िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह
'िवदà¥à¤¹' ५ॠम ठà¤à¤ ०१ मठ२०१० (वषरॠ३ मास २९ ... - WordPress.com 'िवदà¥à¤¹' ५ॠम ठà¤à¤ ०१ मठ२०१० (वषरॠ३ मास २९ ... - WordPress.com
िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक 'िवदेह''िवदेह' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ अंक ५७)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्३०६.आ (come)/ आ (and)३०७. पाताप/ पााप३०८. ऽ केर यवहार शदक अतमे मा, बीचमे निह।३०९.कहैत/ कहै३१०. रहए (छल)/ रहै (छलै) (meaning different)३११.तागित/ ताकित३१२.खराप/ खराब३१३.बोइन/ बोिन/ बोइिन३१४.जािठ/ जाइठ३१५.कागज/ कागच३१६.िगरै (meaning different- swallow)/ िगरए (खसए)३१७.रािय/ राीयउच्चारण िनदश:दत न क उच्चारणमे दाँतमे जीह सटत- जेना बाजू नाम , मुदा ण क उच्चारणमे जीह मूधमे सटत (निह सटैए तँ उच्चारण दोषअिछ)- जेना बाजू गणेश। तालय शमे जीह तालुसँ , षमे मूधसँ आ दत समे दाँतसँ सटत। िनशाँ, सभ आ शोषण बािज कऽदेखू। मैिथलीमे ष केँ वैिदक संकृत जेकाँ ख सेहो उच्चिरत कएल जाइत अिछ, जेना वष, दोष। य अनेको थानपर ज जेकाँउच्चिरत होइत अिछ आ ण ड़ जेकाँ (यथा संयोग आ गणेश संजोग आ गड़ेस उच्चिरत होइत अिछ)। मैिथलीमे व क उच्चारण ब,श क उच्चारण स आ य क उच्चारण ज सेहो होइत अिछ।ओिहना व इ बेशीकाल मैिथलीमे पिहने बाजल जाइत अिछ कारण देवनागरीमे आ िमिथलाक्षरमे व इ अक्षरक पिहने िलखलोजाइत आ बाजलो जएबाक चाही। कारण जे िहदीमे एकर दोषपूणर् उच्चारण होइत अिछ (िलखल तँ पिहने जाइत अिछ मुदा बाजलबादमे जाइत अिछ) से िशक्षा पितक दोषक कारण हम सभ ओकर उच्चारण दोषपूणर् ढंगसँ कऽ रहल छी।अिछ- अ इ छ ऐछछिथ- छ इ थ – छैथपहुँिच- प हुँ इ च94
िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक 'िवदेह''िवदेह' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ अंक ५७)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आब अ आ इ ई ए ऐ ओ औ अं अः ऋ एिह सभ लेल माा सेहो अिछ, मुदा एिहमे ई ऐ ओ औ अं अः ऋ केँ संयुक्ताक्षररूपमे गलत रूपमे युक्त आ उच्चिरत कएल जाइत अिछ। जेना ऋ केँ री रूपमे उच्चिरत करब। आ देिखयौ- एिह लेल देिखऔक योग अनुिचत। मुदा देिखऐ लेल देिखयै अनुिचत। क् सँ ह् धिर अ सिमिलत भेलासँ क सँ ह बनैत अिछ, मुदा उच्चारणकाल हलत युक्त शदक अतक उच्चारणक वृि बढ़ल अिछ, मुदा हम जखन मनोजमे ज् अतमे बजैत छी, तखनो पुरनकालोककेँ बजैत सुनबिह- मनोजऽ, वातवमे ओ अ युक्त ज् = ज बजै छिथ।फेर ज्ञ अिछ ज् आ ञ क संयुक्त मुदा गलत उच्चारण होइत अिछ- ग्य। ओिहना क्ष अिछ क् आ ष क संयुक्त मुदा उच्चारणहोइत अिछ छ। फेर श् आ र क संयुक्त अिछ ( जेना िमक) आ स् आ र क संयुक्त अिछ (जेना िम)। भेल त+र।उच्चारणक ऑिडयो फाइल िवदेह आकइव http://www.videha.co.in/ पर उपलध अिछ। फेर केँ / सँ / पर पूवर् अक्षरसँसटा कऽ िलखू मुदा तँ/ के/ कऽ हटा कऽ। एिहमे सँ मे पिहल सटा कऽ िलखू आ बादबला हटा कऽ। अंकक बाद टा िलखूसटा कऽ मुदा अय ठाम टा िलखू हटा कऽ– जेना छहटा मुदा सभ टा। फेर ६अ म सातम िलखू- छठम सातम निह। घरबलामेबला मुदा घरवालीमे वाली युक्त करू।रहए- रहै मुदा सकैए- सकै-एमुदा कखनो काल रहए आ रहै मे अथर् िभता सेहो, जेनासे कमो जगहमे पािकर्ंग करबाक अयास रहै ओकरा।पुछलापर पता लागल जे ढुनढुन नाा ई ाइवर कनाट लेसक पािकर्ंगमे काज करैत रहए।छलै, छलए मे सेहो एिह तरहक भेल। छलए क उच्चारण छल-ए सेहो।संयोगने- संजोगनेकेँ- के / कऽकेर- क (केर क योग निह करू )क (जेना रामक) –रामक आ संगे राम के/ राम कऽसँ- सऽचिबदु आ अनुवार- अनुवारमे कंठ धिरक योग होइत अिछ मुदा चिबदुमे निह। चिबदुमे कनेक एकारक सेहो उच्चारणहोइत अिछ- जेना रामसँ- राम सऽ रामकेँ- राम कऽ राम केकेँ जेना रामकेँ भेल िहदीक को (राम को)- राम को= रामकेँक जेना रामक भेल िहदीक का ( राम का) राम का= रामक95
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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ अंक ५७)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्३०६.आ (come)/ आ (and)३०७. पाताप/ पााप३०८. ऽ केर यव<strong>ह</strong>ार शदक अतमे मा, बीचमे नि<strong>ह</strong>।३०९.क<strong>ह</strong>ैत/ क<strong>ह</strong>ै३१०. र<strong>ह</strong>ए (छल)/ र<strong>ह</strong>ै (छलै) (meaning different)३११.तागित/ ताकित३१२.खराप/ खराब३१३.बोइन/ बोिन/ बोइिन३१४.जािठ/ जाइठ३१५.कागज/ कागच३१६.िगरै (meaning different- swallow)/ िगरए (खसए)३१७.रािय/ राीयउच्चारण िनदश:दत न क उच्चारणमे दाँतमे जी<strong>ह</strong> सटत- जेना बाजू नाम , मुदा ण क उच्चारणमे जी<strong>ह</strong> मूधमे सटत (नि<strong>ह</strong> सटैए तँ उच्चारण दोषअिछ)- जेना बाजू गणेश। तालय शमे जी<strong>ह</strong> तालुसँ , षमे मूधसँ आ दत समे दाँतसँ सटत। िनशाँ, सभ आ शोषण बािज कऽ<strong>दे</strong>खू। मैिथलीमे ष केँ वैिदक संकृत जेकाँ ख से<strong>ह</strong>ो उच्चिरत कएल जाइत अिछ, जेना वष, दोष। य अनेको थानपर ज जेकाँउच्चिरत <strong>ह</strong>ोइत अिछ आ ण ड़ जेकाँ (यथा संयोग आ गणेश संजोग आ गड़ेस उच्चिरत <strong>ह</strong>ोइत अिछ)। मैिथलीमे व क उच्चारण ब,श क उच्चारण स आ य क उच्चारण ज से<strong>ह</strong>ो <strong>ह</strong>ोइत अिछ।ओि<strong>ह</strong>ना व इ बेशीकाल मैिथलीमे पि<strong>ह</strong>ने बाजल जाइत अिछ कारण <strong>दे</strong>वनागरीमे आ िमिथलाक्षरमे व इ अक्षरक पि<strong>ह</strong>ने िलखलोजाइत आ बाजलो जएबाक चा<strong>ह</strong>ी। कारण जे ि<strong>ह</strong>दीमे एकर दोषपूणर् उच्चारण <strong>ह</strong>ोइत अिछ (िलखल तँ पि<strong>ह</strong>ने जाइत अिछ मुदा बाजलबादमे जाइत अिछ) से िशक्षा पितक दोषक कारण <strong>ह</strong>म सभ ओकर उच्चारण दोषपूणर् ढंगसँ कऽ र<strong>ह</strong>ल छी।अिछ- अ इ छ ऐछछिथ- छ इ थ – छैथप<strong>ह</strong>ुँिच- प <strong>ह</strong>ुँ इ च94