िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह
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िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक 'िवदेह''िवदेह' ५१ म अंक ०१ फरबरी २०१० (वषर् ३ मास २६ अंक ५१)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्( iii) ढ़◌ोली -( iv) अधर - जे जें िटल( v) शाहपुर - िरचाडर्सन परिवस( vi ) का ँटी - अकेजेर नामेल( vi i ) मोतीपुर -( vi i i ) दयोिरया - िफंच( ix) बनारा - ुियस िकक तथा शुभान१७९४मे मा ७६७ बीघा १४ का जमीनपर नीलक खेती होइत छल मुदाथोडवे िदनमे ओकर एतेक िवकास भेलैक जे सम उर िबहारक कोन-36
िव दे ह िवदेह Videha িবেদহ िवदेह थम मैिथली पािक्षक ई पिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine िवदेह थम मैिथली पािक्षक 'िवदेह''िवदेह' ५१ म अंक ०१ फरबरी २०१० (वषर् ३ मास २६ अंक ५१)http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संस्कृ ताम्कोनमे नीलहा साहेब सब पसिर गेल आर बिढयासँ बिढया जमीनपर अपनअिधकार कऽ लेलक। १८०३मे २५टा नील कोठी छल जािहमे मुखक नामअिछ भवराहा (भौर), मुहदपुर, बेलसर, िपपराघाट, दलिसंहसराय,िजतवारपुर, ितवारा, कमतौल, िचतवारा, पुपरी, शाहपुी इािद। १८१०मेकलर अिहबातक अश ंसा केलि जे २५टा नील फैक्ीकेँ खजानासँ कजर्देल जाइक कारण ई लोकिन अपना बेकार सबकेँ काज दैत छिथ आरएव ं कारे बेकारीक समाकेँ द ूर करैत छिथ। १८१०मे लगभग १०,०००मन नीलितरहूतसँ कलका पठाओल जाइत छल। चारणमे पाल यु समाभेलाक बाद कन र्ल हीकी नामक एक ि १८१३ई. मे नीलक खेती शुकेलि। हीकी बारामे अपन फैक्ी फोललि। ओकर ठीक बाद राजपुरआर तुरकौिलयामे मोरन आर नहल अपन अपन नीलक कारखाना खोललि।१८४५मे िसरहामे कैप्टेन टाइलर अपन कारखाना खोललि।१८१६मे चारणमे नीलक खेतीक उेख निह भेटइयै मुदा १८३०क िरपोट र्मेएकर वण र्न अिछ। चीनीक ानपर लोग नील उपजाएब शु केलि। नीलकखेती अिह िहसाबसँ बढए लागल िक ितरहूतक कलर घबरा गेला १८२८मेिलखलि जे आब अिहपर रोक लगाना चाही। १८५०मे ितरहूतमे (दरभंगामुजफ्फरपुर)मे ८६टा नीलक कारखाना भगेल छल। सब गोटए चीनीककारबार छोिड नीलपर उतिर गेल छलाह। नील उोगपर युरोिपयन लोकिनकएकािधप छलि। िसपाही िवोहक समयमे जे ितरहूतमे वेसी िवोट निह37
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