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News Magazine -2009 - Chemical Engineering Department - IISc

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जूता - एक परचयअब जूता कोई परचय का मोहताज तो है नहं, लेकन थीसस का नयम होता है तो वो तो पूरा करना हपड़ेगा, वरना मेरे गाइड को अछा नहं लगेगा | अब िजतने भी मुहावरे (idioms) जूते के उपर है वो तोलखने ह पड़गे | जैसे जूता पड़ेगा तो अल ठकाने आ जायेगी , जूता सुंघा दो , जूते घस गये है लेकन कामनहं हुआ , अभी तक तू मेरे जूत म ह है , मेरे जूते पहनने क कोशश मत कर , दूसरा जूता गरने काइंतज़ार करो , पुराने जूत जैसे मजबूत बनो , जूते क नक पर रखो अगैरह- वगैरह | जूता तो सयता(civilization) के ारंभ से ह महवपूण (important) रहा है | उसका थान पाँव म होने के साथ साथ लोगोक दल म भी है - भय क प म | पहले जमाने म पंचायत ने पांच जूते मारने क सजा द तो इसे बहुत बड़ाअपमान समझा जाता था , लेकन अब तो लोग सुखय म आ जाते है | लो जी चलते चलते मल गया न एकऔर पी.एच.डी. का वषय - जूते और सुखया (headlines) |दूसरा अयाय : आम आदमी और जूताभले ह बडे लोग जूते से डरे या न डरे , लेकन आम आदमी अब भी बहुत डरता है और आज कल जो भीघटनाएं सपूण व म हो रह है उससे तो और यादा चंतत हो गया है | अब तो वो जूते का नाम लेने से भीडरता है | अब या कया जाए कु छ ख़ास मौको पर जूते तो खरदने ह पड़ते है जैसे शाद का समय | शाद मदुहे के पास दो ह रंग क वाइस होती है काला रंग या लाल रंग और वो भी चमडे का | भारतीय समाज मसालय ारा जूते चुराने क रसम (custom) - अब इसी से अंदाजा लगा लिजये क कतना महव है जूतेका | लेकन मेर एक बात समझ नहं आई क सालया दुहे के जूते ह य चुराती है और कु छ य नहं |लो मल गया एक और पी.एच.डी. का वषय : जूते और सालया | अब जब देश भर म चुनाव हो रहे थे तोचुनाव आयोग ने एक और नयम पारत कया था क कोई भी चुनाव समय सीमा के अदर जूता नहं खरदेगा, अगर कोई खरदता है तो उसे शपथ-प लख कर देना होगा क वो कसी पर जूते का उपयोग नहं करेगा |इससे आम आदमी को चंता और बढ़ गयी |तीसरा अयाय : जूता खाने वाले क मानसक अवथाअब जब जूता खाने वालो क संया म अयशत बढोर हो रह है तो उनक मानसक अवथा का भीअययन जर हो गया है | तो पहला जूता खाया बुश जी ने और आचय उहने इसे बड़े ह शांत वभाव से11

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