िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह
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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक 'िवदेह''िवदेह' ५० म अंक १५ जनबरी २०१० (वषर् ३ मास २५ अंक ५०)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्तिकते तँ रिह जइतिथ मुदा िमस डेजी मीराकेँ केक भीतर लऽ कऽ चल गेलीह। ओतए मोट–मोट ीकेँकुसपर ओंघरल आ मुँहपर लेप लगौने देिख मीराक मन िभनिक गेलिन। ओतुका बात यवथा बड़ अजगुतबुझना जाइिन। ई कोन दुिनयाँ िथक? एिह दुिनयाँक िखसा तँ कतहु निह सुनने छी। िकछु काल मीराकसुिध–बुिध जेना हेरा गेलिन।यान तखन भंग भेलिन जखन िमस डेजीक कैंची हुनक केशपर चलब शुरू भेल। मीरा, ‘निह निह’ कहैतउिठ कऽ ठाढ़ भऽ गेलीह।-देखू, अहाँक पित जे िनदश देलिन अिछ, सैह हम कऽ रहल छी। हमर समय बबद निह करू। भॱ चढ़बैतिमस डेजी बजलीह। ठीके तँ ओ सुनीलक िनदशक अनुसार सभ िकछु करैत छिथ। तखन िवरोध कथीक?मीरा धब दऽ कुस पर बैिस गेलीह।िकछु कालक बाद हुनक केश आ भॱहुक आकार–कार बदिल चुकल छल। कुसक नीचाँ काटल केशकेँदेिख भीतरे–भीतर कुहिर गेलीह मीरा। केश बहैत काल माइक मुँहसँ झहरैत गीत मन पिड़ गेलिन केशकपोरे–पोरे तेल लगा केहन सीिटकेँ केश बहैत रहिथन। आब से सभव निह भऽ सकत। नोरक बल वेगकेँबलात िनयंित कएने रहलीह।केक दाइ सुनील बाबूक अयबाक सूचना दऽ गेल रहिन। मीराक संग िमस डेजी सेहो बाहर अयलीह।िमस डेजी आ सुनीलमे िकछु गप–सप भेलिन आ िनित भेल जे कािसँ दस बजे ओ अपन पीकेँ ओतएपहुँचाए देल करताह।94
िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक 'िवदेह''िवदेह' ५० म अंक १५ जनबरी २०१० (वषर् ३ मास २५ अंक ५०)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्िरक्शापर सुनील मीराकेँ चुटकी लैत कहने रहिथ–वाह, हमर रूबी! आइ तँ अहाँ कमाल लािग रहल छी। चलूएही बातपर एकटा िसनेमा देखल जाए। िरक्शा िसनेमा हॉल िदस बिढ़ गेल छल।िसनेमा हॉलमे आँिखक आगाँ अबैत–जाइत िच मीराकेँ कनेको नीक निह लािग रहल छलिन। िचमे एकटाखूब अिधक आधुिनकाकेँ देखबैत सुनील कहलिन–रूबी! छौ मासमे अहाँ एहने माटर् भऽ काएब। तखन तँअहाँकेँ गामक सखी बिहनया िचहबो निह करतीह।-आ सुनील मीराक हाथ अपना हाथमे लेबए चाहलिन।मीराकेँ िकछु नीक निह लािग रहल छलिन। ओ ओिहन चुपचाप िनजव सन बैसल रहलीह। हुनकर चुपीकेँसुनील लय कऽ रहल छलाह। घर अयलापर ओ िवशेष तमसाए गेल रहिथ–अहाँ अपन देहाती चािल–ढ़ािलछोड़ब िक निह? पित जँ पीसँ हँसी मजाक करए चाहैत अिछ तँ ओकर काज िथक ओिहमे संग देब। अहाँएना–पाथर सन िकए बनल रहैत छी? गामसँ की अहाँकेँ हम पूजा करए अनलहुँ अिछ? हम कजर् लऽ कएअहाँपर खचर् कऽ रहल छी, एकर बदलामे अहाँसँ िकछु चाहैत छी तँ से अहोकेँ नीक निह लगैए। मीरा,समदाउन आ सोहरक आब समय निह अिछ! ैिक्टकल बनू ैिक्टकल। जतयसँ आयल छी से िबसिर जाउ।जतय आइ छी बस ओकरे टा यानमे राखू। निह तँ बाजू, कािए माए लग पहुँचा आबी?दुनू हाथेँ कान बद कऽ लेने छलीह मीरा। निह, निह ओ माए लग निह जयतीह। तीन वषर् धिर माइकअंतःपीड़ाकेँ ओ भोगने छलीह। फेरसँ हुनका वैह दुःख देबय निह जयतीह। मीरा ओछाओनपर कछमछाइतरहलीह। सुनील नीन पिड़ गेल छलाह। कािसँ ओ नव दुिनयाँमे वेश करए जा रहल छिथ। निहजे नीकलगैत ओिहमे मन लगेबाथ छिन। माइक कहब पुनः मन पिड़ गेलिन। जिहना रखथुन, तिहना....’।95
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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५० म अंक १५ जनबरी २०१० (वषर् ३ मास २५ अंक ५०)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्िरक्शापर सुनील मीराकेँ चुटकी लैत क<strong>ह</strong>ने र<strong>ह</strong>िथ–वा<strong>ह</strong>, <strong>ह</strong>मर रूबी! आइ तँ अ<strong>ह</strong>ाँ कमाल लािग र<strong>ह</strong>ल छी। चलूए<strong>ह</strong>ी बातपर एकटा िसनेमा <strong>दे</strong>खल जाए। िरक्शा िसनेमा <strong>ह</strong>ॉल िदस बिढ़ गेल छल।िसनेमा <strong>ह</strong>ॉलमे आँिखक आगाँ अबैत–जाइत िच मीराकेँ कनेको नीक नि<strong>ह</strong> लािग र<strong>ह</strong>ल छलिन। िचमे एकटाखूब अिधक आधुिनकाकेँ <strong>दे</strong>खबैत सुनील क<strong>ह</strong>लिन–रूबी! छौ मासमे अ<strong>ह</strong>ाँ ए<strong>ह</strong>ने माटर् भऽ काएब। तखन तँअ<strong>ह</strong>ाँकेँ गामक सखी बि<strong>ह</strong>नया िच<strong>ह</strong>बो नि<strong>ह</strong> करती<strong>ह</strong>।-आ सुनील मीराक <strong>ह</strong>ाथ अपना <strong>ह</strong>ाथमे लेबए चा<strong>ह</strong>लिन।मीराकेँ िकछु नीक नि<strong>ह</strong> लािग र<strong>ह</strong>ल छलिन। ओ ओि<strong>ह</strong>न चुपचाप िनजव सन बैसल र<strong>ह</strong>ली<strong>ह</strong>। <strong>ह</strong>ुनकर चुपीकेँसुनील लय कऽ र<strong>ह</strong>ल छला<strong>ह</strong>। घर अयलापर ओ <strong>िव</strong>शेष तमसाए गेल र<strong>ह</strong>िथ–अ<strong>ह</strong>ाँ अपन <strong>दे</strong><strong>ह</strong>ाती चािल–ढ़ािलछोड़ब िक नि<strong>ह</strong>? पित जँ पीसँ <strong>ह</strong>ँसी मजाक करए चा<strong>ह</strong>ैत अिछ तँ ओकर काज िथक ओि<strong>ह</strong>मे संग <strong>दे</strong>ब। अ<strong>ह</strong>ाँएना–पाथर सन िकए बनल र<strong>ह</strong>ैत छी? गामसँ की अ<strong>ह</strong>ाँकेँ <strong>ह</strong>म पूजा करए अनल<strong>ह</strong>ुँ अिछ? <strong>ह</strong>म कजर् लऽ कएअ<strong>ह</strong>ाँपर खचर् कऽ र<strong>ह</strong>ल छी, एकर बदलामे अ<strong>ह</strong>ाँसँ िकछु चा<strong>ह</strong>ैत छी तँ से अ<strong>ह</strong>ोकेँ नीक नि<strong>ह</strong> लगैए। मीरा,समदाउन आ सो<strong>ह</strong>रक आब समय नि<strong>ह</strong> अिछ! ैिक्टकल बनू ैिक्टकल। जतयसँ आयल छी से िबसिर जाउ।जतय आइ छी बस ओकरे टा यानमे राखू। नि<strong>ह</strong> तँ बाजू, कािए माए लग प<strong>ह</strong>ुँचा आबी?दुनू <strong>ह</strong>ाथेँ कान बद कऽ लेने छली<strong>ह</strong> मीरा। नि<strong>ह</strong>, नि<strong>ह</strong> ओ माए लग नि<strong>ह</strong> जयती<strong>ह</strong>। तीन वषर् धिर माइकअंतःपीड़ाकेँ ओ भोगने छली<strong>ह</strong>। फेरसँ <strong>ह</strong>ुनका वै<strong>ह</strong> दुःख <strong>दे</strong>बय नि<strong>ह</strong> जयती<strong>ह</strong>। मीरा ओछाओनपर कछमछाइतर<strong>ह</strong>ली<strong>ह</strong>। सुनील नीन पिड़ गेल छला<strong>ह</strong>। कािसँ ओ नव दुिनयाँमे वेश करए जा र<strong>ह</strong>ल छिथ। नि<strong>ह</strong>जे नीकलगैत ओि<strong>ह</strong>मे मन लगेबाथ छिन। माइक क<strong>ह</strong>ब पुनः मन पिड़ गेलिन। जि<strong>ह</strong>ना रखथुन, ति<strong>ह</strong>ना....’।95