िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह
'िवदà¥à¤¹' ५ॠम ठà¤à¤ ०१ मठ२०१० (वषरॠ३ मास २९ ... - WordPress.com 'िवदà¥à¤¹' ५ॠम ठà¤à¤ ०१ मठ२०१० (वषरॠ३ मास २९ ... - WordPress.com
िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक 'िवदेह''िवदेह' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ अंक ५७)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िवदेह जालवृक िडसकसन फोरमपर जाऊ।"मैिथल आर िमिथला" (मैिथलीक सभसँ लोकिय जालवृ) पर जाऊ।१. संपादकीय१. संपादकीयमैिथली गजलशा- आगाँआब मैिथली गजलक िकछु किठनाह िवषएपर आबी।किठनाह िवषए िकछु िविवधता आनत आ मैिथलीक पिरेयमे नूतनता सेहो, मुदा ततेक किठनाह सेहो निह।वैिदक आ मैिथली छदक गणना अक्षरसँ होइत अिछ से तँ किहये गेल छी, गुरु-लघुक िवचार ओतए निह भेटत। मैिथल ाणआ कणर् कायथ लौिकक संकृत आ िहदीसँ भािवत छिथ मुदा गएर मैिथल ाण आ कणर् कायथक शदावलीमे ढेर रास शदभेटत जे वैिदक संकृतमे अिछ मुदा लौिकक संकृतमे निह, तेँ कम दूिषत आ खाँटी मैिथली भाषा हुनके लोकिनक अिछ आ तेँछदक गणना अक्षरसँ करबाक आर बेशी आवयकता।गायी-२४ अक्षरउिणक्- २८ अक्षरअनुुप् – ३२ अक्षरबृहती- ३६ अक्षरपिङ्क्त- ४० अक्षरिुप्- ४४ अक्षरजगती- ४८ अक्षरशू किव ऐलुष आ आन गोटे ारा रिचत ऋक् वेद मे गायी, िुप् आ जगतीक छद सविधक पिरमाणमे भेटैत अिछ से एिहतीनूपर िवचारी।गायी: ई चािर कारक होइत अिछ- िपदी, िपदी, चािर पदी आ पाँचपदी। चािर पदी मे ८-८ अक्षरक पद आ एक पदक बादअर्िवराम आ दू पदक बाद पूणर्िवराम दए सकै छी। माने एक गायी शेर तैयार।िुप्: चािर पद, ११-११ अक्षरक पद आ एक पदक बाद अर्िवराम आ दू पदक बाद पूणर्िवराम दए सकै छी। माने एक िुप्शेर तैयार।जगती: चािर पद १२-१२ अक्षरक पद आ एक पदक बाद अर्िवराम आ दू पदक बाद पूणर्िवराम दए सकै छी। माने एक जगतीशेर तैयार।6
िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक 'िवदेह''िवदेह' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ अंक ५७)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आब जेना पिहने कहल गेल अिछ जे गायीमे एक-दू अक्षर कम वा बेशी सेहो भए सकैत अिछ माने २२ सँ २६ अक्षर धिरगायीक कार भेल- िवराड् गायी भेल- २२ िनचृद् गायी भेल- २३ भुिरग् गायी भेल- २५ आ वराड् गायी भेल २६अक्षरक। तँ िनअमक अतगर्त भेिट गेल ने छूट आ वतं भऽ गेल ने मैिथली गजल।पूणर् िवराम छोिड़यो सकै छी।आउ आब गजल कही:गायी गजलिुप् गजलजगती गजलआउ आब गजल कही:गायी गजलछै सुिन देिख रहल , छै ककरासँ ककरकोन गपक सहल, छै ककरासँ ककरहे अिछ देिख सहल, अिछ की टीस उठलरे िचहलकेँ चीहल, छै ककरासँ ककरई सभ सयक संगी , सभ छै भेष बदिलके अिछ मुँह फेरल, छै ककरासँ ककरहे िबजुलौका देिखयौ, छै उकापत जेकाँकी माथ सु कएल, छै ककरासँ ककरअिगनवान मैिथली, की सुिख जाएत धारकहै िकदिन कहल, छै ककरासँ ककरकरू कोन समझौता, करू कोन िनपटाराके ललकािर रहल, छै ककरासँ ककरके अिछ उठा रहल, अिछ के झुका रहलके अिछ बािज रहल, छै ककरासँ ककरऐरावत छै चिकत, अिछ की सोिच रहलई कणर्धार बँचल, छै ककरासँ ककरिुप् गजलअिछ चोरबा संग देखू ठाढ़, देखैत रहिल डकिललामीनिह होएत आब बरदात, डाक- डकौअिल डकिललामीई सुरिक रहल छल आब, नै भेटत आब फेर की खाअिछ कोना भेल ई असहार, डघरब चिल डकिललामीकोना तड़फिड़या सभ अिछ, डगहर थस लेने की बात7
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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ अंक ५७)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्आब जेना पि<strong>ह</strong>ने क<strong>ह</strong>ल गेल अिछ जे गायीमे एक-दू अक्षर कम वा बेशी से<strong>ह</strong>ो भए सकैत अिछ माने २२ सँ २६ अक्षर धिरगायीक कार भेल- <strong>िव</strong>राड् गायी भेल- २२ िनचृद् गायी भेल- २३ भुिरग् गायी भेल- २५ आ वराड् गायी भेल २६अक्षरक। तँ िनअमक अतगर्त भेिट गेल ने छूट आ वतं भऽ गेल ने मैिथली गजल।पूणर् <strong>िव</strong>राम छोिड़यो सकै छी।आउ आब गजल क<strong>ह</strong>ी:गायी गजलिुप् गजलजगती गजलआउ आब गजल क<strong>ह</strong>ी:गायी गजलछै सुिन <strong>दे</strong>िख र<strong>ह</strong>ल , छै ककरासँ ककरकोन गपक स<strong>ह</strong>ल, छै ककरासँ ककर<strong>ह</strong>े अिछ <strong>दे</strong>िख स<strong>ह</strong>ल, अिछ की टीस उठलरे िच<strong>ह</strong>लकेँ ची<strong>ह</strong>ल, छै ककरासँ ककरई सभ सयक संगी , सभ छै भेष बदिलके अिछ मुँ<strong>ह</strong> फेरल, छै ककरासँ ककर<strong>ह</strong>े िबजुलौका <strong>दे</strong>िखयौ, छै उकापत जेकाँकी माथ सु कएल, छै ककरासँ ककरअिगनवान मैिथली, की सुिख जाएत धारक<strong>ह</strong>ै िकदिन क<strong>ह</strong>ल, छै ककरासँ ककरकरू कोन समझौता, करू कोन िनपटाराके ललकािर र<strong>ह</strong>ल, छै ककरासँ ककरके अिछ उठा र<strong>ह</strong>ल, अिछ के झुका र<strong>ह</strong>लके अिछ बािज र<strong>ह</strong>ल, छै ककरासँ ककरऐरावत छै चिकत, अिछ की सोिच र<strong>ह</strong>लई कणर्धार बँचल, छै ककरासँ ककरिुप् गजलअिछ चोरबा संग <strong>दे</strong>खू ठाढ़, <strong>दे</strong>खैत र<strong>ह</strong>िल डकिललामीनि<strong>ह</strong> <strong>ह</strong>ोएत आब बरदात, डाक- डकौअिल डकिललामीई सुरिक र<strong>ह</strong>ल छल आब, नै भेटत आब फेर की खाअिछ कोना भेल ई अस<strong>ह</strong>ार, डघरब चिल डकिललामीकोना तड़फिड़या सभ अिछ, डग<strong>ह</strong>र थस लेने की बात7