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Videha ‘िवदेह’

Videha_01_11_2008_Tirhuta

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<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ नवम्बर अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक२१) িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्आ राजा साहेबक हवेली कीत अिछ । फेर ओहो वएह काजसभ कर’ लगैत अिछजे राजा साहेब करैत छलाह ।आब ई उठैत अिछ जे एकटा जमीारकेँ तोड़ि◌क’ दोसर जमीारकेँ ठाढकरबाक की औिच छैक ? जँ ठाढ भइए जाइत छैक तँ दरबारमे राजा साहेबजका ँ हवेलीमे मोजराक आयोजन करबाक की योजन छैक ? जखन ई बात भ’ जाइत छैक जे राजा साहेब अपन बेटी मोिहनीक िववाह आिथ र्क तंगीककारँ नइ करा रहल छिथ तखन ओकर म संगक एतेक दृसभ रखबाक कोनयोजन छैक आ अंतमे ओकरा मीकेँ खलपा बनएबाक कोन औिच छैक ?को िनयितक िव बेर-बेर धिनक लालक मुँह सँ ितशोध लेब कहयबाक कोनजरी छैक ? राजा साहेब तँ अपन करनीक फल पािबए गेल छलाह जे हवेलीबेिचक’ सड़कपर आिब गेल छलाह ।उपयु र् सभ पर काश नीक जका ँ िवचार कए छल । ओकर दश र्न िस्प्टदेिखक’ हमरा लागल जे ओकरामे नाटक दश र्नक समझदारी छैक ।नाटकसँ एक िदन पिह हमरा डेरापर एकटा काडर् आएल रहय । ओिहपर सपिरवारिलखल रहैक । तेँ हम पीसँ पुछिलयिन -“नाटक देख’ जएबैक” ?“कोन नाटक छै” ? पर ओ रखलिन ।“एक छल राजा”“नइ जाएब”।“िकएक”?“कलका मे देख छी । हमरा नइ नीक लागल रहय” ।“चल ू , िनदेर्शक बदलल छै, अिभता बदलल छै” ।“मुदा नाटक तँ वएह रहतै ” ।“तैयो देिख िलयौ ” ।नाटक भेलैक । नाटक समा भेलाक बाद निचकेताजी केँ काफी ख ुश देखिलयिन ।एकर मतलब छलैक जे नाटक अपन ऊँ चाई पािब गेल छल । वुत: हमरो ब नीक34

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