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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह

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<strong>िव</strong> <strong>दे</strong> <strong>ह</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> <strong>Videha</strong> <strong>িবেদহ</strong> <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक ई पिका <strong>Videha</strong> Ist Maithili Fortnightly e Magazine <strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong> थम मैिथली पािक्षक '<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>''<strong>िव</strong><strong>दे</strong><strong>ह</strong>' ५० म अंक १५ जनबरी २०१० (वषर् ३ मास २५ अंक ५०)http://www.videha.co.in/ मानुषीिम<strong>ह</strong> संस्कृ ताम्मरण करब। सुधी समाजक यान एि<strong>ह</strong> तय िदश आकृ करए चा<strong>ह</strong>ब जे उपयुर्क्त अवदानी साि<strong>ह</strong>यकारक सूचीमे अिधकांश लोकसिरसब पिरसरक छिथ। अथवा सिरसब पिरसरसँ अय कारेँँ सब छिथ वा सिरसब पिरसरक िशयव <strong>ह</strong>ण कएलापर <strong>ह</strong>ुनकसजर्नामक ितभाक अंकुर फुिटत भए पल<strong>िव</strong>त-पुिपत भेल अिछ। अपन भाषा-साि<strong>ह</strong>यक चार-सार एवं संरक्षण लेल सिदखनतपर एि<strong>ह</strong> उवर्र पिरसरक समागत मातृभाषा अनुरागी एवं <strong>िव</strong>ज्ञजनकेँ <strong>ह</strong>मर णाम िनवेिदत अिछ।डा.सुभ झा (जम 09 जुलाइ, 1909 - <strong>दे</strong><strong>ह</strong>ावसान 13 मइ, 2000) िलखलिन अिछ जे ‘<strong>ह</strong>म आिग आ <strong>ह</strong>मराविलत कएिन<strong>ह</strong>ार तानाथ बसात।’ सुभ झा एवं तानाथ झा( जम 22 अगत, 1909 - <strong>दे</strong><strong>ह</strong>ावसान 02 मइ,1984)कपािरवािरक पृभूिम िभ छल, अययन एवं अयापनक <strong>िव</strong>षय िभ छल, वभावो िभ छलिन तथािप आिगक दा<strong>ह</strong>कता बसातकगित पािब ते<strong>ह</strong>न ने ताप उप कएलक जे पटना <strong>िव</strong><strong>िव</strong>ालयमे मैिथलीक वीकृितक बाटक कतेको ढ़ेङ जिर सुडा<strong>ह</strong> भए गेल।ितकूल वभाव एवं पृभूिमक लोकमे ए<strong>ह</strong>न समपर्ण, िनःवाथर् िम भाव एवं िमिल सामािजक काज करबाक तपरताक उदा<strong>ह</strong>रणसवर्था दुलर्भ अिछ। डा.दुगनाथ झा ‘ीश’ िलखल अिछ जे मैिथली साि<strong>ह</strong>यक सजग <strong>ह</strong>री िसनेटक सदय तनाथ झा, अपनअनय िम डा. सुभ झाक संग मैिथलीक वीकृितक सभ कायर्क संयोजन कएल करिथ। ओ इ<strong>ह</strong>ो िलखल अिछ जे सुभ झाकचतुर-याससँ तानाथ झा िसनेटर िनविचत भेल छला<strong>ह</strong>। से ठीके, जँ डेग-डेग पर डा.सुभ झाक स<strong>ह</strong>योग तानाथ झाकेँ नि<strong>ह</strong>भेटल रि<strong>ह</strong>तिन तँ <strong>िव</strong><strong>िव</strong>ालयक तरपर मैिथलीक मायताक <strong>ह</strong>ेतु यासरत संामी दलक सफल नेतृवक जे ेय<strong>ह</strong>ुनका भेिट र<strong>ह</strong>ल छिन, से सभव नि<strong>ह</strong> <strong>ह</strong>ोइत। आ तखन मैिथली सूपर्नखाक <strong>ह</strong>ाथेँ कि<strong>ह</strong>आ ने झपटा लेल गेल रि<strong>ह</strong>तिथ।तानाथ झाक अवदानतानाथ झाक अवदानकेँ दू कोिटमे रािख सकैत छी - क.आदोलनामक एवं ख. साि<strong>ह</strong>य सजर्ना ारा मैिथली साि<strong>ह</strong>यक संवधर्न।तानाथ झाक आदोलनामक काज मोटामोटी चािर कारक अिछ - 1. पटना <strong>िव</strong><strong>िव</strong>ालयक उच्चतर कक्षामे मैिथलीक वीकृित,2. िशक्षक समुदायक लेल संघषर्, 3. िशक्षाक क्षेामे <strong>िव</strong>कास कायर्- चधारी िमिथला कालेजमे <strong>िव</strong>िभ <strong>िव</strong>षयक पढ़ाइक आरभ<strong>ह</strong>ोएब तथा सिरसबमे <strong>ह</strong>ुनक सत् याससँ कालेजक थापना। तथा, 4. अिखल मैिथली साि<strong>ह</strong>य पिरषदक मीक रूपमेँ मैिथलीभाषा आ’ साि<strong>ह</strong>यक चार-सार एवं संवधर्न। सामािजक संलग्नता, सामािजक कायर्मे रुिचक ास तथा यिक्त केित <strong>िव</strong>चार-धाराक मुखताक पिरणामसँ कतेको मैिथल वा मैिथलीक ायापक आ सरकारी एवं गैर-सरकारी सेवामे छोट-पैघ ओ<strong>ह</strong>दापर सेवारतलोक ई क<strong>ह</strong>ैत-बजैत सुनल जाइत छिथ जे <strong>ह</strong>मर काज पढ़ाएब िथक, <strong>ह</strong>मर काज िलखब िथक, <strong>ह</strong>मर काज आदोलन करब वािमिथला, मैिथल, मैिथली करब नि<strong>ह</strong> िथक। तानाथ झा एवं सुभ झा एि<strong>ह</strong> <strong>िव</strong>चारक नि<strong>ह</strong> छला<strong>ह</strong> जे मैिथलीक अिधकारक <strong>ह</strong>ेतुसंघषर्, ातअिधकारक सुरक्षाक तथा अयापन वा साि<strong>ह</strong>य-सजर्ना करब पृथक-पृथक वगर्क लोकक दाियव िथकैक। ओ साि<strong>ह</strong>य-सजर्ना एवंमैिथलीक आदोलनमे सियताकेँ एक दोसरक पूरक मानैत छला<strong>ह</strong>। साि<strong>ह</strong>य-सजर्ना आ जागरण-अिभयानमे सिय कांचीनाथ झा‘िकरण’क नाम आदरक संग ए<strong>ह</strong>ी कारणसँ लेल जाइत अिछ। आ इए<strong>ह</strong> कारण िथक जे सभ कारक सरकारी मायता, सु<strong>िव</strong>धा,ोसा<strong>ह</strong>न एवं सुरक्षाक अछैतो मैिथलीेक ायापक अथवा मैिथलीक साि<strong>ह</strong>यकारक सामािजक वीकायर्ता सित ासोमुख अिछ।कॲकणीक िस लेखक, अङरेजीक िशक्षक एवं संघषर्रथी डा. आर.केलकर िलखल अिछ जे अपन भाषाकेँ समृ करबा लेलपि<strong>ह</strong>ने ओ सभ साि<strong>ह</strong>य सजर्ना कएल, जखन बोली कि<strong>ह</strong> अपमािनत कएल जाए लागल तँ भाषा<strong>िव</strong>ज्ञानक छा भए गेला<strong>ह</strong> आ जखनशु सभ <strong>ह</strong>ुनकर भाषाकेँ समात करबा लेल एवं गोवाकेँ भारतक मानिचसँ पोिछ <strong>दे</strong>बाक गभीर चािल चलल तँ राजनीितज्ञ बिनगेला<strong>ह</strong>। मैिथलीकेँ उिचत <strong>िव</strong><strong>िव</strong>ालयीय मायता लेल यू<strong>ह</strong> रचना कएिन<strong>ह</strong>ार एवं साि<strong>ह</strong>य सजर्क तानाथ झा एवं सुभ झा <strong>ह</strong>मरा201

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