Videha ‘िवदेह’
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Videha ‘िवदेह’ थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ नवम्बर अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक२१) িরেদহ' পািkক পিtকা Videha Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह Videha িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्एहन धािम र्क अान अिछ जािहमे पंिडतक को हप निह होइत अिछ। िबनापंिडतक स होमएबाला एिह पाबिनमे भगवान आऽ भक संग सीधा सकर् होइतअिछ। एिह पाबिनमे स्ीगणक महप ूण र् भूिमका होइत अिछ जे अपन शरीरकेँ तपाकऽ प ूरा भिक संग िनयम-िना आऽ पिवताकेँ बनाएल रखबाक ित िवशेष पसँसतकर् रखैत छिथ। एहन धारणा अिछ जे एिह पाबिनकेँ िनयम िना आऽ पिवताकसंग निह कएलासँ एकर िवपरीत असिर पबितन आऽ ओकर िनकट सी आऽपिरवारपर तुरत पड़◌ैत अिछ। ई माता अिछ जेऽ पिवताक संग ई पाबिन निहकएलासँ असा रोग उ होएबाक संभावना रहैत अिछ। दोसर िदस ईहोमानब अिछजे एिह पाबिनकेँ िनयिमत पेँ कएलासँ सफेद दाग जेहन रोगसँ मुि सेहो भेटैतअिछ। एिह पाबिनक बढ़◌ैत लोकियताकेँ देिख आब पुष सेहो ई पाबिन करएलगलाह अिछ।भगवान स ूय र्क प ूजा भारतक संगिह इडोिशया, जावा, सुमाा आिद कतेको देशमेकएल जाइत अिछ, मुदा अर अतबा अिछ जे ानक पिरवतर्नक संग एकर पबदिल जाइत अिछ। स ूयो र्पासनाक चरचा िवक ायः सभ ाचीन सािहमे अलग-अलग पमे कएल गेल अिछ। एकर चचा र् वेदमे तँ अिछए संगिह स ूयो र्पिनषद,चाक्षुपोपिनषद, अुपिनषद आिदमे सेहो अिछ मुदा स ूय र् देवक संग स ूय र् देवक संगषी देवी प ूजा एक संग किहयासँ कएल जाऽ रहल अिछ एकर मान एखन धिरअपल अिछ।काितर्क मासक षी ितिथ षी देवी कऽ अिछ जे भगवान काितर्केयक पी छिथ। ईपाबिन स ूय र् देव आ षी देवी एक संग करबाक पाबिन अिछ जे प ूरा भिक भावकसंग मनाओल जाइत अिछ। छिठक गीतमे सेहो स ूय र् देव आऽ षी मायक ुित एकसंग कएल गेल अिछ।स ूयो र्पासनाक संग एिह धािम र्क अानक संब ंधमे कतेको कथा चिलत अिछ। एकटामाता ई अिछ जे मध ुवामे वन ऋिषक आम छल। ऋिषक पी सुकाक िपताजंगलमे िशकार खेलऽ गेलाह तँ हुनका ारा छोड़ल गेल तीर वन ऋिषक एकटाआिखमे ँ लािग गेल जािहसँ हुनक एकटा आिख ँ चिल गेल। एिह घटनासँ सुका ाकुलभऽ गेलीह आऽ जंगलक मण करए लगलीह। जंगलमे एक िदन एकाएक स ूय र् देवकप ूजामे लागल एकटा नाग कासँ हुनक भेँट भेल। ओ एिह समे नागकासँजनतब लेलिन तँ नागका जलक जे षी आऽ समीकेँ स ूय र् देवक प ूजा कएलासँभक सभ मकामना प ूरा होइत अिछ। एहन चरचा होइत अिछ जे वन ऋिषआऽ सुका स ूय र् देवक प ूजा कएलिन आऽ हुनक आिख ँ ठीक भऽ गेल। ाचीन सािहसँईहो जनतब होइत अिछ जे और ंगजेब सेहो और ंगाबाद िित देवक िस स ूय र्मिरमे १६७७ सँ १७०७ ई. धिर िनयिमत पसँ छिठक अवसरपर स ूय र् देवक आराधनामेलािग जाइत छल। एह चरचा भेटैत अिछ जे महाभारतक समय पा ंडव जखन54
Videha ‘िवदेह’ थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ नवम्बर अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक२१) িরেদহ' পািkক পিtকা Videha Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह Videha িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्सभ िकछु हािर गेलाह आऽ जंगलमे घ ुमैत छलाह जखन िवपि एिह समयमे ौपदीस ूय र्देवक १०८ नामसँ स ूय र्क प ूजा कएलिन आऽ छिठक त कएलाक बाद पा ंडवकेँ अपनराज-पाट वापस भेिट गेल। एिह घटनाक बाद लोक सभ एकटा “महाभारत पव”र्सेहो कहए लगलाह। आम जन सम ूहक म ई धारणा अिछ जे एिह धािम र्क अानकेँिनाक संग कएलासँ मवािक्षत ं फलक ाि तँ होइते अिछ संगिह संताि आऽपािरवािरक शाि आऽ चैनक संग असा रोगक िनवारण सेहो होइत अिछ।सूण र् िबहारमे प ूरा उाह आऽ भिभावक संग मनाओल जाएबाला एिह पाबिनक अतेकमह अिछ जे गरीब सेहो भीख मािग ँ कऽ ई पाबिन करैत अिछ। कतेको लोकआऽ संगठन एिह अवसरपर फल-फूल आऽ प ूजाक सामान बािट ँ पुक भागी बतछिथ। खरना आऽ समीक िदन लोकसभ मािगयो ँ कऽ साद जर हण करैतछिथ। पबितन सेहो िबना को भेदभावक साद ब ँटैत छिथ। एिह अवसरपरप ूरा देशमे नदी, पोखिर, कुआ आिदक सफाई कएल जाइत अिछ। सूण र् देशकशहर गामक सड़क, गली, मोहामे अुत सफाई आऽ काशक वा कएल जाइतअिछ। शहर सभमे नदी-पोखिरपर बढ़◌ैत भीड़ देिख आब लोक सभ अपन मोहाआऽ घरक छत अथवा लग पासमे खाली ानपर पोखिर जका ँ संरचना बना ओिहमेपािन जमा दैत छिथ आऽ पबितन ओिहमे ठाढ़ भऽ स ूय र्देवकेँ अर् समिप र्त करैतछिथ। ई एकमा अवसर अिछ जखन लोक सभ साक्षात अरा देवक प ूजा करैतछिथ। एिह अवसरपर सूण र् िबहारमे अमीर-गरीब, ऊँ च-नीच आऽ मािलक-मजूरक बीचद ूरी समा भऽ जाइत अिछ। सभ केओ तन, मन, धनसँ एिह पाबिनमे लािग जाइतअिछ आऽ सूण र् वातावरण छिठमय भऽ जाइत अिछ।२. िबहारमे स ूयो र्पासनाक मुख के-नवेु कुमार झा,समाचार वाचक सह अवादक (मैिथली), ादेिशक समाचार एका ंश, आकाशवाणी, पटनाछिठ पाबिन िबहारक एकटा लोक पव र् अिछ जे ायः सभ घरमे मनाओल जाइतअिछ। प ूरा देशमे आा आऽ ाक संग ई चािर िदवसीय अान स होइतअिछ। िबहारमे स ूयो र्पासनाक कतेको के अिछ। िबहारमे ित कतेको स ूय र्मिर ालु सभकेँ भगवान स ूय र्क अर् देबाक लेल आकिष र्त करैत अिछ। देशकसंगिह देशक कतेको आन सँ ालु एिह मिर सभमे आिब स ूय र् देवक आराधनाकरैत छिथ:-55
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