िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह
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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ईपिका 'िवदेह' ३९ म अंक ०१ अगस्त २००९ (वषर् २ मास २० अंक ३९)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्बाब ूजी के आगा ँ पाछा ँ करैत रहै त’ ओ कोना कोना ओकरा सरकारीाकरी लगवा दे रहैथ ।बाब ूजी के खेत त’ ओकर बाब ुए बटाए करैत छलमुदा ई िकछु नब जमीन आ’ अपन बाङी झाङी बढा◌ैलक बटाए के खेत। आठटा िधया पुा सबके पढेनाय िलखेनाय सरकारे के कपार प’ सबहक अप ्पनसौख मौज गाम मे ओ पिहल लोक छल जेकरा घरक चार प’ सिजमिनक’ ली भ’ क’ टीवी के एंिटना लागल छल ।पािन राखए लेल बङका सीनटैक् सके टब सेहो राखल काज त’ कोा होय मुदा अपन द ू कोठरी के नबपक् का बनल घरक छत प’ ओकरा एना बैसा देलकै मान ू ओ ओिह गामक ताजमहलहोए ।कलका मे देख रहै लहेिरयासराय मे बैसाहलक ।बटेसर केअप िफट फाट बेस ।पै ंट शट र् हाफ पै ंट सेहो कख क’ र ंगिबर ंगक’ टी शट़ र् माथ प’लाल िपयर टा◌ेपी हाथ मे घङी आिख ँ प’ ध ूपकचा ।सरकारी ना◌ैकरक रो बदाब़ ।अगहनी फसल कटबा के तैयारी भ’ रहल छल ।कोन कोन गाम सॅ तािकतािक क’ बा◌ेिनहािर सब आनल जाय़ िनमोिछया ब ूढबा़ स्ीगण द ुगुना मजूरीितरलोकी जे बङका कका के भातीज छल कहलकै ‘कका हमरा त’ सवासौ बीघा लेलक ऊपर सॅ भिर पेट खेनाय बीङी तमाकू अलग सॅ ।’खगन बाब ूआ की बङका कका चुपचाप म ूङी झ ूका◌ै सुत रिह गेल छलाह ‘िक जमाना आिबगेल छै ।’बटेसरक किनया छा◌ेटका भाय के अंगना मे काज करैत छल िक िजट िफटमे रहै का◌ैली बाली ।काकी क ◌ेपरदेिसया बेटा बेटी पुता◌ैह सब सेहो बङमान संान दै ।‘का◌ैली वाली के मोन खराप छै़ ई सुिन काकी जेना िबयाकुलभ’ जायथ़‘हे रौ बाउ बजार जाए छै किन उनिट द के दबाए अबीहै बटेसराके बौह के बङ रद द भ’ रहल छै कािए सॅ।’ काकी टा◌ेल मे ककरोबजार जाइत देिख बािज उठैथ ।आ’ का◌ैली बाली के की ठाठ़ रतुका अइर ंठ ् बासन बाहिर अइठार र् प’राखलराखल खरकैट रहल अिछ जलखई भानस बनतई त कोना ।काकी िपछा◌ैती मेजा कए िचकिर रहल छिथ ‘रौ सोहना रे ितसबा़ गै म ंजूआ माय केपठा किन जी देिख केक बेर भेल जाइतर् छै ।’आ’ बङ िचकरला के बादअपन आ ँगन सॅ िनकिल क’ झ ून झ ून पायल बजबैत आबै । ‘मायजी माथ मेबङी दरद हलै सोहना के बाब ू कहैहलै बल ू आय जो ।मुदा हम कहिलए10
िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक ईपिका 'िवदेह' ३९ म अंक ०१ अगस्त २००९ (वषर् २ मास २० अंक ३९)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्जे काकी के बङी िदक् कत भ’ जैते।भिर अंगना लोकवेद सब आयल हैसंजूआ के आ ंगन बाङी मे ना◌ैकरी लािग गेलए त’ म ंजूआ के मेहमान ले गेलै़छा◌ेट बा है ऩ बिहनी ना◌ैकरी प’ जेतय़ त’ बा के खेलैते़ ओिह सेदीक् कत हो गेल हमरो निहं त’ म ंज ुआ आिब क’सब काज किरय दैत हलै।’जी जी द ूधक बासन माॅजैत बाजल ‘मायजी़ चुी दाय क़़ है किनचाह पीिबता◌ै ।’आ’ काकी चाह बनवा क’ सोहना़ िबसवा आ का◌ैली वाली केिबूट संगे पीबए लेल बजबा लेलिख़ ।पवन आ’ गा◌ेरखक घरवाली अपन सौसक ई प देिख क’ दंग रिह गेलछलीह ।अपना आगा ँ केकरो िकछु चलए देबए वाली जबरद स्ी आयदाय ना◌ैकर प’ एेक मेहरबान । ‘िक करबै किनया आब ओ ज ुग छै बङ मॅहूठा◌ेर धे रहै छी़ त’ काज किर दैत अिछ एसगिर रहे छी उपाय की़ बाब ूजीके समय मे िभनसरे सॅ दलान प’ मजिलस जमय लागै ‘चाह ला़ पािन ला़ ओत’ ब ूटना छलै बटेसरा के बाप रहै जे हुनका पाछा ँ लागल राितक’ दरवा प’ स ूत लेल सेहो तैयाऱ त’ ओहो एक टा आफत आब त’ सेहो एकसर एेटा आ ँगिन मे कािह कािह करैत जीिब रहल छी़ ।ताबैत बङका टा के घा◌ेघ तन का◌ैली वाली आिब द ून ू िदयािदनी के गा◌ेङलगलक ‘कखनी अलिखन दीदी सब़़ काल भरै िदन काकी बाट तकैत रहलिखचािर िदन पिहले से सब घरक पलंग परक चादिर धा◌ेआबै छली किनया सबके साफ सुथरा घर भेटबा के चाही़ बलु़ ’ ।’का◌ैली वाली बरा ंङा मे राखलबरतन सब समेिट क’ ऽ◌्◌्ऽल’ प’ जाइतर् काल द ू िमनट ठाढ भ’ बाजल ।बङकी किनया आ’ का◌ैली वालीके द ुरागमन एके िदन भेल छलै तािह लेल ओहुनका पैघ िदयािदनी जकाॅ सान दैत छल ।पिह त’ बङ लाज करै’ ‘हे दीदीअलिखन है़ हाली हाली काम क’ दै छी ।’ननिद सब के कहै़ घा◌ेघ तनआबै़ ल’ग मे ठाढ से हो होय मुदा धीरे धीरे आन िदयािदनी सब केअयला प’मुखिरत भेल गेल़ ‘गै दाय सब़ बङकी दीदी त हमरा सॅ किहयेा बा◌ेलबा◌े केलिख़ आ’ ई मॅझली के देिखया◌े कहै हे़ हे का◌ैली बाली हमर न ूआकखनी साफ होतै ।’नबकी िदयािदनी सब प’ चुटकी लेबए सॅ बाज आबै़ काकीके कान सेहो भिर दै ।जखन घर मे लोक सब जूटैका◌ैली वाली के नखरा आओर बिढ जाएकाकी सॅ कहैै ‘ऊ़ सोहना के बाब ू कहै हे ़ बङकी भा◌ैजी तोरा ला िकआनलका◌ै ।’ काकी कहलिख ‘अख त’ अहाॅ के मॅ◌ाझला ् बौआ न’ब साङी11
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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ईपिका '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ३९ म अंक ०१ अगस्त २००९ (वषर् २ मास २० अंक ३९)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्जे काकी के बङी िदक् कत भ’ जैते।भिर अंगना लोकवेद सब आयल <strong>ह</strong>ैसंजूआ के आ ंगन बाङी मे ना◌ैकरी लािग गेलए त’ म ंजूआ के मे<strong>ह</strong>मान ले गेलै़छा◌ेट बा <strong>ह</strong>ै ऩ बि<strong>ह</strong>नी ना◌ैकरी प’ जेतय़ त’ बा के खेलैते़ ओि<strong>ह</strong> सेदीक् कत <strong>ह</strong>ो गेल <strong>ह</strong>मरो नि<strong>ह</strong>ं त’ म ंज ुआ आिब क’सब काज किरय दैत <strong>ह</strong>लै।’जी जी द ूधक बासन माॅजैत बाजल ‘मायजी़ चुी दाय क़़ <strong>ह</strong>ै किनचा<strong>ह</strong> पीिबता◌ै ।’आ’ काकी चा<strong>ह</strong> बनवा क’ सो<strong>ह</strong>ना़ िबसवा आ का◌ैली वाली केिबूट संगे पीबए लेल बजबा लेलिख़ ।पवन आ’ गा◌ेरखक घरवाली अपन सौसक ई प <strong>दे</strong>िख क’ दंग रि<strong>ह</strong> गेलछली<strong>ह</strong> ।अपना आगा ँ केकरो िकछु चलए <strong>दे</strong>बए वाली जबरद स्ी आयदाय ना◌ैकर प’ एेक मे<strong>ह</strong>रबान । ‘िक करबै किनया आब ओ ज ुग छै बङ मॅ<strong>ह</strong>ूठा◌ेर धे र<strong>ह</strong>ै छी़ त’ काज किर दैत अिछ एसगिर र<strong>ह</strong>े छी उपाय की़ बाब ूजीके समय मे िभनसरे सॅ दलान प’ मजिलस जमय लागै ‘चा<strong>ह</strong> ला़ पािन ला़ ओत’ ब ूटना छलै बटेसरा के बाप र<strong>ह</strong>ै जे <strong>ह</strong>ुनका पाछा ँ लागल राितक’ दरवा प’ स ूत लेल से<strong>ह</strong>ो तैयाऱ त’ ओ<strong>ह</strong>ो एक टा आफत आब त’ से<strong>ह</strong>ो एकसर एेटा आ ँगिन मे काि<strong>ह</strong> काि<strong>ह</strong> करैत जीिब र<strong>ह</strong>ल छी़ ।ताबैत बङका टा के घा◌ेघ तन का◌ैली वाली आिब द ून ू िदयािदनी के गा◌ेङलगलक ‘कखनी अलिखन दीदी सब़़ काल भरै िदन काकी बाट तकैत र<strong>ह</strong>लिखचािर िदन पि<strong>ह</strong>ले से सब घरक पलंग परक चादिर धा◌ेआबै छली किनया सबके साफ सुथरा घर भेटबा के चा<strong>ह</strong>ी़ बलु़ ’ ।’का◌ैली वाली बरा ंङा मे राखलबरतन सब समेिट क’ ऽ◌्◌्ऽल’ प’ जाइतर् काल द ू िमनट ठाढ भ’ बाजल ।बङकी किनया आ’ का◌ैली वालीके द ुरागमन एके िदन भेल छलै ताि<strong>ह</strong> लेल ओ<strong>ह</strong>ुनका पैघ िदयािदनी जकाॅ सान दैत छल ।पि<strong>ह</strong> त’ बङ लाज करै’ ‘<strong>ह</strong>े दीदीअलिखन <strong>ह</strong>ै़ <strong>ह</strong>ाली <strong>ह</strong>ाली काम क’ दै छी ।’ननिद सब के क<strong>ह</strong>ै़ घा◌ेघ तनआबै़ ल’ग मे ठाढ से <strong>ह</strong>ो <strong>ह</strong>ोय मुदा धीरे धीरे आन िदयािदनी सब केअयला प’मुखिरत भेल गेल़ ‘गै दाय सब़ बङकी दीदी त <strong>ह</strong>मरा सॅ कि<strong>ह</strong>येा बा◌ेलबा◌े केलिख़ आ’ ई मॅझली के <strong>दे</strong>िखया◌े क<strong>ह</strong>ै <strong>ह</strong>े़ <strong>ह</strong>े का◌ैली बाली <strong>ह</strong>मर न ूआकखनी साफ <strong>ह</strong>ोतै ।’नबकी िदयािदनी सब प’ चुटकी लेबए सॅ बाज आबै़ काकीके कान से<strong>ह</strong>ो भिर दै ।जखन घर मे लोक सब जूटैका◌ैली वाली के नखरा आओर बिढ जाएकाकी सॅ क<strong>ह</strong>ैै ‘ऊ़ सो<strong>ह</strong>ना के बाब ू क<strong>ह</strong>ै <strong>ह</strong>े ़ बङकी भा◌ैजी तोरा ला िकआनलका◌ै ।’ काकी क<strong>ह</strong>लिख ‘अख त’ अ<strong>ह</strong>ाॅ के मॅ◌ाझला ् बौआ न’ब साङी11