव”क प िस अिछ आयोिज त भेल। आयोजन िद वस छल िव गत 15-सँ-17 फरवरी। िव देहथम मैिथ ली पाि क ई-पि काक नाय-रंगमंच-िफ म िव भागक संपादक ी बेचन ठाकुरक संयोजक वमे ऐआयोजनक सफल समापन भेल।दूटा नाटक, दूटा एककी नाटक, नुड़, जट-जटीन, होली, झड़नी, गंगा झकी, वाल-बाल झकी, बाललीला झकी, लोक समूह गीत, वागत गीत, समूह नृ य, हा य-चटनी, महादेव-नचारी, रा ीय एवं भि तपरक झकी इ यािद -इ यािद अनेक कायमक तुित क संग किव स मेलन तथा कला एवं सािह य ेमे“िव देह समान समारोह”क आयोजन सेहो कएल गेल। परोपाक लोकक उपि थ ित क अलाबे किव -समेलनमेतथा समान समारोहमे आएल सम तीपुर, दरभंगा, सुपौल तथा मधुबनी िज लाक िव िश ट यि त क उपि थ ित ऐवािषक कायमक अादकारी ओ मरणीय बनौलक।पिह ल िद न अथत् 15 फरवरीक िद नक 11 बजेसँ राीक 10 बजे धिर , दोसर िद न माने 16फरवरीक मौसम खराप रहलाक कारण िद नक 3 बजेसँ 11:30 बजे राित धिर तथा तेसर िद न 2 बजेसँराित क 12 बजे धिर उपरो त िव िभ कायमक तुित क परेखा रहल। ऐ स पूण कायमक िव िड योिर का◌ॅिड◌ ंग सेहो कएल गेल अिछ । ा त सूचनाक आधारपर ऐ ि िद वसीय कायमक स पूण िव िड यो शीिहयू-यूबपर स पूण िव मे पसरल िव देह-ोता-दशक तथा अ य लेल उपल ध कराओल जाएत।भाषा स मान, मूल सािह य स मान, सम योगदान समन, मगिन खबास समन, आ म ि◌ नभर सं कृितसंरण समन तथा अनुवाद पुर कार एवं “मानद् महर सद यता” समानक ऐ कड़ीमे 47 गोट समािन त यि त क अादकारी उपि थ ित ए◌े समान समारोहक सफलता दान कएल। हलिक मैिथ ली पकािर तासमान तथा उपरो त विणत समानक अनेक सूचीमे िक छु यि त उपि थ त नै भऽ सकलाह ित नका सभ लेलिव देह ारा पुन: दोसर सक समान समारोह अगामी माच माहमे, सुपौल िज ला अ तगत ि◌नमलीमे आयोिज तहएत तेकरो उोषणा मंचसँ कएल गेल।समान समारोह, नाटक मंचन, एककी मंचन तथा किव स मेलनक समाचार िव तारसँ िन अिछ -62


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िव देह स मान समारोह-उाटन- कुमार रामेरम्अ य- डॉ. िश वकुमार साद।मंच संचालक- उमेश म डल।1. ी राजदेव म डल सुपु व. सोने लाल म डल उफ सोनाई म डल, उमेर- 52, “अ बरा” किव ता संहलेल िव देह मूल सािह य स मान-2012स पक- गाम- मुसहरिन य, पो ट- रतनसारा, भाया- ि◌ नमली, िज ला- मधुबनी, िप न- 8474522. डॉ. नरेश कुमार िव कल “ययाित ” (िव . स. खा डेकर, मराठी)क अनुवाद लेल 2013क िव देह अनुवादपुर कार। स पक- भगवानपुर, देसुआ सम तीपुर िब हार।3. ी जगदीश साद म डल सुपु व. द लू म डल “तरेगन (बाल ेरक िव हिन कथा संह” लेल2012क “िव देह बाल सािह य स मान”स पक- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, िज ला- मधुबनी (िब हार) िप न- 8474104. ी राजन दन लाल दास (ित िन िध - डॉ. बुच पासवान) मैिथ लीमे सम योगदान लेल “मानद् महरसद यता” दान कएल जा रहल अिछ5. नृ य अिभ नय लेल िव देह “सम योगदान स मान”सुी संगीता कुमारी सुपुी ी रामदेव पासवान, उमेर- १६, पता- गाम+पो ट- चनौरागंज, भाया- झंझारपुर,िज ला- मधुबनी (िब हार)63


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>6. िच कला लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी जय काश म डल सुपु- ी कुशेर म डल, उमेर- ३५, पता- गाम- सनपतहा, पो ट– बौरहा, भाया-सरायगढ़, िज ला- सुपौल (िब हार)7. िच कला लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी च दन कुमार म डल सुपु ी भोला म डल, पता- गाम- खड़गपुर, पो ट- बेलही, भाया- नरिह या, थाना-लौकही, िज ला- मधुबनी (िब हार) संित , छा नातक अंित म वष, कला एवं िश प महािव ालय- पटना।8. हिर मुिन य वा लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी जागेर साद राउत सुपु व. राम वप राउत, उमेर ६०, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या,थाना- झंझारपुर (आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)9. ढोलक-ठेकैता लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी क लर राम सुपु व. खर राम, उमेर- ५०, गाम- लि म िन य, पो ट- छजना, भाया- नरिह या, थाना-लौकही, िज ला- मधुबनी (िब हार)10. िश प-वा तुकला लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी राम िव लास धिर कार सुपु व. ठोढ़ाइ धिर कार, उमेर- ४०, पता- गाम+पो ट- चनौरागंज, भाया-तमुिर या, िज ला- मधुबनी (िब हार)11. मूितकला लेल िव देह “सम योगदान स मान”64


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>घूरन पंिड त सुपु- ी मोलहू पंिड त, पता- गाम+पो ट– बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना- झंझारपुर (आर.एस.िश िव र), िज ला- मधुबनी (िब हार)12. का ट कला लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी योगे ठाकुर सुपु व. बुू ठाकुर उमेर- ४५, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना-झंझारपुर (आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)13. िकसानी आमिनभर संकृितक संरण लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी राम अवतार राउत सुपु व. सुबध राउत, उमेर- ६६, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना-झंझारपुर (आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)14. िकसानी आमिनभर संकृितक संरण लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी रौशन यादव सुपु व. किप लेर यादव, उमेर- ३५, गाम+पो ट– बनगामा, भाया- नरिह या, थाना-लौकही, िज ला- मधुबनी (िब हार)15. अा/महराइ लेल िव देह “सम योगदान स मान”मो. जीबछ सुपु मो. िब लट मरहूम, उमेर- ६५, पता- गाम- बसहा, पो ट- बड़हारा, भाया- अ धराठाढ़ी,िज ला- मधुबनी, िप न- ८४७४०१16. जोिग रा गायन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी ब चन म डल सुपु व. सीताराम म डल, उमेर- ६०, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना-झंझारपुर (आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)65


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>17. जोगीरा गायन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी रामदेव ठाकुर सुपु व. जागेर ठाकुर, उमेर- ५०, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना-झंझारपुर (आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)18. पराती गायन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी लेु दास सुपु व. सनक म डल पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना- झंझारपुर (आर.एस.िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)19. झरनी लेल िव देह “सम योगदान स मान”मो. गुल हसन सुपु अ दुल रसीद मरहूम, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना- झंझारपुर(आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)20. नाल वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी देव नारायण यादव सुपु ी कुशुमलाल यादव, पता- गाम- बनरझूला, पो ट- अमही, थाना- घोघड़डीहा,िज ला- मधुबनी (िब हार)21. मैिथ ली लोकगीत लेल िव देह “सम योगदान स मान”ीमती फुदनी देवी पी ी रामफल म डल, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना- झंझारपुर(आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)22. मैिथ ली लोकगीत लेल िव देह “सम योगदान स मान”सुी सुिव ता कुमारी सुपुी ी गंगाराम म डल, उमेर- १८, पता- गाम- मछधी, पो ट- बिल यािर , भाया-झंझारपुर, िज ला- मधुबनी (िब हार)66


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>23. खुरदक वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी सीताराम राम सुपु व. जंगल राम, उमेर- ६२, पता- गाम- लि म िन य, पो ट- छजना, भाया- नरिह या,थाना- लौकही, िज ला- मधुबनी (िब हार)24. खुरदक वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी ल मी राम सुपु व. पंचू मोची, उमेर- ७०, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना- झंझारपुर(आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)25. कॉरनेट वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”मो. सुभान, उमेर- ५०, पता- गाम+पो ट- चनौरागंज, भाया- तमुिर या, िज ला- मधुबनी (िब हार)26. लोक सं कृित क संलण लेल िव देह “मगिन खबास स मान”ी राम लखन साहु पे. व. खुशीलाल साहु, उमेर- ६५, पता, गाम- पकिड़ या, पो ट- रतनसारा, अनुमंडल-फुलपरास (मधुबनी)27. िम िथ ला िच कला लेल िव देह “सम योगदान स मान”ीमती वीणा देवी पी ी िद िल प झा, उमेर- ३५, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना- झंझारपुर(आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)28. तबला वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी उपे चौधरी सुपु व. महावीर दास, उमेर- ५५, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना-झंझारपुर (आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)67


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>29. तबला वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी देवनाथ यादव सुपु व. सवजीत यादव, उमेर- ५०, गाम- झझपी, पो ट- पीपराही, भाया- लदिन य,िज ला- मधुबनी (िब हार)30. झािल वादन लेल लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी कु दन कुमार कण सुपु ी इ कुमार कण पता- गाम- रेबाड़ी, पो ट- चौरामहरैल, थाना- झंझारपुर,िज ला- मधुबनी, िप न- ८४७४०४32. झािल वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी राम खेलावन राउत सुपु व. कैलू राउत, उमेर- ६०, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना-झंझारपुर (आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)33. मैिथ ली लोकगाथा गायन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी रिव यादव सुपु सीताराम यादव, पता- गाम- तुलिस याही, पो ट- मनोहर पी, थाना- मरौना, िज ला-सुपौल (िब हार)34. मैिथ ली लोकगाथा गायन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी िप चकुन सदाय सुपु व. मेथर सदाय, उमेर- ५०, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना-झंझारपुर (आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)35. शा ीय संगीत आ तानपुरा वा लेल िव देह “मगिन खबास स मान”68


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ी रामवृ िस◌ ंह सुपु ी अिन िस◌ ंह, उमेर- ५६, गाम- फुलविर या, पो ट- बाबूबरही, िज ला- मधुबनी(िब हार)36. मृदन वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी खखर सदाय सुपु व. बंठा सदाय, उमेर- ६०, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना-झंझारपुर (आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)37. तरसा/तासा वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी जोगे राम सुपु व. िब टू राम, उमेर- ५०, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना- झंझारपुर(आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)38. रमझािल / कठझािल / करताल वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी सैनी राम सुपु व. लिल त राम, उमेर- ५०, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना- झंझारपुर(आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)39. गुमगुिम य वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी जुगाय साफी सुपु व. ी ीच साफी, उमेर- ७५, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना-झंझारपुर (आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)40. डंका/ढोल वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी योगे राम सुपु व. िब टू राम, उमेर- ५५, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना- झंझारपुर(आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)69


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>41. डंफा वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी जनाथ चौधरी उफ िध यानी दास सुपु व. महावीर दास, उमेर- ६५, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया-तमुिर या, थाना- झंझारपुर (आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)42. डंफा वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी महे पोार, उमेर- ६५, पता- गाम+पो ट- चनौरागंज, भाया- तमुिर या, िज ला- मधुबनी (िब हार)43. नङेरा/िड गरी वादन लेल िव देह “सम योगदान स मान”ी राम साद राम सुपु व. सरयुग मोची, उमेर- ५२, पता- गाम+पो ट- बेरमा, भाया- तमुिर या, थाना-झंझारपुर (आर.एस. िश िव र), िज ला- मधुबनी िप न- ८४७४१० (िब हार)44. रंगमंच अिभ नय लेल िव देह “सम योगदान स मान”सुी आशा कुमारी सुपुी ी रामावतार यादव, उमेर- १८, पता- गाम+पो ट- चनौरागंज, भाया- तमुिर या,िज ला- मधुबनी (िब हार)45. रंगमंच अिभ नय लेल िव देह “सम योगदान स मान”मो. समसाद आलम सुपु मो. ईषा आलम, पता- गाम+पो ट- चनौरागंज, भाया- तमुिर या, िज ला- मधुबनी(िब हार)46. रंगमंच अिभ नय लेल िव देह “सम योगदान स मान”सुी अपण कुमारी सुपुी ी मनोज कुमार साहु, ज म ित िथ - १८-२-१९९८, पता- गाम- लि म िन य, पो ट-छजना, भाया- नरिह या, थाना- लौकही, िज ला- मधुबनी (िब हार)47. रंगमंच हा य अिभ नय लेल िव देह “सम योगदान स मान”70


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>टा◌ॅिस फ आलम सुपु मो. मु ताक आलम, पता- गाम+पो ट- चनौरागंज, भाया- झंझारपुर, िज ला- मधुबनी(िब हार)।किव समेलन-अ य- ी जगदीश साद म डल।मंच संचालक- उमेश म डल।समीक- डॉ. योगान द झा तथा कुमार रामेरम् एवं डा◌ॅ. िश वकुमार साद।ध यवाद ापन- ी बेचन ठाकुर।किव गण तथा किव ताक नाओं-(1) ी श भु सौरभ- सुज मारए हुलकी(2) ी उमेश पासवान- कागज(3) ी रामिवलास साहु- केना कहब भारत महान्(4) ी न द िव लास राय- िम िथ ला वणन(5) ी ी हेमनाराण साहु- हम छी मैिथ ल(6) ी परमा द भाकर- खखनुआँ भुखल सुतलैए(7) डॉ. योगान द झा(8) मो. गुल हसन- िक सानक खिर हान(9) ी राजदेव म डल- जय हे िक सान(10) ी उपे नारायण अनुपम- गेल चौवी71


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>(11) ी किप लेर राउत- हमरा िक छु ने फुराइए(12) शिश का त झा- एतबे आंगन(13) ी िव पीन कुमार कण- यव थाक जाित -पाित(14) गौरी शंकर साह- िव वाह िव वाद होइत(15) िश व कुमार िम - मान(16) ल मी दास- हर जोित हरबाह(17) डॉ. िश वकुमार साद- कजरौटी केर काजर संग(18) ी जगदीश साद म डल- िद न राित क खेल।एककी नाटक “सतमाए”नाटककार- ी जगदीश साद म डलिन दशक- ी बेचन ठाकुरपा- पिर चय-(1) बुि धारी बाबू- हाई कूलक धाना यापक, भूिम कामे- सुी पूजा कुमारी(2) िव पित बाबू- हाई कूलक एक गोट सहायक िश क, भूिम कामे- सुी सर वती कुमारी(3) पुलिक त- हाई कुलक चपरासी, भूिम कामे- सुी संगीता कुमारी(4) सुलणी- िव पित बाबूक माए भूिम कामे- सुी लिल ता कुमारी(5) िश वकुमार- िव पित बाबूक बटा- भूिम कामे- सुी योित कुमारी(6) खजूिर या- एक गोट ामीण मिह ला, भूिम कामे- सुी सुलेखा कुमारी(7) तेतरी- दोसर ामीण मिह ला, भूिम कामे- सुी पुनम कुमारी72


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>(8) िच तामणी- एक गोट साधारण िक सान, भूिम कामे- सुी रोशनी कुमारी(9) सािव ी- िच तामिण क पी, भूिम कामे- सुी रािग नी कुमारी(10) गीता- िच तामिण क बेटी, भूिम कामे- सुी माला कुमारी(11) पुरोिह त- गामक पंडीजी, भूिम कामे- सुी राधा कुमारी(12) जय मालाक कालाकार- भूिम कामे- सुी खुशबू, पुनम, सुलेखा, रािग नी, सोनी कुमारी।(13) पिर छन गीत- भूिम कामे- सुी सुलेखा आ पुनम कुमारीमैिथ ली नाटक “गंगा ि ज”नाटककार- ी गजे ठाकुरि◌नदशक- ी बेचन ठाकुरपा-पिर चय-(1) ब चा-1 िम िथ लेश कुमार यादव(2) ब चा-2 आन द मोहन कुमार यादव(3) ब चा-3 कुणाल िक शोर ‘धीरज’(4) मु यमंी- देवन कुमार म डल(5) मीत- बैनाथ कुमार ठाकुर(6) बाउ- सोनू कुमार(7) लाला- गणेश कुमार(8) दादा- वलराम कुमार यादव(9) िब लट- अिम त आन द73


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>· अिभ यंता- कृ ण कुमार यादव· अिभ यंताक पी- रंजीत कुमार राम· अिभ यंताक बेटी- कणाद िक शोर ‘नीरज’· अिभ यंताक बेटा- शुभम शंकर गु ता· ठीकेदार- सूरज कुमार· पिह ल मजदूर- ानंद कुमार यादव· दोसर मजदूर- िश वकुमार यादव· तेसर मजदूर- संतीत कुमार यादव· पिह ल िश क- िक शोर कुमार ठाकुर· दोसर िश क- अिभ नाश कुमार साह· ढोलहो देनीहार- राजेश कुमार महतो· पिह ल डंका बजेिन हार- कमल िक शोर पंकज· दोसर डंका बजेिन हार- िक शोर कुमार यादव· बतही माए- उमेश कुमार राम· पैघ भाय- सुभाष कुमार· अिभ यंताक िम - सुनील कुमार महतो· किन य काकी- रामबाबू भारती· पुरान अिभ यंता- िस क दर कुमार यादव· पिह ल ोफेसर- रमेश कुमार· दोसर ोफेसर- मो. कलामुीन अंसारी74


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>· इसकुल छा- भाष कुमार, िश वकुमार मुिख या, शत कुमार आ संजन कुमार· कॉलेजक छा- कृ णानंद कुमार, िश वजी म डल, गं◌ुजन कुमार, अजीत कुमार म डल,रंजीत कुमार म डल, िम िथ लेश कुमार राम, मो. इरफान अंसारीजट-जटीन-“जब-जब पढ़ए कहिल औ रे जटा.....”गीत तुित - सुी योित कुमारी आ सुी बिब ता कुमारी।जटीन प- सुी दुग कुमारी, ेता कुमारी, सीता कुमारी आ संगीता कुमारी।जटा प- सुी रीना कुमारी, पूजा कुमारी, कंचन कुमारी तथा पूिणमा कुमारी।एककी- “जजाित”नाटककार- ी नंद िव लास रायिन दशक- ी बेचन ठाकुरप-पिर चय-(1) फूलच द- गामक एकटा खलीफा- भूिम कामे- मो. नौशाद आलम(2) वनवाली- फूलच दक िप ता- भूिम कामे- राम बाबू भारती(3) मैलामवाली- भूिम कामे- अिम त आन द-(4) गामवाली- भूिम कामे- िव ी कुमार कण75


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>(5) ित लाठवाली- फूलच दक पी- भूिम कामे- िम िथ लेश कुमार यादव(5)महान सामािज क मैिथ ली नाटक- “ऊँच-नीच”नाटककार- ी बेचन ठाकुरि◌नदशक- ी बेचन ठाकुरपा पिर चय-(1) मंगल मिल क- रामनगर गामक डोम- भूिम कामे- सुी राधा कुमारी।(2) मरनी- मंगल केर पी- सुी आशा कुमार।(3) दुखन- मंगल केर पु मैीक पास- सुी ेता कुमारी।(4) बुधन- एकटा ामीण- सुी रीना कुमारी।(5) च ेश झा- एकटा सुखी स प, कंजूश ाण - सुी वीभा कुमारी।(6) मनीषा- च ेशक पी- सुी सुिव ता कुमारी।(7) च भा- च शक इकलौती बेटी- सुी योित कुमारी।(8) रबीया- मंगल केर िद याद भाय- सुी बिब ता कुमारी।(9) शिश कत- दा दोकानदार- सुी रोशनी कुमारी।· सीताराम- एकटा गरीब आदमी- सुी आरती कुमारी।· शीला- ताड़ीवाली- सुी शगुफता परवीण।· देबन- एकटा ताडी िप याक- सुी दुग कुमारी।· सुकराती- दोसर ताड़ी िप याक- सुी संगीता कुमारी।76


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>· छू- तेसर ताड़ी िप याक- सुी ीित कुमारी।· िझ◌ ंगूर- एकटा नामी-गामी चाहबला- सुी रानी कुमारी।· संजीत- मैीकक िव ाथ- सुी कंचन कुमारी।· हरीश- मैीकक िव ाथ- सुी पूिणमा कुमारी।· भोलू- मैीकक िव ाथ- सुी चदनी कुमारी।· गौरी- पेपरबला- सुी पूजा कुमारी।· राम वेश- एकटा ामीण- सुी सर वती कुमारी।· इंजीिन यर- मंगलक बेटा- सुी ीित कुमारी।· डा◌ॅ टर- च ेशक बेटी- सुी पूजा कुमारी।· ल मण- लिड़ की छाावासक मािल क- सुी आरती कुमारी।· ानंद- विक ल, च ेशक िम - सुी आरती कुमारी।· मिण कत- वुजुग काय त- सुी सोनम कुमारी।· शित - डॉ टरक सहेली- सुी नीतू कुमारी।· िन यानंद िम - रेलमंी- सुी सीता कुमारी।· वण झा- ि◌ न यानंद िम क अंगरक- सुी सिब ता कुमारी।· ओपीनदर- मंगलक िप ित औत सार- सुी िच तामिण कुमारी।· परमान द- च ेशक पड़ोसी- सुी िद या कुमारी।· कृ णान द- च ेशक पड़ोसी- सुी राधा कुमारी।· उमा- ानंदक बेटीक सहेली- सुी सोनल कुमारी।· मोतीलाल- पंचायतक सरपंच- सुी सुधा कुमारी।77


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>· रामानंद- च ेशक अ पन लोक- सुी खुशबू कुमारी।· च कत- च देशक अ पन लोक- सुी योित कुमारी।· उमाका त- च ेशक अ पन लोक- सुी िन ी कुमारी।· शोभाका त- च ेशक अ पन लोक- सुी मानसी कुमारी।· इ नारायण- च ेशक अ पन लोक- सुी स यम कुमारी।· लूटन- दोसर पेपरबला- सुी संगीता कुमारी।· नरेश- पिह ल गुंडा- सुी खुशबू कुमारी।· भेश- दोसर गुंडा- सुी ोपदी कुमारी।· उेश- तेसर गुंडा- सुी सुषमा कुमारी।· सुरेश- चािर म गुंडा- सुी रंजीता कुमारी।· महेश- पिच म गुंडा- सुी बबली कुमारी।· जयमाला हेतु दाय-माय- गीतहािर सभ- .......................सुी सर वती कुमारी।सुी पुनम कुमारी।सुी सुलेखा कुमारी।सुी रागनी कुमारी।सुी खुसबू कुमारी।सुी उजाला कुमारी।सुी पू पा कुमारी।सुी सिब ता कुमारी।78


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>नुर- “साइिक लक पाय”नुरकार- ी बेचन ठाकुर तुित -(1) ि◌ वपीन- हेड मा टर- ी िक शोर कुमार ठाकुर(2) राम सेवक- िक रानी- ी अिव नाश कुमार साह(3) िव ाथ- ी च दन कुमार, कुंदन कुमार, सोनी कुमारी,(4) भाष- भाष कुमार,(5) िव नय- िव नय कुमार(6) वीरे क िप ता- चंदन कुमार(7) शािल नी- ..............(8) मधुकर- चंदन कुमारमहादेव गीत- “अब ने चढ़ब बरदपर हौ बाबा......” तुित - ी िक शोर कुमार यादव। वागत गीत-1 “ वागत की लए करब अहक......”गीतकार- ी जगदीश साद म डल तुित - सुी पुनम कुमारी आ सुलेखा कुमारी।79


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong> वागत गीत-2 “अित िथ वागतम् अित िथ वागतम्.....”गीतकार- ी बेचन ठाकुर तुित - ी अमीत रंजन। वागत गीत-3 “ि य पाहुन वागत वीकार क......”गीतकार- ी बेचन ठाकुर तुित - ी मनोज कुमार महतो।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।ो. हिरमोहन झाक पुयितिथ मनाओल गेल- संवाद-सुिमत आनद२३ फरवरी २०१३ क िविवालय मैिथली िवभाग, ल. ना. िम. िव., दरभंगाक मैिथली सा◌ािहय पिरषद्ारा ो. हिरमोहन झाक २९म पुयितिथक अवसरपर एक गोीक आयोजन कएल गेल। ऐ अवसरपर िविभवता लोकिन हुनक यितव एवं कृितवपर चच करैत हुनका कालजयी रचनाकार कहलिन। गोीकअयता करैत डा. धीरे नाथ िम कहलिन जे ो. हिरमोहन झा हाय रसक िसहत लेखक रिहतोकणासँ भरल सािहयकार छलाह। डा. रमण झा हुनक कृितवपर िवतारसँ चच करैत कहलिन जे ो.झाक रचनामे जे योितष तव भेटैत अिछ से पैघसँ पैघ पंिडतोक हेतु ा अिछ। िवभूित आनदक कहबछलिन जे हिरमोहन बाबू सिदखन पाठकक हँसबैत गुदगुदबैत रहलाह मुदा अत हुनक नोरमे डुबल रहल।ऐ अवसरपर यामानद शािडय, िकरण िम एवं अचना कुमारी सेहो अपन अपन िवचार यत केलिन।सुरे भाराजक धयवाद ापनसँ कायमक समाित भेल।80


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।३. प३.१.रामच साद जीक दूटा किव ता३.२. बेचन ठाकुर जीक दूटा वागत गीत३.३.१. जगदानद झा ‘मनु’ गजल बाइ १-१२ २. पंकज चौधरी "नवली" (गजल१-४)३.४.१. आशीष अनिचहार-गजल २. ाित कुमार सुदशन-ेम शद81


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>३.५.१. कािमनी कामायनी- पुपजिल २. योित झा चौधरी-जननी जमभूिम वगदिपगरीयसी३.६.१. राजदेव म डलक दू गोट किव ता २. जगदीश साद म डलक सातटा गीत३.७. ओम काश- गजल १-२३.८.१. िबदेर ठाकुर "नेपाली"- खूनक ढेला संग नव पुतक पतनरामच साद जीक दूटा किव ता-दूषणसुनह हौ भैया सुनू हे बिह नीआब केना कऽ बचतै ाण हे।दूषणक सम या एलैलऽ लेतै जान हे।गाछ कािट जंगल उजािड़82


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अपन बढ़बै छी शान हे।अिग ला पीढ़ीले िक छु ने सोचै छीएकर सम या महान हे।वायुम डलक स तुलन िब गिड़ गेलमानुष करैए ािह माम हे।कखनो ठंढी कखनो गरमीबािढ़ क ता डव महान हे।ग दीक जाला नदीमे खसैत अिछजलमे भरल िव षाणु हे।नव-नव बेमारी उमड़ल अिछजीवनक का◌ेनो ने ठेकान हे।बम बाद िम साइल बनबैत अिछशानेमे होइत अिछ हािन हे।खुला मैदानमे शौच करैत अिछशौचालयपर नै अिछ िध यान हे।दूषण ि◌नयंण कानून बना कऽमानव केर किर यो क याण हे।किव करजोिर कहैएसभ िक यो रिख यो िध यान हे।सुनह हौ भैया सुनू हे बिह नी83


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>केना कऽ बँचतै ाण हे।िक सानक हालिक सानक छाती िव हुँिस रहल अिछबेटा बेटी नै पिढ़ रहल अिछ ।अकालक गालमे िक सान समाएलिह नकापर संकट छि ह आएल।महगाइ चरम सीमा छुबैत अिछचौका छा मजदूर मारैत अिछ ।िक सानक हाल भेल बेहालिब ना जमीन बेचने नै होइत अिछ बेटी िब आह।खाद-बीजमे महगाइ भरल अिछिक सानक िद लमे लहिर उठल अिछअदाता िक सान कहबैत अिछअक मू य बेपारी रखैत अिछयएह िव ड बनाक तर पड़ल िक सानअह समानक दाम रखैए आन।84


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>खाद िब ज फै ीसँ अबैत अिछओकर मू य ओहए रखैत अिछएक िद न पृ वीपर मचत हाहाकारअ देवता अ दइसँ लचारखेती लागतमे बढ़ल तूफानआब िक नको नै बचतै ाण।िब नु घूस अफसर नै सुनैत अिछएले शनक खच फै ी-मािल क उठबैत अिछ ।मनमाना व तुपर दामएकर मािर झेलैए िक सान।नेताजी सभ मोछ िप जबै अिछिक सानक हाल िक यो नै पुछैत अिछ ।भगवानोक ने रहलिन िध यानऐ धरतीपर िक एक बनौलिन िक सान।स पक-सुपु व. िम ी लाल साह85


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>गाम- उढ़वा (बड़ा), पो ट- खुटौनाथाना- लौकहा, िज ला- मधुबनी (िब हार)ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।बेचन ठाकुर जीक दूटा वागत गीति य पाहुन......ि य पाहुन, वागत वीकार क वीकार क, यौ साकार कि य पाहुन......।(कथीसँ वागत करब, नै िव ध-िव धान अिछपूजाक िक छु, नै आ◌ेिर यान अिछ )अबोध केर, िप यार कयौ िप यार क, हे यौ िप यार क।ि य पाहुन......।(सािह य संगीत, कला िव हीन86


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>स यता, सं कृित दीन)रकगण, तैयार कयौ तैयार क, हे यौ तैयार क।◌्ि य पाहुन......।(दशन ले, िप आसल छेलॱेम ाक, रकटल छेलॱ)अिभ मत, बहार भयौ बहार भ, हे यौ बहार भि य पाहुन......।अित िथ गण वागतम्......अित िथ गण वागतम्, ित िथ गण वागतम्।दशन पािब गदगद, पाहुन वागतम्अित िथ गण......।(नै पान साद, नै चाहक बेव था।बैसक नै बेवहार, कलामे पूण आ था।)स यता सं कृित क, हािदक वागतम्। पाहुन वागम।87


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अित िथ गण......।(नै संगीत सािह य, नै कला िश टाचार।शुभ असीरवादसँ, हटत सभ अ हार।)राम रहीम कृ ण कबीर, टेरेसा शरमणम्पाहुन वागतम्अित िथ गण......।(ध य भल कोिचंग, ध य पूजा सिम ित ।ध य िव देह पिर वार, चनौरागंज ब ती)गुजन िव तगण, स जन बुम।पाहुन वागत्अित िथ गण......।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।१. जगदानद झा ‘मनु’ गजल बाइ १-१२ २. पंकज चौधरी "नवली"(गजल १-४)१88


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>जगदानद झा ‘मनु’ाम पोट- हिरपुर डीहटोल, मधुबनीबाइ-१कज कए कऽ हम जीवन जीव रहल छीफाटल अपनक कहुना सीब रहल छीसभ िकछु गवा कए ‘मनु’अपन जीवनकिनलज भए हम ताड़ी पीब रहल छी*************************************बाइ-२नैहेटा हाथमे केहन लकीड़ छैनै माय बाप ई केहन तकदीर छैधो धो कऽ ऐँठ कप लकीड़ो खीएलैनै सुनै िकयो ई दुिनय बहीर छै*************************************बाइ -३89


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>गोड़ी तोर मुकीमे छौ जहर भरलनै एना मुँह खोल कते घायल परलजँ िनकैल गएलौ फूलझड़ी सन हँसीबाटपर भेटत कतेको छॱड़ा मरल*****************************************बाइ -४सविरया िपया अह ई की कएलहुँसाउन चढ़ल छोिड़ चिल कोना गएलहुँबहए हवा िशतल िसहरैए हमर तनकोना रहब िबनु अह बुिझ नै पएलहुँ***************************************बाइ-५िसटम आइक िकए बबाल बनल अिछनेता सभ तँ एकटा जपाल बनल अिछबड़का बड़का बागर सभ राज चलबैएजनताक ाणेपर सबाल बनल अिछ**************************************90


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>बाइ-६गामक अिधकारी भेला सैय हमरकोना क पकड़तै िकयोक बैय हमरसभक पेटीक माल आब हमरे छैकसैय लएिथन सभटा बलैय हमर********************************बाइ -७मैिथली सािहयक आँच सुनगैत अिछसगरो नव िवधाक वला पजरैत अिछकोटी नमन िजनकर िबछल जारैन अिछिवदेहक बारल आिग 'मनु' लहकैत अिछ*********************************बाइ-८बाबूजीक करेजमे सिदखन रहलहुँनै अपन मोनमे हुनका हम रखलहुँछाहैर रौद पािनसँ सिदखन बचेलिहसेबाक बेड़मे हम बहाना रचलहुँ************************************बाइ-९देह ाण सबटा बाबूजी देलिहजे िकछु छी एखन बाबूजी केलिहअपने रिह भूखे हमर पेट भरलिहसुिध अपन िबसिर हमरा मनुख बनेलिह****************************************बाइ-१०91


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>जे जम देलिह ओ कहलिह गदहाजे पोसलिह ओ मानलिह गदहागदहा जँका जीदगी अपन िबतेलहुँिजनका िबयाहलहुँ ओ बुझलिह गदहा************************************बाइ-११घाट-घाट पर सूतल कतेक गोिह अिछसाउध लोकक सबतिर लेने मोिह अिछधमक नाम पर खूजल कतेक दुकानटाका लs कs छनमे सभटा पाप धोिह अिछ****************************************बाइ-१२कोन िबिध मिर कs हम पैया कमेलहुँसुख चेन िन राितक अपन हरेलहुँजमक अपन सभ सबध ितयािगिबन कसुरे बाहर वनवास िबतेलहुँ२92


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>पंकज चौधरी "नवली" (गजल १-४)गजल-१िमिथलोमे रहल नै बास मैिथलीकटूटल जा रहल छै आश मैिथलीककिहयो मैिथली नै िहचिक-िहचिक कानलदेखू पलिट सभ इितहास मैिथलीकचदा अमर याी सदित सभ शरणमेिवापित सनक छल दास मैिथलीकसभके ठाम देलॱ भेल मान सभकेभेटल अिछ िकए वनवास मैिथलीकबाजब-पढ़ब सिदखन मैिथली िलखब हमजागत "नवल" पुिन िवास मैिथलीक>मफऊलातु+मफऊलातु+फाइलातुन /93


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>माा म : २२२१+२२२१+२१२२गजल-२जे बुिड़बक छल अलबत यौतकरे भेटल बहुमत यौजनता फेर ठकेलै सभगेलै यथिह जनमत यौधन जनताक लुटा रहलैजनतो छै चुप सहमत यौशोषण पच बरख चलतैजनता कानत कलपत यौधमक दैत दुहाई ओजे निह धमसँ अवगत यौनेता बनल कतेको किहदुिदन देशक बदलत यौलागै गप "नवल" एहन94


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िटटही टेकल पवत यौ*मफऊलातु + मफाईलुन / मााम-२२२१+१२२२गजल-३अनकर कहल मानब कतेखा-खा ठेस कानब कतेबस िकछु िदनक िजनगी त' नैिदन िजनगीक गानब कतेछोडू पुरनका राग सभऐ िसीसँ र'स छानब कतेिबनु साधनक की साधनाथूकसँ सातु सानब कतेचाही अपन अिधकार जेमगू "नवल' ठानब कतेगजल-४माथसँ घोघ ससरल जाए95


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>चा लाजिह सकुचल जाएकजरायल नैना मधुशालामातल मोन बसल जाएपक जालमे ओझराएलबाट बटोही िबसरल जाएमाथक िटकुली ठोढ़क लालीदेिख अयना चनकल जाएहाथक चूड़ी कंगना खनकैसॱस करेजा दरकल जाएआंिखसँ पीलॱ "नवल" नेह जेसगरो देह पसरल जाए>आखर-११ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।१. आशीष अनिचहार-गजल २. ाित कुमार सुदशन-ेम शद96


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१आशीष अनिचहारगजलिलखबाक छल गरीबक लचारी गजलदेखू मुदा िलखल हम सुतारी गजलहम आब बेिच लेलहुँ हँसी ओ खुशीबचत कते समय धिर उधारी गजलअहार आब भगबे करत घरसँ यौभगजोगनीक संगे िदबारी गजलसभ चप उलारक खेलमे मन अिछजनताक टूिट रहलै िदहाड़ी गजलफिर गेल छै कबइ किव अपन देशमेसॱसे सुना रहल बेिभचारी गजल97


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>दीघ-दीघ-व-दीघ + व-दीघ-दीघ + व-दीघ-दीघ + व-दीघ२ाित कुमार सुदशनेम शदनोरक धार अिछ गालपरिदलक वार अिछ हालपरकी हाल कहू हृदयाम केरदोलन करैत अिछ ठामपर!ठुठायल कपकप करैत हारहडी गलने िबनु बजैल जाड़की कहू आब िवचार मोन केरिछिछआइत छी बड ओइ पारफाटल बेमाय िघनाएल पएर98


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>बनल जाइत छी काि राड़की आबो सुनब यथा नेह केरछी पागल जाए बीयर आ बार३मनोज कुमार मडलक किव ता-हम छी पागलहम छी पागल तँए घरसँ छी भागलउदरक िनिमे बनल छी अभागल।मन अखनो रहैत अिछ लागलहुनको जी हेतिन हमरेपर लागल।परधीन रिह सपना अिछ लागलगाम छोरबाक मोहर अिछ लागल।माइक ममता बर छि ह जागलबाबूक मन िमलबाक छि ह लागल।हम छी पागल तँए घरसँ छी भागलउदरक िनिमे बनल छी अभागल।99


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>स पक-बेरमा, तमुिर या, मधुबनी।स ित - मु बई।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।१. कािमनी कामायनी- पुपजिल २. योित झा चौधरी-जननी जमभूिम वगदिपगरीयसी१कािमनी कामायनीपुपजिलपुपजिल ।आजुर मे भरने /लाल /पीयर/हिरयर /नारंगी /बगनी /भित भित के /100


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>रंग /गंध /प /आकार /स सिजत /पुप दल /वास मे भरने /मलयािनल मादक /मिम मिम आंच प/नहु नहु गमबईत हवा मे /नब नब त पलव के अड़ स/झाकैत धरा सुरी /किर रहल अिछ /उमािदत ेमी सन /भाविवभोर भ’/ऋतु राज क/आराधना मे/अव गरा आ’ मूंल आंिख से /पुपजिल /पसी के सौदय स चिकत /अनंग सेहो शंख नाद किर देल/सजी रहल अिछ रंगमंच /ेमोसव के /मुी मे आिब गेले /सभ हक /उड़बए लेल अबीर /गुलालउतिर गेला नर नारी मे/फेर स/नवल भेस मे /खेलय लेल फागुन के /101


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>कृण आ’ राधा ।२योित झा चौधरीजननी जमभूिम वगदिप गरीयसी“जननी जमभूिम वगदिप गरीयसी”पिढ़-पिढ़ कऽ भने पैघ भेल छीआइ अपन रोजी रोटी लेल पलाियतदूर सँ देशक दुदशा पर लिजत छी॥अिछ हाल धोबीक कुुड़ जकॉंदेशमे मिहलाक दुगितसँ यिथतअतए कुनो समान वा सुिवधा लैतअनकर जािन लागैत अिछ अनुिचत ॥पावती-दुग-लमी-सरवतीसन अनेको देवी जतए पूिजतकोना एहेन पशुवत मानिसकतारिह सकैत अिछ जीिवत॥मिहलाक समान हएत ामाताक ित समान जॱ िसखाबीममता आ नेहसँ पूिरतपुक िश मनुय बनाबी ॥ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।102


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१. राजदेव म डलक दू गोट किव ता २. जगदीश साद म डलक सातटा गीत१राजदेव म डल जीक दूटा अनुपम किव ता-मनुखदेवासभ मनिह -मन पूिज रहल अिछएक-दोसराक ग प बूिझ रहल अिछमनक केना बूझत सभ बातकहए चहैत अिछ छूिब कऽ गातपकड़लक पएर भऽ कऽ कातहमरो दुख सुिन िल अ तातजखैने देवक देहमे िभ रलठामिह ओ ओंघरा कऽ िग रल103


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>जेकरा कहै छलॱ महानसे अपनिह अिछ बेजानआब के देत सुर कायास पित , यश, समानखूिज गेल सभटा राजतैयो भीतरसँ िन कलए आवाज-“छलै जे पावनबना देिल ऐ अपावनभऽ गेलै िन ाणछुबलासँ घिट गेलै मानपिह ने बनल छल देवाआब भेल मनुखदेवादेह चिढ़ करत सेवाभेट सभक मनक मेवानै डेराउ सभ िक छो देतमानत नै पूजा अखनो लेत।”अ पन हािरगाम-घरसँ मंी दरबार104


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िक यो नै पािब सकैत छल पारके बजत सोझा फोिड़ देित ऐ कपारडरे कनैत कते जार-बेजारजीतने छलॱ सकल समाजउिठ ते आवाज िग रबै छलॱ गाजबड़का-बड़का केलॱ काजबिज तो होइत अिछ लाजसभ दुसमनक मािर देलॱकतेक मािट तर गािड़ देलॱघर-पिर वारक तािर देलॱतैयो अपनासँ हािर गेलॱ।अपन उजािड़काटए बपहािरके बजैत अिछअपन हािर ?२105


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>जगदीश साद म डल जीक सात गोट गीत-वेद-भेद......वेद-भेद रंग रह यपिब ते रस रह य भरै छै।भेद भेिद या भेिद -भेिदतल-ऊपर ची गढ़ै छै।वेद-भेद रंग रह यपिब ते रस रह य भरै छै।भेिद भेद भेिद या भभाहँिस -हँिस सूरतान भरै छै।शून-सुि◌ न कुभेद-भेदमने-मन िस रजैत रहै छै।106


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>वेद-भेद रंग रह यपिब ते रस रह य भरै छै।मन-म वतर िव चािर कुचािड़भेिद भेद भेदैत रहै छै।िव चािर बीच कुचािड़ -सुचािड़शि त िश व सुरतािन कहै छै।वेद-भेद रंग रह यपिब ते रस रह य भरै छै।करम-धरम आिक धरम करमवेद-भेद भेिद आए कहै छै।तव हीन उकिट -पलिटशूरधाम सूर-सुर चढ़ै छै।वेद-भेद रंग रह यपिब ते रस रह य भरै छै।107


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>भक-इजोतमे......भक-इजोतमे पड़ल छीभयार यौ, मीत यौ, भाय यौभक इजोतमे पड़ल छी।खेती मुँहक सुख-सुहनगरसाड़ी अिर अर आस चढ़ै छै।उ खिर बीट समाठ सीस बिनगभ संाि त भरै छै।भक-इजोत......।भुक-भुक भुकजोगनी टहिलइजोत-अ हार करै छै।थािह -थािह थोपड़ी थपथपाटािह टहाका मािर कहै छै।भक-इजोत......।काित क कंत देखैले108


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>कलहंत क ठ कलिप कहै छै।कोिक ल कंठ तािन मधुकाग-कागा िस र चढै छै।भक-इजोत......।जेकरा लूिर छै घर बनबएचाहे घास चाहे ठौहरी।बोली-वाणी कुिस फुिस याअपन वंश धड़ैत रहै छै।भक-इजोत......।109


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>जेठुआ गरे......जेठुआ गरे गर लिग तेबिन अ हर-िब हािड़ धड़ै छै।चैत-बैशाख जेहन तप याहलचला धड़ती िसंचै छै।सम-समए समेिट िस जितहाले हल युग-धम कहै छै।जेठुआ गरे......।जन-जनक जेना जनकिम िथ ला काम-धाम कहबै छै।देश-देशा तर रथी महािस ख िस र सजबैत रहै छै।जेठुआ गरे......।बट-कट किट बट वृिज नगी बाट धड़ैत रहै छै।110


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>राग-िव राग तिज ित यािगहंस चॲच भरैत रहै छै।जेठुआ गरे......।सर-नर र ता पकिड़ृंग-ं ◌ृगी ृंगार करै छै।रथी-महारथी रमेपु-य ृंगी करबै छै।जेठुआ गरे......।111


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ि◌नजन वन......ि◌ नजन वन ि◌नजल पीगुड़-गृह गु गुहािर रहल छै।सतरंगी सतसंगी किह -सुिनअ पन पएर पखािर रहल छै।ि◌ नजन वन......।एक सूय धरित यो एकअि न -वासु जल िस त करै छै।तूर-तूर तोिड़ तुिर या तूरतक-तक तकली कािट रहल छै।तक-तक......।जइसन जतए जल-थिल क गितिस रजन िस र ततए तेहन चलै छै।तन-मन-धन धरम ततएहँिस -हँिस पी हंस हँसै छै।112


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ि◌ नजन वन......।हंसा बिन -हंस हँिस -हँिससत साखी मंगल रचै छै।ि◌ नजन वन ि◌नजल पीगुड़-गृह गु गुहािर रहल छै।गुड़-गृह......।113


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>छगु तामे पड़ल छी.....छगु तामे पड़ल छीभाय यौ, छगु तामे पड़ल छी।छग-छगा, छक-छका-छक-छकाचािल कुबुिध सुबुिध देखै छै।छक-छका मेिर चाइ जेनाड़ब-ड़बा जीह-ठार लगै छै।भाय यौ, ड़ब-ड़बा......।िस ख-सीिख िस खा-िस खासिज िस र िस िर स कहै छै।कत-धत-भत भजारसीस चिढ़ दुरमित या कहै छै।देिख कलिप कलपै छीछगु तामे पड़ल छी।भरनी-तानी भिर ताना114


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िद न-राित मखड़ैत रहै छै।सुता सुत तािन -तनाला-का सजैत रहै छै।ला-का......।सूत फेिक सुित यार बिनरंग-िब रंग जाल बुनैत रहै छै।इचना-पोठी संग रहु-भाकुराह-गोिह बनैत रहै छै।ाह-गोिह ......।115


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong> वागत गीत (स मान समारोह)सुआगत की लए करब अहकसुआगत की लए करब अहक।नै अिछ एको िव िध बेवहारधएल धमक चरचे की करब।सर-समग एको ने देखै छीतइओ सुआगत करबे-करब।असे नै िब सवास कहै छीकी लए सुआगत करब अहकसुआगत की लए करब अहक।हेरल-हेराएल भोिथ आएल बोनचीन-पहचीन उिड़ या गेलैकीच कमल कोिश या कुरबाजोित जल जोित या गेलै।आसा-आस अिस या अिल साजुड़ा-जुड़ा कहै छीसुआगत की लए करब अहक।116


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>इ छा–आशा सखी-सहेलीसिज फुलडाली संग-सुसंगआस मािर बेआस मिर -मिरछी समिपत अंग- यंग।भव-भार भिर -भिर भरै छीसुआगत की लए करब अहक।सुआगत की लए......।117


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>गीत (नाय मंच, चनौरागंज)सुआगत अपनेक करै छीअिभ गत अपने सुआगत करै छी।गु-ग बड़ िस र िस रजन बरहािर -हीय िह िह या कहै छीसुआगत अपनेक करै छी।नैन-बैन संग, बैन-चैन संगचैन-मैन संग, मािन सािन कहै छीतथागत,अपनेक सुआगत करै छी।अिस आस ि◌ नरास संगबास बिस िब सवास कहै छी।हम-अह, अह हमगोप-गोपाल गोपी कहै छी।सुआगत अपनेक करै छीअिभ मत,सुआगत अपनेक करै छी118


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>सुआगत......।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।ओम काशगजल१तीतल हमर मोन हुनकर िसनेहसँभेलॱ हम सदेह देखू िवदेहसँके छै अपन, आन के, बूझलॱ नैलिडते रहल मोन मोनक उछेहसँनाचै छी सिदखन आनक इशारेकरतै आर की बडद बिहकऽ मेहसँछोडत संग एक िदन हमर कायातखनो ेम बड अिछ अपन देहसँ119


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>काजक बेर मोन सबक पडै छी"ओम"क भरल घर सभक एिह नेहसँमफऊलातु-फाइलातुन-फऊलुन (येक पितमे एक बेर)२अह हमरासँ एना नै सल ककनी ेमक सनेसाक बूझल कहमर िजनगीक बाटक छी संगी अहॴकरेजक बाट कखनो नै छोडल कबहा फुरसितक किरते रहलॱ अहअह कखनो तँ हमरो लग बैसल कबहुत माक अिछ नैनक भाषा ियेअपन नैनक कटारी नै भॲकल ककरेजा हमर फुलवारी ेमक बनलिसनेहक फूल ई सिदखन लोढल क120


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>अहॴ िजनगी, अहॴ ससक डोरी हमरकरेजक आस नै "ओम"क तोडल क(मफाईलुन-मफाईलुन-मुतफइलुन)- येक पितमे एक बेरऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।धनुषा नेपाल , हाल:कतारिबदेर ठाकुर "नेपाली"खूनक ढेला संग नव पुतक पतनसुन सुन हौ भैया सभआिगक िचगारीसँ पसाही लािगदेश भिर तबाही मिच गेलौ।जमदाता सभ पृवीपर अवतरणकराबऽ सँ पिहनिहअपन-अपन कोिखक सुडाहकरऽ लगलौ।भिवयक कणधार छै बचाकाि धिर उपमा देिनहार सभदापयक सुखमे िलत भऽअधम, रास आ नरिपशाच भऽ गेलौ।सृिक फूल बिन सुदर िजनगी लऽअनुपम ाडक अवलोकन करब,एहन पुनीत आ परम उेय121


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>खूनक ढेला संग बेकार भऽ गेलौ।के दोषी, ककर अिछ दोषककरा अिछ होस, के अिछ बेहोसलोभी, लालची, महवाकी सनमात-िपतासँ मनो घबराए लगलौ।दोसर िदस रोगी लेल भगवान कहेिनहारसमाजसेवी नामसँ यात भेिनहारआ वाथक िवषपान केिनहारआला-िसिरजबला सभभौितकवादक चपेटामे पिड़पथ भऽ गेलौ।मछर आ खचुवा जक रस चुसऽ लगलौ।पता नै ई रावणराज किहया धिर चलतलैिक असमानतामे गभ किहया धिर उजड़तभगवान सबुि दैिथ ऐ दुरामा सभककारण िपताक आगू माइयो लाचार भऽ गेलौमाने खूनक ढेला संग िजनगी बेकार भऽ गेलौ।ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।बालान कृते१. पंकज चौधरी "नवली"- बाल गजल १-२ २. जगदानद झा 'मनु'- होएत जँ१122


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>पंकज चौधरी "नवली"बाल गजल-१दीदी जँ चिढ़ गेल कनहा-गाछी चट द' सल कोरा लएचुलिर भेिटते दोसर बहा कानल आब कटोरा लएिझली-कचरी िघरनी-फुकना बाबू गेलिन हाटसँ आनएसाइिकलक घंटी बिजते दौगल दलान पर झोड़ा लएबैसल सभ झोड़ा घेरने अपन-अपन अनमाना लेलजे अनूप से बिट क' खेलक बँिझ गेल मािर अंगोरा लएआँगन नीपल अिरपन पाड़ल आइ फेर छै पूजामानीआसन परमे त' पंिडतजी बैसल ओ औनेलै बोरा लएघिड़घंटा आ शंख बािज गेल चौरठ आ परसादी भेटतै"नवल" निञ लेतै एकटा लडू मुँह फुलेलक जोड़ा लए*आखर-२२बाल गजल-२123


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>दू टा बस सोहारी चाहीम कमे तरकारी चाहीपुरना िछपलीमे नै खेबौहमरो नवका थारी चाहीहमहूँ जेबै इसकुल बाबूपूरा सभ तैयारी चाहीहाटसँ आनू पोथी-बतामौजा-जूता कारी चाहीइसकूलक जलखैमे हलुआपूरी आ तरकारी चाहीछीटब बीया गाछो रोपबआँगन लग फुलवारी चाही"नवल"सँ नै हम लू मगबहमरो कठही गाड़ी चाही124


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>>माा म : आठ टा दीघ सभ पितमे२जगदानद झा 'मनु'हिरपुर डीहटोल, मधुबनीबाल किवताहोएत जँहाथक मुरली हमर खुरपी बनलगोबरधन बनल अिछ ढाकी,जा हमर सभ हराए गेलमाए बनल अिछ बूढ़ीया काकी |गाए एखनो हम चरबै छीिय निह लपट कहबै छी,इकूलक फीस दए निह सकलहुँतैँ हम चरवाहा कहबै छी |125


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>हमर गीतक वरमहीसे बुझैत अिछ,वा खेतक हिरयर मजरसुिन झुमैत अिछ |हमर बािलंग नै िकयो देखने अिछगाछीक एक एक आमक मुँहपर िलखल अिछ,चौा छाक नाम निह सुनलहुँहमर पुलीसँ गाम भिरक बासन टूटल अिछ |के लऽ गेल यमुनाक एतेक दूरजँ किनको नाम हुनक जिनतहुँ हम,हाथ जोिड़ दुनू िवनती किरतहुँयमुनाक हुनकासँ मिगतहुँ हम |हमरो गाममे जँ यमुना बहैतिवषधर किलयाक निथतहुँ हम,मुरली बजा कए गैया चरिबतहुँयमुना कातमे निचतहुँ हम |126


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>होएत जँ हमरो माए यशोदासभक िय बिनतहुँ हम,होएत जँ दाऊ भाइ हमरकतेक बलशाली रिहतहुँ हम |ऐ रचनापर अपन मंतय ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाउ।बचा लोकिन ारा मरणीय लोक१.ातः काल मुहू (सूयदयक एक घंटा पिहने) सवथम अपन दुनू हाथ देखबाक चाही, आ’ ई लोकबजबाक चाही।कराे वसते लमीः करमये सरवती।करमूले िथतो ा भाते करदशनम्॥करक आग लमी बसैत छिथ, करक मयमे सरवती, करक मूलमे ा िथत छिथ। भोरमे तािह ारेकरक दशन करबाक थीक।२.संया काल दीप लेसबाक काल-दीपमूले िथतो ा दीपमये जनादनः।दीपाे शरः ोः सयायोितनमोऽतुते॥दीपक मूल भागमे ा, दीपक मयभागमे जनादन (िवणु) आऽ दीपक अ भागमे शर िथत छिथ। हेसंयायोित! अहक नमकार।३.सुतबाक काल-127


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>रामं कदं हनूमतं वैनतेयं वृकोदरम्।शयने यः मरेियं दुःवतय नयित॥जे सभ िदन सुतबासँ पिहने राम, कुमारवामी, हनूमान्, गड़ आऽ भीमक मरण करैत छिथ, हुनकर दुःवन भऽ जाइत छिह।४. नहेबाक समय-गे च यमुने चैव गोदाविर सरवित।नमदे िसधु कावेिर जलेऽिमन् सििधं कु॥हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरवती, नमदा, िसधु आऽ कावेरी धार। एिह जलमे अपन सािय िदअ।५.उरं यसमुय िहमाेैव दिणम्।वषं तत् भारतं नाम भारती य सतितः॥समुक उरमे आऽ िहमालयक दिणमे भारत अिछ आऽ ओतुका सतित भारती कहबैत छिथ।६.अहया ौपदी सीता तारा मडोदरी तथा।पचकं ना मरेियं महापातकनाशकम्॥जे सभ िदन अहया, ौपदी, सीता, तारा आऽ मदोदरी, एिह पच सावी-ीक मरण करैत छिथ, हुनकरसभ पाप न भऽ जाइत छिह।७.अथामा बिलयसो हनूम िवभीषणः।कृपः परशुराम सतैते िचरीिवनः॥अथामा, बिल, यास, हनूमान्, िवभीषण, कृपाचाय आऽ परशुराम- ई सात टा िचरीवी कहबैत छिथ।८.साते भवतु सुीता देवी िशखर वािसनीउेन तपसा लधो यया पशुपितः पितः।128


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िसिः साये सतामतु सादातय धूजटेःजावीफेनलेखेव ययूिध शिशनः कला॥९. बालोऽहं जगदानद न मे बाला सरवती।अपूण पंचमे वष वणयािम जगयम् ॥१०. दूवत मं(शुल यजुवद अयाय २२, मं २२)आ ियय जापितॠिषः। िलंभोा देवताः। वराडुकृितछदः। षजः वरः॥आ ॑न् ा॒णो ॑वच॒सी जा॑यता॒मा रा॒े रा॑ज॒यः शुरे॑ऽइषयो॒ऽितया॒धी म॑हार॒थो जा॑यत॒ दोॴधे॒नुवढा॑न॒वाना॒शुः सितः॒ पुर॑िध॒यवा॑ िज॒णू र॑थे॒ाः स॒भेयो॒ युवाय यज॑मानय वी॒रो जा॒यत िनका॒मे-िन॑कामे नःप॒जयॲ वषतु॒ फल॑वयो न॒ऽओष॑धयः पयत योगे॒मो नः॑ कपताम्॥२२॥माथः िसयः सतु पूणः सतु मनोरथाः। शूण बुिनाशोऽतु िमाणामुदयतव।ॐ दीघयुभव। ॐ सौभायवती भव।हे भगवान्। अपन देशमे सुयोय आ’ सव िवाथ उप होिथ, आ’ शुुक नाश कएिनहार सैिनक उपहोिथ। अपन देशक गाय खूब दूध दय बाली, बरद भार वहन करएमे सम होिथ आ’ घोड़ा विरत पदौगय बला होए। ीगण नगरक नेतृव करबामे सम होिथ आ’ युवक सभामे ओजपूण भाषण देबयबला आ’नेतृव देबामे सम होिथ। अपन देशमे जखन आवयक होय वष होए आ’ औषिधक-बूटी सवदा पिरपवहोइत रहए। एवं मे सभ तरह हमरा सभक कयाण होए। शुक बुिक नाश होए आ’ िमक उदय होए॥मनुयक कोन वतुक इछा करबाक चाही तकर वणन एिह मंमे कएल गेल अिछ।एिहमे वाचकलुतोपमालकार अिछ।अवय-॑न् - िवा आिद गुणसँ पिरपूण रा॒े - देशमे॑वच॒सी- िवाक तेजसँ यु129


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>आ जा॑यत॒- उप होएरा॑ज॒यः-राजाशुरे॑ऽ–िबना डर बलाइषयो॒- बाण चलेबामे िनपुणऽितया॒धी-शुक तारण दय बलाम॑हार॒थो-पैघ रथ बला वीरदोॴ-कामना(दूध पूण करए बाली)धे॒नुवढा॑न॒वाना॒शुः धे॒नु-गौ वा वाणी वढा॑न॒वा- पैघ बरद ना॒शुः-आशुः-विरतसितः॒-घोड़ापुर॑िध॒यवा॑- पुर॑िध॒- यवहारक धारण करए बाली यवा॑-ीिज॒णू-शुक जीतए बलार॑थे॒ाः-रथ पर िथरस॒भेयो॒-उम सभामेयुवाय-युवा जेहनयज॑मानय-राजाक रायमेवी॒रो-शुक परािजत करएबलािनका॒मे-िन॑कामे-िनययु कायमेनः-हमर सभकप॒जयॲ-मेघवषतु॒-वष होए130


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>फल॑वयो-उम फल बलाओष॑धयः-औषिधःपयत- पाकएयोगे॒मो-अलय लय करेबाक हेतु कएल गेल योगक रानः॑-हमरा सभक हेतुकपताम्-समथ होएििफथक अनुवाद- हे ण, हमर रायमे ाण नीक धािमक िवा बला, राजय-वीर,तीरंदाज, दूध दएबाली गाय, दौगय बला जतु, उमी नारी होिथ। पाजय आवयकता पड़ला पर वष देिथ, फल देय बलागाछ पाकए, हम सभ संपि अिजत/संरित करी।8.<strong>VIDEHA</strong> FOR NON RESIDENTS8.1 to 8.3 MAITHILI LITERATURE IN ENGLISH8.1.1.The Comet-GAJENDRA THAKUR translated by Jyoti Jha chaudhary8.1.2.The_Science_of_Words- GAJENDRA THAKUR translated by the authorhimself8.1.3.On_the_dice-board_of_the_millennium- GAJENDRA THAKUR translated byJyoti Jha chaudhary8.1.4.NAAGPHANS (IN ENGLISH)- SHEFALIKA VERMA translated by Dr. RajivKumar Verma and Dr. Jaya VermaSend your <strong>com</strong>ments to ggajendra@videha.<strong>com</strong>िवदेह नूतन अंक भाषापाक रचनालेखन-131


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>इंिलशकोष -मैिथली-/ मैिथलीष को-इंिलश-ोजेटक आगू बढ़ाऊ, अपन सुझाव आ योगदान ई-मेल ाराggajendra@videha.<strong>com</strong> पर पठाऊ।१.भारत आ नेपालक मैिथली भाषा-वैािनक लोकिन ारा बनाओल मानक शैली आ २.मैिथलीमे भाषा सपादनपायम१.नेपाल आ भारतक मैिथली भाषा-वैािनक लोकिन ारा बनाओल मानक शैली१.१. नेपालक मैिथली भाषा वैािनक लोकिन ारा बनाओल मानक उचारण आ लेखन शैली(भाषाशाी डा. रामावतार यादवक धारणाक पूण पसँ स लऽ िनधिरत)मैिथलीमे उचारण तथा लेखन१.पचमार आ अनुवार: पचमारातगत ङ, ञ, ण, न एवं म अबैत अिछ। संकृत भाषाक अनुसारशदक अतमे जािह वगक अर रहैत अिछ ओही वगक पचमार अबैत अिछ। जेना-अ (क वगक रहबाक कारणे अतमे ङ् आएल अिछ।)पच (च वगक रहबाक कारणे अतमे ञ् आएल अिछ।)खड (ट वगक रहबाक कारणे अतमे ण् आएल अिछ।)सिध (त वगक रहबाक कारणे अतमे न् आएल अिछ।)खभ (प वगक रहबाक कारणे अतमे म् आएल अिछ।)उपयुत बात मैिथलीमे कम देखल जाइत अिछ। पचमारक बदलामे अिधकश जगहपर अनुवारक योगदेखल जाइछ। जेना- अंक, पंच, खंड, संिध, खंभ आिद। याकरणिवद पिडत गोिवद झाक कहब छिन जेकवग, चवग आ टवगसँ पूव अनुवार िलखल जाए तथा तवग आ पवगसँ पूव पचमारे िलखल जाए।जेना- अंक, चंचल, अंडा, अत तथा कपन। मुदा िहदीक िनकट रहल आधुिनक लेखक एिह बातक निहमानैत छिथ। ओ लोकिन अत आ कपनक जगहपर सेहो अंत आ कंपन िलखैत देखल जाइत छिथ।नवीन पित िकछु सुिवधाजनक अवय छैक। िकएक तँ एिहमे समय आ थानक बचत होइत छैक। मुदाकतोक बेर हतलेखन वा मुणमे अनुवारक छोट सन िबदु प निह भेलासँ अथक अनथ होइत सेहोदेखल जाइत अिछ। अनुवारक योगमे उचारण-दोषक सभावना सेहो ततबए देखल जाइत अिछ। एतदथ132


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>कसँ लऽ कऽ पवग धिर पचमारेक योग करब उिचत अिछ। यसँ लऽ कऽ धिरक अरक सअनुवारक योग करबामे कतहु कोनो िववाद निह देखल जाइछ।२.ढ आ ढ़ : ढ़क उचारण “र् ह”जक होइत अिछ। अतः जतऽ “र् ह”क उचारण हो ओतऽ मा ढ़िलखल जाए। आन ठाम खाली ढ िलखल जएबाक चाही। जेना-ढ = ढाकी, ढेकी, ढीठ, ढेउआ, ढ, ढेरी, ढाकिन, ढाठ आिद।ढ़ = पढ़ाइ, बढ़ब, गढ़ब, मढ़ब, बुढ़बा, सढ़, गाढ़, रीढ़, चढ़, सीढ़ी, पीढ़ी आिद।उपयुत शद सभक देखलासँ ई प होइत अिछ जे साधारणतया शदक शुमे ढ आ मय तथा अतमेढ़ अबैत अिछ। इएह िनयम ड आ ड़क सदभ सेहो लागू होइत अिछ।३.व आ ब : मैिथलीमे “व”क उचारण ब कएल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ब पमे निह िलखल जएबाकचाही। जेना- उचारण : बैनाथ, िबा, नब, देबता, िबणु, बंश, बदना आिद। एिह सभक थानपर मशःवैनाथ, िवा, नव, देवता, िवणु, वंश, वदना िलखबाक चाही। सामायतया व उचारणक लेल ओ योगकएल जाइत अिछ। जेना- ओकील, ओजह आिद।४.य आ ज : कतहु-कतहु “य”क उचारण “ज”जक करैत देखल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ज निहिलखबाक चाही। उचारणमे य, जिद, जमुना, जुग, जाबत, जोगी, जदु, जम आिद कहल जाएबला शदसभक मशः य, यिद, यमुना, युग, यावत, योगी, यदु, यम िलखबाक चाही।५.ए आ य : मैिथलीक वतनीमे ए आ य दुनू िलखल जाइत अिछ।ाचीन वतनी- कएल, जाए, होएत, माए, भाए, गाए आिद।नवीन वतनी- कयल, जाय, होयत, माय, भाय, गाय आिद।सामायतया शदक शुमे ए मा अबैत अिछ। जेना एिह, एना, एकर, एहन आिद। एिह शद सभकथानपर यिह, यना, यकर, यहन आिदक योग निह करबाक चाही। यिप मैिथलीभाषी था सिहत िकछुजाितमे शदक आरभोमे “ए”क य किह उचारण कएल जाइत अिछ।ए आ “य”क योगक सदभमे ाचीने पितक अनुसरण करब उपयुत मािन एिह पुतकमे ओकरे योगकएल गेल अिछ। िकएक तँ दुनूक लेखनमे कोनो सहजता आ दुहताक बात निह अिछ। आ मैिथलीक133


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>सवसाधारणक उचारण-शैली यक अपेा एसँ बेसी िनकट छैक। खास कऽ कएल, हएब आिद कितपयशदक कैल, हैब आिद पमे कतहु-कतहु िलखल जाएब सेहो “ए”क योगक बेसी समीचीन मािणत करैतअिछ।६.िह, हु तथा एकार, ओकार : मैिथलीक ाचीन लेखन-परपरामे कोनो बातपर बल दैत काल शदक पाछिह, हु लगाओल जाइत छैक। जेना- हुनकिह, अपनहु, ओकरहु, तकालिह, चोिह, आनहु आिद। मुदाआधुिनक लेखनमे िहक थानपर एकार एवं हुक थानपर ओकारक योग करैत देखल जाइत अिछ। जेना-हुनके, अपनो, तकाले, चोे, आनो आिद।७.ष तथा ख : मैिथली भाषामे अिधकशतः षक उचारण ख होइत अिछ। जेना- षय (खड़य),षोडशी (खोड़शी), षकोण (खटकोण), वृषेश (वृखेश), सतोष (सतोख) आिद।८.विन-लोप : िनिलिखत अवथामे शदसँ विन-लोप भऽ जाइत अिछ:(क) ियावयी यय अयमे य वा ए लुत भऽ जाइत अिछ। ओिहमे सँ पिहने अक उचारण दीघ भऽजाइत अिछ। ओकर आग लोप-सूचक िच वा िवकारी (’ / ऽ) लगाओल जाइछ। जेना-पूण प : पढ़ए (पढ़य) गेलाह, कए (कय) लेल, उठए (उठय) पड़तौक।अपूण प : पढ़’ गेलाह, क’ लेल, उठ’ पड़तौक।पढ़ऽ गेलाह, कऽ लेल, उठऽ पड़तौक।(ख) पूवकािलक कृत आय (आए) ययमे य (ए) लुत भऽ जाइछ, मुदा लोप-सूचक िवकारी निह लगाओलजाइछ। जेना-पूण प : खाए (य) गेल, पठाय (ए) देब, नहाए (य) अएलाह।अपूण प : खा गेल, पठा देब, नहा अएलाह।(ग) ी यय इक उचारण ियापद, संा, ओ िवशेषण तीनूमे लुत भऽ जाइत अिछ। जेना-पूण प : दोसिर मािलिन चिल गेिल।अपूण प : दोसर मािलन चिल गेल।(घ) वतमान कृदतक अितम त लुत भऽ जाइत अिछ। जेना-134


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>पूण प : पढ़ैत अिछ, बजैत अिछ, गबैत अिछ।अपूण प : पढ़ै अिछ, बजै अिछ, गबै अिछ।(ङ) ियापदक अवसान इक, उक, ऐक तथा हीकमे लुत भऽ जाइत अिछ। जेना-पूण प: िछयौक, िछयैक, छहीक, छौक, छैक, अिबतैक, होइक।अपूण प : िछयौ, िछयै, छही, छौ, छै, अिबतै, होइ।(च) ियापदीय यय ह, हु तथा हकारक लोप भऽ जाइछ। जेना-पूण प : छिह, कहलिह, कहलहुँ, गेलह, निह।अपूण प : छिन, कहलिन, कहलौँ, गेलऽ, नइ, निञ, नै।९.विन थानातरण : कोनो-कोनो वर-विन अपना जगहसँ हिट कऽ दोसर ठाम चिल जाइत अिछ। खासकऽ व इ आ उक सबधमे ई बात लागू होइत अिछ। मैिथलीकरण भऽ गेल शदक मय वा अतमे जँव इ वा उ आबए तँ ओकर विन थानातिरत भऽ एक अर आग आिब जाइत अिछ। जेना- शिन(शइन), पािन (पाइन), दािल ( दाइल), मािट (माइट), काछु (काउछ), मासु (माउस) आिद। मुदा तसम शदसभमे ई िनअम लागू निह होइत अिछ। जेना- रिमक रइम आ सुधशुक सुधाउंस निह कहल जा सकैतअिछ।१०.हलत(◌्)क योग : मैिथली भाषामे सामायतया हलत (◌्)क आवयकता निह होइत अिछ। कारण जेशदक अतमे अ उचारण निह होइत अिछ। मुदा संकृत भाषासँ जिहनाक तिहना मैिथलीमे आएल (तसम)शद सभमे हलत योग कएल जाइत अिछ। एिह पोथीमे सामायतया सपूण शदक मैिथली भाषा सबधीिनअम अनुसार हलतिवहीन राखल गेल अिछ। मुदा याकरण सबधी योजनक लेल अयावयक थानपरकतहु-कतहु हलत देल गेल अिछ। तुत पोथीमे मिथली लेखनक ाचीन आ नवीन दुनू शैलीक सरल आसमीचीन प सभक समेिट कऽ वण-िवयास कएल गेल अिछ। थान आ समयमे बचतक सिह हत-लेखनतथा तकनीकी दृिसँ सेहो सरल होबऽबला िहसाबसँ वण-िवयास िमलाओल गेल अिछ। वतमान समयमेमैिथली मातृभाषी पयतक आन भाषाक मायमसँ मैिथलीक ान लेबऽ पिड़ रहल पिरेयमे लेखनमे सहजतातथा एकपतापर यान देल गेल अिछ। तखन मैिथली भाषाक मूल िवशेषता सभ कुिठत निह होइक, ताहूिदस लेखक-मडल सचेत अिछ। िस भाषाशाी डा. रामावतार यादवक कहब छिन जे सरलताकअनुसधानमे एहन अवथा िकहु ने आबऽ देबाक चाही जे भाषाक िवशेषता छहमे पिड जाए।-(भाषाशाी डा. रामावतार यादवक धारणाक पूण पसँ स लऽ िनधिरत)135


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१.२. मैिथली अकादमी, पटना ारा िनधिरत मैिथली लेखन-शैली१. जे शद मैिथली-सािहयक ाचीन कालसँ आइ धिर जािह वनीमे चिलत अिछ, से सामायतः तािहवनीमे िलखल जाय- उदाहरणाथ-ाएखनठामजकर, तकरतिनकरअिछअाअखन, अखिन, एखेन, अखनीिठमा, िठना, ठमाजेकर, तेकरितनकर। (वैकिपक प ा)ऐछ, अिह, ए।२. िनिलिखत तीन कारक प वैकिपकतया अपनाओल जाय: भऽ गेल, भय गेल वा भए गेल। जा रहलअिछ, जाय रहल अिछ, जाए रहल अिछ। कर’ गेलाह, वा करय गेलाह वा करए गेलाह।३. ाचीन मैिथलीक ‘ह’ विनक थानमे ‘न’ िलखल जाय सकैत अिछ यथा कहलिन वा कहलिह।४. ‘ऐ’ तथा ‘औ’ ततय िलखल जाय जत’ पतः ‘अइ’ तथा ‘अउ’ सदृश उचारण इ हो। यथा-देखैत, छलैक, बौआ, छौक इयािद।५. मैिथलीक िनिलिखत शद एिह पे युत होयत: जैह, सैह, इएह, ओऐह, लैह तथा दैह।६. व इकारत शदमे ‘इ’ के लुत करब सामायतः अा िथक। यथा- ा देिख आबह, मािलिन गेिल(मनुय मामे)।136


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>७. वतं व ‘ए’ वा ‘य’ ाचीन मैिथलीक उरण आिदमे तँ यथावत राखल जाय, िकंतु आधुिनक योगमेवैकिपक प ‘ए’ वा ‘य’ िलखल जाय। यथा:- कयल वा कएल, अयलाह वा अएलाह, जाय वा जाएइयािद।८. उचारणमे दू वरक बीच जे ‘य’ विन वतः आिब जाइत अिछ तकरा लेखमे थान वैकिपक प देलजाय। यथा- धीआ, अढ़ैआ, िवआह, वा धीया, अढ़ैया, िबयाह।९. सानुनािसक वतं वरक थान यथासंभव ‘ञ’ िलखल जाय वा सानुनािसक वर। यथा:- मैञा,किनञा, िकरतिनञा वा मैआँ, किनआँ, िकरतिनआँ।१०. कारकक िवभिक िनिलिखत प ा:- हाथक, हाथसँ, हाथ, हाथक, हाथमे। ’मे’ मे अनुवारसवथा याय िथक। ‘क’ क वैकिपक प ‘केर’ राखल जा सकैत अिछ।११. पूवकािलक ियापदक बाद ‘कय’ वा ‘कए’ अयय वैकिपक प लगाओल जा सकैत अिछ। यथा:-देिख कय वा देिख कए।१२. मग, भग आिदक थानमे माङ, भाङ इयािद िलखल जाय।१३. अ ‘न’ ओ अ ‘म’ क बदला अनुसार निह िलखल जाय, िकंतु छापाक सुिवधाथ अ ‘ङ’ , ‘ञ’,तथा ‘ण’ क बदला अनुवारो िलखल जा सकैत अिछ। यथा:- अ, वा अंक, अचल वा अंचल, कठ वाकंठ।१४. हलंत िच िनअमतः लगाओल जाय, िकंतु िवभितक संग अकारत योग कएल जाय। यथा:- ीमान्,िकंतु ीमानक।१५. सभ एकल कारक िच शदमे सटा क’ िलखल जाय, हटा क’ निह, संयुत िवभितक हेतु फराकिलखल जाय, यथा घर परक।१६. अनुनािसकक चिबदु ारा यत कयल जाय। परंतु मुणक सुिवधाथ िह समान जिटल माापरअनुवारक योग चिबदुक बदला कयल जा सकैत अिछ। यथा- िहँ केर बदला िहं।१७. पूण िवराम पासीसँ ( । ) सूिचत कयल जाय।137


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१८. समत पद सटा क’ िलखल जाय, वा हाइफेनसँ जोिड़ क’ , हटा क’ निह।१९. िलअ तथा िदअ शदमे िबकारी (ऽ) निह लगाओल जाय।२०. अंक देवनागरी पमे राखल जाय।२१.िकछु विनक लेल नवीन िचह बनबाओल जाय। जा' ई निह बनल अिछ ताबत एिह दुनू विनक बदलापूववत् अय/ आय/ अए/ आए/ आओ/ अओ िलखल जाय। आिक ऎ वा ऒ सँ यत कएल जाय।ह./- गोिवद झा ११/८/७६ ीकात ठाकुर ११/८/७६ सुरे झा "सुमन" ११/०८/७६२. मैिथलीमे भाषा सपादन पायम२.१. उचारण िनदश: (बोड कएल प ा):-दत न क उचारणमे दतमे जीह सटत- जेना बाजू नाम , मुदा ण क उचारणमे जीह मूधमे सटत (नैसटैए तँ उचारण दोष अिछ)- जेना बाजू गणेश। तालय शमे जीह तालुसँ , षमे मूधसँ आ दत समे दतसँसटत। िनश, सभ आ शोषण बािज कऽ देखू। मैिथलीमे ष क वैिदक संकृत जक ख सेहो उचिरतकएल जाइत अिछ, जेना वष, दोष। य अनेको थानपर ज जक उचिरत होइत अिछ आ ण ड़ जक(यथा संयोग आ गणेश संजोग आगड़ेस उचिरत होइत अिछ)। मैिथलीमे व क उचारण ब, श क उचारण स आ य क उचारण ज सेहोहोइत अिछ।ओिहना व इ बेशीकाल मैिथलीमे पिहने बाजल जाइत अिछ कारण देवनागरीमे आ िमिथलारमे व इअरक पिहने िलखलो जाइत आ बाजलो जएबाक चाही। कारण जे िहदीमे एकर दोषपूण उचारण होइतअिछ (िलखल तँ पिहने जाइत अिछ मुदा बाजल बादमे जाइत अिछ), से िशा पितक दोषक कारण हमसभ ओकर उचारण दोषपूण ढंगसँ कऽ रहल छी।अिछ- अ इ छ ऐछ (उचारण)छिथ- छ इ थ – छैथ (उचारण)पहुँिच- प हुँ इ च (उचारण)आब अ आ इ ई ए ऐ ओ औ अं अः ऋ ऐ सभ लेल माा सेहो अिछ, मुदा ऐमे ई ऐ ओ औ अं अः ऋक संयुतार पमे गलत पमे युत आ उचिरत कएल जाइत अिछ। जेना ऋ क री पमे उचिरतकरब। आ देिखयौ- ऐ लेल देिखऔ क योग अनुिचत। मुदा देिखऐ लेल देिखयै अनुिचत। क् सँ धिर अ138


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>सिमिलत भेलासँ क सँ ह बनैत अिछ, मुदा उचारण काल हलत युत शदक अतक उचारणक वृिबढ़ल अिछ, मुदा हम जखन मनोजमे ज् अतमे बजैत छी, तखनो पुरनका लोकक बजैत सुनबिह- मनोजऽ,वातवमे ओ अ युत ज् = ज बजै छिथ।फेर अिछ ज् आ ञ क संयुत मुदा गलत उचारण होइत अिछ- य। ओिहना अिछ क् आ ष कसंयुत मुदा उचारण होइत अिछ छ। फेर श् आ र क संयुत अिछ ( जेना िमक) आ स् आ र कसंयुत अिछ (जेना िम)। भेल त+र ।उचारणक ऑिडयो फाइल िवदेह आकइव http://www.videha.co.in/ पर उपलध अिछ। फेर क / सँ/ पर पूव अरसँ सटा कऽ िलखू मुदा तँ / कऽ हटा कऽ। ऐमे सँ मे पिहल सटा कऽ िलखू आ बादबलाहटा कऽ। अंकक बाद टा िलखू सटा कऽ मुदा अय ठाम टा िलखू हटा कऽ– जेनाछहटा मुदा सभ टा। फेर ६अ म सातम िलखू- छठम सातम नै। घरबलामे बला मुदा घरवालीमे वाली युतक।रहए-रहै मुदा सकैए (उचारण सकै-ए)।मुदा कखनो काल रहए आ रहै मे अथ िभता सेहो, जेना से कमो जगहमे पािकंग करबाक अयास रहैओकरा। पुछलापर पता लागल जे ढुनढुन नाा ई ाइवर कनाट लेसक पािकंगमे काज करैत रहए।छलै, छलए मे सेहो ऐ तरहक भेल। छलए क उचारण छल-ए सेहो।संयोगने- (उचारण संजोगने)क/ कऽकेर- क (केर क योग गमे नै क , पमे कऽ सकै छी। )क (जेना रामक)–रामक आ संगे (उचारण राम के / राम कऽ सेहो)सँ- सऽ (उचारण)चिबदु आ अनुवार- अनुवारमे कंठ धिरक योग होइत अिछ मुदा चिबदुमे नै। चिबदुमे कनेकएकारक सेहो उचारण होइत अिछ- जेना रामसँ- (उचारण राम सऽ) रामक- (उचारण राम कऽ/ राम केसेहो)।139


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>क जेना रामक भेल िहदीक को (राम को)- राम को= रामकक जेना रामक भेल िहदीक का ( राम का) राम का= रामककऽ जेना जा कऽ भेल िहदीक कर ( जा कर) जा कर= जा कऽसँ भेल िहदीक से (राम से) राम से= रामसँसऽ , तऽ , त , केर (गमे) ए◌े चा शद सबहक योग अविछत।के दोसर अथँ युत भऽ सकैए- जेना, के कहलक? िवभित “क”क बदला एकर योग अविछत।निञ, निह, नै, नइ, नँइ, नइँ, नइं ऐ सभक उचारण आ लेखन - नैव क बदलामे व जेना महवपूण (महवपूण नै) जतए अथ बदिल जाए ओतिह मा तीन अरकसंयुतारक योग उिचत। सपित- उचारण स प इ त (सपि नै- कारण सही उचारण आसानीसँसभव नै)। मुदा सवम (सवतम नै)।रािय (राीय नै)सकैए/ सकै (अथ पिरवतन)पोछैले/ पोछै लेल/ पोछए लेलपोछैए/ पोछए/ (अथ पिरवतन) पोछए/ पोछैओ लोकिन ( हटा कऽ, ओ मे िबकारी नै)ओइ/ ओिहओिहले/ओिह लेल/ ओही लऽजएब/ बैसबपँचभइयदेिखयौक/ (देिखऔक नै- तिहना अ मे व आ दीघक मााक योग अनुिचत)140


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>जक / जेकतँइ/ तैँ/होएत / हएतनिञ/ निह/ नँइ/ नइँ/ नैसौँसे/ सॱसेबड़ /बड़ी (झोराओल)गाए (गाइ निह), मुदा गाइक दूध (गाएक दूध नै।)रहल/ पिहरतैँहमहॴ/ अहॴसब - सभसबहक - सभहकधिर - तकगप- बातबूझब - समझबबुझलॱ/ समझलॱ/ बुझलहुँ - समझलहुँहमरा आर - हम सभआिक- आ िकसकैछ/ करैछ (गमे योगक आवयकता नै)होइन/ होिनजाइन (जािन नै, जेना देल जाइन) मुदा जािन-बूिझ (अथ पिरतन)पइठ/ जाइठ141


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>आउ/ जाउ/ आऊ/ जाऊमे, क, सँ, पर (शदसँ सटा कऽ) तँ कऽ धऽ दऽ (शदसँ हटा कऽ) मुदा दूटा वा बेसी िवभित संगरहलापर पिहल िवभित टाक सटाऊ। जेना ऐमे सँ ।एकटा , दूटा (मुदा कए टा)िबकारीक योग शदक अतमे, बीचमे अनावयक प नै। आकारात आ अतमे अ क बाद िबकारीक योगनै (जेना िदअ, आ/ िदय’ , आ’, आ नै )अपोोफीक योग िबकारीक बदलामे करब अनुिचत आ मा फॉटक तकनीकी यूनताक पिरचायक)- ओनािबकारीक संकृत प ऽ अवह कहल जाइत अिछ आ वतनी आ उचारण दुनू ठाम एकर लोप रहैत अिछ/रिह सकैत अिछ (उचारणमे लोप रिहते अिछ)। मुदा अपोोफी सेहो अंेजीमे पसेिसव केसमे होइत अिछआ चमे शदमे जतए एकर योग होइत अिछ जेना raison d’etre एतए सेहो एकर उचारण रैजौन डेटरहोइत अिछ, माने अपोॉफी अवकाश नै दैत अिछ वरन जोड़ैत अिछ, से एकर योग िबकारीक बदला देनाइतकनीकी प सेहो अनुिचत)।अइमे, एिहमे/ ऐमेजइमे, जािहमेएखन/ अखन/ अइखनक (के निह) मे (अनुवार रिहत)भऽमेदऽतँ (तऽ, त नै)सँ ( सऽ स नै)गाछ तरगाछ लग142


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>सझ खनजो (जो go, करै जो do)तै/तइ जेना- तै दुआरे/ तइमे/ तइलेजै/जइ जेना- जै कारण/ जइसँ/ जइलेऐ/अइ जेना- ऐ कारण/ ऐसँ/ अइले/ मुदा एकर एकटा खास योग- लालित कतेक िद नसँ कहैत रहैत अइलै/लइ जेना लैसँ/ लइले/ लै दुआरेलहँ/ लॱगेलॱ/ लेलॱ/ लेलँह/ गेलहुँ/ लेलहुँ/ लेलँजइ/ जािह / जैजिह ठाम/ जािह ठाम/ जइठाम/ जैठामएिह / अिह /अइ (वायक अंतमे ा( / ऐअइछ/ अिछ / ऐछतइ/ तिह / तै/ तािहओिह / ओइसीिख / सीखजीिव / जीवी/ जीबभलेहॴ/ भलिह◌ ंत/ तँइ/ तँएजाएब/ जएबलइ/ लै143


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>छइ/ छैनिह / नै/ नइगइ/ गैछिन/ छि ह ...समए श दक संग जखन कोनो िव भि त जुटै छै तखन समै जना समैपर इ यािद । असगरमे हृदए आ िव भि तजुटने हृदे जना हृदेसँ, हृदेमे इ यािद ।जइ/ जािह /जैजिह ठाम/ जािह ठाम/ जइठाम/ जैठामएिह / अिह / अइ/ ऐअइछ/ अिछ / ऐछतइ/ तिह / तै/ तािहओिह / ओइसीिख / सीखजीिव / जीवी/जीबभले/ भलेहॴ/भलिह◌ ंत/ तँइ/ तँएजाएब/ जएबलइ/ लैछइ/ छैनिह / नै/ नइ144


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>गइ/गैछिन / छि हचुकल अिछ/ गेल गिछ२.२. मैिथलीमे भाषा सपादन पायमनीचक सूचीमे देल िवकपमेसँ लगुएज एडीटर ारा कोन प चुनल जेबाक चाही:बोड कएल प ा:१.होयबला/ होबयबला/ होमयबला/ हेब’बला, हेम’बला/ होयबाक/होबएबला /होएबाक२. आ’/आऽआ३. क’ लेने/कऽ लेने/कए लेने/कय लेने/ल’/लऽ/लय/लए४. भ’ गेल/भऽ गेल/भय गेल/भएगेल५. कर’ गेलाह/करऽगेलह/करए गेलाह/करय गेलाह६.िलअ/िदअ िलय’,िदय’,िलअ’,िदय’/७. कर’ बला/करऽ बला/ करय बला करैबला/क’र’ बला /करैवाली८. बला वला (पुष), वाली ( ी) ९.आल आंल145


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१०. ायः ायह११. दुःख दुख १२. चिल गेल चल गेल/चैल गेल१३. देलिखह देलिकह, देलिखन१४.देखलिह देखलिन/ देखलैह१५. छिथह/ छलिह छिथन/ छलैन/ छलिन१६. चलैत/दैत चलित/दैित१७. एखनोअखनो१८.बढ़िन बढ़इन बढ़िह१९. ओ’/ओऽ(सवनाम) ओ२०. ओ (संयोजक) ओ’/ओऽ२१. फिग/फाि फाइंग/फाइङ२२.जे जे’/जेऽ २३. ना-नुकुर ना-नुकर२४. केलिह/केलिन /कयलिह२५. तखनतँ/ तखन तँ२६. जारहल/जाय रहल/जाए रहल146


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२७. िनकलय/िनकलएलागल/ लगल बहराय/ बहराए लागल/ लगल िनकल’/बहरै लागल२८. ओतय/ जतय जत’/ ओत’/ जतए/ ओतए२९.की फूरल जे िक फूरल जे३०. जे जे’/जेऽ३१. कूिद / यािद(मोन पारब) कूइद/याइद/कूद/याद/यािद (मोन)३२. इहो/ ओहो३३.हँसए/ हँसय हँसऽ३४. नौ आिक दस/नौ िकंवा दस/ नौ वा दस३५. सासु-ससुर सास-ससुर३६. छह/ सात छ/छः/सात३७.की की’/ कीऽ (दीघकारातमे ऽ विजत)३८. जबाब जवाब३९. करएताह/ करेताह करयताह४०. दलान िदिश दलान िदश/दलान िदस४१. गेलाह गएलाह/गयलाह४२. िकछु आर/ िकछु और/ िकछ आर147


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>४३. जाइ छल/ जाइत छल जाित छल/जैत छल४४. पहुँिच/ भेट जाइत छल/ भेट जाइ छलए पहुँच/ भेिट जाइत छल४५.जबान (युवा)/ जवान(फौजी)४६. लय/ लए क’/ कऽ/ लए कए / लऽ कऽ/ लऽ कए४७. ल’/लऽ कय/कए४८. एखन / एखने / अखन / अखने४९.अहॴक अहीँक५०. गहॴर गहीँर५१.धार पार केनाइ धार पार केनाय/केनाए५२. जेक जक/जक५३. तिहना तेिहना५४. एकर अकर५५. बिहनउ बहनोइ५६. बिहन बिहिन५७. बिहन-बिहनोइबिहन-बहनउ५८. निह/ नै148


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>५९. करबा / करबाय/ करबाए६०. तँ/ त ऽ तय/तए६१. भैयारी मे छोट-भाए/भै/, जेठ-भाय/भाइ,६२. िग नतीमे दू भाइ/भाए/भइ६३. ई पोथी दू भाइक/ भइ/ भाए/ लेल। यावत जावत६४. माय मै / माए मुदा माइक ममता६५. देिह/ दइन दिन / दएिह/ दयिह दिह/ दैिह६६. द’/ दऽ/ दए६७. ओ (संयोजक) ओऽ (सवनाम)६८. तका कए तकाय तकाए६९. पैरे (on foot) पएरे कएक/ कैक७०.ताहुमे/ ताहूमे७१.पुीक७२.बजा कय/ कए / कऽ७३. बननाय/बननाइ७४. कोला७५.िदनुका िदनका७६.149


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>ततिहसँ७७. गरबओलिह/ गरबौलिन /गरबेलिह/ गरबेलिन७८. बालु बालू७९.चेह िचह(अशु)८०. जे जे’८१. से/ के से’/के’८२. एखुनका अखनुका८३. भुिमहार भूिमहार८४. सुगर/ सुगरक/ सूगर८५. झठहाक झटहाक ८६.छूिब८७. करइयो/ओ करैयो ने देलक /किरयौ-करइयौ८८. पुबािरपुबाइ८९. झगड़ा-झटीझगड़ा-झिट९०. पएरे-पएरे पैरे-पैरे९१. खेलएबाक150


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>९२. खेलेबाक९३. लगा९४. होए- हो – होअए९५. बुझल बूझल९६.बूझल (संबोधन अथमे)९७. यैह यएह / इएह/ सैह/ सएह९८. ताितल९९. अयनाय- अयनाइ/ अएनाइ/ एनाइ१००. िन- िनद१०१.िबनु िबन१०२. जाए जाइ१०३.जाइ (in different sense)-last word of sentence१०४. छत पर आिब जाइ१०५.ने१०६. खेलाए (play) –खेलाइ१०७. िशकाइत- िशकायत१०८.ढप- ढ़प151


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१०९. पढ़- पढ११०. किनए/ किनये किनञे१११. राकस- राकश११२. होए/ होय होइ११३. अउरदा-औरदा११४. बुझेलिह (different meaning- got understand)११५. बुझएलिह/बुझेलिन / बुझयलिह (understood himself)११६. चिल- चल/ चिल गेल११७. खधाइ- खधाय११८.मोन पाड़लिखह/ मोन पाड़लिख न/ मोन पारलिखह११९. कैक- कएक- कइएक१२०.लग ल’ग१२१. जरेनाइ१२२. जरौनाइ जरओनाइ- जरएनाइ/जरेनाइ१२३. होइत१२४.गरबेलिह/ गरबेलिन गरबौलिह/ गरबौलिन152


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१२५.िचखैत- (to test)िचखइत१२६. करइयो (willing to do) करैयो१२७. जेकरा- जकरा१२८. तकरा- तेकरा१२९.िबदेसर थानेमे/ िबदेसरे थानमे१३०. करबयलहुँ/ करबएलहुँ/ करबेलहुँ करबेलॱ१३१.हािरक (उचारण हाइरक)१३२. ओजन वजन आफसोच/ अफसोस कागत/ कागच/ कागज१३३. आधे भाग/ आध-भागे१३४. िपचा / िपचाय/िपचाए१३५. नञ/ ने१३६. बचा नञ(ने) िपचा जाय१३७. तखन ने (नञ) कहैत अिछ। कहै/ सुनै/ देखै छल मुदा कहैत-कहैत/ सुनैत-सुनैत/ देखैत-देखैत१३८.कतेक गोटे/ कताक गोटे१३९. कमाइ-धमाइ/ कमाई- धमाई१४०. लग ल’ग153


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१४१. खेलाइ (for playing)१४२.छिथह/ छिथन१४३.होइत होइ१४४. यो िकयो / केओ१४५.केश (hair)१४६.केस (court-case)१४७. बननाइ/ बननाय/ बननाए१४८. जरेनाइ१४९. कुरसी कुस१५०. चरचा चच१५१. कम करम१५२. डुबाबए/ डुबाबै/ डुमाबै डुमाबय/ डुमाबए१५३. एखुनका/अखुनका१५४. लए/ िलअए (वायक अंितम शद)- लऽ१५५. कएलक/केलक154


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>१५६. गरमी गम१५७. वरदी वद१५८. सुना गेलाह सुना’/सुनाऽ१५९. एनाइ-गेनाइ१६०.तेना ने घेरलिह/ तेना ने घेरलिन१६१. निञ / नै१६२.डरो ड’रो१६३. कतहु/ कतौ कहॴ१६४. उमिरगर-उमेरगर उमरगर१६५. भिरगर१६६. धोल/धोअल धोएल१६७. गप/गप१६८.के के’१६९. दरबजा/ दरबजा१७०. ठाम१७१.धिर तक१७२.155


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>घूिर लौिट१७३. थोरबेक१७४. बड१७५. त/ तू ◌ँ१७६. तिह( पमे ा)१७७. तही / तिह१७८.करबाइए करबाइये१७९. एकेटा१८०. किरतिथ /करतिथ१८१.पहुँिच/ पहुँच१८२. राखलिह रखलिह/ रखलिन१८३.लगलिह/ लगलिन लागलिह१८४.सुिन (उचारण सुइन)१८५. अिछ (उचारण अइछ)१८६. एलिथ गेलिथ१८७. िबतओने/ िब तौने/िबतेने१८८. करबओलिह/ करबौलिन /156


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>करेलिखह/ करेलिख न१८९. करएलिह/ करेलिन१९०.आिक/ िक१९१. पहुँिच/पहुँच१९२. बी जराय/ जराए जरा (आिग लगा)१९३.से से’१९४.ह मे ह (हमे ह िवभिमे हटा कए)१९५. फेल फैल१९६. फइल(spacious) फैल१९७. होयतिह/ होएतिह/ होएतिन /हेतिन / हेतिह१९८. हाथ मिटआएब/ हाथ मिटयाबय/हाथ मिटयाएब१९९. फेका फका२००. देखाए देखा२०१. देखाबए२०२. सिर सर२०३.साहेब साहब२०४.गेलैह/ गेलिह/ गेलिन157


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२०५. हेबाक/ होएबाक२०६.केलो/ कएलहुँ/केलॱ/ केलुँ२०७. िकछु न िकछु/िकछु ने िकछु२०८.घुमेलहुँ/ घुमओलहुँ/ घुमेलॱ२०९. एलाक/ अएलाक२१०. अः/ अह२११.लय/लए (अथ-पिरवन) २१२.कनीक/ कनेक२१३.सबहक/ सभक२१४.िमलाऽ/ िमला२१५.कऽ/ क२१६.जाऽ/जा२१७.आऽ/ आ२१८.भऽ /भ’ (’ फॉटक कमीक ोतक)२१९.िनअम/ िनयम२२०.हेटेअर/ हेटेयर२२१.पिहल अर ढ/ बादक/ बीचक ढ़२२२.तिहं/तिहँ/ तिञ/ त२२३.किहं/ कहॴ158


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२२४.तँइ/त / तइँ२२५.नँइ/ नइँ/ निञ/ निह/नै२२६.है/ हए / एलीह/२२७.छिञ/ छै/ छैक /छइ२२८.दृिएँ/ दृिय२२९.आ (<strong>com</strong>e)/ आऽ(conjunction)२३०.आ (conjunction)/ आऽ(<strong>com</strong>e)२३१.कुनो/ कोनो, कोना/केना२३२.गेलैह-गेलिह-गेलिन२३३.हेबाक- होएबाक२३४.केलौँ- कएलौँ-कएलहुँ/केलॱ२३५.िकछु न िकछ- िकछु ने िकछु२३६.केहेन- केहन२३७.आऽ (<strong>com</strong>e)-आ (conjunction-and)/आ। आब'-आब' /आबह-आबह२३८. हएत-हैत२३९.घुमेलहुँ-घुमएलहुँ- घुमेला◌े◌ं२४०.एलाक- अएलाक२४१.होिन- होइन/ होिह/२४२.ओ-राम ओ यामक बीच(conjunction), ओऽ कहलक (he said)/ओ२४३.की हए/ कोसी अएली हए/ की है। की हइ159


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२४४.दृिएँ/ दृिय२४५.शािमल/ सामेल२४६.तैँ / तँए/ तिञ/ तिहं२४७.जॱ/ य/ जँ/२४८.सभ/ सब२४९.सभक/ सबहक२५०.किहं/ कहॴ२५१.कुनो/ कोनो/ कोनहुँ/२५२.फारकती भऽ गेल/ भए गेल/ भय गेल२५३.कोना/ केना/ क ना/कना२५४.अः/ अह२५५.जनै/ जनञ२५६.गेलिन /गेलाह (अथ पिरवतन)२५७.केलिह/ कएलिह/ केलिन /२५८.लय/ लए/ लएह (अथ पिरवतन)२५९.कनीक/ कनेक/कनी-मनी२६०.पठेलिह पठेलिन / पठेलइन/ पपठओलिह/ पठबौलिन /२६१.िनअम/ िनयम२६२.हेटेअर/ हेटेयर160


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२६३.पिहल अर रहने ढ/ बीचमे रहने ढ़२६४.आकारातमे िबकारीक योग उिचत नै/ अपोोफीक योग फाटक तकनीकी यूनताक पिरचायकओकर बदला अवह (िबकारी) क योग उिचत२६५.केर (पमे ा) / -क/ कऽ/ के२६६.छैिह- छिह२६७.लगैए/ लगैये२६८.होएत/ हएत२६९.जाएत/ जएत/२७०.आएत/ अएत/ आओत२७१.खाएत/ खएत/ खैत२७२.िपअएबाक/ िपएबाक/िप येबाक२७३.शु/ शुह२७४.शुहे/ शुए२७५.अएताह/अओताह/ एताह/ औताह२७६.जािह/ जाइ/ जइ/ जै/२७७.जाइत/ जैतए/ जइतए२७८.आएल/ अएल२७९.कैक/ कएक२८०.आयल/ अएल/ आएल२८१. जाए/ जअए/ जए (लालित जाए लगलीह।)२८२. नुकएल/ नुकाएल२८३. कठुआएल/ कठुअएल161


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>२८४. तािह/ तै/ तइ२८५. गायब/ गाएब/ गएब२८६. सकै/ सकए/ सकय२८७.सेरा/सरा/ सराए (भात सरा गेल)२८८.कहैत रही/देखैत रही/ कहैत छलॱ/ कहै छलॱ- अिहना चलैत/ पढ़ैत(पढ़ै-पढ़ैत अथ कखनो काल पिरवितत) - आर बुझै/ बुझैत (बुझै/ बुझै छी, मुदा बुझैत-बुझैत)/ सकैत/ सकै।करैत/ करै। दै/ दैत। छैक/ छै। बचलै/ बचलैक। रखबा/ रखबाक । िबनु/ िबन। राितक/ रातुक बुझै आबुझैत केर अपन-अपन जगहपर योग समीचीन अिछ । बुझैत-बुझैत आब बुझिल ऐ। हमहूँ बुझै छी।२८९. दुआरे/ ारे२९०.भेिट/ भेट/ भट२९१.खन/ खीन/ खुना (भोर खन/ भोर खीन)२९२.तक/ धिर२९३.गऽ/ गै (meaning different-जनबै गऽ)२९४.सऽ/ सँ (मुदा दऽ, लऽ)२९५.व,(तीन अरक मेल बदला पुनितक एक आ एकटा दोसरक उपयोग) आिदक बदला व आिद।महव/ महव/ कत/ क आिदमे संयुतक कोनो आवयकता मैिथलीमे नै अिछ। वतय२९६.बेसी/ बेशी२९७.बाला/वाला बला/ वला (रहैबला)२९८.वाली/ (बदलैवाली)२९९.वा/ वात३००. अतरिय/ अतरीय162


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>३०१. लेमए/ लेबए३०२.लमछुरका, नमछुरका३०२.लागै/ लगै (भेटैत/ भेटै)३०३.लागल/ लगल३०४.हबा/ हवा३०५.राखलक/ रखलक३०६.आ (<strong>com</strong>e)/ आ (and)३०७. पाताप/ पााप३०८. ऽ केर यवहार शदक अतमे मा, यथासंभव बीचमे नै।३०९.कहैत/ कहै३१०.रहए (छल)/ रहै (छलै) (meaning different)३११.तागित/ ताकित३१२.खराप/ खराब३१३.बोइन/ बोिन/ बोइिन३१४.जािठ/ जाइठ३१५.कागज/ कागच/ कागत३१६.िगरै (meaning different- swallow)/ िगरए (खसए)३१७.रािय/ राीयDATE-LIST (year- 2012-13)163


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>(१४२० फसली साल (Marriage Days:Nov.2012- 25, 26, 28, 29, 30Dec.2012- 5,9, 10, 13, 14January 2013- 16, 17, 18, 23, 24, 31Feb.2013- 1, 3, 4, 6, 8, 10, 14, 15, 18, 20, 24, 25April 2013- 21, 22, 24, 26, 29May 2013- 1,2,3,5,6,9,12,13,17,19,20,22,23,24,26,27,29,30,31June 2013- 2,3July 2013- 11, 14, 15Upanayana Days:January 2013- 16February 2013- 14, 15, 20, 21April 2013- 22May 2013- 20, 21Dviragaman Din:November 2012- 25, 26, 28, 29December 2012- 2, 3, 14February 2013- 14, 15, 18, 20, 21, 22, 27, 28March 2013- 1164


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>April 2013- 18, 22, 24, 26, 28, 29May 2013- 12, 13Mundan Din:November 2012- 26, 30December 2012- 3January 2013- 18, 24February 2013- 1, 14, 15, 20, 28April 2013- 17May 2013- 13, 23, 29June 2013- 13, 19, 26, 27, 28July 2013- 10, 15FESTIVALS OF MITHILA (2012-13)Mauna Panchami-08 JulyMadhushravani- 22 JulyNag Panchami- 24 JulyRaksha Bandhan- 02 AugKrishnastami- 10 AugustKushi Amavasya / Somvari Vrat- 17 AugustVishwakarma Pooja- 17 September165


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>Hartalika Teej- 18 SeptemberChauthChandra-19 SeptemberKarma Dharma Ekadashi-26 SeptemberIndra Pooja Aarambh- 27 SeptemberAnant Caturdashi- 29 SepAgastyarghadaan- 30 SepPitri Paksha begins- 30 SepJimootavahan Vrata/ Jitia-08 OctoberMatri Navami- 09 OctoberSomvatiAmavasya Vrat- 15 OctoberKalashsthapan- 16 OctoberBelnauti- 20 OctoberPatrika Pravesh- 21 OctoberMahastami- 22 OctoberMaha Navami - 23 OctoberVijaya Dashami- 24 OctoberKojagara- 29 OctDhanteras- 11 NovemberDiyabati, shyama pooja-13 NovemberAnnakoota/ Govardhana Pooja-14 November166


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>Bhratridwitiya/ Chitragupta Pooja- 15 NovemberChhathi -19 NovemberDevotthan Ekadashi- 24 Novemberravivratarambh- 25 NovemberNavanna parvan- 25 NovemberKartikPoornima- Sama Visarjan- 28 NovemberVivaha Panchmi- 17 DecemberMakara/ Teela Sankranti-14 JanNaraknivaran chaturdashi- 08 FebruaryBasant Panchami/ Saraswati Pooja- 15 FebruaryAchla Saptmi- 17 FebruaryMahashivaratri-10 MarchHolikadahan-Fagua-26 MarchHoli- 28 MarchVaruni Trayodashi-07 AprilChaiti navaratrarambh- 11 AprilJurishital-15 AprilChaiti Chhathi vrata-16 AprilRam Navami- 19 AprilRavi Brat Ant- 12 May167


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>Akshaya Tritiya-13 MayJanaki Navami- 19 MayVat Savitri-barasait- 08 JuneGanga Dashhara-18 JuneSomavati Amavasya Vrata- 08 JulyJagannath Rath Yatra- 10 JulyHari Sayan Ekadashi- 19 JulyAashadhi Guru Poornima-22 Jul<strong>VIDEHA</strong> ARCHIVE१पिकाक सभटा पुरान अंक ेल -िवदेह ई., ितरहुता आ देवनागरी पमे Videha e journal's all oldissues in Braille Tirhuta and Devanagari versionsिवदेह ईअंक ५०पिकाक पिहल -िवदेह ईआगक अंक म सँ५०पिकाक -http://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha/https://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-archive-part-i/https://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-archive-part-ii/२.मैिथली पोथी डाउनलोड Maithili Books Downloadhttp://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-pothi३मैिथली ऑिडयो संकलन. Maithili Audio Downloadshttp://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-audio168


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>४.मैिथली वीिडयोक संकलन Maithili Videoshttp://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-video५ आधुिनक िचकला आ िच /िमिथला िचकला.Mithila Painting/ Modern Art and Photoshttp://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha-paintings-photos/"िवदेह"क एिह सभ सहयोगी िलंकपर सेहो एक बेर जाउ।६.िवदेह मैिथली िवज :http://videhaquiz.blogspot.<strong>com</strong>/७.िवदेह मैिथली जालवृ एीगेटर :http://videha-aggregator.blogspot.<strong>com</strong>/८.िवदेह मैिथली सािहय अंेजीमे अनूिदतhttp://madhubani-art.blogspot.<strong>com</strong>/९.िवदेहक पूव-प "भालसिरक गाछ" :http://gajendrathakur.blogspot.<strong>com</strong>/१०.िवदेह इंडेस :http://videha123.blogspot.<strong>com</strong>/११.िवदेह फाइल :http://videha123.wordpress.<strong>com</strong>/१२. िवदेह: सदेह : पिहल ितरहुता (िमिथला़र) जालवृ (लॉग)http://videha-sadeha.blogspot.<strong>com</strong>/१३. िवदेह:ेल: मैिथली ेलमे: पिहल बेर िवदेह ारा169


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>http://videha-braille.blogspot.<strong>com</strong>/१४.<strong>VIDEHA</strong> IST MAITHILI FORTNIGHTLY EJOURNAL ARCHIVEhttp://videha-archive.blogspot.<strong>com</strong>/१५. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका मैिथली पोथीक आकइवhttp://videha-pothi.blogspot.<strong>com</strong>/१६. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका ऑिडयो आकइवhttp://videha-audio.blogspot.<strong>com</strong>/१७. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका वीिडयो आकइवhttp://videha-video.blogspot.<strong>com</strong>/१८. िवदेह थम मैिथली पािक ई पिका िमिथला िचकला, आधुिनक कला आ िचकलाhttp://videha-paintings-photos.blogspot.<strong>com</strong>/१९. मैिथल आर िमिथला ( मैिथलीक सभसँ लोकिय जालवृ)http://maithilaurmithila.blogspot.<strong>com</strong>/२० ुित काशन .http://www.shruti-publication.<strong>com</strong>/२१.http://groups.google.<strong>com</strong>/group/videha२२.http://groups.yahoo.<strong>com</strong>/group/<strong>VIDEHA</strong>/२३.गजे ठाकुर इ डेसhttp://gajendrathakur123.blogspot.<strong>com</strong>२४. नेना भुटका170


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>http://mangan-khabas.blogspot.<strong>com</strong>/२५.िवदेह रेिडयो किवता आिदक पिहल पोडकाट साइट -मैिथली कथा:http://videha123radio.wordpress.<strong>com</strong>/२६. Videha Radio२७. Join official Videha facebook group.२८. िवदेह मैिथली नाय उसवhttp://maithili-drama.blogspot.<strong>com</strong>/२९.समिदयाhttp://esamaad.blogspot.<strong>com</strong>/३०. मैिथली िफसhttp://maithilifilms.blogspot.<strong>com</strong>/३१.अनिचहार आखरhttp://anchinharakharkolkata.blogspot.<strong>com</strong>/३२. मैिथली हाइकूhttp://maithili-haiku.blogspot.<strong>com</strong>/३३. मानक मैिथलीhttp://manak-maithili.blogspot.<strong>com</strong>/३४. िवहिन कथाhttp://vihanikatha.blogspot.in/३५. मैिथली किवता171


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>http://maithili-kavita.blogspot.in/३६. मैिथली कथाhttp://maithili-katha.blogspot.in/३७.मैिथली समालोचनाhttp://maithili-samalochna.blogspot.in/महवपूण सूचना: The Maithili pdf books are AVAILABLE FOR free PDFDOWNLOAD AThttps://sites.google.<strong>com</strong>/a/videha.<strong>com</strong>/videha/http://videha123.wordpress.<strong>com</strong>/http://videha123.wordpress.<strong>com</strong>/about/172


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>िवदेह:सदेह:१: २: ३: ४:५:६:७:८:९:१० "िवदेह"क िंट संकरण: िवदेह-ई-पिका(http://www.videha.co.in/) क चुनल रचना सिमिलत।सपादक: गजे ठाकुर।Details for purchase available at publishers's (print-version) site http://www.shrutipublication.<strong>com</strong>or you may write to shruti.publication@shruti-publication.<strong>com</strong>िवदेह173


िव द े ह िवद ेह Videha www.videha.co.in www.videha.<strong>com</strong> Videha Ist Maithili Fortnightlyejournal िवद ेह थम मैिथली पाि क ई पि का ''वदेह' १२५ म अंक ०१ माच २०१३ (वष ६ मास ६३ अंक १२५) मानुषीिमह संकृताम् <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong><strong>VIDEHA</strong>मैिथली सािहय आदोलन(c)२००४-१३. सविधकार लेखकाधीन आ जतए लेखकक नाम निह अिछ ततए संपादकाधीन। िवदेह- थममैिथली पािक ई-पिका <strong>ISSN</strong> <strong>2229</strong>-<strong>547X</strong> <strong>VIDEHA</strong> सपादक: गजे ठाकुर। सह-सपादक: उमेशमंडल। सहायक सपादक: िशव कुमार झा आ मुाजी (मनोज कुमार कण)। भाषा-सपादन: नागे कुमारझा आ पीकार िवानद झा। कला-सपादन: योित झा चौधरी आ रिम रेखा िसहा। सपादक-शोध-अवेषण: डॉ. जया वम आ डॉ. राजीव कुमार वम। सपादक- नाटक-रंगमंच-चलिच- बेचन ठाकुर।सपादक- सूचना-सपक-समाद- पूनम मंडल आ ियंका झा। सपादक- अनुवाद िवभाग- िवनीत उपल।रचनाकार अपन मौिलक आ अकािशत रचना (जकर मौिलकताक संपूण उरदाियव लेखक गणक मयछिह) ggajendra@videha.<strong>com</strong> क मेल अटैचमेटक पम .doc, .docx, .rtf वा .txt फॉमटमे पठासकैत छिथ। रचनाक संग रचनाकार अपन संित पिरचय आ अपन कैन कएल गेल फोटो पठेताह, सेआशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौिलक अिछ, आ पिहल काशनक हेतु िवदेह(पािक) ई पिकाक देल जा रहल अिछ। मेल ात होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात िदनक भीतर)एकर काशनक अंकक सूचना देल जायत। ’िवदेह' थम मैिथली पािक ई पिका अिछ आ ऐमे मैिथली,संकृत आ अंेजीमे िमिथला आ मैिथलीसँ संबंिधत रचना कािशत कएल जाइत अिछ। एिह ई पिकाकीमित लमी ठाकुर ारा मासक ०१ आ १५ ितिथक ई कािशत कएल जाइत अिछ।(c) 2004-13 सविधकार सुरित। िवदेहमे कािशत सभटा रचना आ आकइवक सविधकार रचनाकार आसंहकक लगमे छिह। रचनाक अनुवाद आ पुनः काशन िकंवा आकइवक उपयोगक अिधकार िकनबाकहेतु ggajendra@videha.<strong>com</strong> पर संपक क। एिह साइटक ीित झा ठाकुर, मधूिलका चौधरी आरिम िया ारा िडजाइन कएल गेल।िसिरतु174

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