िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

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िव दे िवदे Videha িবেদহ िवदे थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदे थम मैिथली पािक्षक 'िवदे''िवदे' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ अंक ५७)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम संस्कृ ताम्१९.ी ेतुकर झा, पटना-जाि समपर्ण भावसँ अपने िमिथला-मैिथलीक सेवामे तपर छी से तुय अिछ। देशक राजधानीसँ भयरल मैिथलीक शंखनाद िमिथलाक गाम-गाममे मैिथली चेतनाक िवकास अवय करत।२०. ी योगानद झा, किबलपुर, लेिरयासराय- कुरुक्षेम् अंतमर्नक पोथीकेँ िनकटसँ देखबाक अवसर भेटल अिछ आ मैिथलीजगतक एकटा उट ओ समसामियक दृिसप ताक्षरक कलमबद पिरचयसँ आािदत छी। "िवदे"क देवनागरी सँकरणपटनामे रु. 80/- मे उपलध भऽ सकल जे िविभ लेखक लोकिनक छायािच, पिरचय पक ओ रचनावलीक सयक काशनसँऐितािसक कल जा सकैछ।२१. ी िकशोरीकात िम- कोलकाता- जय मैिथली, िवदेमे बुत रास किवता, कथा, िरपोटर् आिदक सिच सं देिख आ आरअिधक सता िमिथलाक्षर देिख- बधाई वीकार कएल जाओ।२२.ी जीवकात- िवदेक मुित अंक पढ़ल- अुत मेनित। चाबस-चाबस। िकछु समालोचना मरखा..मुदा सय।२३. ी भालच झा- अपनेक कुरुक्षेम् अंतमर्नक देिख बुझाएल जेना म अपने छपलुँ अिछ। एकर िवशालकाय आकृितअपनेक सवर्समावेशताक पिरचायक अिछ। अपनेक रचना सामयर्मे उरोर वृि ो, एि शुभकामनाक संग ािदर्क बधाई।२४.ीमती डॉ नीता झा- अाँक कुरुक्षेम् अंतमर्नक पढ़लुँ। योितरीर शदावली, कृिष मय शदावली आ सीत बसत आसभ कथा, किवता, उपयास, बाल-िकशोर सािय सभ उम छल। मैिथलीक उरोर िवकासक लय दृिगोचर ोइत अिछ।२५.ी मायानद िम- कुरुक्षेम् अंतमर्नक मे मर उपयास ीधनक जे िवरोध कएल गेल अिछ तकर िवरोध करैत छी।...कुरुक्षेम् अंतमर्नक पोथीक लेल शुभकामना।(ीमान् समालोचनाकेँ िवरोधक रूपमे नि लेल जाए।-गजे ठाकुर)२६.ी मजारी- सपादक ीिमिथला- कुरुक्षेम् अंतमर्नक पिढ़ मोन िषर्त भऽ गेल..एखन पूरा पढ़यमे बुत समय लागत,मुदा जतेक पढ़लुँ से आािदत कएलक।२७.ी केदारनाथ चौधरी- कुरुक्षेम् अंतमर्नक अुत लागल, मैिथली सािय लेल ई पोथी एकटा ितमान बनत।२८.ी सयानद पाठक- िवदेम िनयिमत पाठक छी। ओकर वरूपक शंसक छलुँ। एर अाँक िलखल - कुरुक्षेम्अंतमर्नक देखलुँ। मोन आािदत भऽ उठल। कोनो रचना तरा-उपरी।२९.ीमती रमा झा-सपादक िमिथला दपर्ण। कुरुक्षेम् अंतमर्नक िंट फॉमर् पिढ़ आ एकर गुणवा देिख मोन स भऽ गेल,अुत शद एकरा लेल युक्त कऽ रल छी। िवदेक उरोर गितक शुभकामना।३०.ी नरे झा, पटना- िवदे िनयिमत देखैत रैत छी। मैिथली लेल अुत काज कऽ रल छी।३१.ी रामलोचन ठाकुर- कोलकाता- िमिथलाक्षर िवदे देिख मोन सतासँ भिर उठल, अंकक िवशाल पिरदृय आवतकारीअिछ।३२.ी तारानद िवयोगी- िवदे आ कुरुक्षेम् अंतमर्नक देिख चकिबदोर लािग गेल। आयर्। शुभकामना आ बधाई।३३.ीमती ेमलता िम “ेम”- कुरुक्षेम् अंतमर्नक पढ़लुँ। सभ रचना उच्चकोिटक लागल। बधाई।134

िव दे िवदे Videha িবেদহ िवदे थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदे थम मैिथली पािक्षक 'िवदे''िवदे' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ अंक ५७)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम संस्कृ ताम्३४.ी कीितर्नारायण िम- बेगूसराय- कुरुक्षेम् अंतमर्नक बड नीक लागल, आगांक सभ काज लेल बधाई।३५.ी माकाश-सरसा- कुरुक्षेम् अंतमर्नक नीक लागल, िवशालकाय संगि उमकोिटक।३६.ी अिग्नपुप- िमिथलाक्षर आ देवाक्षर िवदे पढ़ल..ई थम तँ अिछ एकरा शंसामे मुदा म एकरा दुसािसक कब। िमिथलािचकलाक तभकेँ मुदा अिगला अंकमे आर िवतृत बनाऊ।३७.ी मंजर सुलेमान-दरभंगा- िवदेक जतेक शंसा कएल जाए कम ोएत। सभ चीज उम।३८.ीमती ोफेसर वीणा ठाकुर- कुरुक्षेम् अंतमर्नक उम, पठनीय, िवचारनीय। जे क्यो देखैत छिथ पोथी ात करबाक उपायपुछैत छिथ। शुभकामना।३९.ी छानद िसं झा- कुरुक्षेम् अंतमर्नक पढ़लुँ, बड नीक सभ तरेँ।४०.ी ताराकात झा- सपादक मैिथली दैिनक िमिथला समाद- िवदे तँ कटेट ोवाइडरक काज कऽ रल अिछ। कुरुक्षेम्अंतमर्नक अुत लागल।४१.डॉ रवी कुमार चौधरी- कुरुक्षेम् अंतमर्नक बुत नीक, बुत मेनितक पिरणाम। बधाई।४२.ी अमरनाथ- कुरुक्षेम् अंतमर्नक आ िवदे दुनू मरणीय घटना अिछ, मैिथली सािय मय।४३.ी पंचानन िम- िवदेक वैिवय आ िनरतरता भािवत करैत अिछ, शुभकामना।४४.ी केदार कानन- कुरुक्षेम् अतमर्नक लेल अनेक धयवाद, शुभकामना आ बधाइ वीकार करी। आ निचकेताक भूिमकापढ़लुँ। शुरूमे तँ लागल जेना कोनो उपयास अाँ ारा सृिजत भेल अिछ मुदा पोथी उनटौला पर ज्ञात भेल जे एिमे तँ सभिवधा समाित अिछ।४५.ी धनाकर ठाकुर- अाँ नीक काज कऽ रल छी। फोटो गैलरीमे िच एि शतादीक जमितिथक अनुसार रैत तऽ नीक।४६.ी आशीष झा- अाँक पुतकक संबंधमे एतबा िलखबा सँ अपना कए नि रोिक सकलुँ जे ई िकताब मा िकताब निथीक, ई एकटा उमीद छी जे मैिथली अाँ सन पुक सेवा सँ िनरंतर समृ ोइत िचरजीवन कए ात करत।४७.ी शभु कुमार िसं- िवदेक तपरता आ ियाशीलता देिख आािदत भऽ रल छी। िनितरूपेण कल जा सकैछ जेसमकालीन मैिथली पिकाक इितासमे िवदेक नाम वणक्षरमे िलखल जाएत। ओि कुरुक्षेक घटना सभ तँ अठारे िदनमेखतम भऽ गेल रए मुदा अाँक कुरुक्षेम् तँ अशेष अिछ।४८.डॉ. अजीत िम- अपनेक यासक कतबो श ंसा कएल जाए कमे ोएतैक। मैिथली साियमे अाँ ारा कएल गेल काजयुग-युगातर धिर पूजनीय रत।४९.ी बीरे मिलक- अाँक कुरुक्षेम् अतमर्नक आ िवदे:सदे पिढ़ अित सता भेल। अाँक वाय ठीक रए आउसा बनल रए से कामना।५०.ी कुमार राधारमण- अाँक िदशा-िनदशमे िवदे पिल मैिथली ई-जनर्ल देिख अित सता भेल। मर शुभकामना।135

<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५७ म अंक ०१ मइ २०१० (वषर् ३ मास २९ अंक ५७)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्१९.ी <strong>ह</strong>ेतुकर झा, पटना-जाि<strong>ह</strong> समपर्ण भावसँ अपने िमिथला-मैिथलीक सेवामे तपर छी से तुय अिछ। <strong>दे</strong>शक राजधानीसँ भयर<strong>ह</strong>ल मैिथलीक शंखनाद िमिथलाक गाम-गाममे मैिथली चेतनाक <strong>िव</strong>कास अवय करत।२०. ी योगानद झा, किबलपुर, ल<strong>ह</strong>ेिरयासराय- कुरुक्षेम् अंतमर्नक पोथीकेँ िनकटसँ <strong>दे</strong>खबाक अवसर भेटल अिछ आ मैिथलीजगतक एकटा उट ओ समसामियक दृिसप <strong>ह</strong>ताक्षरक कलमबद पिरचयसँ आािदत छी। "<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>"क <strong>दे</strong>वनागरी सँकरणपटनामे रु. 80/- मे उपलध भऽ सकल जे <strong>िव</strong>िभ लेखक लोकिनक छायािच, पिरचय पक ओ रचनावलीक सयक काशनसँऐित<strong>ह</strong>ािसक क<strong>ह</strong>ल जा सकैछ।२१. ी िकशोरीकात िम- कोलकाता- जय मैिथली, <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>मे ब<strong>ह</strong>ुत रास क<strong>िव</strong>ता, कथा, िरपोटर् आिदक सिच सं<strong>ह</strong> <strong>दे</strong>िख आ आरअिधक सता िमिथलाक्षर <strong>दे</strong>िख- बधाई वीकार कएल जाओ।२२.ी जीवकात- <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>क मुित अंक पढ़ल- अुत मे<strong>ह</strong>नित। चाबस-चाबस। िकछु समालोचना मरखा<strong>ह</strong>..मुदा सय।२३. ी भालच झा- अपनेक कुरुक्षेम् अंतमर्नक <strong>दे</strong>िख बुझाएल जेना <strong>ह</strong>म अपने छपल<strong>ह</strong>ुँ अिछ। एकर <strong>िव</strong>शालकाय आकृितअपनेक सवर्समावेशताक पिरचायक अिछ। अपनेक रचना सामयर्मे उरोर वृि <strong>ह</strong>ो, एि<strong>ह</strong> शुभकामनाक संग <strong>ह</strong>ािदर्क बधाई।२४.ीमती डॉ नीता झा- अ<strong>ह</strong>ाँक कुरुक्षेम् अंतमर्नक पढ़ल<strong>ह</strong>ुँ। योितरीर शदावली, कृिष मय शदावली आ सीत बसत आसभ कथा, क<strong>िव</strong>ता, उपयास, बाल-िकशोर साि<strong>ह</strong>य सभ उम छल। मैिथलीक उरोर <strong>िव</strong>कासक लय दृिगोचर <strong>ह</strong>ोइत अिछ।२५.ी मायानद िम- कुरुक्षेम् अंतमर्नक मे <strong>ह</strong>मर उपयास ीधनक जे <strong>िव</strong>रोध कएल गेल अिछ तकर <strong>ह</strong>म <strong>िव</strong>रोध करैत छी।...कुरुक्षेम् अंतमर्नक पोथीक लेल शुभकामना।(ीमान् समालोचनाकेँ <strong>िव</strong>रोधक रूपमे नि<strong>ह</strong> लेल जाए।-गजे ठाकुर)२६.ी म<strong>ह</strong>े <strong>ह</strong>जारी- सपादक ीिमिथला- कुरुक्षेम् अंतमर्नक पिढ़ मोन <strong>ह</strong>िषर्त भऽ गेल..एखन पूरा पढ़यमे ब<strong>ह</strong>ुत समय लागत,मुदा जतेक पढ़ल<strong>ह</strong>ुँ से आािदत कएलक।२७.ी केदारनाथ चौधरी- कुरुक्षेम् अंतमर्नक अुत लागल, मैिथली साि<strong>ह</strong>य लेल ई पोथी एकटा ितमान बनत।२८.ी सयानद पाठक- <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>क <strong>ह</strong>म िनयिमत पाठक छी। ओकर वरूपक शंसक छल<strong>ह</strong>ुँ। ए<strong>ह</strong>र अ<strong>ह</strong>ाँक िलखल - कुरुक्षेम्अंतमर्नक <strong>दे</strong>खल<strong>ह</strong>ुँ। मोन आािदत भऽ उठल। कोनो रचना तरा-उपरी।२९.ीमती रमा झा-सपादक िमिथला दपर्ण। कुरुक्षेम् अंतमर्नक िंट फॉमर् पिढ़ आ एकर गुणवा <strong>दे</strong>िख मोन स भऽ गेल,अुत शद एकरा लेल युक्त कऽ र<strong>ह</strong>ल छी। <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>क उरोर गितक शुभकामना।३०.ी नरे झा, पटना- <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> िनयिमत <strong>दे</strong>खैत र<strong>ह</strong>ैत छी। मैिथली लेल अुत काज कऽ र<strong>ह</strong>ल छी।३१.ी रामलोचन ठाकुर- कोलकाता- िमिथलाक्षर <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>दे</strong>िख मोन सतासँ भिर उठल, अंकक <strong>िव</strong>शाल पिरदृय आवतकारीअिछ।३२.ी तारानद <strong>िव</strong>योगी- <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> आ कुरुक्षेम् अंतमर्नक <strong>दे</strong>िख चकिबदोर लािग गेल। आयर्। शुभकामना आ बधाई।३३.ीमती ेमलता िम “ेम”- कुरुक्षेम् अंतमर्नक पढ़ल<strong>ह</strong>ुँ। सभ रचना उच्चकोिटक लागल। बधाई।134

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