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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

'िवदेह' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ ... - WordPress.com

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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ अंक ५७)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्घरैयालूिरक म<strong>ह</strong>े बाबू थानक <strong>ह</strong>िरवंश बाबू एवं ननिदओकेँ ननदिक चेयरमैन ितिनिध व करैत छिथ। उच् च वगर्क पाकअभाव ि<strong>ह</strong>नक एकांकीमे अिछ।व तुत: ि<strong>ह</strong>नक पाक संघषर्मे सामािजक समायोजन (सोसल एडज टमेट)क भावना सिि<strong>ह</strong>त अिछ। ि<strong>ह</strong>नक आ मस मानी पा अपनकृितक <strong>िव</strong>रोधी नकारा मक वृिक सामािजक विसँ अपन मेल नि<strong>ह</strong> बैसा पबैत अिछ। अतएव समायोजनक िथितमे ओमानिसक आशांितक अनुभव करैत अिछ जे को<strong>ह</strong>ुना ओि<strong>ह</strong> मानिसक तनावसँ मुिक्त भेटय एकरा <strong>ह</strong>ेतु ओ अपन समायोजनक कारणभूत <strong>िव</strong>रोधी वृिकेँ परा त करय चा<strong>ह</strong>ैछ। एि<strong>ह</strong> यासमे ओकर समाज-<strong>िव</strong>रोधी वृिसँ संघषर् करय पड़ैत छैक।एि<strong>ह</strong> कारेँ आ मस मानी पाक संघषर् सामािजक समायोजनक िदशामे कयल गेल एक यास िथक। इए<strong>ह</strong> <strong>ह</strong>ुनक अ त: थसामािजक ेरणाकेँ याव<strong>ह</strong>ािरक क्षेमे आिन क’ उपिथत क’ दैत अिछ। ए<strong>ह</strong>न संघषर्मय यासक फल वरूप आ मसमानी पाक यिक्त व िनिमर् भेल अिछ जे ि<strong>ह</strong>नक िमिथलांचलक समाजक एकांकीक अनुपम <strong>दे</strong>न िथक। थानक पचकौड़ी ए<strong>ह</strong>ी ेणीक पाअिछ जे अपन आ म-स मानक रक्षाथर् थानकेँ कोिड़ क’ <strong>ह</strong>ुनक अित वकेँ मेटैबाक लेल तैयार अिछ।सा आँिखक सोझॉं नव-दशर्नक िनमण करैत अिछ जि<strong>ह</strong>मे एकमा व र<strong>ह</strong>ैत अिछ। वाथ ध साकेँ जी<strong>िव</strong>त रखबाक <strong>ह</strong>ेतु म दितकयिन<strong>ह</strong>ार यिक्त आ मकेित बिन जाइत अिछ। िक तु ओकरा संधषर् ओ करैत अिछ जकरा लोकत मे <strong>िव</strong> वास एवं िन ठा छैक।जे यिक्त साक <strong>िव</strong>रोधमे नारा लगबैत अिछ तकरापर <strong>िव</strong>पिक प<strong>ह</strong>ाड़ टूिट पड़ैत छैक। तथािप नैितकता आ साक बलपर यिक्तक मनोबल बढ़ैत छैक आ असत् वृिक संरक्षक कालजयी से<strong>ह</strong>ो सृिसँ डेराय लगैत अिछ। एि<strong>ह</strong> कारक जन-जागृितककायर् एकमा साि<strong>ह</strong> ये ारा संभा<strong>िव</strong>त अिछ। <strong>ह</strong>िरवंश बाबू गामक मुिखया छिथ तेँ <strong>ह</strong>ुनक आज्ञाक िबना गामक एक पात पयर् त नि<strong>ह</strong>ि<strong>ह</strong>ल पबैत अिछ। ओ एतेक वेसी वाथ ध छिथ जे ओ अपन व क पूितर्क िनिम िनरी<strong>ह</strong> सुिगयापर <strong>ह</strong>ार करबामे कनेको कुिठतनि<strong>ह</strong> <strong>ह</strong>ोइत छिथ, कारण ओ <strong>ह</strong>ुनकर बेटा नूनू बचबाक आज्ञाक उ लंघन कयलक अिछ, जाि<strong>ह</strong>सँ <strong>ह</strong>ुनका चोट प<strong>ह</strong>ुँचैत छिन। यिपओकर बेटा मखना अठार<strong>ह</strong> िदनसँ वराा त छैक माया, मो<strong>ह</strong>, तथा ममता नामक कोनो व तु <strong>ह</strong>ुनक अ तरा मामे नि<strong>ह</strong> छिन। तेँिनदर्यता पूवर्क यव<strong>ह</strong>ार करैत छिथ जकर पिरणाम अ य त भयाव<strong>ह</strong> <strong>ह</strong>ाेइछ।जाि<strong>ह</strong> ामांचलमे अिशक्षा एवं अ ध ाक भाव र<strong>ह</strong>त ओतय िनधर्नता तथा शोषणक परपरा िनित रूपेँ र<strong>ह</strong>तैक। अधंाकतीक छिथ पंचकौड़ी तथा <strong>ह</strong>ुनक प नी सुिगया जे थानपर कबुला पाती क’ कए मखनाक नीके <strong>ह</strong>ोयबाक कामना करैत अिछ।शोिषत वगर्मे एकता अव य अिछ तथािप ओ अ यायसँ डेरायल र<strong>ह</strong>ैत अिछ, िक तु ओि<strong>ह</strong>सँ मुक् त <strong>ह</strong>ोयबाक इच् छा अव य रखैतअिछ। मुदा सामािजक पिरविर्त पिरवेशमे से सभव नि<strong>ह</strong> भ’ पबैत अिछ।वर्मान पिरवेशमे एक दोसराक उपयोग करबाक पाछॉं बे<strong>ह</strong>ाल अिछ। एि<strong>ह</strong> लेल कोनो तर<strong>ह</strong>क योग् यता अपेिक्षत नि<strong>ह</strong>, युत एक<strong>ह</strong>थक डाक योजन अिछ। मुदा एतबा िनित अिछ जे लोक अपन लाभक लेल आेकर उपयोग दोसरापर करैत अिछ। ई पर परासमाजमे सतत चलैत र<strong>ह</strong>ैत अिछ। एक बेर आक् टोपसक िशंकजामे पि़ड़ गेलापर वापसीक मागर् अवरू भ’ जाइत छैक।घरैयालूिरक म<strong>ह</strong>े बाबू आ थानक <strong>ह</strong>िरवंश बाबू ए<strong>ह</strong>ी ेणीक पा छिथ। जतय म<strong>ह</strong>े बाबू अि<strong>ह</strong> ेणीक ितिनिध छिथ जेशोिषत वगर्क शोषण सूिदपर रूपैया लगा क’ करैत छिथ, आ समाजक साइलॉक सदृश छिथ जे खदुकाक कॲढ़-करेज पयर् त44

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