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Videha ‘िवदेह’

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<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ नवम्बर अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक२१) িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कुलान सन कुपााक मोनमे जािह स्ा◌ीक ित एते था छिन, ितनकामादे ओिह कालक समाजकें आ सामािजक मया र्दाकें को दरेग निह भेलिन। जेनािक पिहनहु ँ कहल गेल, एिह पाछू िमिथलाक सामािजक पय र्विितक पैघ योगदान छल।राजकमल चौधरी सेहो कथाक प ृभूिमक संकेत दैत स ूचना दे छिथ जे िमिथलाकलोककें कथा एखनहँ ु मोन छै जे एक िदश ब ंगालक तुकर् नवाब आ दोसर िदश िदीकिफरोजशाह तुगलकक सेना िमिथलाकें घेिर कए सब वु अपत, बलृत करै छल।िदीक सेनाक, ब ंगाल-आसाम-जएबाक बाट आज ुक सहरसा-पिण ू र्या ँ छलै। ब ंगालक नवाबीपलटन िबहार, अवध आ िदी िदश धावा देबा लेल अही बाटे ं जाए। अइ इलाकामेको पैघ यु किहयो निह भेल मुदा ब ंगालक नवाबी सल्तनत आ िदी शासनकसंघष र्सँ सवािधक र् हािन अही ाकें भेलै। जीतल िसपाही सताक आवेगमे इनारपर पािन भरैत ामवध ूकें उठाकए घोड़◌ा पर चढ़◌ा िलअए; हारल िसपाही द ुखकउेगमे खिरहानमे काज करैत िकसानकें तआिरसँ छपािठ िदअए। पराजयक पीड़◌ाआ िवजयक उास अइ ाक जनताकें िबना को युमे गेनिह भेटल छै। अइामे यायावरी संृित, बताह िनिता,ाम देवी पर अथाह भरोस, जीवनक ित उु आल भाव अही कार ं िवकिसतभेल; आ से उरोर एक पीढ़◌ीसँ दोसर पीढ़◌ीमे अबैत गेल।घनघोर आपद िितयह ुमे अथाह िनिता, धािम र्क आ ईरीय शि परिने मुदा िदढ़ आा, उट आल, भोजन-मैथ ुन-दरबारी वि ृ िदश आसि,चुगलखोरी, चाटुकािरता, दिमत वासनाक िवकृित, द ुाचारसँ भरल मवि, ृ स्ा◌ी-जाितकें भोगक या ब ुझबाक वि, ृ िशिथल चिरा...सबो टा आचार मैिथल लोकिनकेंअपन अही इितहाससँ भेटल हो--से बहुत सव अिछ।सुशीला सन स्ा◌ीक कमी ओिह समय धिर निह छल िमिथलामे। मुदापय र्विितक की कएल जाए! मातुर सुशीला, देवकाक ित म िनवेदनक कतोकसंकेत भिर उपासमे दैत रहलीह अिछ। देवका जखन माक अबै छिथ, तँघर-आ ँगनमे सभक सम द ुन ूक साषण आ कथोपकथनमे ई होइत अिछ।देवका बड़◌े चतुराइसँ ठोिक बजा क' अपन व दै छिथ, मुदा सुशीलाक वाातुय र्देवकाकें अिरत क' दै छिन। जखन देवका कहै छिथ -- ÷आब मामी जतबािदन कहतीह, रामपुर रिह जाएब।' तँ सुशीला ताल देवकाक आिखमे ँ अपन द ूूआिख ँ रखैत जवाब दै छिन--÷हम कहब जे भिर ज अही ठाम रिह जाउ त रिहहएत?' देवका िनर भ' जाइ छिथ। एक उखराहा िबतलाक बाद हुनका जवाबस ूझै छिन, आ तखन सा ँझमे आिब क' कहै छिथन -- ÷स मोनसँ िकओ ककरो राखएचाहत त' ओ किहओ भािग नइ ं सकइ छइ।' अइ साषण पर सोना मामी लजाइछिथ; अपन सम जमा-पँ◌ूजी भािगनकें अिप र्त करैत रहै छिथ। ई समप र्ण वुतः45

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