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Videha ‘िवदेह’

Videha_01_11_2008_Tirhuta

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<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ नवम्बर अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक२१) িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बी०डी०ओ०ओकर असली नाम की छलैक से तऽ निहं किह; मुदा हम सभ ओकरा'मा' किह कऽ बजबैतछिलयैक। कारण, ओ बात-बात पर'मा' शक योग करैत छलीह। से 'मा' ओकर नामे पड़ि◌गेलई भिर गामक लोक लै। बाल-िवधवा, संतानहीन 'मा' हमरघरक सदा जका ँ छलीह। हमरा बाद मे ब ुझवा मे आयल जे'मा' हमरा ओिहठाम काज करैत छलीह। ब ृावा के कार आबकाज तऽ निहंये कऽ सकैत छलीह; हँ दोसर कर-चाकर परमुैद भऽ काज धिर अव करबैत छलीह।धान म ंीक मध ुबनी आगमन के लऽ कऽ लोक मे बेसी उास आउाह छलैक, सभ सक्षात दश र्नक पु उठाबऽ चािह रहल छल।लोकक एिह ईा के पुरा करबा मे सहयोग दऽ रहल छलाह पाटीर्काय र्कता र् लोकिन जे बेसी-सँ-बेसी लोक के ज ुटा अपन शि दश र्नकरबा लेल मुप सवारी के वा के छलाह। हम मजाक मे'मा' सँ पुछिलयै- '' धान म ंी मध ुबनी मे आिब रहल छिथन।अपन गामक सभ केयो जा रहल अिछ देखऽ। अहा ँजायब?''निह''के अबैत छिथन?''- मा पुछलिन।''धान म ंी।'' - हम उर देिलयै।''ध ुर! ओ को बी०डी०ओ० छिथन जे 'िबरधा-पेलसुम'(व ृावा पे ंसन)देताह। हम अरे की देखऽ जाऊ हुनका ?''हम अवाक रिह गेलंहुमा के उर सँ।47

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