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News Magazine -2009 - Chemical Engineering Department - IISc

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हण कया | तो उनक मन म या चल रहा था - सबसे बड़ा ये है | तो इसका उर उहने खुद ह देदया, जूते मारने वाले को माफ़ कर | तो इससे पता चलता है क वे जूते खाने के बाद बड़े ह सन (elated)थे सोच रहे थे क जैसे ह रापत पद से हटा तो ये घटना घट , तो कम से कम अब म मीडया म दस दन तोछाया ह रहूँगा और उहने इसे सामाय घटना करार (declare) दया | तो इससे पता चलता है क वे जूताखाने के बाद बड़े ह खुश थे | अब बार आती भारत के नेताओं क | चुनावी परय म अडवाणी जी ने ,चबरम जी ने , मनमोहन जी , मोद जी ने जूता खाया और जूता मारने वालो को माफ़ भी कर दया | तोभाइय इसका मतलब ये क वे भी खुश थे क चलो स हुई | अब तो म इस इतजार म हूँ क कब जूताराजनैतक मुा बने और पी.एच.डी.का वषय भी - जूता : एक राजनैतक मुा |चौथा अयाय : जूता मारने वाले क मानसक अवथाअब कोई जूता खा रहा है तो कोई खला भी रहा होगा , इसका भी अययन जर है क उसने जूता य मारा, या दमाग म चल रहा था , कह इसके पीछे अलकायदा का तो हाथ नहं , कह इसके पीछे कसीराजनैतक पाट का तो हाथ नहं और कह जूता पाकतान से तो नहं आया !!! चाहे जूता खलाने वाला आमआदमी ह य न हो लेकन उसे इन चीजो से जोड़ कर देखा ह जाएगा | भारत के अनुसार तो जूता अगर कसीने खाया है तो उसमे पाकतान का ह हाथ होना चाहए , और भारत क जासूस ढूँढगे क जूता पाकतान केकस शहर म बना , कं पनी का नाम या था अगैरह- वगैरह | तो इसी के चलते एक वषय और मल गया नापी.एच.डी. के लए 'भारत म जूते ' पाकतान क भूमकापांचवा अयाय : जूते का भवयअब भवय कसने देखा है , लेकन जब जूते का वतमान इतना वैभवशाल रहा है और वतमान इतनागौरवशाल तो इन आंकडो से नकष नकलता है क इसका भवय भी उजवल रहेगा |शव संह चौहान12

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