िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

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िव दे िवदे Videha িবেদহ िवदे थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदे थम मैिथली पािक्षक ईपिका 'िवदे' ३९ म अंक ०१ अगस्त २००९ (वषर् २ मास २० अंक ३९)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम संस्कृ ताम्आिन क’ पंजाब सॅ देै बेटा लेल पेट ब ूसट ।’ ‘ॅ से म किलएबल ू दैते रिथ की़ ।’ गप ्प के तङाक सॅ पलित क’ बाजल ।ओकरा परो छ मे काकी बजली ‘ऐंठी से बिढ गेल छै जिया सॅ अि घर मेकाज पकङलक उान भ’ क’ चलैत अिछ। पि घर बाला दा पीिब क’ गरगर फा◌ेिङ दै़ पङा पङा क’ र भागै छल आब देिखया◌ै िगरथनी भेलगप ्प छािट ँ रल अछ़ि◌ ।’एक एक किर क’ आठ बा़ ‘े ओपरेसन उपरेसन कथी लेल करेबै़ एगा◌े द ूगा◌ेआर ोते त ोते ।’दीपारानी के टा◌ेकला प’ बाजै ।देखैत देखैत द ूतीन टा बेटा बेटी के िववा दान किर क’ पा◌ेता नाित वाली वाली बिन गेलआ’ जखन बङकी भा◌ैजी सिर सॅ गाम आबिथ लाजे ुनका सोझाॅ सॅ ॅिट जाए़ ‘दीदीकी सोचैत ोथी़ ई ब ूढा◌े भे गेले ।’मुदा र ंग िबर ंगक साङी़ लठी़िसुर काजिरपिर ओ अपन प ूता◌ै सॅ बेसी नब लागै।‘बङकी दीदी साङी अनलिख मरा लेल़’ दीदी के देखैत मातर ओकरफरमाइस र् आर बिढ जाए ।आ’ अि बेर छैठ मे जखन दीदी गाम पु ॅचिलत’का◌ैली वाली ुलिस क’ ल’ग आयल । ‘मर बेटा के ना◌ैकिर लगते़ पंजाबसे घिर ु आयल ।’ बङकी किनया चौ ंकली ‘चिल आयल़ ।मरा घर प’ िकएक निआयल ।’ ओ चुप़ ।दा◌ेसर िदन आिब क’ कैत अछ़ि◌ ‘जे बलु संभुआ कलकैजे भैया फा◌ेन प’ कलकै के छै़ म तोरा िचे िया◌े।’बङकीकिनया क्षु ‘ी ं उठे रियै़ आ’ ी ं भैया सॅ गप ्प करबे रियै़पिछया◌ै ू त’ ।’संभुआ िपछा◌ैती मे बाङी साफ करैत छल आयल ‘ॅकी ’बङकी किनया लग माथ झ ूका लेलक । ‘अाॅ के म बजे री घर प़।’ ‘ूं’ ‘त िकयाक नि एलीयै़ ।’ ओ एकदमे चुप ।‘ एतेक झ ूठ बाजै छै ई सब ।’ बङकी किनया घर मे जाकए बजलीत’ छा◌ेटकी ननिद टपिक पङली़ ‘ओ सब को सोइतर् बाभन छै जे झ ूठ निबजतै ।’का◌ैली बाली का◌ैली बाली का◌ैली बाली़ भिर िदन ओकरे चच र् ‘गै़माॅ का◌ैली बाली के बेटा रमुआआिर प’ के’ सबटा सीसो पाॅिग लेलका◌ै।’छा◌ेटकी ननिद िचकरित आ ँगन मे पै ंसली त’ माॅजी के मोन तामसे माूरभ’गेलि ओ ना धा◌े क’ प ूजा करय लेल बैसले छली ।प ूजा घर सॅ बरापएर मे चप ्पल पिर पछुआित मे गेली ‘े रमुआ के माऽऽ◌्◌्ए़ े िकभेलै़ छा◌ैङा िकएक एना अगी जेकाॅ करैत अछ़ि◌ पिछ ू लैते म मना12

िव दे िवदे Videha িবেদহ िवदे थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदे थम मैिथली पािक्षक ईपिका 'िवदे' ३९ म अंक ०१ अगस्त २००९ (वषर् २ मास २० अंक ३९)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम संस्कृ ताम्कैरतीयै तखन ़ ।’आ ‘ओ घा◌ेघ वाली काकीके देिख क’ रमुआ के िबखैनिबखैन क’ गिरयाबए लागल छल़ ।घर आिब क’ काकी परो क्ष मे ख ूब जर उगलली ।किनए काल मेफनकैत छा◌ेटका भाए एला़ ‘संभुआ के टी़ वी ठीक करबा ब’ लेल दे रियै़ सेएखन धिर देलकै कली एको बेऱ चािर सौ टाका सेदे रि उपर सॅ़’। काकीफेर िचकरली़ कऽ◌्◌्ल ल’ ग’ जाकए़़ “यै संभुआ के माय़यै प ू िछया◌ै संभूआ के़मर टी़वी बेच िबकीन लेलक की ।’काकी सेो ब ूझैत छली ओ टी वी आ’ पैसा’ लेल संभूआ के उकिट दैतछलिख ‘एखनी दैत छी ’कैत कैत छा◌ै मास बीता देलकै़ ।‘यै किन कोबी कबै संभूआ के आनय लेल ’काकी फटा फट ख ूजल पाएताकुए लगली । ‘नमरी देबए त’ छदाम सेो नि घ ूरा क’ दैत ।’चुीदाय िकछुबाजय चाली त’ माॅजी तमसा गेली “एसगरे रै छी गाम मे तू सब गा◌ेटेपाुन पङक़ एलाॅ द ू िदन मे चिल जेबे ं िकछु की ओकरा सब के़ जा छी आब पिलुका गप ्प छै सरकारे एकर सबक मान बढा दे छै़ ओत’बाब ूजी के एसान छै़ बटेसरा के ना◌ैकरी जे किनया◌े आिख ँ मे लाजिलाज बाॅचल छै त’ अपन दर िदयाद के त’ ओतबा◌े पािन निं छै को दरेग ।’छैठक’ परना के बाद बङकी किनया सिर जाए लगली त ‘का◌ैली बाली केकलिख ‘अी ं के भरो से माॅ जी के छा◌ेङ जाए छी़ देखबै ।’दीदी िचा जिन ु कॅ ओ ठंढी मे माॅ िगर पङलिख़ क’ल’ प’ िपिङ लै़।ी ं ु◌ूनका देख भाल करली़ पॅजरा मे केना तेल मािलस तखनी जाक’उठलिख ।’ ‘ठीक छै ए ◌ीस अाॅ ुनकर असली प ूता◌ै िछयै मरासब के अाॅ प’ बुत भरो स अिछ ।’ आ’ ओकर ब्ुत ब्ुत बङाई करैतपया पैसा दैत िवदा भ’ रल छल़ि◌ तख माॅजी भगवती घर सॅ बरैतबाजए लगली़ ‘एसगरै रैत छी़ सा ंझे सकाल सबटा दरबा ब ं◌ाद ् क’ लैत छीइा र्◌े सोिच छी़ जा◌ै◌ं मिरयेा जायब़ त का◌ैलीबाली भा◌ेरे भा◌ेरदरबा पीटबे करतै ख ुजतै त ेतै चारो ◌ं िदस बेटा बेटीके लोक सब खि करतै़ बटेसरो लग सबक फा◌ेन नंमर छै ताि लेल मरालेल िनिस्चंत रु ॅ ।’बङकी किनया के आिख ँ मे र भिर गेलि ब ुढापा़एसगआ भय सॅ िसत माॅजी का◌ैली बाली के पैलबारक जादती सिलछिथ गाम मे ते इा र्◌े िवक छै़ मुदा िनद र्य सिर मे धन दा◌ैलत‘े13

<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ईपिका '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ३९ म अंक ०१ अगस्त २००९ (वषर् २ मास २० अंक ३९)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्आिन क’ पंजाब सॅ <strong>दे</strong> र<strong>ह</strong>ै बेटा लेल पेट ब ूसट ।’ ‘<strong>ह</strong>ॅ से <strong>ह</strong>म क<strong>ह</strong>िलएबल ू दैते र<strong>ह</strong>ै <strong>ह</strong>िथ की़ ।’ गप ्प के तङाक सॅ पलित क’ बाजल ।ओकरा परो छ मे काकी बजली<strong>ह</strong> ‘ऐंठी से बिढ गेल छै जि<strong>ह</strong>या सॅ अि<strong>ह</strong> घर मेकाज पकङलक उान भ’ क’ चलैत अिछ। पि<strong>ह</strong> घर बाला दा पीिब क’ गरगर फा◌ेिङ दै़ पङा पङा क’ <strong>ह</strong>र भागै छल आब <strong>दे</strong>िखया◌ै िगर<strong>ह</strong>थनी भेलगप ्प छािट ँ र<strong>ह</strong>ल अछ़ि◌ ।’एक एक किर क’ आठ बा़ ‘<strong>ह</strong>े ओपरेसन उपरेसन कथी लेल करेबै़ एगा◌े द ूगा◌ेआर <strong>ह</strong>ोते त <strong>ह</strong>ोते ।’दीपारानी के टा◌ेकला प’ बाजै ।<strong>दे</strong>खैत <strong>दे</strong>खैत द ूतीन टा बेटा बेटी के <strong>िव</strong>वा<strong>ह</strong> दान किर क’ पा◌ेता नाित वाली वाली बिन गेलआ’ जखन बङकी भा◌ैजी स<strong>ह</strong>िर सॅ गाम आबिथ लाजे <strong>ह</strong>ुनका सोझाॅ सॅ <strong>ह</strong>ॅिट जाए़ ‘दीदीकी सोचैत <strong>ह</strong>ोथी़ ई ब ूढा◌े भे गेले ।’मुदा र ंग िबर ंगक साङी़ ल<strong>ह</strong>ठी़िसुर काजिरपि<strong>ह</strong>र ओ अपन प ूता◌ै<strong>ह</strong> सॅ बेसी नब लागै।‘बङकी दीदी साङी अनलिख <strong>ह</strong>मरा लेल़’ दीदी के <strong>दे</strong>खैत मातर ओकरफरमाइस र् आर बिढ जाए ।आ’ अि<strong>ह</strong> बेर छैठ मे जखन दीदी गाम प<strong>ह</strong>ु ॅचिलत’का◌ैली वाली <strong>ह</strong>ुलिस क’ ल’ग आयल । ‘<strong>ह</strong>मर बेटा के ना◌ैकिर लगते़ पंजाबसे घिर ु आयल ।’ बङकी किनया चौ ंकली ‘चिल आयल़ ।<strong>ह</strong>मरा घर प’ िकएक नि<strong>ह</strong>आयल ।’ ओ चुप़ ।दा◌ेसर िदन आिब क’ क<strong>ह</strong>ैत अछ़ि◌ ‘जे बलु संभुआ क<strong>ह</strong>लकैजे भैया फा◌ेन प’ क<strong>ह</strong>लकै के छै़ <strong>ह</strong>म तोरा िचे ि<strong>ह</strong>या◌े।’बङकीकिनया क्षु ‘<strong>ह</strong>म<strong>ह</strong>ी ं उठे रि<strong>ह</strong>यै़ आ’ <strong>ह</strong>म<strong>ह</strong>ी ं भैया सॅ गप ्प करबे रि<strong>ह</strong>यै़पिछया◌ै ू त’ ।’संभुआ िपछा◌ैती मे बाङी साफ करैत छल आयल ‘<strong>ह</strong>ॅकी ’बङकी किनया लग माथ झ ूका लेलक । ‘अ<strong>ह</strong>ाॅ के <strong>ह</strong>म बजे र<strong>ह</strong>ी घर प़।’ ‘<strong>ह</strong>ूं’ ‘त िकयाक नि<strong>ह</strong> एलीयै़ ।’ ओ एकदमे चुप ।‘ एतेक झ ूठ बाजै छै ई सब ।’ बङकी किनया घर मे जाकए बजलीत’ छा◌ेटकी ननिद टपिक पङली़ ‘ओ सब को सोइतर् बाभन छै जे झ ूठ नि<strong>ह</strong>बजतै ।’का◌ैली बाली का◌ैली बाली का◌ैली बाली़ भिर िदन ओकरे चच र् ‘गै़माॅ का◌ैली बाली के बेटा रमुआआिर प’ के’ सबटा सीसो पाॅिग लेलका◌ै।’छा◌ेटकी ननिद िचकरित आ ँगन मे पै ंसली त’ माॅजी के मोन तामसे मा<strong>ह</strong>ूरभ’गेलि ओ न<strong>ह</strong>ा धा◌े क’ प ूजा करय लेल बैसले छली<strong>ह</strong> ।प ूजा घर सॅ ब<strong>ह</strong>रापएर मे चप ्पल पि<strong>ह</strong>र पछुआित मे गेली ‘<strong>ह</strong>े रमुआ के माऽऽ◌्◌्ए़ <strong>ह</strong>े िकभेलै़ छा◌ैङा िकएक एना अगी जेकाॅ करैत अछ़ि◌ पिछ ू लैते <strong>ह</strong>म मना12

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