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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

'िवदेह' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ ... - WordPress.com

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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ अंक ५७)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्अ<strong>ह</strong>ाँ ठीक क<strong>ह</strong>ल<strong>ह</strong>ुँ , मुदा एि<strong>ह</strong> नरकके समाि तक <strong>ह</strong>ेतु ई बा या मक यु अिछ । <strong>ह</strong>मरा स<strong>ह</strong>योग क र<strong>ह</strong>ल ारि भक अ पतालकरेख<strong>दे</strong>खक लेल िनयुक्त कयल गेल कमा डर बाजल ।बगल स िनदशना मक आवाज आएल–ठाढे ठाढे नइ, बे ड भ क डाँडमोइडक । अ <strong>ह</strong>ारमे आँइख िचयाइर क <strong>दे</strong>खिलयै, थानीयबासीसब आबाल वृ युक्षे स बा<strong>ह</strong>र भाइग र<strong>ह</strong>ल छल आ जनसैिनकआ यु स<strong>ह</strong>योगी सब ओकरा सबके सुरिक्षत पलायन मे स<strong>ह</strong>योग क र<strong>ह</strong>ल छल । किरब आधा िकलोमीटर चौडाइबला एि<strong>ह</strong>सुख् खल नदीके पिछयारी िकनारा सुरिक्षत छल । ओकरा ओइकात एकटा छोट गाम छल जत<strong>ह</strong> शरण लेल जा सकैत छल ।फायर के गजर्नयुक्त आ<strong>दे</strong>श सँगे शुरु भेल लडाइ भोर के किरब साढे तीन बजे तक चलल । भोरका इजोत शा<strong>ह</strong>ी सेना केअितिरक्त बल मगाब मे स<strong>ह</strong>योगी भ सकैत छल आ शायद अि<strong>ह</strong> दुआरे िरीट (लौटबाक) आ<strong>दे</strong>श आएल ।यु क मुख् य मोच परिनर तर <strong>िव</strong> फोट आ फायिरंगक लयबता टुइट र<strong>ह</strong>ल छल । वा य मोच पर िनयुक्त आ स<strong>ह</strong>योगी यिक्तसब लौटैट जनसैिनकसबके अ <strong>ह</strong>ारमे िठिकयाक िच <strong>ह</strong>बाक कोिशस क र<strong>ह</strong>ल छल । ओकर िच <strong>ह</strong>ल लौट र<strong>ह</strong>ल अइछ िक नइ ? ई न आ उ सुकतासब<strong>ह</strong>क चे<strong>ह</strong>रा पर नाइच र<strong>ह</strong>ल छल ।यु मोच क समाचार आब चारुिदस पसैर र<strong>ह</strong>ल छल । जनसेनाक तीन तरफा मजबूतघेराब दी मे परल शा<strong>ह</strong>ी सेना के एक सय अठार<strong>ह</strong> जवानबला ज था मे स कम स कम चॱसठ गोटे मारल गेल छल ।ओ त किरब एक् के डेढ बजे दु मन िनःस<strong>ह</strong>ाय भ क आ मसमपर्ण के मुा मे एकटा कोना मे दुबैक गेल छल । <strong>ह</strong>म सब त दूघ टा स अ <strong>ह</strong>ारे मे अपने मे फायिरंग क र<strong>ह</strong>ल छल<strong>ह</strong>ुा । जाँघ मे छर लाइग क घायल एकटा सैिनक बाजल– नइ त जीतिनि चत छल ।यु के अधूरा छोरबाक िचरिचरा<strong>ह</strong>ट ायः सब के चे<strong>ह</strong>रा पर छल , जे लौटैत आ घायल सैिनकके थलगत <strong>दे</strong>खरेखमे भेल ितलमा कोता<strong>ह</strong>ी के बाद ोध पूणर् यव<strong>ह</strong>ार मे कट भ र<strong>ह</strong>ल छल ।एि<strong>ह</strong> भीषण यु मे जनसेना िदस चालीस स बेसी घायल भेल छल आ पचीस गोट श<strong>ह</strong>ादत ा त कयलक ।।जनसेना के ई िसपा<strong>ह</strong>ी सब जनता के ओ<strong>ह</strong> वगर्क िधयापुता सब अइछ जे शासन आ अिभजा य तथा स प न वगर्क पकडबलासमाजारा युग युग स कछेर पर ठाढ क <strong>दे</strong>ल गेल अइछ । एकरा सबके नइ कोनो दरमााक मो<strong>ह</strong> नइ कोनो नीजी सुख सु<strong>िव</strong>धाकेमो<strong>ह</strong> । बस एक् केटा आस जे जनयु सफल <strong>ह</strong>ोएत त घूरत । सुखके िदन टुटली मरैया तक प<strong>ह</strong>ुँचत । लूट आ शोषण बलाशासन अ त <strong>ह</strong>ोएत । लाल सलाम, जनताके सवम धीया पुता सब ।लाल सलाम , म<strong>ह</strong>ान श<strong>ह</strong>िद सब ।।–अपने आप <strong>ह</strong>मरकसल मुठी सलामीक मुामे अकाश िदस उइठ गेल । भोरका इजोत <strong>ह</strong>ोब लागल छल । नदीके पिछयारी काते काते दिक्षण िदसजाइत <strong>ह</strong>म सब यु मोच स मशः दूर <strong>ह</strong>ोइट जा र<strong>ह</strong>ल छल<strong>ह</strong>ुँ । दु मनके अितिरक्त बल <strong>ह</strong>ेिलक टर स प<strong>ह</strong>ुँच चुकल छल ।मुदा शायद जनसेनाके वीरता स सं त दु मनके फाइटर <strong>ह</strong>ेिलक टर आकाशमे घुइम घुइमक एखनो तक बम खसाइए र<strong>ह</strong>ल छल ।<strong>ह</strong>मरा संगे चइल र<strong>ह</strong>ल एकटा क पनी कमा डर पाछु स <strong>ह</strong>मर िपी थपथपएलक ।आकाश िदस उठैत <strong>ह</strong>मर कसल मुी ओ <strong>दे</strong>िखनेने छल ।उनैटक <strong>ह</strong>म तकल<strong>ह</strong>ुँ । शायद ओ <strong>ह</strong>मरा मन मे उठैत भावके पइढ लेने छल । राइत भइरके युक थकान संगि<strong>ह</strong>ओकरा आँइखमे उदासी से<strong>ह</strong>ो छल । शायद ओकरो मनमे <strong>ह</strong>मरे जकाँ भावसब उमइर घुमइर र<strong>ह</strong>ल छल । ओ कमा डर छल युमोचक । ओकरो नेतृ वमे यु भेल छल जाि<strong>ह</strong>मे से<strong>ह</strong>ो श<strong>ह</strong>ीद आ घायल भेल छल कइएकटा जनसैिनक । के सब श<strong>ह</strong>ीद भेल?क ीओ जनैत अइछ? ....िन चय ओ जनैत अइछ । ओकर आँइखक उदासी सै<strong>ह</strong> क<strong>ह</strong>ैत अइछ । के सब भ सकैत अइछ? –मनभेल पुइछितअइ, मुदा पुछल<strong>ह</strong>ुँ नइ, आ चलैत र<strong>ह</strong>ल<strong>ह</strong>ुँ चुपचाप ।एि<strong>ह</strong> सुखला<strong>ह</strong>ा नदी के पछयारी कातक जंगलमे युक तैयारी आ िशक्षणक अिनतम क्षणमे जनसेनाके जवान सबके एकटाबटािलयनके सलामी वीकार करैत आ जवान सबस गमर्जोशी पूणर् कडगर <strong>ह</strong>ाथ िमलाक िबदा करैत काल मनमे उठल भाव यादपरल –एि<strong>ह</strong>मे स के लौटत के नइ लौटत ? िच <strong>ह</strong>ल चे<strong>ह</strong>रा सब एक एक क आँइखक आगू घूमए लागल । म<strong>ह</strong>ोरीके बुधनी ,जकर पाट नाम छल कमरेड उष । तीन वषर् पि<strong>ह</strong>ने पाट वेश करैत कालके अ तरमुखी <strong>िव</strong>धवा आ स पिक कारण अपनसासुर स तािडत बुधनी यु िशक्षणक ममे एक िदन <strong>ह</strong>मरा क<strong>ह</strong>ने छिल<strong>ह</strong>– कमरेड, सुबोध कमरेड <strong>ह</strong>मरा ेम ताव कएने17

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