िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

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िव दे िवदे Videha িবেদহ िवदे थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदे थम मैिथली पािक्षक 'िवदे''िवदे' ५० म अंक १५ जनबरी २०१० (वषर् ३ मास २५ अंक ५०)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम संस्कृ ताम्(भाषाशाी डा. रामावतार यादवक धारणाकेँ पूणर् रूपसँ स लऽ िनधिरत)मैिथलीमे उच्चारण तथा लेखन१.पचमाक्षर आ अनुवार: पचमाक्षरातगर्त ङ, ञ, ण, न एवं म अबैत अिछ। संकृत भाषाक अनुसारशदक अतमे जाि वगर्क अक्षर रैत अिछ ओी वगर्क पचमाक्षर अबैत अिछ। जेना-अ (क वगर्क रबाक कारणे अतमे ङ् आएल अिछ।)पच (च वगर्क रबाक कारणे अतमे ञ् आएल अिछ।)खड (ट वगर्क रबाक कारणे अतमे ण् आएल अिछ।)सिध (त वगर्क रबाक कारणे अतमे न् आएल अिछ।)खभ (प वगर्क रबाक कारणे अतमे म् आएल अिछ।)उपयुर्क्त बात मैिथलीमे कम देखल जाइत अिछ। पचमाक्षरक बदलामे अिधकांश जगपर अनुवारक योगदेखल जाइछ। जेना- अंक, पंच, खंड, संिध, खंभ आिद। याकरणिवद पिडत गोिवद झाक कब छिन जेकवगर्, चवगर् आ टवगर्सँ पूवर् अनुवार िलखल जाए तथा तवगर् आ पवगर्सँ पूवर् पचमाक्षरे िलखल जाए।380

िव दे िवदे Videha িবেদহ िवदे थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदे थम मैिथली पािक्षक 'िवदे''िवदे' ५० म अंक १५ जनबरी २०१० (वषर् ३ मास २५ अंक ५०)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम संस्कृ ताम्जेना- अंक, चंचल, अंडा, अत तथा कपन। मुदा िदीक िनकट रल आधुिनक लेखक एि बातकेँ निमानैत छिथ। ओलोकिन अत आ कपनक जगपर सेो अंत आ कंपन िलखैत देखल जाइत छिथ।नवीन पित िकछु सुिवधाजनक अवय छैक। िकएक तँ एिमे समय आ थानक बचत ोइत छैक। मुदाकतोकबेर तलेखन वा मुणमे अनुवारक छोटसन िबदु प नि भेलासँ अथर्क अनथर् ोइत सेदेखलजाइत अिछ। अनुवारक योगमे उच्चारण-दोषक सभावना सेो ततबए देखल जाइत अिछ। एतदथर् कसँलऽकऽ पवगर्धिर पचमाक्षरेक योग करब उिचत अिछ। यसँ लऽकऽ ज्ञधिरक अक्षरक स अनुवारक योगकरबामे कतु कोनो िववाद नि देखल जाइछ।२.ढ आ ढ़ : ढ़क उच्चारण “र् ”जकाँ ोइत अिछ। अतः जतऽ “र् ”क उच्चारण ो ओतऽ मा ढ़िलखल जाए। आनठाम खािल ढ िलखल जएबाक चाी। जेना-ढ = ढाकी, ढेकी, ढीठ, ढेउआ, ढ, ढेरी, ढाकिन, ढाठ आिद।ढ़ = पढ़ाइ, बढ़ब, गढ़ब, मढ़ब, बुढ़बा, साँढ़, गाढ़, रीढ़, चाँढ़, सीढ़ी, पीढ़ी आिद।उपयुर्क्त शदसभकेँ देखलासँ ई प ोइत अिछ जे साधारणतया शदक शुरूमे ढ आ मय तथा अतमे ढ़अबैत अिछ। इए िनयम ड आ ड़क सदभर् सेो लागू ोइत अिछ।381

<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५० म अंक १५ जनबरी २०१० (वषर् ३ मास २५ अंक ५०)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्(भाषाशाी डा. रामावतार यादवक धारणाकेँ पूणर् रूपसँ स लऽ िनधिरत)मैिथलीमे उच्चारण तथा लेखन१.पचमाक्षर आ अनुवार: पचमाक्षरातगर्त ङ, ञ, ण, न एवं म अबैत अिछ। संकृत भाषाक अनुसारशदक अतमे जाि<strong>ह</strong> वगर्क अक्षर र<strong>ह</strong>ैत अिछ ओ<strong>ह</strong>ी वगर्क पचमाक्षर अबैत अिछ। जेना-अ (क वगर्क र<strong>ह</strong>बाक कारणे अतमे ङ् आएल अिछ।)पच (च वगर्क र<strong>ह</strong>बाक कारणे अतमे ञ् आएल अिछ।)खड (ट वगर्क र<strong>ह</strong>बाक कारणे अतमे ण् आएल अिछ।)सिध (त वगर्क र<strong>ह</strong>बाक कारणे अतमे न् आएल अिछ।)खभ (प वगर्क र<strong>ह</strong>बाक कारणे अतमे म् आएल अिछ।)उपयुर्क्त बात मैिथलीमे कम <strong>दे</strong>खल जाइत अिछ। पचमाक्षरक बदलामे अिधकांश जग<strong>ह</strong>पर अनुवारक योग<strong>दे</strong>खल जाइछ। जेना- अंक, पंच, खंड, संिध, खंभ आिद। याकरण<strong>िव</strong>द पिडत गो<strong>िव</strong>द झाक क<strong>ह</strong>ब छिन जेकवगर्, चवगर् आ टवगर्सँ पूवर् अनुवार िलखल जाए तथा तवगर् आ पवगर्सँ पूवर् पचमाक्षरे िलखल जाए।380

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