Videha ‘िवदेह’
Videha_01_11_2008_Tirhuta
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<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ नवम्बर अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक२१) িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्ाित सवािधक र् छि। “हैलो िमिथला” नामक रेिडयो काय र्मक मामसँ पा मैिथली उोषणाकेँ एकटानव पिरचय आऽ ऊँ चाई देलि अिछ।अेजल का ँट- पा धीनिह जािन बिहना िकएकआइ तोँ बड़ मोन पड़ि◌ रहल छहआ ताहूसँ बेसी तोहर ओछहोिछ कऽ देबवलामम र्भेदी वाण।बिहना तोँ कह रहऽ हमराऐँ हइ बिहना!एहन का ँट भरल गुलाबकेँअपन आ ँचरमे एना जे सहेज छहतोरा गड़◌ैत निह छह?तोँ उर पएबाक लेल उुक छलहमुदा हम मौन भऽ गेल रहीआ तोँ मोमोन गिजरहल छलह।हँ बिहना, ठीकेहमरो तोरेजका ँअपन िजनगीमे फूलेफूल सहेजबाक83