िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह
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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५० म अंक १५ जनबरी २०१० (वषर् ३ मास २५ अंक ५०)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्िजमा भेिट गेलैक। िडी सेदैक िजमा भेिटति<strong>ह</strong> काजो बिढ़ गेलैक। घूरक लेल जारनोक ओिरयान करैपड़ैत छलै। अपना काजमे भोला मत र<strong>ह</strong>ै लगल। मुदा एतबेसँ ओकर मन शात नि<strong>ह</strong> भेलैक। काजकसृजन ओ अपनो<strong>ह</strong>ु करै लगल। टेजक आगूमे जे छोटका िधया-पूता बैिस पी-पा<strong>ह</strong> करैत, ओकरो सभपरिनगरानी करै लगल। आब ओ चुपचाप एकठाम नि<strong>ह</strong> बैसैत। घूिम-घूिमकेँ म<strong>ह</strong>िफलोक िनगरानी करै लगल।आरो काज बढ़ैलक। नटुआ सभकेँ बीड़ी से<strong>ह</strong>ो लगबै लगल। बीड़ी सुनगबैत-सुनगबैत अपनो बीड़ी पीब सीिखलेलक। िकछुए िदनक पछाित भोला बीड़ीक नम<strong>ह</strong>र िपयाक भऽ गेल। िकएक तँ एे-दू दम जँ पीबए तैयोभिर राितमे तीस-पैंतीस दम भऽ जाइत छलैक। जाि<strong>ह</strong>सँ भिर राित मूड बनल र<strong>ह</strong>ैत छलैक।बीड़ीक कसगर च<strong>ह</strong>िट भोलाकेँ लािग गेलै। राितमे तँ नटुऐ सभसँ काज चिल जाइत छलैक मुदािदनमे जखन अमलक तलक जोर करैत तँ मन छटपटाए लगैत छलैक। मूडे भंगिठ जाइत छलैक। मूडबनबैक दुआरे भोला बापक राखल बीड़ी चोरा-चोरा पीबै लगल। जि<strong>ह</strong>क चलैत सभ िदन िकछु नि<strong>ह</strong> िकछुबापक <strong>ह</strong>ाथे मािर खाइत। एक िदन एेटा बीड़ी रघुनीकेँ र<strong>ह</strong>िन। भोला चोरा कऽ पीिब लेलक। कोदािर पािड़रघुनी गामपर अएला<strong>ह</strong> तँ बीड़ी पीबैक मन भेलिन। खोिलया परसँ अनै गेला<strong>ह</strong> तँ बीड़ी नि<strong>ह</strong> <strong>दे</strong>खलिन। चोटपरभोला पकड़ा गेलै। सभ तामस रघुनी भोलापर उतािड़ <strong>दे</strong>लिखन। मािर खाए भोला कनैत उर मु<strong>ह</strong>ेक रातापकड़लक। किनये आगू बढ़ल आिक किरया काकाक नजिर पड़लिन। भोलाक कानब सुिन ओ बुिझ गेलिखनजे भीतिरया मािर लागल छै। चुचुकािरकेँ पुछलिखन- ‘‘की भेलौ रौ भोला?’’28