िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

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िव दे िवदे Videha িবেদহ िवदे थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदे थम मैिथली पािक्षक 'िवदे''िवदे' ५० म अंक १५ जनबरी २०१० (वषर् ३ मास २५ अंक ५०)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम संस्कृ ताम्Arts,Delhi,Bank: Bank of Baroda, Badli branch, Delhi क खातामे पठा रल छी।अपन फॉमर् एि पतापर पठाऊ:- shruti.publication@shruti-publication.comAJAY ARTS, 4393/4A,Ist Floor,Ansari Road,DARYAGANJ,Delhi-110002 Ph.011-23288341, 09968170107,e-mail:, Website: http://www.shruti-publication.com(ाकक ताक्षर)२. संदेश-[ िवदे ई-पिका, िवदे:सदे िमिथलाक्षर आ देवनागरी आ गजे ठाकुरक सात खडक- िनबध-बध-समीक्षा,उपयास (सबाढ़िन) , प-सं(सादीक चौपड़पर), कथा-गप (गप गुच्छ), नाटक (संकषर्ण), माकाय (वचाच आ असाित मन) आ बाल-मंडली-िकशोर जगत-सं कुरुक्षेम् अंतमर्नक मादेँ। ]१.ी गोिवद झा- िवदेकेँ तरंगजालपर उतािर िवभिरमे मातृभाषा मैिथलीक लिर जगाओल, खेद जे अपनेक एिािभयानमे मएखन धिर संग नि दए सकलुँ। सुनैत छी अपनेकेँ सुझाओ आ रचनामक आलोचना िय लगैत अिछ तेँ िकछु िलखक मोनभेल। मर सायता आ सयोग अपनेकेँ सदा उपलध रत।२.ी रमानद रेणु- मैिथलीमे ई-पिका पािक्षक रूपेँ चला कऽ जे अपन मातृभाषाक चार कऽ रल छी, से धयवाद । आगाँअपनेक समत मैिथलीक कायर्क ेतु ृदयसँ शुभकामना दऽ रल छी।३.ी िवानाथ झा "िविदत"- संचार आ ौोिगकीक एि ितपध ग्लोबल युगमे अपन मिमामय "िवदे"केँ अपना देमे कटदेिख जतबा सता आ संतोष भेल, तकरा कोनो उपलध "मीटर"सँ नि नापल जा सकैछ? ..एकर ऐितािसक मूयांकन आसांकृितक ितफलन एि शतादीक अंत धिर लोकक नजिरमे आयर्जनक रूपसँ कट ैत।418

िव दे िवदे Videha িবেদহ िवदे थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदे थम मैिथली पािक्षक 'िवदे''िवदे' ५० म अंक १५ जनबरी २०१० (वषर् ३ मास २५ अंक ५०)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम संस्कृ ताम्४. ो. उदय नारायण िसं "निचकेता"- जे काज अाँ कए रल छी तकर चरचा एक िदन मैिथली भाषाक इितासमे ोएत।आनद भए रल अिछ, ई जािन कए जे एतेक गोट मैिथल "िवदे" ई जनर्लकेँ पिढ़ रल छिथ।...िवदेक चालीसम अंक पुरबाकलेल अिभनदन।५. डॉ. गंगेश गुंजन- एि िवदे-कमर्मे लािग रल अाँक सवेदनशील मन, मैिथलीक ित समिपर्त मेनितक अमृत रंग, इितासमे एक टा िविश फराक अयाय आरंभ करत, मरा िवास अिछ। अशेष शुभकामना आ बधाइक स, सने...अाँक पोथीकुरुक्षेम् अंतमर्नक थम दृया बुत भय तथा उपयोगी बुझाइछ। मैिथलीमे तँ अपना वरूपक ायः ई पिले एन भयअवतारक पोथी िथक। षर्पूणर् मर ािदर्क बधाई वीकार करी।६. ी रामाय झा "रामरंग"(आब वगय)- "अपना" िमिथलासँ संबंिधत...िवषय वतुसँ अवगत भेलुँ।...शेष सभ कुशल अिछ।७. ी जे िपाठी- सािय अकादमी- इंटरनेट पर थम मैिथली पािक्षक पिका "िवदे" केर लेल बधाई आ शुभकामनावीकार करू।८. ी फुलकुमार िसं "मौन"- थम मैिथली पािक्षक पिका "िवदे" क काशनक समाचार जािन कनेक चिकत मुदा बेसीआािदत भेलुँ। कालचकेँ पकिड़ जाि दूरदृिक पिरचय देुँ, ओि लेल मर मंगलकामना।९.डॉ. िशवसाद यादव- ई जािन अपार षर् भए रल अिछ, जे नव सूचना-ाितक क्षेमे मैिथली पकािरताकेँ वेश िदअएबाकसािसक कदम उठाओल अिछ। पकािरतामे एि कारक नव योगक म वागत करैत छी, संगि "िवदे"क सफलताकशुभकामना।१०. ी आाचरण झा- कोनो प-पिकाक काशन- ताूमे मैिथली पिकाक काशनमे के कतेक सयोग करता- ई तऽ भिवयकत। ई मर ८८ वषर्मे ७५ वषर्क अनुभव रल। एतेक पैघ मान यज्ञमे मर ापूणर् आुित ात ोयत- यावत ठीक-ठाकछी/ रब।419

<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५० म अंक १५ जनबरी २०१० (वषर् ३ मास २५ अंक ५०)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्४. ो. उदय नारायण िसं<strong>ह</strong> "निचकेता"- जे काज अ<strong>ह</strong>ाँ कए र<strong>ह</strong>ल छी तकर चरचा एक िदन मैिथली भाषाक इित<strong>ह</strong>ासमे <strong>ह</strong>ोएत।आनद भए र<strong>ह</strong>ल अिछ, ई जािन कए जे एतेक गोट मैिथल "<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>" ई जनर्लकेँ पिढ़ र<strong>ह</strong>ल छिथ।...<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>क चालीसम अंक पुरबाकलेल अिभनदन।५. डॉ. गंगेश गुंजन- एि<strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>-कमर्मे लािग र<strong>ह</strong>ल अ<strong>ह</strong>ाँक सवेदनशील मन, मैिथलीक ित समिपर्त मे<strong>ह</strong>नितक अमृत रंग, इित<strong>ह</strong>ासमे एक टा <strong>िव</strong>िश फराक अयाय आरंभ करत, <strong>ह</strong>मरा <strong>िव</strong>ास अिछ। अशेष शुभकामना आ बधाइक स, सने<strong>ह</strong>...अ<strong>ह</strong>ाँक पोथीकुरुक्षेम् अंतमर्नक थम दृया ब<strong>ह</strong>ुत भय तथा उपयोगी बुझाइछ। मैिथलीमे तँ अपना वरूपक ायः ई पि<strong>ह</strong>ले ए<strong>ह</strong>न भयअवतारक पोथी िथक। <strong>ह</strong>षर्पूणर् <strong>ह</strong>मर <strong>ह</strong>ािदर्क बधाई वीकार करी।६. ी रामाय झा "रामरंग"(आब वगय)- "अपना" िमिथलासँ संबंिधत...<strong>िव</strong>षय वतुसँ अवगत भेल<strong>ह</strong>ुँ।...शेष सभ कुशल अिछ।७. ी जे िपाठी- साि<strong>ह</strong>य अकादमी- इंटरनेट पर थम मैिथली पािक्षक पिका "<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>" केर लेल बधाई आ शुभकामनावीकार करू।८. ी फुलकुमार िसं<strong>ह</strong> "मौन"- थम मैिथली पािक्षक पिका "<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>" क काशनक समाचार जािन कनेक चिकत मुदा बेसीआािदत भेल<strong>ह</strong>ुँ। कालचकेँ पकिड़ जाि<strong>ह</strong> दूरदृिक पिरचय <strong>दे</strong>ल<strong>ह</strong>ुँ, ओि<strong>ह</strong> लेल <strong>ह</strong>मर मंगलकामना।९.डॉ. िशवसाद यादव- ई जािन अपार <strong>ह</strong>षर् भए र<strong>ह</strong>ल अिछ, जे नव सूचना-ाितक क्षेमे मैिथली पकािरताकेँ वेश िदअएबाकसा<strong>ह</strong>िसक कदम उठाओल अिछ। पकािरतामे एि<strong>ह</strong> कारक नव योगक <strong>ह</strong>म वागत करैत छी, संगि<strong>ह</strong> "<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>"क सफलताकशुभकामना।१०. ी आाचरण झा- कोनो प-पिकाक काशन- ता<strong>ह</strong>ूमे मैिथली पिकाक काशनमे के कतेक स<strong>ह</strong>योग करता<strong>ह</strong>- ई तऽ भ<strong>िव</strong>यक<strong>ह</strong>त। ई <strong>ह</strong>मर ८८ वषर्मे ७५ वषर्क अनुभव र<strong>ह</strong>ल। एतेक पैघ म<strong>ह</strong>ान यज्ञमे <strong>ह</strong>मर ापूणर् आ<strong>ह</strong>ुित ात <strong>ह</strong>ोयत- यावत ठीक-ठाकछी/ र<strong>ह</strong>ब।419

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