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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५० म अंक १५ जनबरी २०१० (वषर् ३ मास २५ अंक ५०)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्• सन् 1969 ई.मे िमिथला म डल मु बई ारा आयोिजत अिखल भारतीय मैिथली समेलनमे <strong>िव</strong>चारणीयिब दु मातृभाषाक मा यमे ाथिमक िशक्षा ओि<strong>ह</strong> स मेलनमे <strong>ह</strong>म<strong>ह</strong>ुँ सिमिलत भेल छल<strong>ह</strong>ुँ। जयका त िम अपन<strong>िव</strong>चार तुत कयने र<strong>ह</strong>िथ जे िन न थ अिछ:• 1. शैशवावथामे मातृभाषाक मा यमे िशक्षाक यव था र<strong>ह</strong>ला पर ओकर मित कक <strong>िव</strong>कासस<strong>ह</strong>ज, सुगम आ <strong>िव</strong>षय-व तुक ज्ञान ारिमक संकार थायी <strong>ह</strong>ोइछ। ओ सुगमता पूवर्क <strong>ह</strong>ण करैछ जे<strong>िव</strong>षय-वस् तु बुझवामे स<strong>ह</strong>ायक <strong>ह</strong>ोइछ। एि<strong>ह</strong>मे कोनो स <strong>दे</strong><strong>ह</strong> नि<strong>ह</strong> जे सुगमतासँ ओकर <strong>िव</strong>कासक सभावना अिछ।• 2. जात क थम शतर् िथक जे जनमानसकेँ िशिक्षत करब, जाि<strong>ह</strong>सँ ओ कोनो कायर् स पूणर्शिक्तक संग स<strong>ह</strong>षर् करता ओकर शिक्त <strong>िव</strong>षय-व तु बुझबामे स<strong>ह</strong>ायक <strong>ह</strong>ोइछ। जतय कोनो सम या उ प न<strong>ह</strong>ैत तँ ओकर समाधान ओ आसानीसँ कऽ पबैछ। जी<strong>िव</strong>त जात क मूल म िथक ाथिमक िशक्षामातृभाषाक मा यमे <strong>दे</strong>ल जाय।• 3. एि<strong>ह</strong>मे कोनो स <strong>दे</strong><strong>ह</strong> नि<strong>ह</strong> जे ाथिमक िशक्षा मातृभाषाक मा यमे <strong>दे</strong>ल जाय, कारण मैिथली एकाचीनतम जी<strong>िव</strong>त भाषा िथक तेँ एकरा अिनवायर् रूपेँ लागू करबाक िदशामे यासक योजन अिछ आ सरकारपर एकरा लागू करबाक <strong>ह</strong>ेतु वा य करबाक योजन अिछ। िब<strong>ह</strong>ार एवं झारख ड रा यक अिधकांश िजलामे ईबाजल जाइत अिछ ततय अिनवायर् रूपेँ एकरा लागू करबाक <strong>ह</strong>ेतु सरकार पर दबाव बनायब आव यक अिछ।• िक तु दुयग <strong>िव</strong>षय िथक जे सरकारक उदासीनताक कारणेँ नि<strong>ह</strong> तँ मैिथलीमे ाथिमक िश क्षाकपु तक कािश त भेल आ ओकर अयापनक यव था अिछ जे िच तनीय <strong>िव</strong>षय िथक। अतएव आव यकअिछ एकर <strong>िव</strong>रोधमे जनमत सं<strong>ह</strong> कऽ कए सशक् त आ दोलन कऽ कए बिधर सरकारकेँ जगयबाक योजनअिछ। सुसु त सरकारकेँ जाधिर जगाओल नि<strong>ह</strong> जायत ताधिर िमिथलांचलमे ाथिमक िशक्षाक मा यममैिथलीकेँ मा यता नि<strong>ह</strong> भेटत। िमिथला आ मैिथलीक सवर्तो भावेन <strong>िव</strong>कास आ <strong>िव</strong><strong>िव</strong>छ सम यािदक िनदानओकर िनराकरण ताधिर सभा<strong>िव</strong>त नि<strong>ह</strong> अिछ जा धिर ओि<strong>ह</strong>सँ लड़बाक शिक्तक लेल मातृभाषाक मा यमेाथिमक िशक्षा अपेिक्षत अिछ। जयका त िम ारा चलाओल एि<strong>ह</strong> आ दोलनकेँ साकार रूप <strong>दे</strong>बाक <strong>ह</strong>ेतु घर–घरमे बच् चा सभकेँ ाथिमक िशक्षा <strong>दे</strong>बाक िदशामे यास अपेिक्षत अिछ। ई <strong>िव</strong>षय बुझबामे नि<strong>ह</strong> अवैछ जेभारतीय सं<strong>िव</strong>धान, साि<strong>ह</strong> य अका<strong>दे</strong>मी आ अ तर ीय साि<strong>ह</strong>ियक एवं साि<strong>ह</strong>ियक सं था, पी.इ.एन. ारा एि<strong>ह</strong>भाषा आ साि<strong>ह</strong> यकेँ मा यता ा त तखन िब<strong>ह</strong>ार सरकार ाथिमक िशक्षाक रूपमे एकरा लागू िकएक नि<strong>ह</strong> करैतअिछ? एकरा लागू कयला सँ सरकारक ित ठा बढ़तैक।• िन:सारण• मैिथली साि<strong>ह</strong> यक ाचीनतम पर पराकेँ सुदृढ़ करबाक िदशामे जनजागरणक जयका त िम ारा जेअिभयान चलौलिन एकर मा यताथर् ओ जे संघषर् कयलिन, दधीिचक समान <strong>ह</strong>डी गलौलिन तिनक अक्षयअवदानकेँ अक्षुण रखबाक आ ओकरा अगित करब येक मैिथली भाषी जनमानसक पुनीत कर् य िथक।एि<strong>ह</strong> पिरे यमे <strong>ह</strong>ुनक आलेखािद य–त <strong>िव</strong><strong>िव</strong>ध सं<strong>ह</strong>ािदमे, पिकािदमे कािशत अिछ वर्मानमे धूलधूसिरतभऽ र<strong>ह</strong>ल अिछ तकरा संकिलत कऽ कए काशमे आनब येक मैिथली भाषीक पुनीत कर् य िथक।इए<strong>ह</strong>एि<strong>ह</strong> युगपु रुषक ित वा त<strong>िव</strong>क ािल <strong>ह</strong>ैत जे <strong>ह</strong>ुनक मातृभाषानुरागक ित यक् त <strong>िव</strong>चारािद वर्मानपिरे यमे कािशत कऽ कए परव एवं भावी पीढ़ीक िदशा–बोध करयबामे सक्षम भऽ पाओत अ यथा ओअक्षय कीितर् कालक वा<strong>ह</strong>मे िगिर–ग<strong>ह</strong>वरमे <strong>िव</strong>लीन भऽ जायत।87

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