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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

िव दे ह िवदेह Vi deha িবেদহ ht t p wwwvi deha co i n

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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ईपिका '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ३९ म अंक ०१ अगस्त २००९ (वषर् २ मास २० अंक ३९)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्ओि<strong>ह</strong> मकानकेँ िन<strong>ह</strong>ारैत <strong>िव</strong>दा भए गेल। नि<strong>ह</strong> जािन, कोन धम र्-व ृक्षक छया मे ओकल।कुमार मज कपज मध ुबनी िजला ंतत सलेमपुर गाम मे। बा काले सँ लेखन मे आभिच।कैक गोट रचना आकाशवानी सँ सािरत आ <strong>िव</strong>िभ प-पिका मे कािशत।सम्ित कें ीय सिचवालय मे अभाग आधकारी पद पर पदािपत।िगरैत <strong>दे</strong>वालभालसिरक गाछक कात मे जे एकटा कोठली छै ओि<strong>ह</strong> मे र<strong>ह</strong>ैत अिछ बैठा-सपिरवार। ओ एकमाा कोठली बैठा के दोकान आ घर द ुन ू छैक - िदन मे दोकानआ राित मे घर। अ<strong>ह</strong>ल भोरे उिठ कमला घाट पर कपड़◌ा िखचनाई, ओति<strong>ह</strong> कपड़◌ासुखा कऽ द ुप<strong>ह</strong>र तक घर लौटनाई, पेᆬर िखचल-सुखायल कपड़◌ा पर आयरन केनाई- यै<strong>ह</strong> िदनचया र् छै बैठा के। ना मे <strong>ह</strong>मरा सभ कें पिर<strong>ह</strong>ास सुझय -'नामबैठा, मुदा <strong>ह</strong>रदम ठाढ़◌े'। से बैठा बेसी काल ठाढे र<strong>ह</strong>ैत अिछ । बैठा बैसैत छलतऽ मुदा सभटा काज खतम कईये कऽ - चा<strong>ह</strong>े जखन <strong>ह</strong>ो।बैठाक ओ िदनक काय र्ल, राित मे <strong>िव</strong>ामल मे पिरणत भऽ जायल करैक। एककात िखचबाक लेल मोटरी बाल कपड़◌ाक ढेरी आ दोसर कात बैठा सपिरवारपित-पी आ चािर गोट संतान - तीन टा बेटी आ एक टा बेटा क़◌ोरपछुआ।किनया ँ रा कात मे चुी पजािड भानस करैक आ बैठा पिटया पर सुतल़ बीडीध ुकैत, को गीत़ऱ◌ाजा सेश िकं वा लोिरक़ ग़◌ुनगुत; िधया-पुता सभ आपस मेझगड़◌ा करैत िकं वा खेलाईत। यै<strong>ह</strong> टा क्षण <strong>ह</strong>ोईत छलैक बैठाक आरामक, पलखितपेबाक़ एक क्षण के लेल सभटा िदन-द ु िनया ँ िबसिर जेबाक ।29

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