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Videha ‘िवदेह’

Videha_01_11_2008_Tirhuta

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<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ नवम्बर अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक२१) িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िकयेक क' गेला एना उघार ।भ धेलिनहें ई ढब नव,ककरो सतयवाक उपव-उपाय...मुदा की भ' जाइछ एिह मन कें अरे ?के अपन, ककरा लेल एतेक उदास,ीकृ ?१७/४/०५.न.िद.२.ामल िकशोर झा, लेखकीय नाम ामल सुमन, ज १०।०१।१९६० चैनपुर िजलासहरसा िबहार। ातक िशक्षा:अथ र्शास् राजनीित शास् एव ं अंजी, िवुत अिभय ंणमे िडपलोमा।शासिनक पदािधकारी,टाटा ील, जमशेदपुर। ानीय समाचार प सिहत देशक अक पिकामेसमसामियक आलेख, किवता, गीत, गजल, हा-ं आिद कािशत, ानीय टी वी चैनल एव ं रेिडयोेशनमे गीत गजल सारण, कैकटा किव सेलनमे सहभािगता ओ म ंच संचालन।ासहमर गाम छूिट गेल, पेट भरवाक लेल!भूख लागल अिछ एखनहु ँ , उमिर बीत गेल!!हमर गाम छूिट गेल, पेट भरवाक लेल!करी की भेटल, अपनापन छूटल!ह डूबल वचन केर आश टूटल!!दो यार कतऽ गेल, नव-लोक अपन भेल!75

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