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Videha ‘िवदेह’

Videha_01_11_2008_Tirhuta

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<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ नवम्बर अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक२१) িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्राजे िवमल (1949- )।चामािरक लेखन-ितभाक ामी राजे िवमलपालक मैिथली सािहक एक छिथ। मैिथली, पाली आ िही भाषाक ाज्ञ िवमल िशक्षाक हकमेिवावािरिध (पी.एच.डी.)क उपािध ा कए छिथ। सुलिलत श चयन एव ं भाषामे ालता डा.िवमलक लेखनक िवशेषता रहलिन अिछ। अपन िसह लेखनसँ ई कोनहु पाठकक दयमे ान बनालैत छिथ। कथा आ समालोचनाक सिह मम र्भेदी गीत गजल िलखबामे वीण डा. िवमलक िनब,अवाद आिद सेहो िवलक्षण होइत छिन। को िलिखकऽ यथे यश अरजिनहार डा. िवमलक लेखनीकश ंसा मैिथलीक सस पाली आ िही सािहमे सेहो होइत रहलिन अिछ। खास कऽ मानवीयसंवेदनाक अिभिमे िहनक कलम बेजोड़ देखल जाइत अिछ। िभुवन िविवालयअत रा.रा.ब.कैस, जनकपुरधाममे ाापन कएिनहार डा. िवमलक प ूण र् नाम राजे लाभ िछयिन। िहनक ज २६ज ुलाई १९४९ ई. कऽ भेल अिछ। सािहकारक नव पीढ़◌ीकेँ िनरर उत्िरत करबाक कार ईडा.धीरेक बाद जनकपुर-पिरसरक सािहिक गुक पमे ािपत भऽ गेल छिथ। जनकपुरधामकदेवी चौक ित िहनक घर सदित सािहक िजज्ञासुसभक अखाड़◌ाजका ँ बनल रहैत अिछ।डा. राजे िवमलक गजल१.नयनमे उगै छै जे सपनाकेर कोँढ़◌ीफुलएबासँ पिह सभ झिर जाइ छैकलमक िसन ूरदान पएबासँ पिहगीत का ँचे कुमारेमे मिर जाइ छैचान भादवक अिरयेकटैत अहुिरयाका मेघक तुराइमे िहंचुकै छल जेिबछा चानीक इजोिरया77

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