Videha ‘िवदेह’

Videha_01_11_2008_Tirhuta Videha_01_11_2008_Tirhuta

videha123.files.wordpress.com
from videha123.files.wordpress.com More from this publisher
22.08.2015 Views

Videha ‘िवदेह’ थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ नवम्बर अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक२१) িরেদহ' পািkক পিtকা Videha Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह Videha িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्केउ ठूसय हीरा वोिरयामेबूक बत अिछ गोिहयामेअिछ सबहक सरदार िसपाहीऊठय िनि ओढ़ढ़ि◌यामेईमान जतय घर टाटक अिछई महल अटारी पापक अिछदिनया ु ँ तँ ई धोखा अिछप ूरब पिम उर दिक्षणऊिग रहल पिनसोखा।(१६.०९.९१)िलखलौ ं कतेक प कर जोिर जोिर कऽब ूझब ओ छल रक जगहकेँ छोड़ि◌-छोड़ि◌ कऽिलखलौ...ंझहरै तऽ ब ू ँद सावनमे, ख ुब झ ू िम-झ ू िम कऽबरसै तऽ र िनत, कपोल चूिम-चूिम कऽिलखलौ...ंमुरझाय बन तराग बाग तऽ ओ गृमे,पावस उम ंग घोिर रहल, आईपवनमे,िलखईत छी पाित ँ हम, ई कलम बोिर-बोिर कऽ।106

Videha ‘िवदेह’ थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ नवम्बर अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक२१) িরেদহ' পািkক পিtকা Videha Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह Videha িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िलखलौ ं कतेक...भेटत नम ब ू ँद फेर, जखन िहम जे िपघिल जैत,आओत कोना ओ बाढ़ि◌ औ! सिरता सेहो सुखैतई िलिख रहल छी आई, आ ँ िख फोड़ि◌-फोड़ि◌ कऽ।िलखलौ ं कतेक...तोिर-गेिर-तोिर कऽमुहतमे तऽ तरपब भामे िलखला भुसबकेरही जौ ं द ूर ियतमसँ सजाये मौत त ओ िथक। रही...२यक्षक िवरह छल वष र्केँ जनलक जगत सगरो-जहा ँ वषो र् िवरह के बात छै-वनवास त ओ िथक। जहा...२ँई उपवन ओ िशखा पव र्त आ कल-कल बिह रहल सिरताअगर अली अिछ नज उपवनमे त सुरता कतय ओ िथक। मुहत...िचतवन हो यिद चंचल आ तनयौवनसँ हो भारीमगर पावसमे पहु परदेश होयौवन कहा ँ ओ िथक।मुहत...107

<strong>Videha</strong> <strong>‘िवदेह’</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका १ नवम्बर अक्टूबर २००८ (वषर् १ मास ११ अंक२१) িরেদহ' পািkক পিtকা <strong>Videha</strong> Maithili Fortnightly e Magazine িরেদহ िवदेह <strong>Videha</strong> িবেদহhttp://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िलखलौ ं कतेक...भेटत नम ब ू ँद फेर, जखन िहम जे िपघिल जैत,आओत कोना ओ बाढ़ि◌ औ! सिरता सेहो सुखैतई िलिख रहल छी आई, आ ँ िख फोड़ि◌-फोड़ि◌ कऽ।िलखलौ ं कतेक...तोिर-गेिर-तोिर कऽमुहतमे तऽ तरपब भामे िलखला भुसबकेरही जौ ं द ूर ियतमसँ सजाये मौत त ओ िथक। रही...२यक्षक िवरह छल वष र्केँ जनलक जगत सगरो-जहा ँ वषो र् िवरह के बात छै-वनवास त ओ िथक। जहा...२ँई उपवन ओ िशखा पव र्त आ कल-कल बिह रहल सिरताअगर अली अिछ नज उपवनमे त सुरता कतय ओ िथक। मुहत...िचतवन हो यिद चंचल आ तनयौवनसँ हो भारीमगर पावसमे पहु परदेश होयौवन कहा ँ ओ िथक।मुहत...107

Hooray! Your file is uploaded and ready to be published.

Saved successfully!

Ooh no, something went wrong!