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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

'िवदेह' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ ... - WordPress.com

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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ अंक ५७)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्“अच् छा, वड़बिढ़ यॉं। <strong>ह</strong>म तँ अखैन धिर न<strong>ह</strong>ेबो ने केलॱ<strong>ह</strong>ेँ।”“ि कअए? पाविन क िद न िछ यै तइयो ने न<strong>ह</strong>ेलेँ।”“छुि यो ने भेल। िभ नसरेसँ जारिन क अोिर यानमे लागल छलॱ। बोझ उघैत-उघैत मन ठि<strong>ह</strong> या गेल। असकता गेलॱ। ने भानसेकेलॱ आ ने न<strong>ह</strong>ेबो केलॱ<strong>ह</strong>ेँ। ओि<strong>ह</strong> ना ओसारपर ओघड़ेलॱ ि क नीन िआ ब गेल। जोिग नदरा िआ ब कऽ उठौलक। नइ तँ सुतलेरि<strong>ह</strong> तॱ। <strong>दे</strong>ख<strong>ह</strong>ी जे सॉंझ लिग चाइल जाइ छै ने अखैन तक उकक ओिर यान भेल<strong>ह</strong>ेँ आ ने सॉंझ-बतीक।”आंगन अिब ते दुखनी-भुखनाकेँ क<strong>ह</strong>लक- “बौआ, पि<strong>ह</strong> न पएर-<strong>ह</strong>ाथ धो कऽ िस रा आगूमे गोड़ लाग<strong>ह</strong>। तखन ि कछु किर <strong>ह</strong><strong>ह</strong>।”भुखना सए<strong>ह</strong> केलक। यामा से<strong>ह</strong>ो घैलची लग जा घैला झुका एक चुरूक पािन िन च् चॉं खसा ओि<strong>ह</strong> मे दुनू पाएरक तरबा भीजाओसारेपर सँ गोसॉंइकेँ गोड़ लगलक। सौँसे अंगना िध यो-पूतो आ जिन जाित यो सभ कच-बच करैत। छोटका बच् चा सभ फुटे कॉंइ-ि कचीड़ करैत र<strong>ह</strong>ै। ति<strong>ह</strong> बीच जुगेसराक बेटा र<strong>िव</strong> याक बेटाकेँ पाछुसँ पोनमे ि बठुआ कािट दोगे-दोग घुसुि क गेल। िछ लिम ला कऽर<strong>िव</strong> याक बेटा पाछु तकलक तँ िश बुआक बेटीकेँ <strong>दे</strong>खलक। ओि<strong>ह</strong> छौँड़ाकेँ भेले जे यए<strong>ह</strong> छौँड़ी ि बठुआ कटलक। <strong>ह</strong>ॉंइ-<strong>ह</strong>ॉंइ कऽ दूमुक् का लगा <strong>दे</strong>लक। मुक् का लिग ते िश वुआक बेटी िच िच आ कऽ कानए लागिल । िश वुआक घरवाली से<strong>ह</strong>ो पछवािर कात ठाढ़ छिल ।बेटीकेँ कनैत <strong>दे</strong>िख कोरामे उठबैत पुछलक। ओ छौँड़ी र<strong>िव</strong> याक बेटा नाओ क<strong>ह</strong>लक। ओकरो <strong>ह</strong>ड़लै ने फुड़लै ओि<strong>ह</strong> छौँड़ाकेँ कानऐँिठ एक थापर लगा <strong>दे</strong>लक। ति<strong>ह</strong> समए र<strong>िव</strong> याक घरवाली से<strong>ह</strong>ो अबैत छिल । बेटाकेँ <strong>दे</strong>िख पुछलक। ओंगरीक इशारासँ छौँड़ािश वुआक घरवालीकेँ <strong>दे</strong>खा <strong>दे</strong>लक। िश वुआक घरवालीकेँ <strong>दे</strong>ख<strong>िव</strong> ति<strong>ह</strong> र<strong>िव</strong> याक घरवाली लगमे जा झॲट पकिड़ मुँ<strong>ह</strong>पर थूक फेि क<strong>दे</strong>लक। सौँसे आंगन <strong>ह</strong>ड़-<strong>िव</strong> रड़ो मिच गेल। छोटका िध या-पूता डरे पड़ाए लगल। तँ दोसर ि दस <strong>ह</strong> ला सुिन आन-आन अबौलगल। दुखनीक बकारे ब न। जि<strong>ह</strong> ना-जि<strong>ह</strong> ना िश वुआक घरवाली गािर पढ़ै ति<strong>ह</strong> ना-ति<strong>ह</strong> ना र<strong>िव</strong> याक घरवाली उनटबैत जाए। ि कएक तँ ीगणक झगड़ाक <strong>िव</strong> शेषता <strong>ह</strong>ोइत जे जे पाछु धिर गिर आओत ओकर जीत <strong>ह</strong>ोइत। अंगनाक दृ य <strong>दे</strong>िख भुखनो आ यामो दुनूकबॉंि<strong>ह</strong> पकिड़ -पकिड़ ठेल-ठािल कऽ अपना-अपना अंगना दऽ आइल। भगला<strong>ह</strong>ा िध या-पूता सभ पुन: आबए लगल। जिन जाित यो आिध यो-पूतोमे पाटी बिन गेल। ि कछु गोटे ि शवुआक घरवालीक पक्ष लऽ आ ि कछु गोटे र<strong>िव</strong> याक घरवालीक पक्ष लऽ झगड़ाकेँ पुन:ठाढ़ केलक। एक दोसराक दोख लगवैत अपना पक्षकेँ िन दष सािब त करए लगल। मुदा जि<strong>ह</strong> ना पोखिर मे गोला फेकलापर पािन मेि<strong>ह</strong> लकोर उठैत जे धीरे-धीरे शा त भऽ जाइत ति<strong>ह</strong> ना शा त भऽ गेल।तत्-खनात तँ दुखनीक आंगन शा त भऽ गेल। अंगनासँ बा<strong>ह</strong>र र तो आ आनो-आनो जग<strong>ह</strong>पर गुद-गुद-फुस-फुस <strong>ह</strong>ोइते र<strong>ह</strong>ल।जि<strong>ह</strong> ना कोनो गाम वा घरमे आिग लगलापर पािन <strong>दे</strong>ने िम झा जाइत मुदा आिग क गरमी र<strong>ह</strong>बे करैत ति<strong>ह</strong> ना भेल। आन सभ तँआंगनसँ ि नकिल गेल मुदा, दुखनीक मनक आिग पजिर गेल। बेटी यामा िद स <strong>दे</strong>ख जोर-जोरसँ बजए लागिल - “<strong>ह</strong>म ककरो बजबैलेगेल छेिल यै जे आिब पाविन क िद न अंगनामे झगड़ा केलक। पाविन ि क कोनो एक िद नक <strong>ह</strong>ोइत अिछ िआ क सालो भिर ले <strong>ह</strong>ोइए।सालो भिर अंगनामे झगड़ा <strong>ह</strong>ोइते र<strong>ह</strong>त ि क ने। त<strong>ह</strong>ूमे जे ि कयो डोरी बॉंिट घरक पछुऐत बाि <strong>ह</strong> <strong>दे</strong>त तखन तँ आरो सालो भिरझगड़ा <strong>ह</strong>ोइते र<strong>ह</strong>त िक ने?”माइयक बोली ब न करै दुआरे थोम-थाम लगबैत यामा क<strong>ह</strong>लक- “अनेरे तूँ ि कअए आफन तोड़ै छेँ। तोरा अंगनामे छेबे के करौजे साल भिर झगड़ा <strong>ह</strong>ेतौ।”बेटीक बात सुि न दुखनी दम कसलक। मुदा तइओ मनमे आिग लगले र<strong>ह</strong>ै। घरसँ <strong>िव</strong> छान िन कािल यामा अंगनामे ि वछौलक।िब छा अपन मोटरी खोललक। एक धारा चाउर, सेर तीिन ऐक खेसारीक दािल , पॉंचटा दिल पूड़ी आ अपनो आ बच् चो सभक कपड़ािन कािल रखलक। पॉंचो पूड़ीमे सँ दूटा भुखनाकेँ एकटा कऽ सरस-िन रस तोिड़ दुनू बच् चाक <strong>ह</strong>ाथमे <strong>दे</strong>लक। एकटा अपना लेल आएकटा माए लेल फुटा कऽ रखलक। बैग खोिल भुखना रूपैयाक गडी िन कािल माएकेँ क<strong>ह</strong>लक- “माए, यए<strong>ह</strong> कमा कऽअनिल यौ।”57

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