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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

'िवदेह' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ ... - WordPress.com

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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ अंक ५७)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्१.पचमाक्षर आ अनुवार: पचमाक्षरातगर्त ङ, ञ, ण, न एवं म अबैत अिछ। संकृत भाषाक अनुसार शदक अतमे जाि<strong>ह</strong>वगर्क अक्षर र<strong>ह</strong>ैत अिछ ओ<strong>ह</strong>ी वगर्क पचमाक्षर अबैत अिछ। जेना-अ (क वगर्क र<strong>ह</strong>बाक कारणे अतमे ङ् आएल अिछ।)पच (च वगर्क र<strong>ह</strong>बाक कारणे अतमे ञ् आएल अिछ।)खड (ट वगर्क र<strong>ह</strong>बाक कारणे अतमे ण् आएल अिछ।)सिध (त वगर्क र<strong>ह</strong>बाक कारणे अतमे न् आएल अिछ।)खभ (प वगर्क र<strong>ह</strong>बाक कारणे अतमे म् आएल अिछ।)उपयुर्क्त बात मैिथलीमे कम <strong>दे</strong>खल जाइत अिछ। पचमाक्षरक बदलामे अिधकांश जग<strong>ह</strong>पर अनुवारक योग <strong>दे</strong>खल जाइछ। जेना-अंक, पंच, खंड, संिध, खंभ आिद। याकरण<strong>िव</strong>द पिडत गो<strong>िव</strong>द झाक क<strong>ह</strong>ब छिन जे कवगर्, चवगर् आ टवगर्सँ पूवर् अनुवारिलखल जाए तथा तवगर् आ पवगर्सँ पूवर् पचमाक्षरे िलखल जाए। जेना- अंक, चंचल, अंडा, अत तथा कपन। मुदा ि<strong>ह</strong>दीकिनकट र<strong>ह</strong>ल आधुिनक लेखक एि<strong>ह</strong> बातकेँ नि<strong>ह</strong> मानैत छिथ। ओलोकिन अत आ कपनक जग<strong>ह</strong>पर से<strong>ह</strong>ो अंत आ कंपन िलखैत<strong>दे</strong>खल जाइत छिथ।नवीन पित िकछु सु<strong>िव</strong>धाजनक अवय छैक। िकएक तँ एि<strong>ह</strong>मे समय आ थानक बचत <strong>ह</strong>ोइत छैक। मुदा कतोकबेर <strong>ह</strong>तलेखनवा मुणमे अनुवारक छोटसन िबदु प नि<strong>ह</strong> भेलासँ अथर्क अनथर् <strong>ह</strong>ोइत से<strong>ह</strong>ो <strong>दे</strong>खल जाइत अिछ। अनुवारक योगमेउच्चारण-दोषक सभावना से<strong>ह</strong>ो ततबए <strong>दे</strong>खल जाइत अिछ। एतदथर् कसँ लऽकऽ पवगर्धिर पचमाक्षरेक योग करब उिचत अिछ।यसँ लऽकऽ ज्ञधिरक अक्षरक स अनुवारक योग करबामे कत<strong>ह</strong>ु कोनो <strong>िव</strong>वाद नि<strong>ह</strong> <strong>दे</strong>खल जाइछ।२.ढ आ ढ़ : ढ़क उच्चारण “र् <strong>ह</strong>”जकाँ <strong>ह</strong>ोइत अिछ। अतः जतऽ “र् <strong>ह</strong>”क उच्चारण <strong>ह</strong>ो ओतऽ मा ढ़ िलखल जाए। आनठामखािल ढ िलखल जएबाक चा<strong>ह</strong>ी। जेना-ढ = ढाकी, ढेकी, ढीठ, ढेउआ, ढ, ढेरी, ढाकिन, ढाठ आिद।ढ़ = पढ़ाइ, बढ़ब, गढ़ब, मढ़ब, बुढ़बा, साँढ़, गाढ़, रीढ़, चाँढ़, सीढ़ी, पीढ़ी आिद।उपयुर्क्त शदसभकेँ <strong>दे</strong>खलासँ ई प <strong>ह</strong>ोइत अिछ जे साधारणतया शदक शुरूमे ढ आ मय तथा अतमे ढ़ अबैत अिछ। इए<strong>ह</strong>िनयम ड आ ड़क सदभर् से<strong>ह</strong>ो लागू <strong>ह</strong>ोइत अिछ।३.व आ ब : मैिथलीमे “व”क उच्चारण ब कएल जाइत अिछ, मुदा ओकरा ब रूपमे नि<strong>ह</strong> िलखल जएबाक चा<strong>ह</strong>ी। जेना- उच्चारण: बैनाथ, िबा, नब, <strong>दे</strong>बता, िबणु, बंश, बदना आिद। एि<strong>ह</strong>सभक थानपर मशः वैनाथ, <strong>िव</strong>ा, नव, <strong>दे</strong>वता, <strong>िव</strong>णु, वंश, वदनािलखबाक चा<strong>ह</strong>ी। सामायतया व उच्चारणक लेल ओ योग कएल जाइत अिछ। जेना- ओकील, ओज<strong>ह</strong> आिद।99

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